संक्षेप
Loan Settlement करने के बाद दोबारा लोन मिलना आसान नहीं होता हैं, लेकिन यह असंभव भी नहीं है। जब कोई व्यक्ति लोन सेटल करता है, तो इसका नकारात्मक असर उसकी क्रेडिट रिपोर्ट और CIBIL स्कोर पर पड़ता है। बैंक और वित्तीय संस्थाएं ऐसे ग्राहकों को उच्च जोखिम वाला मानती हैं और नए लोन देने में हिचकिचाती हैं।
सेटलमेंट का मतलब यह होता है कि उधारकर्ता ने पूरा लोन चुकाने के बजाय बैंक के साथ समझौता किया, जिससे बैंक को कुछ नुकसान हुआ। यही कारण है कि बैंक भविष्य में ऐसे ग्राहकों को लोन देने से बचते हैं।
हालांकि, अगर आप अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए उचित कदम उठाते हैं, समय पर सभी भुगतान करते हैं, और अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर करते हैं, तो कुछ समय बाद लोन मिल सकता है।
सबसे पहले, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में किसी भी तरह की गलती न हो। इसके अलावा, छोटे लोन या क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल करके अपनी क्रेडिट हिस्ट्री दोबारा मजबूत करें।
परिचय
लोन लेना आज के समय में एक आम बात हो गई है। चाहे घर खरीदना हो, बिज़नेस शुरू करना हो, गाड़ी लेनी हो या फिर किसी इमरजेंसी में पैसों की जरूरत हो, लोन लोगों की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। लेकिन कई बार आर्थिक समस्याओं के कारण लोग लोन को चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं और मजबूरी में लोन सेटलमेंट (Loan Settlement) का विकल्प चुनते हैं।
लोन सेटलमेंट का मतलब होता है कि बैंक या वित्तीय संस्था उधारकर्ता से पूरा बकाया नहीं लेती हैं, बल्कि कुछ निश्चित राशि पर समझौता कर लेती है। हालांकि, यह समझौता सुनने में राहत भरा लगता है, लेकिन इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) पर पड़ता है और भविष्य में लोन लेने की संभावना पर भी प्रभाव डालता है।
अब सवाल यह उठता है कि अगर आपने किसी लोन का सेटलमेंट किया है, तो क्या भविष्य में आपको दोबारा लोन मिल सकता है? इसका जवाब सीधा नहीं है, क्योंकि यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे – आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, बैंक की पॉलिसी, आपके वर्तमान फाइनेंशियल स्टेटस और आपने सेटलमेंट के बाद अपनी फाइनेंशियल स्थिति को कितना सुधारा है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि लोन सेटलमेंट के बाद दोबारा लोन लेने की संभावनाएं क्या हैं, दोबारा लोन लेने के लिए किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और किन उपायों को अपनाकर आप अपनी क्रेडिट प्रोफाइल को सुधार सकते हैं ताकि भविष्य में आपको आसानी से लोन मिल सके।
Loan Settlement क्या होता हैं?
यह एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्था लोन लेने वाले व्यक्ति को पूरी बकाया लोन की राशि को चुकाने के बजाय कम राशि देकर लोन निपटाने का मौका देती है। यह सुविधा उन लोगों के लिए होती है जो किसी कारण से अपना लोन समय पर नहीं चुका पाते हैं और लगातार डिफॉल्ट कर रहे होते हैं।
सेटलमेंट के तहत बैंक एकमुश्त राशि (लंपसम अमाउंट) पर सहमति बना सकता है, जिससे लोन बंद हो जाता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि लोन सेटलमेंट करने से आपका CIBIL स्कोर प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में आपको लोन लेने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए, इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।
Loan Settlement कैसे काम करता है?
Loan Settlement कंपनियाँ आपके लिए क्रेडिट कार्ड, मेडिकल बिल या व्यक्तिगत लोन जैसे असुरक्षित लोन पर बकाया राशि को कम करने के लिए लेनदारों के साथ बातचीत करती हैं। Loan Settlement सिर्फ सुरक्षित लोन के लिए एक विकल्प नहीं है, जैसे कि बंधक या ऑटो लोन।
यह प्रस्ताव केवल तभी बैंको को लुभाते हैं, जब उन्हें ऐसा लगता है, कि आप बिल्कुल भी लोन का भुगतान नहीं करेंगे, इसलिए एक Loan Settlement कंपनी आपको सलाह देगी, कि आप अपने लोनो पर तुरंत भुगतान करना बंद कर दें और इसके बजाय एक एस्क्रो खाता खोलें और उसमें अपने मासिक भुगतान को डालें। एक बार जब आपके पास Loan Settlement के लिए एकमुश्त भुगतान के लिए पर्याप्त पैसा जमा हो जाता है, तो तब तक Loan Settlement कंपनी लेन-देन की सुविधा प्रदान करती है।
Loan Settlement करने के लिए कौनसे दस्तावेजों की जरुरत होती हैं?
निम्नलिखित दस्तावेजों की जरुरत होती हैं:
- आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, या ड्राइविंग लाइसेंस आदि।
- सैलरी स्लिप, आयकर रिटर्न, बैंक स्टेटमेंट आदि।
- Loan Settlement लेटर, कर्ज विवरण, भुगतान रसीदें आदि।
- निवेश के दस्तावेज़, संपत्ति के दस्तावेज़, बीमा पॉलिसी आदि।
Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement में क्या फ़र्क़ होता है?
आइए इन दोनों को विस्तार से समझते हैं:
- Loan Settlement: इसमें कर्जदार अपने बैंक के साथ बातचीत करता है, ताकि कर्ज की कुल राशि का कुछ हिस्सा माफ किया जा सके। इसका मतलब है कि कर्जदार को अपनी मूल उधारी से कम राशि का भुगतान करना पड़ता है। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब कर्जदार पूरी कर्ज राशि चुकाने में असमर्थ हो और वह बैंक से समझौता करने की कोशिश करता है।
- Credit Card Loan Settlement: क्रेडिट कार्ड लोन सेटलमेंट (Credit Card Loan Settlement) एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसके माध्यम से आप अपने क्रेडिट कार्ड के बकाया भुगतान को बैंक या क्रेडिट कार्ड प्रदाता के साथ बातचीत करके कम कर सकते हैं। जब आप अपने क्रेडिट कार्ड के पूरे बकाया राशि का भुगतान करने में असमर्थ होते हैं और आपकी वित्तीय स्थिति गंभीर हो जाती है, तो बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी आपके साथ एक समझौता करती है। इसमें आपको मूल राशि का एक निश्चित प्रतिशत देकर अपनी देनदारी को समाप्त करने का मौका दिया जाता है।
Loan Settlement की सर्विस को कैसे चुने?
अगर आप भी कर्ज के जाल में फंस गए हैं और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और Loan Settlement का रास्ता अपनाना चाहते है तो आप हमारी Loan Settlement की सेवा के लिए आवेदन कर सकते हैं। हम आपके लोन का सेटलमेंट करने में आपकी सहयता कर्नेगे। इसके साथ ही हम आपको 6 – 8 महीने के अंदर लोन के बोझ से राहत प्रदान करवाते हैं। अगर आपको हमारी सेवा के बारे में और ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी हैं तो आप हमें सपर्क कर सकते हैं।
क्या Loan Settlement करने के अलावा कोई अन्य विकल्प हैं?
अगर आपको Loan Settlement का विकल्प अच्छा न लगे, तो आप कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकता है, जैसे:
- लोन री-स्केड्यूलिंग (Loan Rescheduling): इसमें, बैंक, कर्जदार के लोन की दोबारा से सूची तैयार करता है, जिससे कर्जदार को अपनी किश्तों का भुगतान करने में सुविधा मिलती है। इसके तहत, कर्जदार की मासिक किश्तों को कम कर दिया जाता है, लेकिन लोन की अवधि को बढ़ा दिया जाता है।
- लोन रिफाइनेंसिंग (Loan Refinancing): इसमें, कर्जदार एक नया लोन लेकर पुराने लोन को चुकाता है। यह नया लोन आमतौर पर कम ब्याज दर पर होता है, जिससे कर्जदार की मासिक किश्तें कम हो जाती हैं।
- कंज़ॉलिडेशन लोन (Consolidation Loan): इसमें, कर्जदार अपने सभी छोटे-छोटे कर्जों को एक बड़े कर्ज में मिला कर एक ही किश्त में चुकाता है। इससे उसे कर्ज प्रबंधन करने में सुविधा होती है और ब्याज दर भी कम हो सकती है।
Loan Settlement करने से क्रेडिट स्कोर क्या असर पड़ता है?
इसका असर निम्नलिखित तरीकों से देखा जा सकता है:
- Loan Settlement करने के बाद, अगर आपके पास कोई क्रेडिट कार्ड या अन्य क्रेडिट लाइन है, तो आपके क्रेडिट लिमिट को कम किया जा सकता है, क्योंकि क्रेडिटर्स को लगता है कि आप ज्यादा जोखिम वाले ग्राहक हो सकते हैं।
- अगर आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, तो आपके लिए लोन, क्रेडिट कार्ड, या किसी अन्य प्रकार की क्रेडिट सुविधा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इससे आपकी वित्तीय स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है, खासकर अगर आपको भविष्य में किसी वित्तीय आपातकाल का सामना करना पड़े।
- जब आप अपने बैंक के साथ Loan Settlement के लिए समझौता करते हैं, तो आप पूरी उधारी का भुगतान नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि एक निश्चित राशि का भुगतान कर रहे होते हैं जो मूल राशि से कम होती है। इसे क्रेडिट ब्यूरो द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि आप अपने कर्ज को चुकाने में असमर्थ रहे हैं। नतीजतन, आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
- Loan Settlement की प्रक्रिया के बाद, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह जानकारी दर्ज हो जाती है, कि आपने अपना कर्ज “सेटल” किया है। यह एंट्री आपके क्रेडिट इतिहास में 7 साल तक बनी रहती है और इसे लेंडर्स या अन्य क्रेडिटर्स द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जा सकता है, जो भविष्य में कर्ज लेने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।
- चूंकि Loan Settlement का मतलब होता है कि आपने पूरा कर्ज चुकाया नहीं है, भविष्य में जब आप नया कर्ज लेने की कोशिश करेंगे, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को देखकर आपके आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं या आपको उच्च ब्याज दरों पर कर्ज दे सकते हैं।
Loan Settlement प्रोसेस होने में कितना समय लगता है?
अगर आप हमारी सेवा से जुड़ते है, तो हम आपके लोन का सेटलमेंट 6 – 8 महीनो के अंदर कर दते हैं। लकिन यह आपके लोन के बकाया पर भी निर्भर करता है की आपके ऊपर कितना लोन बकया हैं। अगर आपके ऊपर ज्यादा लोन बकया हैं तो हमें इसे सेटल करवाने में 1 से 2 साल का भी समय लग सकता हैं।
Loan Settlement करने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें?
अगर आप इसे ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें:
बैंक की वेबसाइट या ऐप पर जाएं
- अपने लोन प्रदाता या बैंक की ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप को खोलें।
- साइन अप करें, अगर पहले से अकाउंट है, तो लॉग इन करें। नहीं तो नया अकाउंट बनाएं।
कस्टमर सपोर्ट सेक्शन देखें
- वेबसाइट या ऐप पर ‘Customer Support’ या ‘Contact Us’ सेक्शन पर जाएं।
- यहां आपको “Loan Settlement” से संबंधित विकल्प मिल सकता है, जैसे:
- लोन से जुड़ी शिकायत दर्ज करना।
- लोन सेटलमेंट के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म।
सेटलमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म भरें
- “Loan Settlement Request” विकल्प चुनें।
- मांगी गई जानकारी भरें, जैसे:
- आपका नाम
- लोन अकाउंट नंबर
- ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
- कारण (क्यों आप सेटलमेंट करना चाहते हैं, जैसे वित्तीय समस्या या आय में कमी)।
जरूरी दस्तावेजो को अपलोड करें
- अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति को दिखाने वाले दस्तावेज अपलोड करें, जैसे:
- इनकम सर्टिफिकेट या सैलरी स्लिप
- बैंक स्टेटमेंट
- कोई अन्य प्रमाण जो आपकी समस्या को स्पष्ट करे।
- सभी दस्तावेज स्कैन करके सही फॉर्मेट में अपलोड करें (PDF या JPEG)।
सबमिट करें और बैंक की तरफ से जवाब आने का इंतजार करें
- फॉर्म सबमिट करने के बाद, बैंक आपकी रिक्वेस्ट की जांच करेगा।
- आमतौर पर बैंक 7-10 वर्किंग डेज़ में आपसे संपर्क करता है। वे ईमेल, कॉल, या मैसेज के जरिए सेटलमेंट की जानकारी देंगे।
बैंक के ऑफर को समझें
- बैंक आपके बकाया राशि का एक हिस्सा माफ करने का प्रस्ताव देगा। इसे ध्यान से पढ़ें।
- अगर आपको ऑफर स्वीकार है, तो आगे बढ़ें। नहीं तो और बातचीत करें।
भुगतान करें
- बैंक द्वारा तय की गई सेटलमेंट राशि को ऑनलाइन पेमेंट मोड के जरिए चुकाएं।
- बैंक आपको पेमेंट का कन्फर्मेशन देगा और आपका लोन खाता बंद कर देगा।
Loan Settlement करने के फायदे और नुक्सान क्या हैं?
इसके निम्नलिखित फायदे और नुकसान हैं:
फायदे
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार को अपने कर्ज का कुछ हिस्सा माफ करवाने का मौका मिलता है।
- यह उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करता है और उसे भारी वित्तीय बोझ से राहत दिलवाता है।
- हालांकि Loan Settlement करने से कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है, लेकिन समय पर और सही तरीके से समझौते का पालन करने से वह अपने क्रेडिट स्कोर को धीरे-धीरे सुधार सकता है।
- Loan Settlement करने से कर्जदार की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
- Loan Settlement करने से आप अपनी आय और लागत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और भविष्य में वित्तीय संकट से बच सकते हैं।
- कर्ज का भारी बोझ अक्सर मानसिक तनाव का कारण बनता है। Loan Settlement से कर्जदार को इस तनाव से राहत मिलती है और वह अपने जीवन में मानसिक शांति पा सकता है।
नुक्सान
- Loan Settlement के बाद, कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
- Loan Settlement भविष्य में नए कर्ज लेने या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।
- Loan Settlement के कारण, कर्जदार के बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं।
- भविष्य में, कर्जदार को इन संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार का पूरा लोन माफ नहीं होता है। उसे अभी भी कुछ राशि का भुगतान करना होता है, जो उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
- Loan Settlement के दौरान, बैंक और कर्जदार के बीच जो समझौता होता है, उसमें कई शर्तें होती हैं। कर्जदार को इन शर्तों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।
क्या लोन सेटलमेंट के बाद दोबारा लोन मिल सकता है?
हां, लोन सेटलमेंट के बाद भी दोबारा लोन मिल सकता है, लेकिन यह आसान नहीं होता। जब कोई व्यक्ति लोन सेटलमेंट करवाता है, तो इसका असर उसकी क्रेडिट रिपोर्ट पर पड़ता है और उसका CIBIL स्कोर (Credit Score) कम हो जाता है।
बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं नए लोन के लिए आवेदन करते समय आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को ध्यान में रखती हैं। अगर आपकी रिपोर्ट में “Settled” स्टेटस दिखता है, तो बैंक आपको एक रिस्की (Risky) उधारकर्ता मान सकते हैं और लोन देने में हिचकिचा सकते हैं।
किन परिस्थितियों में सेटलमेंट के बाद भी लोन मिल सकता है?
अगर आपने लोन सेटलमेंट किया है और भविष्य में दोबारा लोन लेना चाहते हैं, तो निम्नलिखित स्थितियों में आपको लोन मिलने की संभावना हो सकती है:
- क्रेडिट स्कोर सुधारने के बाद – लोन सेटलमेंट के बाद अगर आप अपने क्रेडिट स्कोर को फिर से सुधार लेते हैं, तो बैंक और NBFCs लोन देने पर विचार कर सकते हैं।
- अच्छी आय और स्थिर नौकरी – अगर आपकी वर्तमान आय स्थिर और अच्छी है, तो बैंक आपको कुछ शर्तों के साथ लोन दे सकते हैं।
- गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFCs) से लोन – कई बार बैंक की तुलना में NBFCs कम सख्त शर्तों पर लोन दे सकते हैं, लेकिन ब्याज दर अधिक हो सकती है।
- सिक्योर्ड लोन लेना – अगर आप गोल्ड लोन, प्रॉपर्टी लोन या FD के बदले लोन (Secured Loan) लेते हैं, तो बैंक लोन देने के लिए ज्यादा इच्छुक हो सकते हैं।
- गंभीर वित्तीय सुधार दिखाने पर – अगर आपने अपने बैंक अकाउंट में नियमित लेन-देन बनाए रखा है और समय पर अन्य देनदारियां चुकाई हैं, तो बैंक आपके लोन आवेदन पर दोबारा विचार कर सकते हैं।
सेटलमेंट के बाद अपनी क्रेडिट प्रोफाइल को कैसे सुधारें?
- समय पर सभी मौजूदा क्रेडिट कार्ड और लोन की EMI भरें।
- बिना जरूरत नया क्रेडिट कार्ड या लोन न लें।
- अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को समय-समय पर चेक करें और उसमें किसी भी गलती को सुधारें।
- अगर संभव हो, तो पहले सेटल किए गए लोन को पूरा चुका दें और “Settled” स्टेटस को “Closed” में बदलवाने की कोशिश करें।
निष्कर्ष
लोन सेटलमेंट के बाद दोबारा लोन मिलना पूरी तरह असंभव नहीं है, लेकिन यह एक कठिन प्रक्रिया जरूर हो सकती है। जब कोई व्यक्ति किसी लोन को सेटल करता है, तो इसका सीधा असर उसकी क्रेडिट रिपोर्ट और CIBIL स्कोर पर पड़ता है। बैंक और वित्तीय संस्थाएं ऐसे ग्राहकों को उच्च जोखिम (High Risk) वाला मानती हैं, क्योंकि पहले उन्होंने पूरा कर्ज नहीं चुकाया था, बल्कि समझौते के तहत कम राशि देकर लोन क्लोज कराया था।
हालांकि, अगर आप अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारते हैं, समय पर अपने सभी भुगतान करते हैं और क्रेडिट स्कोर को फिर से मजबूत करते हैं, तो भविष्य में लोन मिलने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। इसके लिए आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा, क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय देनदारियों को समय पर चुकाना होगा और अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में सुधार लाना होगा।
अगर बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान आपको बिना किसी सुरक्षा के लोन देने से इनकार कर रहे हैं, तो आप कुछ अन्य विकल्प भी अपना सकते हैं, जैसे कि सिक्योर्ड लोन (Secured Loan) लेना, जहां आप किसी संपत्ति, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), गोल्ड या अन्य गारंटी के बदले लोन प्राप्त कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
Ans: अगर आप सेटलमेंट के बाद बाकी बची हुई रकम को चुकाकर बैंक से अनुरोध करें, तो कुछ मामलों में बैंक आपके “Settled” स्टेटस को “Closed” में बदल सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक से संपर्क करना होगा और उनसे लिखित पुष्टि लेनी होगी।
Ans: लोन सेटलमेंट करने के तुरंत बाद क्रेडिट कार्ड पाना मुश्किल हो सकता है। लेकिन अगर आप अपनी क्रेडिट हिस्ट्री सुधारते हैं और बैंक को यह भरोसा दिलाते हैं कि आप समय पर भुगतान कर सकते हैं, तो भविष्य में आपको क्रेडिट कार्ड मिल सकता है।
Ans: अगर आप लोन की EMI चुकाने में असमर्थ हैं, तो लोन सेटलमेंट के बजाय बैंक से पुनर्भुगतान योजना (Loan Restructuring) पर चर्चा करें। इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब नहीं होगा और बैंक आपकी स्थिति के अनुसार नई EMI तय कर सकते हैं।
Ans: लोन सेटलमेंट करने से पहले आपको यह समझना चाहिए कि यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। अगर संभव हो, तो EMI कम कराने, लोन रीपेमेंट प्लान बदलने, या किसी अन्य समाधान पर विचार करें।
Ans: बैंक आमतौर पर जोखिम भरे ग्राहकों को लोन देने से बचते हैं, लेकिन कुछ NBFCs और फाइनेंशियल कंपनियां ऊंची ब्याज दरों पर लोन देने के लिए तैयार हो सकती हैं। इसके अलावा, सिक्योर्ड लोन (गोल्ड लोन, FD के बदले लोन, प्रॉपर्टी लोन) के लिए ज्यादा संभावनाएं होती हैं।