Personal Loan Settlement में बैंक से बातचीत कैसे करें?

How to negotiate with the bank for a Personal Loan Settlement

Table of Contents

संक्षेप

Personal Loan Settlement एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें उधारकर्ता (Borrower) और बैंक के बीच बातचीत होती है ताकि लोन की बकाया राशि का कुछ हिस्सा चुकाकर लोन को बंद किया जा सके। यह तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपनी EMI समय पर नहीं चुका पाता हैं और लोन NPA (Non-Performing Asset) बन जाता है। हालांकि, लोन सेटलमेंट करने से CIBIL स्कोर प्रभावित हो सकता है, इसलिए इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।

अगर आप बैंक से सफलतापूर्वक लोन सेटलमेंट करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपनी आर्थिक स्थिति का सही जांच करें और यह तय करें कि आप कितनी राशि चुकाने में सक्षम हैं। बैंक से खुद संपर्क करें, पेशेवर तरीके से बातचीत करें और जो भी सेटलमेंट ऑफर मिले, उस पर मोलभाव (Negotiation) करें। पहले ऑफर को तुरंत स्वीकार न करें, बल्कि बेहतर डील पाने की कोशिश करें।

बैंक सेटलमेंट को मंजूरी देने के बाद सुनिश्चित करें कि आप लिखित रूप में सेटलमेंट लेटर और नो ड्यू सर्टिफिकेट (NOC) प्राप्त करें। इससे भविष्य में कोई कानूनी या वित्तीय समस्या नहीं होगी। इसके अलावा, अगर बैंक सेटलमेंट के बजाय लोन रीपेमेंट प्लान या मोरेटोरियम का विकल्प देता है, तो उसे भी विचार करें ताकि आपका CIBIL स्कोर ज्यादा प्रभावित न हो।

परिचय

आजकल कई लोग पर्सनल लोन लेते हैं, लेकिन कभी-कभी आर्थिक स्थिति बिगड़ने के कारण समय पर लोन को चुकाना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बैंक से लोन सेटलमेंट (Loan Settlement) की बातचीत करना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। लेकिन इसके लिए सही तरीका अपनाना बहुत जरूरी होता है, ताकि आप कम से कम रकम चुकाकर लोन क्लियर कर सकें और आपका क्रेडिट स्कोर भी ज्यादा प्रभावित न हो।

अगर आप बिना सही रणनीति के बैंक से नेगोशिएशन (Negotiation) करने जाएंगे, तो बैंक आपकी बात मानने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाएगा। इसलिए यह जरूरी है कि आप पहले अपनी आर्थिक स्थिति की सही से जांच करें और बैंक से बातचीत करने की पूरी तैयारी करें। 

जब कोई व्यक्ति लोन की EMI नहीं चुका पाता और बैंक को लगता है कि लोन रिकवरी मुश्किल होगी, तो बैंक लोन सेटलमेंट का ऑफर देता है। इसमें उधारकर्ता (Borrower) को बकाया राशि का कुछ प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करने पर लोन क्लोज करने की सुविधा मिलती है। हालांकि, यह प्रक्रिया आपके CIBIL स्कोर को प्रभावित कर सकती है, इसलिए इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाएं।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Personal Loan Settlement के दौरान बैंक से बातचीत करने का सही तरीका क्या है और किन महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देकर आप बैंक से बेहतर नेगोशिएशन कर सकते हैं। हम आपको उन प्रमुख बिंदुओं की जानकारी देंगे जो बैंक से बातचीत के दौरान आपकी मदद कर सकते हैं, जैसे – सेटलमेंट के लिए सही समय, बातचीत की रणनीति, जरूरी दस्तावेज, बैंक की संभावित शर्तें और सेटलमेंट के बाद के प्रभाव।

Personal Loan Settlement क्या होता हैं? 

यह एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्था लोन लेने वाले व्यक्ति को पूरी बकाया लोन की राशि को चुकाने के बजाय कम राशि देकर लोन निपटाने का मौका देती है। यह सुविधा उन लोगों के लिए होती है जो किसी कारण से अपना लोन समय पर नहीं चुका पाते हैं और लगातार डिफॉल्ट कर रहे होते हैं। 

सेटलमेंट के तहत बैंक एकमुश्त राशि (लंपसम अमाउंट) पर सहमति बना सकता है, जिससे लोन बंद हो जाता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि लोन सेटलमेंट करने से आपका CIBIL स्कोर प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में आपको लोन लेने में  मुश्किल हो सकती है। इसलिए, इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।

Personal Loan Settlement कैसे काम करता है?

Personal Loan Settlement कंपनियाँ आपके लिए क्रेडिट कार्ड, मेडिकल बिल या व्यक्तिगत लोन जैसे असुरक्षित लोन पर बकाया राशि को कम करने के लिए लेनदारों के साथ बातचीत करती हैं। Personal Loan Settlement सिर्फ सुरक्षित लोन के लिए एक विकल्प नहीं है, जैसे कि बंधक या ऑटो लोन।

यह प्रस्ताव केवल तभी बैंको को लुभाते हैं, जब उन्हें ऐसा लगता है, कि आप बिल्कुल भी लोन का भुगतान नहीं करेंगे, इसलिए एक Personal Loan Settlement कंपनी आपको सलाह देगी, कि आप अपने लोनो पर तुरंत भुगतान करना बंद कर दें और इसके बजाय एक एस्क्रो खाता खोलें और उसमें अपने मासिक भुगतान को डालें। एक बार जब आपके पास Personal Loan Settlement के लिए एकमुश्त भुगतान के लिए पर्याप्त पैसा जमा हो जाता है, तो तब तक Personal Loan Settlement कंपनी लेन-देन की सुविधा प्रदान करती है। 

Personal Loan Settlement करने के लिए कौनसे दस्तावेजों की जरुरत होती हैं? 

अगर आप किसी कारणवश अपने पर्सनल लोन का पूरा भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, तो लोन सेटलमेंट एक विकल्प हो सकता है। इसमें बैंक या लोन देने वाली संस्था (NBFC) आपके बकाया लोन पर कुछ छूट देकर एक निश्चित राशि में समझौता कर लेती है। लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं।

लोन सेटलमेंट के लिए आवश्यक दस्तावेज:

पहचान प्रमाण (Identity Proof)

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • पासपोर्ट
  • वोटर आईडी
  • ड्राइविंग लाइसेंस

पते का प्रमाण (Address Proof)

  • आधार कार्ड
  • बिजली या पानी का बिल
  • बैंक पासबुक या स्टेटमेंट
  • राशन कार्ड
  • पासपोर्ट

आय प्रमाण (Income Proof)

  • सैलरी स्लिप (पिछले 3-6 महीने की)
  • बैंक स्टेटमेंट (पिछले 6-12 महीने की)
  • इनकम टैक्स रिटर्न (ITR)
  • फॉर्म-16

लोन एग्रीमेंट (Loan Agreement)

यह वह दस्तावेज होता है, जो बैंक या NBFC द्वारा लोन देने के समय जारी किया गया था। इसमें लोन की शर्तें और आपकी बकाया राशि का विवरण होता है।

CIBIL रिपोर्ट (Credit Score Report)

लोन सेटलमेंट के दौरान बैंक आपके CIBIL स्कोर की जांच करता है, जिससे उन्हें आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के बारे में जानकारी मिलती है। यह रिपोर्ट आपके क्रेडिट व्यवहार और मौजूदा लोन की स्थिति को दर्शाती है।

सेटलमेंट अनुरोध पत्र (Settlement Request Letter)

अगर आप लोन सेटलमेंट करवाना चाहते हैं, तो आपको बैंक को एक लिखित अनुरोध पत्र देना होगा, जिसमें आप अपनी मौजूदा आर्थिक स्थिति और सेटलमेंट की आवश्यकता के बारे में बताएंगे।

Personal Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement में क्या फ़र्क़ होता है?

हालांकि, Personal Loan Settlement और Credit Card Personal Loan Settlement दोनों का उद्देश्य कर्जदार को राहत देना होता है, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी होते हैं।

अंतर के बिंदुPersonal Loan SettlementCredit Card Personal Loan Settlement
प्रकारकिसी भी प्रकार के लोन (पर्सनल, होम, कार, एजुकेशन, आदि) का निपटाराकेवल क्रेडिट कार्ड के बकाया राशि का निपटारा
सेटलमेंट प्रक्रियाबैंक एकमुश्त राशि को तय करता है, जिसे चुकाने पर लोन सेटल हो जाता है। क्रेडिट कार्ड कंपनी एक तय की गई राशि पर समझौता करती है। 
CIBIL स्कोर पर प्रभावCIBIL स्कोर 50-100 पॉइंट तक गिर सकता है और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता हैCIBIL स्कोर पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है, और नए क्रेडिट कार्ड पाना मुश्किल हो सकता है। 
भविष्य में लोन मिलने की संभावनाहोम लोन, कार लोन या अन्य लोन प्राप्त करने में समस्या आ सकती हैक्रेडिट कार्ड कंपनियां कार्ड जारी करने से इनकार कर सकती हैं। 
ब्लैकलिस्ट होने की संभावनाकमखासकर क्रेडिट कार्ड कंपनियों द्वारा

क्या Personal Loan Settlement करने के अलावा कोई अन्य विकल्प हैं?

अगर आपको Personal Loan Settlement का विकल्प अच्छा न लगे, तो आप कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकता है, जैसे:

  • लोन री-स्केड्यूलिंग (Loan Rescheduling): इसमें, बैंक, कर्जदार के लोन की दुबारा से सूची तैयार करता है, जिससे कर्जदार को अपनी किश्तों का भुगतान करने में सुविधा मिलती है। इसके तहत, कर्जदार की मासिक किश्तों को कम कर दिया जाता है, लेकिन लोन की अवधि को बढ़ा दिया जाता है।
  • लोन रिफाइनेंसिंग (Loan Refinancing): इसमें, कर्जदार एक नया लोन लेकर पुराने लोन को चुकाता है। यह नया लोन आमतौर पर कम ब्याज दर पर होता है, जिससे कर्जदार की मासिक किश्तें कम हो जाती हैं।
  • कंज़ॉलिडेशन लोन (Consolidation Loan): इसमें, कर्जदार अपने सभी छोटे-छोटे कर्जों को एक बड़े कर्ज में मिला कर एक ही किश्त में चुकाता है। इससे उसे कर्ज प्रबंधन करने में सुविधा होती है और ब्याज दर भी कम हो सकती है।

Personal Loan Settlement करने से क्रेडिट स्कोर पर कैसा असर पड़ता है?

इसका असर निम्नलिखित तरीकों से देखा जा सकता है:

  • Personal Loan Settlement करने के बाद, अगर आपके पास कोई क्रेडिट कार्ड या अन्य क्रेडिट लाइन है, तो आपके क्रेडिट लिमिट को कम किया जा सकता है, क्योंकि क्रेडिटर्स को लगता है कि आप ज्यादा जोखिम वाले ग्राहक हो सकते हैं।
  • अगर आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, तो आपके लिए लोन, क्रेडिट कार्ड, या किसी अन्य प्रकार की क्रेडिट सुविधा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इससे आपकी वित्तीय स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है, खासकर अगर आपको भविष्य में किसी वित्तीय आपातकाल का सामना करना पड़े।
  • जब आप अपने बैंक के साथ Personal Loan Settlement के लिए समझौता करते हैं, तो आप पूरी उधारी का भुगतान नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि एक निश्चित राशि का भुगतान कर रहे होते हैं जो मूल राशि से कम होती है। इसे क्रेडिट ब्यूरो द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि आप अपने कर्ज को चुकाने में असमर्थ रहे हैं। नतीजतन, आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
  • Personal Loan Settlement की प्रक्रिया के बाद, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह जानकारी दर्ज हो जाती है, कि आपने अपना कर्ज “सेटल” किया है। यह एंट्री आपके क्रेडिट इतिहास में 7 साल तक बनी रहती है और इसे लेंडर्स या अन्य क्रेडिटर्स द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जा सकता है, जो भविष्य में कर्ज लेने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।
  • चूंकि Personal Loan Settlement का मतलब होता है कि आपने पूरा कर्ज चुकाया नहीं है, भविष्य में जब आप नया कर्ज लेने की कोशिश करेंगे, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को देखकर आपके आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं या आपको उच्च ब्याज दरों पर कर्ज दे सकते हैं।

Personal Loan Settlement करने के फायदे और नुक्सान क्या हैं? 

इसके निम्नलिखित फायदे और नुकसान हैं:

फायदे 

  • कर्ज का भारी बोझ अक्सर मानसिक तनाव का कारण बनता है। Loan Settlement से कर्जदार  को इस तनाव से राहत मिलती है और वह अपने जीवन में मानसिक शांति पा सकता है।
  • Personal Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार  को अपने कर्ज का कुछ हिस्सा माफ करवाने का मौका मिलता है।
  • यह उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करता है और उसे भारी वित्तीय बोझ से राहत दिलवाता है।
  • हालांकि Personal Loan Settlement करने से कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है, लेकिन समय पर और सही तरीके से समझौते का पालन करने से वह अपने क्रेडिट स्कोर को धीरे-धीरे सुधार सकता है।
  • Personal Loan Settlement करने से कर्जदार की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
  • Personal Loan Settlement करने से आप अपनी आय और लागत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और भविष्य में वित्तीय संकट से बच सकते हैं।

नुक्सान 

  • Personal Loan Settlement के दौरान, बैंक और कर्जदार  के बीच जो समझौता होता है, उसमें कई शर्तें होती हैं। कर्जदार  को इन शर्तों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।
  • Personal Loan Settlement के बाद, कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
  • Personal Loan Settlement भविष्य में नए कर्ज लेने या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।
  • Personal Loan Settlement के कारण, कर्जदार के बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं।
  • भविष्य में, कर्जदार को इन संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
  • Personal Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार  का पूरा लोन माफ नहीं होता है। उसे अभी भी कुछ राशि का भुगतान करना होता है, जो उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।

Personal Loan Settlement करने के लिए बैंक से बातचीत कैसे करें?

अगर आप सोच रहे हैं कि बैंक से बातचीत कैसे करें और लोन सेटलमेंट का बेस्ट ऑफर कैसे प्राप्त करें, तो यहां हम आपको स्टेप-बाय-स्टेप पूरी प्रक्रिया समझाएंगे।

अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करें

बैंक से संपर्क करने से पहले अपनी मौजूदा आर्थिक स्थिति (Financial Condition) को समझना जरूरी है। आपको यह पता होना चाहिए कि –

  • आपकी कुल बकाया राशि कितनी है?
  • आपकी मासिक आय और खर्चे कितने हैं?
  • आप बैंक को एकमुश्त कितनी राशि चुका सकते हैं?
  • अगर आप अपनी सही स्थिति बैंक को समझा पाएंगे, तो बैंक आपके सेटलमेंट प्रस्ताव पर विचार कर सकता है।

बैंक से खुद संपर्क करें

  • बैंक आमतौर पर कई महीनों की EMI न चुकाने पर रिकवरी एजेंट भेजता है, लेकिन बेहतर होगा कि आप खुद बैंक से संपर्क करें।
  • अपने लोन अकाउंट की जानकारी लेकर बैंक ब्रांच जाएं और लोन सेटलमेंट के बारे में बातचीत करें।
  • बैंक को स्पष्ट रूप से बताएं कि आप लोन की पूरी राशि चुकाने की स्थिति में नहीं हैं और सेटलमेंट चाहते हैं।

सही सेटलमेंट ऑफर पर बातचीत करें

बैंक सेटलमेंट के तहत आमतौर पर लोन की कुल बकाया राशि का एक कुछ प्रतिशत (30%-70%) लेने के लिए तैयार हो सकता है, लेकिन यह आपकी बातचीत की क्षमता पर निर्भर करता है।

  • बैंक जो भी पहली बार ऑफर दे, उसे तुरंत स्वीकार न करें।
  • अपनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए बेहतर डील के लिए बातचीत करें।
  • अगर बैंक ने 60% भुगतान का प्रस्ताव दिया है, तो कोशिश करें कि इसे 40%-50% तक लाया जाए।
  • बैंक सेटलमेंट में लचीला हो सकता है, बशर्ते आप सही तरीके से नेगोशिएशन करें।

लिखित में एग्रीमेंट लेना जरूरी है

  • जब भी बैंक किसी सेटलमेंट ऑफर पर सहमत हो, उसे लिखित रूप में लेने की मांग करें।
  • सुनिश्चित करें कि लिखित पत्र में यह स्पष्ट हो कि सेटलमेंट के बाद बैंक आपसे कोई और पैसा नहीं मांगेगा।
  • बैंक से “नो ड्यू सर्टिफिकेट (NOC)” लेना न भूलें।
  • अगर आपके पास लिखित प्रमाण होगा, तो भविष्य में किसी भी तरह की कानूनी या क्रेडिट स्कोर से जुड़ी समस्या नहीं आएगी।

CIBIL स्कोर पर प्रभाव को समझें

लोन सेटलमेंट कराने से आपका CIBIL स्कोर कम हो सकता है, क्योंकि बैंक इसे “सेटल्ड” कैटेगरी में डाल सकता है, जो भविष्य में लोन लेने में दिक्कतें पैदा कर सकता है।

अगर आप क्रेडिट स्कोर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते, तो बैंक से लोन रीपेमेंट प्लान या लोन री-स्ट्रक्चरिंग पर भी बातचीत कर सकते हैं।

Personal Loan Settlement करने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें? 

अगर आप इसे ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें:

बैंक की वेबसाइट या ऐप पर जाएं

  • अपने लोन प्रदाता या बैंक की ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप को खोलें।
  • साइन अप करें, अगर पहले से अकाउंट है, तो लॉग इन करें। नहीं तो नया अकाउंट बनाएं।

कस्टमर सपोर्ट सेक्शन देखें

  • वेबसाइट या ऐप पर ‘Customer Support’ या ‘Contact Us’ सेक्शन पर जाएं।
  • यहां आपको “Loan Settlement” से संबंधित विकल्प मिल सकता है, जैसे:
  • लोन से जुड़ी शिकायत दर्ज करना।
  • लोन सेटलमेंट के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म।

सेटलमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म भरें

  • “Loan Settlement Request” विकल्प चुनें।
  • मांगी गई जानकारी भरें, जैसे:
  • आपका नाम
  • लोन अकाउंट नंबर
  • ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
  • कारण (क्यों आप सेटलमेंट करना चाहते हैं, जैसे वित्तीय समस्या या आय में कमी)।

जरूरी दस्तावेजो को अपलोड करें

  • अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति को दिखाने वाले दस्तावेज अपलोड करें, जैसे:
  • इनकम सर्टिफिकेट या सैलरी स्लिप
  • बैंक स्टेटमेंट
  • कोई अन्य प्रमाण जो आपकी समस्या को स्पष्ट करे।
  • सभी दस्तावेज स्कैन करके सही फॉर्मेट में अपलोड करें (PDF या JPEG)।

सबमिट करें और बैंक की तरफ से जवाब आने का इंतजार करें

  • फॉर्म सबमिट करने के बाद, बैंक आपकी रिक्वेस्ट की जांच करेगा।
  • आमतौर पर बैंक 7-10 वर्किंग डेज़ में आपसे संपर्क करता है। वे ईमेल, कॉल, या मैसेज के जरिए सेटलमेंट की जानकारी देंगे।

बैंक के ऑफर को समझें

  • बैंक आपके बकाया राशि का एक हिस्सा माफ करने का प्रस्ताव देगा। इसे ध्यान से पढ़ें।
  • अगर आपको ऑफर स्वीकार है, तो आगे बढ़ें। नहीं तो और बातचीत करें।

भुगतान करें

  • बैंक द्वारा तय की गई सेटलमेंट राशि को ऑनलाइन पेमेंट मोड के जरिए चुकाएं।
  • बैंक आपको पेमेंट का कन्फर्मेशन देगा और आपका लोन खाता बंद कर देगा।

निष्कर्ष

Personal Loan Settlement करना कोई आसान काम नहीं होता हैं, क्योंकि बैंक अपने लोन की पूरी राशि वसूलने की कोशिश करता है, जबकि ग्राहक कम से कम भुगतान कर इसे निपटाना चाहता है। ऐसे में सही रणनीति और समझदारी से बातचीत करना बहुत जरूरी हो जाता है। अगर आप बिना प्लानिंग के बैंक से बातचीत करेंगे, तो बैंक आपकी स्थिति का फायदा उठा सकता है और आपको ज्यादा भुगतान करने के लिए बाध्य कर सकता है। 

बैंक से बातचीत करते समय धैर्य और पेशेवर रवैया अपनाएं। बैंक को अपनी समस्या के बारे में सही से बताएं और इस बात पर जोर दें कि आप लोन पूरी तरह चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। बैंक आमतौर पर लोन की कुछ राशि माफ करने के लिए तैयार हो सकता है, लेकिन यह पूरी तरह आपकी बातचीत की क्षमता और बैंक की नीति पर निर्भर करता है। 

इसके अलावा, सेटलमेंट के दौरान लिखित दस्तावेज प्राप्त करना बहुत जरूरी है। बैंक से ‘नो ड्यू सर्टिफिकेट (NOC)’ और सेटलमेंट लेटर लेना न भूलें, ताकि भविष्य में कोई समस्या न हो। अगर आप लिखित प्रमाण नहीं लेंगे, तो बैंक आपसे बाद में और भुगतान की मांग कर सकता है, जिससे आपको परेशानी हो सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

Que: क्या बैंक सेटलमेंट के बजाय लोन माफ कर सकता है?

Ans: नहीं, बैंक लोन माफ नहीं करता हैं, लेकिन सेटलमेंट के जरिए लोन की राशि कम करने का विकल्प दे सकता है।

Que: लोन सेटलमेंट करने के बाद क्या मुझे NOC लेना जरूरी है?

Ans: हां, सेटलमेंट पूरा होने के बाद बैंक से नो ड्यू सर्टिफिकेट (NOC) और सेटलमेंट लेटर लेना बहुत ही जरूरी होता है, ताकि भविष्य में किसी तरह की कानूनी या क्रेडिट स्कोर से जुड़ी समस्या न हो।

Que: क्या Personal Loan Settlement के बाद दोबारा लोन लिया जा सकता है?

Ans: हां, लेकिन चूंकि सेटलमेंट से आपका CIBIL स्कोर प्रभावित होता है, इसलिए बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान आपको भविष्य में लोन देने में संकोच कर सकते हैं।

Que: क्या सभी बैंक Personal Loan Settlement की सुविधा देते हैं?

Ans: हां, ज्यादातर बैंक और वित्तीय संस्थान Personal Loan Settlement का विकल्प देते हैं, लेकिन यह पूरी तरह बैंक की नीति और उधारकर्ता की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है।

Que: क्या लोन सेटलमेंट से मेरा CIBIL स्कोर प्रभावित होगा?

Ans: हां, Personal Loan Settlement करने से आपका CIBIL स्कोर कम हो सकता है, क्योंकि बैंक इसे “सेटल्ड” कैटेगरी में डाल सकता है, जिससे भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में दिक्कत हो सकती है।

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