संक्षेप
Loan Settlement Agreement एक कानूनी दस्तावेज होता है जो उधारकर्ता (Borrower) और ऋणदाता (Lender) के बीच आपसी सहमति से किए गए ऋण समझौते को लिखित रूप में दर्ज करता है। यह समझौता तब किया जाता है जब उधारकर्ता किसी कारणवश पूरा लोन चुकाने में असमर्थ होता है और ऋणदाता उसे कुछ कम राशि में ऋण चुकता करने की अनुमति देता है। इसे ही Loan Settlement कहते हैं और इसे औपचारिक रूप से मान्यता देने के लिए Loan Settlement Agreement तैयार किया जाता है।
इस दस्तावेज़ में लोन की मूल राशि, अब तक की गई भुगतान, सेटलमेंट की राशि, भुगतान की तारीख, और भविष्य में देनदारी से मुक्ति जैसे जरुरी बिंदुओं का उल्लेख किया जाता है। साथ ही इसमें यह भी स्पष्ट किया जाता है कि सेटलमेंट राशि चुकाने के बाद बैंक कोई और दावा नहीं करेगा और उधारकर्ता को “No Dues Certificate” प्रदान किया जाएगा।
Loan Settlement Agreement को तैयार करते समय यह जरुरी होता है कि इसमें स्पष्ट भाषा और सही कानूनी शब्दों का प्रयोग हो। दस्तावेज़ को स्टाम्प पेपर पर तैयार करके उस पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर और दो गवाहों के हस्ताक्षर करवाना चाहिए। इससे दस्तावेज की वैधता बढ़ती है।
परिचय
आजकल के समय में जब आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा है, तो कई बार लोग समय पर अपना लोन चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं। चाहे वह पर्सनल लोन हो, होम लोन हो या क्रेडिट कार्ड का बकाया — जब लोन समय पर नहीं चुकाया जाता हैं, तो ब्याज और पेनल्टी बढ़ते-बढ़ते रकम बहुत ज्यादा हो जाती है। ऐसे में एक विकल्प सामने आता है – Loan Settlement यानी ऋण निपटान।
Loan Settlement Agreement एक लिखित समझौता होता है जो दोनों पक्षों के बीच तय शर्तों को दर्शाता है। इसमें यह बताया जाता है कि कितनी राशि में समझौता हुआ है, किस तारीख तक भुगतान करना है, किन परिस्थितियों में यह समझौता रद्द हो सकता है, और क्या इससे जुड़ा कोई कानूनी विवाद तो नहीं है। इस दस्तावेज़ का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह भविष्य में किसी भी भ्रम या कानूनी पचड़े से बचाने में मदद करता है।
अब सवाल यह उठता है कि इसे कैसे Draft करें? यानी इस समझौते को कैसे तैयार किया जाए ताकि यह कानूनी रूप से मान्य भी हो और दोनों पक्षों के हितों की रक्षा भी कर सके। Drafting करते समय भाषा का सरल और स्पष्ट होना जरूरी है। साथ ही, दस्तावेज़ में सभी जरूरी बिंदुओं को शामिल करना, जैसे – समझौते की तारीख, बकाया राशि, भुगतान की अंतिम तिथि, दोनों पक्षों की सहमति, गवाहों के हस्ताक्षर आदि, बहुत आवश्यक होता है।
आज के इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Loan Settlement Agreement क्या होता है, क्यों यह इतना जरूरी होता है, इसे Draft करने का सही तरीका क्या है, और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही, हम एक ड्राफ्ट का उदाहरण (sample draft) भी आपको देंगे जिससे आप खुद भी इसे तैयार करने की प्रक्रिया को समझ सकें।
Loan Settlement Agreement क्या होता है?
यह एक कानूनी दस्तावेज (legal document) होता है जो उधारकर्ता (borrower) और ऋणदाता (lender) के बीच आपसी सहमति से तैयार किया जाता है। जब कोई व्यक्ति या कंपनी बैंक या वित्तीय संस्था से लिया गया लोन समय पर चुकाने में असमर्थ हो जाती है, तो बैंक उसके साथ एक समझौता करता है कि वह लोन की पूरी राशि नहीं, बल्कि एक निश्चित तय रकम चुकाकर उस लोन को “सेटल” कर सकता है। इसी समझौते को औपचारिक रूप देने के लिए Loan Settlement Agreement तैयार किया जाता है।
Loan Settlement क्या होता हैं?
यह एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्था लोन लेने वाले व्यक्ति को पूरी बकाया लोन की राशि को चुकाने के बजाय कम राशि देकर लोन निपटाने का मौका देती है। यह सुविधा उन लोगों के लिए होती है जो किसी कारण से अपना लोन समय पर नहीं चुका पाते हैं और लगातार डिफॉल्ट कर रहे होते हैं।
सेटलमेंट के तहत बैंक एकमुश्त राशि (लंपसम अमाउंट) पर सहमति बना सकता है, जिससे लोन बंद हो जाता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि Loan Settlement करने से आपका CIBIL स्कोर प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में आपको लोन लेने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए, इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।
Loan Settlement कैसे काम करता है?
जब कोई व्यक्ति अपने पर्सनल लोन की EMI समय पर चुकाने में असमर्थ हो जाता है और लंबे समय तक बकाया राशि जमा हो जाती है, तो बैंक या वित्तीय संस्था Loan Settlement का विकल्प देती है। इसमें बैंक ग्राहक को पूरी बकाया राशि के बजाय रियायती रकम (discounted amount) चुकाने का मौका देता है, जिससे लोन का मामला निपट जाता है।
सेटलमेंट की प्रक्रिया में ग्राहक और बैंक के बीच बातचीत होती है, जहां बैंक इस बात की पुष्टि करता है कि ग्राहक लोन का पूरा भुगतान नहीं कर सकता हैं। इसके बाद, बैंक एक सिंगल-शॉट पेमेंट ऑफर देता है, जो आमतौर पर बकाया लोन राशि से कम होता है। जब ग्राहक इस सहमत राशि का भुगतान कर देता है, तो बैंक लोन को “Settled” के रूप में रिपोर्ट करता है। हालांकि, यह CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है क्योंकि इसे “Complete Payment” नहीं माना जाता हैं।
इसलिए, Loan Settlement को अंतिम विकल्प के रूप में ही चुनना चाहिए और अगर संभव हो, तो लोन रीपेमेंट प्लान, लोन री-स्ट्रक्चरिंग या अन्य वित्तीय समाधान पर विचार करना चाहिए ताकि CIBIL Score खराब न हो।
Loan Settlement करने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें?
अगर आप इसे ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें:
बैंक की वेबसाइट या ऐप पर जाएं
- अपने लोन प्रदाता या बैंक की ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप को खोलें।
- साइन अप करें, अगर पहले से अकाउंट है, तो लॉग इन करें। नहीं तो नया अकाउंट बनाएं।
कस्टमर सपोर्ट सेक्शन देखें
- वेबसाइट या ऐप पर ‘Customer Support’ या ‘Contact Us’ सेक्शन पर जाएं।
- यहां आपको “Loan Settlement” से संबंधित विकल्प मिल सकता है, जैसे:
- लोन से जुड़ी शिकायत दर्ज करना।
- Loan Settlement के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म।
सेटलमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म भरें
- “Loan Settlement Request” विकल्प चुनें।
- मांगी गई जानकारी भरें, जैसे:
- आपका नाम
- लोन अकाउंट नंबर
- ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
- कारण (क्यों आप सेटलमेंट करना चाहते हैं, जैसे वित्तीय समस्या या आय में कमी)।
जरूरी दस्तावेजो को अपलोड करें
- अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति को दिखाने वाले दस्तावेज अपलोड करें, जैसे:
- इनकम सर्टिफिकेट या सैलरी स्लिप
- बैंक स्टेटमेंट
- कोई अन्य प्रमाण जो आपकी समस्या को स्पष्ट करे।
- सभी दस्तावेज स्कैन करके सही फॉर्मेट में अपलोड करें (PDF या JPEG)।
सबमिट करें और बैंक की तरफ से जवाब आने का इंतजार करें
- फॉर्म सबमिट करने के बाद, बैंक आपकी रिक्वेस्ट की जांच करेगा।
- आमतौर पर बैंक 7-10 वर्किंग डेज़ में आपसे संपर्क करता है। वे ईमेल, कॉल, या मैसेज के जरिए सेटलमेंट की जानकारी देंगे।
बैंक के ऑफर को समझें
- बैंक आपके बकाया राशि का एक हिस्सा माफ करने का प्रस्ताव देगा। इसे ध्यान से पढ़ें।
- अगर आपको ऑफर स्वीकार है, तो आगे बढ़ें। नहीं तो और बातचीत करें।
भुगतान करें
- बैंक द्वारा तय की गई सेटलमेंट राशि को ऑनलाइन पेमेंट मोड के जरिए चुकाएं।
- बैंक आपको पेमेंट का कन्फर्मेशन देगा और आपका लोन खाता बंद कर देगा।
Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement में क्या अंतर है?
हालांकि, Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement दोनों का उद्देश्य कर्जदार को राहत देना होता है, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी होते हैं।
अंतर के बिंदु | Loan Settlement | Credit Card Loan Settlement |
प्रकार | किसी भी प्रकार के लोन (पर्सनल, होम, कार, एजुकेशन, आदि) का निपटारा | केवल क्रेडिट कार्ड के बकाया राशि का निपटारा |
सेटलमेंट प्रक्रिया | बैंक एकमुश्त राशि को तय करता है, जिसे चुकाने पर लोन सेटल हो जाता है। | क्रेडिट कार्ड कंपनी एक तय की गई राशि पर समझौता करती है। |
CIBIL स्कोर पर प्रभाव | CIBIL स्कोर 50-100 पॉइंट तक गिर सकता है और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है | CIBIL स्कोर पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है, और नए क्रेडिट कार्ड पाना मुश्किल हो सकता है। |
भविष्य में लोन मिलने की संभावना | होम लोन, कार लोन या अन्य लोन प्राप्त करने में समस्या आ सकती है | क्रेडिट कार्ड कंपनियां कार्ड जारी करने से इनकार कर सकती हैं। |
Loan Settlement से CIBIL स्कोर पर पड़ने वाले प्रभाव कौनसे हैं?
- जब बैंक या NBFC CIBIL को रिपोर्ट करता है कि आपका लोन “Settled” है, तो आपका स्कोर तुरंत गिर जाता है। गिरावट कितनी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका पहले का स्कोर कितना अच्छा था।
- बैंक और फाइनेंशियल संस्थान ऐसे ग्राहकों को “हाई-रिस्क” कैटेगरी में रखते हैं, जिन्होंने अपना लोन सेटल किया है। इसका मतलब यह है कि भविष्य में अगर आप किसी भी प्रकार का लोन (पर्सनल, होम, कार, एजुकेशन) लेने की कोशिश करेंगे, तो आपका आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है।
- अगर आपने लोन सेटल किया है, तो भविष्य में किसी भी बैंक से क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को देखते हैं और यदि उन्हें “Settled” स्टेटस दिखता है, तो वे आपको क्रेडिट कार्ड देने से इनकार कर सकते हैं।
- अगर किसी बैंक ने आपको लोन देने का फैसला किया भी, तो आपको बहुत ज्यादा ब्याज दर (High Interest Rate) पर लोन मिल सकता है। यह इसलिए क्योंकि बैंक आपको जोखिम भरा ग्राहक मानते हैं और अपने पैसे की सुरक्षा के लिए ज्यादा ब्याज दर लगाते हैं।
- Loan Settlement की जानकारी आपकी CIBIL रिपोर्ट में कम से कम 7 साल तक बनी रहती है। इसका मतलब है कि भले ही आप बाद में अपना वित्तीय व्यवहार सुधार लें, लेकिन आपका सेटलमेंट रिकॉर्ड बैंकों को दिखता रहेगा और आपकी क्रेडिट योग्यता को प्रभावित कर सकता है।
Loan Settlement के बाद CIBIL स्कोर को सुधारने के क्या तरीके हैं?
अगर आपने लोन सेटल कर लिया है और अब CIBIL स्कोर सुधारना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कदम उठा सकते हैं:
- समय पर सभी लोन और क्रेडिट कार्ड के बिल का पूरा भुगतान करें।
- अगर संभव हो तो बैंक से संपर्क करके “Settled” स्टेटस को “Closed” में बदलवाने” की कोशिश करें।
- क्रेडिट कार्ड का सीमित इस्तेमाल करें और समय पर पूरा भुगतान करें।
- कोई छोटा लोन लें और उसे नियमित रूप से चुकाएं ताकि नया अच्छा क्रेडिट इतिहास बन सके।
- CIBIL रिपोर्ट को नियमित रूप से चेक करें और किसी भी गलती को सुधारने के लिए CIBIL को अनुरोध दें।
Loan Settlement की सर्विस को कैसे चुने?
यहां कुछ जरुरी बिंदुओं पर ध्यान देने की जरुरत है, जो आपको सही Loan Settlement सर्विस चुनने में मदद करेंगे:
सर्विस प्रदाता की प्रमाणिकता को चेक करें
सेटलमेंट की सर्विस को लेने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि जिस सर्विस प्रदाता से आप मदद ले रहे हैं, वह वित्तीय संस्थाओं और बैंकों के साथ रजिस्टर्ड और प्रमाणित हो। एक भरोसेमंद सर्विस प्रदाता ही आपको सही मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सकता है। ऑनलाइन रिव्यू और ग्राहक की फीडबैक देखना एक अच्छा तरीका हो सकता है।
सेवा शुल्क और अन्य खर्चों की भी जांच करें
कई सर्विस प्रदाता सेवा शुल्क भी लेते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि शुल्क ज्यादा न हो और कोई छिपे हुए खर्च न हों। सर्विस प्रदाता से पहले से समझौता करें कि कौन सी सेवाएं मुफ्त हैं और किनके लिए आपको अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
हमारी सेवा के साथ जुड़े
आप भी कर्ज के जाल में फंस गए हैं और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और Loan Settlement का रास्ता अपनाना चाहते है तो आप हमारी Loan Settlement की सेवा के लिए आवेदन कर सकते हैं। हम आपके लोन का सेटलमेंट करने में आपकी सहयता कर्नेगे। इसके साथ ही हम आपको 6 – 8 महीने के अंदर लोन के बोझ से राहत प्रदान करवाते हैं। अगर आपको हमारी सेवा के बारे में और ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी हैं तो आप हमें सपर्क कर सकते हैं।
अगर बैंक Loan Settlement न करे तो क्या करें?
अगर आपने किसी बैंक से लोन लिया है और किसी कारणवश आप उसे चुकाने में असमर्थ हैं, तो Loan Settlement एक विकल्प हो सकता है। Loan Settlement का मतलब होता है कि बैंक आपको पूरी बकाया राशि चुकाने की बजाय एक छोटी रकम देकर लोन खत्म करने का मौका देता है। लेकिन क्या हो अगर बैंक आपकी Loan Settlement की रिक्वेस्ट स्वीकार न करे? ऐसी स्थिति में आपको घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सही कदम उठाने की जरुरत होती है।
- अगर बैंक ने आपकी सेटलमेंट की रिक्वेस्ट को ठुकरा दी है, तो आप बैंक के अधिकारी से दोबारा बात करें और उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में विस्तार से समझाएं। कई बार बैंक आपकी आय और वित्तीय स्थिति को देखते हुए दोबारा विचार कर सकता है।
- अगर बैंक Loan Settlement के लिए तैयार नहीं है, तो आप लोन री-स्ट्रक्चरिंग की मांग कर सकते हैं। इसमें बैंक आपकी EMI घटा सकता है, ब्याज दर कम कर सकता है या फिर लोन चुकाने की अवधि बढ़ा सकता है ताकि आप आसानी से भुगतान कर सकें।
- अगर आपकी आर्थिक स्थिति अस्थायी रूप से खराब हुई है, तो आप बैंक से ग्रेस पीरियड या मोराटोरियम मांग सकते हैं। इससे आपको कुछ समय तक EMI नहीं भरनी पड़ेगी, जिससे आपकी वित्तीय स्थिति सुधरने का समय मिल सकता है।
- अगर बैंक आपकी कोई मदद नहीं कर रहा और आपको लगता है कि आपका मामला मजबूत है, तो आप बैंकिंग लोकपाल या भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि बैंक आपकी समस्या को गंभीरता से सुने।
- अगर कोई भी उपाय काम नहीं करता, तो आप किसी फाइनेंशियल एडवाइजर या लीगल एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं। वे आपको कानूनी तरीके से समाधान निकालने में मदद कर सकते हैं।
Loan Settlement Agreement को Draft कैसे करें?
नीचे दिए गए चरणों का पालन करके आप एक बेहतर और मजबूत Loan Settlement Agreement को Draft कर सकते हैं।
चरण 1: दस्तावेज़ का शीर्षक (Title) दें
- शीर्षक सही और औपचारिक होना चाहिए जैसे –
“Loan Settlement Agreement”
- साथ ही, दस्तावेज़ के ऊपर तारीख (Date) का उल्लेख भी करें, जैसे –
This Agreement is made on this 1st day of January, 2025.
चरण 2: पक्षकारों की पहचान (Identification of Parties)
इसमें दोनों पक्षों की पूरी जानकारी लिखें:
- Borrower का नाम, पता, पहचान संख्या
- Lender का नाम (बैंक/वित्तीय संस्था), पता
चरण 3: Loan की जानकारी (Loan Details)
मूल लोन की राशि, लोन नंबर, लोन की तारीख और अब तक भुगतान की गई राशि का उल्लेख करें।
चरण 4: Settlement की शर्तें (Settlement Terms)
- समझौता की गई राशि (settlement amount)
- भुगतान की समयसीमा
- भुगतान का माध्यम (Online/cheque etc.)
चरण 5: भविष्य की देनदारी से छूट (Release Clause)
एक क्लॉज डालें कि इस भुगतान के बाद लोन समाप्त माना जाएगा और कोई देनदारी बाकी नहीं रहेगी।
चरण 6: विवाद का समाधान (Dispute Resolution Clause)
अगर भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न हो तो उसका समाधान कैसे होगा – यह स्पष्ट करें।
चरण 7: गवाह और हस्ताक्षर (Signatures and Witnesses)
दोनों पक्षों के हस्ताक्षर और दो स्वतंत्र गवाहों के हस्ताक्षर करवाएं।
Loan Settlement करने के फायदे और नुक्सान क्या होते हैं?
इसके निम्नलिखित फायदे और नुकसान होते हैं:
फायदे
- कर्ज का भारी बोझ अक्सर मानसिक तनाव का कारण बनता है। Loan Settlement से कर्जदार को इस तनाव से राहत मिलती है और वह अपने जीवन में मानसिक शांति पा सकता है।
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार को अपने कर्ज का कुछ हिस्सा माफ करवाने का मौका मिलता है।
- यह उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करता है और उसे भारी वित्तीय बोझ से राहत दिलवाता है।
- हालांकि Loan Settlement करने से कर्जदार का CIBIL Score प्रभावित हो सकता है, लेकिन समय पर और सही तरीके से समझौते का पालन करने से वह अपने CIBIL Score को धीरे-धीरे सुधार सकता है।
- Loan Settlement करने से कर्जदार की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
- Loan Settlement करने से आप अपनी आय और लागत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और भविष्य में वित्तीय संकट से बच सकते हैं।
नुक्सान
- Loan Settlement के दौरान, बैंक और कर्जदार के बीच जो समझौता होता है, उसमें कई शर्तें होती हैं। कर्जदार को इन शर्तों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।
- Loan Settlement के बाद, कर्जदार का CIBIL Score प्रभावित हो सकता है।
- Loan Settlement भविष्य में नए कर्ज लेने या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।
- Loan Settlement के कारण, कर्जदार के बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं।
- भविष्य में, कर्जदार को इन संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार का पूरा लोन माफ नहीं होता है। उसे अभी भी कुछ राशि का भुगतान करना होता है, जो उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष
Loan Settlement Agreement एक ऐसा जरुरी दस्तावेज होता है जो उधारकर्ता और ऋणदाता के बीच आपसी सहमति से होने वाले Loan Settlement को कानूनी रूप देता है। जब किसी कारणवश उधारकर्ता अपनी लोन की पूरी राशि समय पर नहीं चुका पाता हैं और ऋणदाता (बैंक या वित्तीय संस्था) उस स्थिति को समझते हुए लोन की पूरी रकम माफ कर किसी निश्चित राशि पर समझौता करता है, तो उस स्थिति में इस समझौते को दस्तावेज के रूप में दर्ज करना बहुत आवश्यक हो जाता है। यही दस्तावेज Loan Settlement Agreement कहलाता है।
इस दस्तावेज की मदद से दोनों पक्षों के अधिकार और जिम्मेदारियाँ साफ तौर पर लिखी जाती हैं जिससे भविष्य में किसी भी तरह का विवाद या गलतफहमी ना हो। यह न केवल एक कानूनी सुरक्षा देता है, बल्कि यह यह भी प्रमाणित करता है कि दोनों पक्ष आपसी सहमति से इस समझौते को स्वीकार कर रहे हैं।
Loan Settlement Agreement को ड्राफ्ट करने के दौरान हर छोटी-बड़ी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। जैसे—पक्षों की पहचान, लोन का विवरण, सेटलमेंट की गई राशि, भुगतान की तारीख, भविष्य में देनदारी से मुक्ति, और विवाद समाधान आदि सभी बातें स्पष्ट रूप से लिखी जानी चाहिए। इसके साथ ही, गवाहों के हस्ताक्षर करवाना और इसे स्टाम्प पेपर पर रजिस्टर्ड करना इस दस्तावेज को और अधिक मजबूत बनाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
Ans: हाँ, अगर कोई भी समाधान नहीं निकलता है तो आप किसी लीगल एक्सपर्ट या फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह ले सकते हैं ताकि कानूनी तरीके से समस्या का हल निकाला जा सके।
Ans: अगर आपने Loan Settlement किया है, तो आपका CIBIL स्कोर खराब हो सकता है, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है। लेकिन अगर आप बाद में अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारते हैं, तो दोबारा लोन लेने की संभावना बढ़ सकती है।
Ans: नहीं, सभी बैंक Loan Settlement की सुविधा नहीं देते हैं। यह पूरी तरह से बैंक की नीति और आपकी वित्तीय स्थिति पर भी निर्भर करता है।
Ans: आमतौर पर, बैंक Loan Settlement करने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेते हैं, लेकिन आपको बैंक द्वारा तय की गई सेटलमेंट राशि का भुगतान करना होगा।
Ans: Loan Settlement का फायदा यह होता है कि आपको कम रकम चुकाकर लोन से छुटकारा मिल सकता है, लेकिन इसका नुकसान यह है कि आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है, जिससे भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो सकता है।