रिकवरी एजेंट कौन होते है?

 आप कोई सा भी लोन, चाहे वह पर्सनल, बिज़नेस या फ्लेक्सी लोन हो। रिकवरी एजेंट कौन होते है – लोन के के बारें में सबसे अच्छी बात यह है, कि जब भी हम वित्तीय संकट में होते है, तो यह हमारी मदद करता हैं। अगर आप लोन का भुगतान समय पर करते हैं तो इससे आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ता है जिससे आपको और ज्यादा लोन लेने में मदद मिलती हैं।

अगर आप लोन का भुगतान समय पर नहीं करते है, तो बैंक आपसे लोन का पैसा वसूलने के लिए रिकवरी एजेंटो को नियुक्त करते हैं। 

बैंकिंग कानून के अनुसार लोन रिकवरी के लिए रिकवरी एजेंटो को नियुक्त करना होता हैं। इस लेख के माध्यम से हम रिकवरी एजेंटो कौन होते हैं? यह किस तरह से अपना काम करते हैं? इनपर कौनसे नियम लागू होते हैं? RBI ने रिकवरी एजेंट के लिए कौनसे नियम लागू किए हैं? इन सभी विषयो के बारें में हम आज के इस लेख में चर्चा करेंगे। इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़ियेगा। ताकि कोई भी विषय आपकी नज़रो से छूटने न पाएं।

रिकवरी एजेंट कौन होते है? 

रिकवरी एजेंट एक लोन संग्रह एजेंसी द्वारा नियुक्त किया गया एक व्यक्ति होता हैं। जिसे बैंक के द्वारा अपने बकाया लोनो की वसूली के लिए नियुक्त किया जाता हैं। यह ध्यान रखना जरुरी है की यह एजेंट बैंक के प्रत्यक्ष कर्मचारी नहीं होते हैं, लेकिन अक्सर वह अपनी लोन रिकवरी के दौरान खुद को बैंक के कर्मचारी के रूप में प्रस्तुत करते हैं। यह रिकवरी एजेंट लोन की वसूली के लिए कर्जदारों के घर पर भी जाते हैं। अगर रिकवरी एजेंट अपनी आईडी और DRA के बिना आपके घर पर आते है, तो यह गैरकानूनी हैं।

Loan Recovery Agent काम कैसे करती हैं? 

रिकवरी एजेंट कौन होते है – लोन रिकवरी एजेंट उन पेशेवर लोगो को कहा जाता है, जो बैंक द्वारा बनाए गए नियमो और क़ानूनो के अनुसार लोन की वसूली का काम करते हैं। इनका मुख्य काम करदारो से लोन की वसूली करना और उनके विवादों को हल करना होता हैं। 

इसके कुछ मुख्य काम निम्नलिखित हो सकते हैं: 

  • लोन रिकवरी एजेंट का पहला काम होता हैं, लोन से सम्बंधित चार्जेस को एकत्रित करना होता हैं। यह चार्जेस लेने, बैंक के खातों की निगरानी करने और नियमो के अनुसार कार्यवाही करने की जिम्मेदारी सँभालते हैं। 
  • लोन रिकवरी एजेंट बोरोविंग पक्ष के साथ संपर्क करते है और उनके विवादों को हल करने की कोशिश करते हैं। 
  • लोन रिकवरी एजेंट, कर्जदारों को अलग – अलग समझौते प्रस्तुत करते हैं जो लोन लेने वालो के बीच होते हैं। 
  • अगर जरुरी होता है तो वह कानूनी कार्येवाही की प्रक्रिया को शुरू कर सकते हैं, ताकि लोन की वसूली जल्दी हो सके। 

लोन रिकवरी एजेंटो का काम, लोन लेने वालो के साथ संवाद और समझौता करने पर निर्भरता हैं, उनका काम होता है बैंक या नए लोन देने वाली संस्था को उनके लोन की वसूली करवाना। 

Loan Recovery Agents के लिए RBI नियम क्या हैं? 

लोन रिकवरी के लिए RBI के नियम निम्नलिखित हैं: 

  • रिकवरी एजेंटो को RBI के द्वारा बनायीं गयी आचार संहिता का पालन करना होता है जो लोन की वसूली के दौरान ईमानदारों को बढ़ावा देता हैं। RBI के नियम रिकवरी एजेंटो को अपमानजनक भाषा, धमकी, उत्पीड़न या शारीरिक नुक्सान पहुंचाने से रोक लगाते हैं। 
  • RBI के नियमो के अनुसार रिकवरी एजेंटो को अपने पास एक प्रमाण पत्र और कर्जदार का नोटिस रखन होता हैं। 
  • रिकवरी एजेंटो को लोन की वसूली के लिए कर्जदारों के घर का दौरा करते समय उनकी गोपनीयता बनाये रखनी होगी। 
  • अगर रिकवरी एजेंट कर्जदार के घर पर जाकर उसे धमकी देता है तो कर्जदार उसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कर सकता हैं। 
  • RBI के नौसार लोन रिकवरी के बारें कर्जदारों की शिकायतों को सँभालने के लिए बैंक के पास उनकी शिकायत का हल करने के लिए कुछ उपाए होना चाहिए। 
  • RBI का नियम है की कोई भी रिकवरी एजेंट कर्जदार को सुबह 7 बजे से पहले और शाम को 7 बजे के बाद कॉल नहीं कर सकता हैं। 

Recovery Agent की कौनसी सी हरकते उत्पीड़न कहलाती हैं?

अगर लोन रिकवरी एजेंट, कर्जदार के साथ निम्नलिखित में से कोई सी भी हरकते करता हैं, तो यह इसे उत्पीड़न के रूप में देखा जा सकता हैं: 

  • अगर लोन रिकवरी वाला आपके घर पर बार – बार आ रहा है और आपको तंग कर रहा है तो यह भी एक उत्पीड़न हैं। 
  •  अगर रिकवरी एजेंट आपको सोशल मीडिया के माध्यम तंग कर रहा है और आपको धमकी दे रहह है। 
  • अगर वह आपके रिश्तेदारों और परिवारों वालो को धमकी दे रहा है तो यह भी उत्पीड़न में गिना जाता हैं। 
  • अपने साथ नकली कानूनी अधिकारी को लाना और दिखावा करना की यह एक वकील हैं। 
  • आप पर लोन का भुगतान करने के लिए दवाब डालना और आपके साथ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करके बात करना। 
  • अगर रिकवरी एजेंट आपको पूरे मोहल्ले के सामने अपमानित करता है तो यह भी उत्पीड़न के रूप गिना जायेगा। 
  • यदि रिकवरी एजेंट आपको कानून की धमकी दे रहा है और कह रहा है की आपके घर पैर पुलिस की रैड मरवा देगा, तो यह भी एक गैरकानूनी अपराध हैं। 
  • किसी दुसरे व्यक्ति को आपके लोन के बारें में बताना और आपकी गोपनीयता का हनन करना। 

Recovery Agent के इन हरकतों से खुद को कैसे बचाएँ?

रिकवरी एजेंटो के द्वारा हो रही उत्पीड़न से बचने के लिए निम्लिखित कानूनी उपाएँ हैं: 

  • पुलिस स्टेशन में शिकायत करें 

अगर रिकवरी एजेंट या बैंक आपको लोन का भुगतान करने के लिए परेशान कर रहे हैं और धमकी भी दे रहे है, तो आप उनके खिलाफ पुलिस में जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अगर पुलिस आपकी सहायता नहीं करती हैं तो आप मेजिस्ट्रेट से संपर्क कर सकते हैं। 

  • रिकवरी एजेंट के खिलाफ मुकदमा चलाना 

अगर आपको बैंक और रिकवरी एजेंट ने लोन के पैसो का भुगतान करने के लिए तंग कर दिया हैं, तो आप उनपर मुकदमा भी चला सकते हैं। आप रिकवरी वाले के खिलाफ सिबिल कोर्ट में उसकी शिकायत को दर्ज कर सकते हैं। 

RBI को शिकायत दर्ज करना

RBI के अनुसार अगर कोई भी कर्जदार बैंको या रिकवरी एजेंटो द्वारा धमकाया जा रहा है, तो वह कर्जदार बैंक और रिकवरी वाले के खिलाफ RBI से समपर्क करके उनकी शिकायक कर सकता हैं। कर्जदार के पास रिकवरी एजेंट के हिलाफ कानूनी शिकायत दर्ज करने का विकल्प होता हैं। 

  • मानहानि की शिकायत 

यदि लोन वसूली गलत डेटा पर निर्भर करती है, जो किसी व्यक्ति के सिबिल स्कोर में कमी का कारण बनती हैं, तो कर्जदार बैंक और रिकवरी एजेंट के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कर सकता हैं। 

  • आपकी अनुमति का पालन नहीं करना 

अगर बैंक के रिकवरी एजेंट, कर्जदार की अनुमति के बिना उसके घर पर जाते है और तमाश करते है, तो कर्जदार के पाद अधिकार है की वह उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसलिए रिकवरी वालो को हमेशा कर्जदारों से पूछकर उनके घर पर जाना चाहिए। 

  • जबरदस्ती की शिकायत 

अगर रिकवरी एजेंट कर्जदारों से जबरदस्ती पैसे वसूलने की कोशिश करते है, तो कर्जदार उनके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। 

  • बैंक को शिकायत करें 

एक तरह से बैंक भी लोगों की शिकायतों को दर्ज करता हैं। अगर बैंक के रिकवरी वाले कर्जदारों के साथ जबरदस्ती लोन को वसूलते है या धमकी देते है, तो वह कर्जदार बैंक को भी शिकायत कर कर सकता है। शिकायत करने के बाद बैंक कर्जदार मामले को निपटाने के लिए 30 दिनों तक समय लगाता हैं। 

  • बैंकिंग लोकपाल को शिकायत करें 

अगर बैंक दिए गए दिनों के अंदर आपकी समस्या का हल नहीं करता है तो आप बैंकिंग लोकपाल से समपर्क कर सकते हैं। बैंकिंग लोकपाल को RBI के द्वारा चुना जाता है, जो ग्राहकों की शिकायतों का विवरण करता हैं। 

लोन डिफ़ॉल्ट करने पर क्या होता हैं? 

लोन डिफ़ॉल्ट करने पर कई तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं, जो निम्लिखित हो सकते हैं: 

  • जब कोई व्यक्ति अपने लोन का भुगतान करने में देरी करता है तो उसे अतिरिक्त ब्याज और दंड लग सकता हैं। उसकी ब्याज के दरे बढ़ सकती हैं और उसको दंड का भी सामना करना पड़ सकता हैं। 
  • लोन डिफ़ॉल्ट करने से व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर पर भी प्रभाव पड़ता हैं। अगर उसका क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है तो उसे भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो जाता हैं।
  • अगर कोई व्यक्ति लोन का भुगतान करने में डिफ़ॉल्ट करता है तो बैंक उसके खिलाफ कानूनी कार्येवाही भी कर सकती हैं।  वाले व्यक्ति को कोर्ट के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं। 
  • कुछ लोन डिफ़ॉल्ट के मामलो में बैंक उस व्यक्ति के सम्पति पर अपना कब्ज़ा जमा लेता हैं, जैसे की गाडी, घर, प्रॉपर्टी के कागज़ आदि। 
  •  लोन का डिफ़ॉल्ट करने से व्यक्ति के आर्थिक और सामाजिक स्तिथि पर असर पड़ता हैं। इससे उनके परिवार वालो को भी दिक्कते हो सकती हैं। 

Loan Default करने से बचने के लिए व्यक्ति को अपनी आर्थिक स्तिथि को बेहतरा बनना होगा। अगर किसी के पास लोन का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं है, तो वह आपने लिए एक आर्थिक बजट का निर्माण कर सकता हैं, ताकि वह लोन का भुगतान समय पर कर सके। 

निष्कर्ष: 

वित्तीय कठिनाईयों से जुंझ रहे व्यक्तियों के लिए रिकवरी एजेंटो की पहचान करना और उनकी भूमिका को समझना जरुरी हैं। व्यक्तियों को अपने अधिकारों के बारें में पता होना चाहिए और गैरकानूनी लोन रिकवरी के खिलाफ बेहतर ढंग से अपनी रक्षा करनी चाहिए। अगर आप भी रिकवरी एजेंट की धमकियों से परेशान हो गए हो और अपने लोन का सेटलमेंट करवाना चाहते हो, तो आप हमें सम्पर्क कर सकते हो। हम आपको लोन के जला से बहार निकलने में सहायता प्रदान करेंगे। 

हमें आशा है, कि रिकवरी एजेंट कौन होते है?, इस लेख में बताई गयी सभी बातें आपको समझ में आयी होंगी। इसी तरह हमरे लेखो को पड़ते रहिये और हमारे साथ जुड़े रहिये। हम ऐसे लोन से जुड़े लेखो को आपके सामने प्रस्तुत करते रहेंगे।

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