Loan Settlement, वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहे लोगो के लिए एक कर्ज – मुक्त उपाएँ हो सकता हैं। हालांकि लोन सेटलमेंट के बारें में बहुत सी गलत धारणाएं और मिथ फैले हुए हैं। लोन सेटलमेंट एक महत्वपूर्ण वित्तीय प्रक्रिया हैं, जो लोगो को भ्रमित भी कर सकती हैं। लोन सेटलमेंट का सही ज्ञान और समझ होना जरुरी है ताकि कर्जदार सही निर्णय ले सकें और अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बना सकें।
लोन सेटलमेंट उन कई तरीको में से एक जिससे आप पाने लोन पर काबू पा सकते हैं, लेकिन जब आप अपने विकल्पों पर सोच – विचार करते हैं तो आपको इससे जुड़े मिथ से बचना जरुरी हैं जो आपकी वित्तीय स्तिथि और आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पंहुचा सकता हैं।
इस लेख में हम आपको लोन सेटलमेंट के अलग – अलग पहलुओं, इसके फायदे और इसकी क्या प्रक्रिया होती हैं, इन सभी विषयो के बारें में पूरी जानकारी बताएँगे और इसके मिथ के बारें में चर्चा करेंगे। इसलिए इस लेख को अंत तक पढियेगा ताकि बाद में आपको किसी परेशानी का सामना न करना पढ़ें।
लोन सेटलमेंट क्या होता हैं?
Loan Settlement एक ऐसी प्रक्रिया होती हैं जिसमें कर्ज लेने वाले और कर्ज देने वाले के बीच में एक समझौता होता हैं। इस समझौते में कर्ज लेने वाले को अपने लोन की पूरी राशि का भुगतना करने की बजाय, एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिए कहा जाता हैं। यह राशि लोन की कुल राशि से कम होती हैं और इसके बाद कर्जदार को अपने लोन से मुक्त कर दिया जाता हैं। इसे ही लोन सेटलमेंट कहते हैं।
Loan Settlement के बारें में क्या मिथ हैं?
लोन सेटलमेंट के बारें में लोगो ने कई सारे मिथ फैला रखें है जो लोगो को भ्रमित कर रहे हैं। वह मिथ निम्नलिखित हैं:
- मिथ : लोन सेटलमेंट करवाना आसान हैं।
- सच्चाई : लोन सेटलमेंट एक मुश्किल और समय – लेवा प्रक्रिया हैं। इसमें लोन देने संस्था से गंभीर बातचीत करने की जरुरत होती हैं। लोन सेटलमेंट करवाना इतना भी आसान नहीं है जितना लोग सोचते हैं। लोन सेटलमेंट करवाना हमेशा सफल नहीं होता हैं।
- मिथ : लोन सेटलमेंट करवाने से क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ता हैं।
- सच्चाई : कुछ लोग समझते होंगे की लोन सेटलमेंट करवाने से क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं लेकिन सच्चाई तोह यह है की लोन सेटलमेंट से क्रेडिट स्कोर पर बहुत बूरा असर पड़ सकता हैं। क्युकी यह दिखाता है की कर्जदार ने अपने लोन का पूरा भुगतान नहीं किया हैं।
- मिथ : लोन सेटलमेंट के बाद लोन का पैसा पूरी तरह से माफ़ हो जाता हैं।
- सच्चाई : कुछ लोगो का मानना है की लोन सेटलमेंट कराने के बाद लोन का पूरा पैसा माफ़ कर दिया जाता हैं। लेकिन लोन सेटलमेंट के बाद भी कुछ मामलो में लोन की बची हुई राशि पर देयता हो सकती है। इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
- मिथ : लाओं सेटलमेंट करने के लिए कानूनी सलाह की जरुरत नहीं होती हैं।
- सच्चाई : लोन सेटलमेंट के दौरान कानूनी सलाह लेना जरुरी हो सकता हैं क्युकी इससे कर्जदार को बेहतर सहरते मिल सकती हैं और वह कानून मुद्दों से बच सकता हैं।
लोन सेटलमेंट के क्या प्रभाव हो सकते हैं?
Loan Settlement कर्जदार के लिए एक जरुरी वित्तीय निर्णय हो सकता हैं, लेकिन लोन सेटलमेंट के कई प्रभाव हो सकते हैं जिन्हे समझना जरुरी हैं। इसके अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रभाव दोनों हो सकते हैं, जो कर्जदारों की वित्तीय स्तिथि को प्रभावित कर सकते है। यह प्रभाव निम्नलिखित ही सकते है:
अल्पकालिक प्रभाव (Short Term Effects):
- लोन सेटलमेंट का सबसे बड़ा अल्पकालिक प्रभाव आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता हैं। क्युकी लोन सेटलमेंट के बाद क्रेडिट रिपोर्ट में इसे एक नकारात्मक घटना के रूप में जोड़ दिया जाता हैं, जिससे क्रेडिट स्कोर कम हो सकता हैं। इससे आपएक लिए भविष्य में लोन प्राप्त करना मुश्किल हो सकता हैं।
- सेटलमेंट के बाद, लोन देने वाली संस्था आमतौर पर लोन की वसूली के लिए कॉल्स और नोटिस भेजना बंद कर देती हैं। यह कर्जदार के मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता हैं और वित्तीय राहत भी प्रदान करता हैं।
- लोन सेटलमेंट के दौरान कर्जदार को अपने लोन की कुल बकाया रही का एक हिंसा माफ़ करने का मौका मिलता हैं। यह कर्जदार को तत्काल वित्तीय राहत प्रदान करता है, जिससे कर्जदार की मौजूदा वित्तीय स्तिथि में सुधार आता हैं।
- सेटलमेंट के बाद आमतौर पर माफ़ की गयी लोन की राशि को आय के रूप में देखा जाता हैं जिसके ऊपर कर लगाया जा सकता हैं।
दीर्घकालिक प्रभाव (Long Term Effects):
- लोन सेटलमेंट के बाद कर्जदार को अपने पैसो पर नियंत्रण रखना चाहिए। लोन सेटलमेंट के बाद कर्जदार वित्तीय प्रबंधन और समय पर बिलो को भरकर अपन क्रेडिट स्कोर में धीरे – धीरे सुधार कर सकता हैं।
- लोन सेटलमेंट कराने के कारण क्रेडिट स्कोर कम हो जाता हैं जिससे नए क्रेडिट कार्ड या नए लोन की प्राप्ति करना मुश्किल हो जाता हैं। लोन देने वाली संस्था आपके लोन सेटलमेंट की खतना को देखकर लोन देने से मना कर सकती हैं।
- लोन सेटलमेंट के बाद अगर कर्जदार सही ढंग से अपने वित्तीय खर्चो पर नियंत्रण नहीं रखता हैं, तो वह अपने वित्तीय स्तिथि में सुधार नहीं कर सकता हैं। यह उसके लिए भविष्य में वित्तीय समस्याएं उत्पन्न कर सकता हैं।
- अगर समय के साथ कर्जदार अपने वित्तीय व्यवहार में सुधार करता है और क्रेडिट के बिलो का समय पर भुगतान करता हैं तो उसकी क्रेदिर रिपोर्ट में सुधार हो सकता हैं। इससे उसका क्रेडिट स्कोर धीर्रे – धीरे बढ़ सकता हैं। इसके साथ ही कर्जदार को भविष्य में बेहतर वित्तीय अवसर मिल सकते हैं।
लोन सेटलमेंट कराने के लिए कदम
अगर आप भी लोन का भुगतान करते – करते परेशान हो गए हैं और लोन का सेटलमेंट करवाना चाहते हैं तो आप निचे दिए गए कदमो के अनुसार अपने लोन सेटलमेंट करवा सकते हो।
- लोन सेटलमेंट कराने के लिए सबसे पहले आप अपनी वर्त्तमान वित्तीय स्तिथि की जांच करें। यह जाने की आपपर कितना लोन बकाया हैं और कितने का भुगतान आप कर चुके हो।
- अपनी लोन देने वाली संस्था से समपर्क करें और उन्हें अपनी वित्तीय स्तिथि के बारें में स्पष्ट रूप से बताएं और उनकी शर्तो और प्रस्तावों को जाने।
- लोन सेटलमेंट कराने से पहले आप कानूनी सलाह भी ले सकते हैं जिसमे आप किसी वित्तीय सलाहकार से सम्पर्क कर सकते हैं। वह आपको सही दिशा दिखाने में मदद करेंगे।
- लोन देने वाली संस्था के साथ लोन सेटलमेंट के प्रस्ताव को तैयार करवाएं। यह प्रस्ताव आपकी वित्तीय स्तिथि के अनुसार होना चाहिए।
- अगर लोन देने वाली संस्था आपके लोन सेटलमेंट के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती हैं तो इसे लिखित दस्तावेज में प्राप्त करें। यह लिखित दस्तावेज एक कानूनी दस्तावेज होगा जो आपको भविष्य में किसी विवाद से बचने में मदद प्रदान करेगा।
लोन सेटलमेंट के दौरान किन कौसनी बातो का ध्यान रखना चाहिए ?
- लोन सेटलमेंट कराते वक़्त सावधान रहे क्युकी कई बार लोन सेटलमेंट के नाम पर धोखधड़ी भी हो सकती हैं। इसलिए हमेशा उन्ही संस्थाओं पर विश्वास करें जो भरोसेमंद हो और आपका काम सावधानी पुर्बक करके दे।
- Loan Settlement कराते वक़्त ध्यान दे की किसी भी दस्तावेज पर अपने हस्ताक्षर करने से पहले उसकी शर्तो और नियमो को पूरी तरह से पढ़ें और समझ ले। ताकि बाद में आपको किसी परेशानी का सामना न करना पढ़ें।
- लोन सेटलमेंट के बाद आपको बची हुई लोन की राशि पर कर देयता देना हो सकता हैं। इसके बारें और अधिक जानकारी के लिए आप अपन वित्तीय संस्था से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
लोन सेटलमेंट के बाद कौनसे कदम उठाएं ?
अगर आपने अपना लोन सेटमेनेट करवा लिया है और अब आपको नहीं पता है उसके बाद मुझे क्या करना चाहिए तो आप निचे दिए गए कदमो का पालन कर सकते हैं, यह कदम निम्नलिखित हैं :
- लोन सेटलमेंट कराने के बाद नियमित रूप से अपने क्रेडिट स्कोर की जांच करते रहे और यह सुनिश्चित कर ले की सभी जानकारियां सही है की नहीं। अगर नहीं है तो उसे तुरंत सुधारें।
- Loan Settlement के बाद आप धीरे – धीरे एक नया क्रेडिट प्राप्त करें और समय पर उसका भुगतान करें। यह आपके क्रेडिट स्कोर को सुधरने में आपकी मदद करेगा।
- लोन सेटलमेंट कराने क बाद आप अपनी वित्तीय स्तिथि को सुधरने के लिए एक वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं। इसके साथ ही आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए योजनाएं बना सकते है।
- एक आपातकालीन वित्तीय योजना बनाएं जिसमे आप अपने वित्तीय खर्चो का नियंत्रण कर सकते हैं। यह आपको भविष्य में लोन की जरुरत से बचाएगा।
लोन सेटलमेंट बनाम दिवालियापन
Loan Settlement और दिवालियापन दोनों ही विअकल्प लोन के सेटलमेंट के लिए हैं, लेकिन दोनों में बहुत अंतर हैं। लोन सेटलमेंट में लोन देने वाली संस्था के साथ समझौता किया जाता हैं जबकि दिवालियापन में कानूनी प्रक्रिया के तहत लोन को माफ़ करवाया जाता हैं। दिवालियापन क्रेडिट स्कोर पर ज्यादा गंभीर पड़ सकता हैं और इसे अंतिम उपायें के रूप में भी देखा जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
लोन सेटलमेंट एक महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय हैं जो कर्जदार की वित्तीय स्तिथि को सँभालने में मदद कर सकता हैं। हालांकि, इसे लेकर कई मिथ और गलत फहमियां हैं, जिन्हे समझना लोगो के लिए जरुरी हैं। सही जानकारी और सही मार्गदर्शन के साथ लोन सेटलमेंट एक सफल और वित्तीय रूप से सुरक्षित कदम हो सकता हैं। इसलिए हमेशा सतर्क रहे और सही सलाह ले और समझदारी से निर्णय ले ताकि आपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सकें।