ULI (Unified Landing Interface) एक ऐसा आधुनिक नवाचार है, जिसने लोन लेने और देने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में जैसे-जैसे डिजिटलिकरण की लहर तेज हो रही है, वैसे-वैसे ULI जैसे प्लेटफॉर्म्स की जरुरत भी बढ़ती जा रही है। ULI क्या है – अगर हम पिछले कुछ सालो की बात करें, तो हमने देखा है, कि डिजिटल पेमेंट्स ने हमारी जीवनशैली को कितना आसान और सुविधाजनक बना दिया है। अब ULI उसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए लोन की प्रक्रिया को भी डिजिटल और आसान बनाने जा रहा है।
जब भी किसी को लोन की जरूरत होती है, तो उसके लिए सबसे पहली चुनौती होती है सही लोन का चयन करना। पहले के समय में, लोग कई बैंकों के चक्कर लगाते थे, अलग – अलग लोन ऑफर्स की तुलना करते थे, और फिर कहीं जाकर एक निर्णय पर पहुंचते थे। इस प्रक्रिया में समय और मेहनत दोनों लगते थे, और फिर भी गारंटी नहीं होती थी कि उन्होंने सबसे अच्छा विकल्प चुना है। लेकिन ULI इस पूरी प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बना देता है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां पर अलग – अलग बैंक और वित्तीय संस्थान अपने लोन उत्पादों को प्रस्तुत करते हैं, और ग्राहकों को अपनी जरूरतों और भुगतान की क्षमताओं के अनुसार उनमें से सबसे बेहतर विकल्प का चयन करा सकता है।
आज के इस लेख में ULI (Unified Landing Interface) के बारें में पूरी जानकरी आपको देने जा रहे हैं। इसलिए इस लेख को आखिर तक पढ़ियेगा ताकि बाद में आपको कोई परेशानी न हो सकें, की ULI क्या है? तो अंत बने रहिए हमारे साथ।
ULI (Unified Landing Interface) का परिचय
अब लोन को लेकर आपको ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा। सिर्फ एक ही क्लिक करने पर UPI की तरह लोन खाते में डायरेक्ट लोन पहुंच जाएगा। रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल क्रेडिट के जरिए बड़े बदलाव लाने जा रही है। यूपीआई के बाद अब ULI (Unified Landing Interface) लॉन्च किया जाएगा। इसकी मदद से लोन लेना काफी आसान हो जाएगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को होगा।
JAM-UPI के बाद अब आएगा ULI
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को बेंगलुरु में इसकी जानकारी देते हुए बताया है की, ‘अप्रैल, 2016 में NPCI ने यूपीआई लॉन्च कर देश में रिटेल डिजिटल पेमेंट में एक नई क्रांति ला दी थी। यूपीआई मजबूत, सुविधाजनक और पोर्टेबल रिटेल पेमेंट सिस्टम बनकर सामने आया हैं। इसका असर दुनियाभर में देखा जा रहा है। कई देश भारत की मदद से अब तक इसे शुरू कर चुके हैं।’ उन्होंने कहा है की, ‘अब से इस प्लेटफॉर्म को ULI (Unified Landing Interface) का नाम का प्रस्ताव रखते हैं। यह प्लेटफॉर्म कई डेटा सर्विस प्रोवाइडर्स से लेंडर्स तक अलग-अलग राज्यों के लैंड रिकॉर्ड के समेत सभी डिजिटल जानकारी आसानी और कंसेंट-बेस्ड फ्लो की सुविधा देता है। जनधन-आधार (JAM), यूपीआई (UPI) और ULI (Unified Landing Interface) (ULI) की नई त्रिमूर्ति डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जर्नी में क्रांतिकारी साबित होगी।’
ULI से लोन लेना कितना आसान होगा
आरबीआई के गवर्नर ने बताया हैं किULI क्या है – ULI (Unified Landing Interface) क्रेडिट की जांच में लगने वाले समय को कम कर देगा। इसका फायदा छोटे और ग्रामीण बॉरोअर्स को ज्यादा होगा। ULI (Unified Landing Interface) आर्किटेक्चर अलग-अलग सोर्स से जानकारी तक डिजिटल एक्सेस के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल से बनाया गया है। इससे कई टेक्निकल इंटीग्रेशन कम हो जजाती है। कर्ज लेने वालों को ज्यादा डॉक्यूमेंट्स की भी जरूरत नहीं होगी और आसानी से लोन मिल जाएगा।
ULI कैसे करेगा काम
पिछले साल रिजर्व बैंक ने फ्रिक्शनलेस क्रेडिट के लिए टेक्निकल प्लेटफॉर्म का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसे ULI कहा जाएगा।
ULI (Unified Landing Interface) प्लेटफॉर्म आधार, ई-केवाईसी, राज्य सरकार के लैंड रिकॉर्ड, पैन वैलिडेशन और अकाउंट एग्रीगेटर जैसे अलग-अलग सोर्सेस से डेटा जमा करेगा।
अगस्त 2023 में लॉन्च का फोकस किसान क्रेडिट कार्ड लोन, डेयरी लोन, MSME लोन, पर्सनल लोन और होम लोन पर था।
इस प्लेटफॉर्म को डेयरी सहकारी समितियों से दूध डालने के डेटा और घर या संपत्ति सर्च डेटा जैसी सर्विसेज के साथ भी लिंक किया जाएगा।
दुनिया ने माना यूपीआई का लोहा
दास ने कहा था, कि अप्रैल, 2016 में एनपीसीआई द्वारा पेश की गई यूपीआई ने भारत में रिटेल डिजिटल पेमेंट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दास ने कहा हैं कि यूपीआई एक मजबूत, लागत प्रभावी और पोर्टेबल रिटेल पेमेंट सिस्टम के रूप में उभरा है और दुनियाभर में खासी दिलचस्पी पैदा कर रहा है।
कर्ज लेने वालों को बहुत ज्यादा दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी
उन्होंने कहा हैं कि ULI (Unified Landing Interface) क्रेडिट की जांच करने के लिए लगने वाले समय को कम करेगा, खासकर छोटे और ग्रामीण बॉरोअर्स के लिए। आरबीआई के गवर्नर ने कहा हैं, कि ULI (Unified Landing Interface) आर्किटेक्चर अलग-अलग सोर्स से जानकारी तक डिजिटल एक्सेस सुनिश्चित करने के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ नजरिए के हिसाब से बनाया गया है। इससे कई टेक्निकल इंटीग्रेशन की जटिलता कम हो जाती है और लोन लेने वालों को बहुत ज्यादा दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होती और उन्हें आसानी से कर्ज मिल सकेगा।
इंस्टेंट लोन पर लगाम लगाने में मदद
फटाफट लोन के चक्कर में कई लोग फंस जाते हैं और फिर ब्याज के जंजाल में ऐसा उलझते हैं, कि उससे निकल पाने में लोगों की हालत खराब हो जाती है, छोटे पर्नसल लोन के नाम पर बाजार में सैकड़ों ऐप हैं, जो लोगों को पहले लोन के जाल में फंसाते हैं बाद में मुसीबत बन जाता है। RBI के ULI की मदद से लोगों करो इंस्टेंट लोन के चंगुल से बचने में मदद मिलेगी। लोगों को जल्द लोन मिल सकेगा। आसानी से लोन मिलने पर लोग इंस्टेंस लोन ऐप्स बांटने वालों के चंगुल में नहीं फंसेंगे।
इन प्रोडक्ट्स पर फोकस रहेगा
अगस्त 2023 में लॉन्च किए गए पायलट स्टेज के दौरान, प्लेटफॉर्म ने किसान क्रेडिट कार्ड लोन, डेयरी लोन, एमएसएमई लोन, पर्सनल लोन और होम लोन जैसे प्रोडक्ट पर फोकस किया था। इसे डेयरी सहकारी समितियों से दूध डालने के डेटा और घर/संपत्ति सर्च डेटा जैसी सेवाओं से भी जोड़ा जाएगा।
ULI (Unified Landing Interface) कई सोर्स से डेटा को इंट्रेगेट करके क्रेडिट अप्रेजल के लिए जरुरी समय को कम करेगा। यह सिस्टम सहमति के आधार पर काम करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि डेटा की गोपनीयता बनी रहे। इससे कई तकनीकों को इंट्रेगेटेड करने की जटिलता कम हो जाएगी।
ULI के क्या-क्या फायदे होंगे
- ULI फ्रिक्शनलेस का मतलब कार्ड स्वाइप किए बिना कई सोर्सेज से डेटा को इंटिग्रेट कर क्रेडिट असेसमेंट के प्रॉसेस में लगने वाले समय को कम करेगा।
- सिस्टम डेटा प्राइवेसी बनाए रखने पर काम करेगा।
- इस प्लेटफॉर्म से आसान इंटिग्रेशन होगा और लोन लेने में मुश्किलें कम आएंगी।
निष्कर्ष:
ULI (Unified Landing Interface) लोन लेने और देने की प्रक्रिया में एक नई क्रांति का प्रतीक है। यह प्लेटफॉर्म न केवल लोन प्राप्ति को आसान, तेज, और पारदर्शी बनाता है, बल्कि ग्राहकों को उनकी जरूरतों के अनुसार बेहतर लोन उत्पाद का चयन करने में भी मदद करता है। डिजिटल लेंडिंग के इस युग में ULI क्या है, ULI एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो पारंपरिक बैंकिंग प्रक्रियाओं से असहज महसूस करते हैं। हालांकि, इसके साथ आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, ULI को सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। अगर इस दिशा में सही कदम उठाए जाएं, तो ULI निश्चित रूप से वित्तीय स्तिथि को बढ़ावा देने और लोन प्रक्रिया को और भी ज्यादा आसान बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
उत्तर: ULI (Unified Landing Interface) एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य लोन लेने और देने की प्रक्रिया को आसान, पारदर्शी और तेज बनाना है। यह ग्राहकों को अलग – अलग लेंडर्स से लोन के विकल्पों की तुलना करने और अपने लिए सबसे बेहतर लोन का चयन करने में मदद करता है।
उत्तर: ULI एक ओपन API आधारित प्लेटफॉर्म है जो की अलग वित्तीय संस्थानों और ग्राहकों के बीच एक सेतु का काम करता है। जब ग्राहक लोन के लिए आवेदन करता है, तो ULI उसे अलग – अलग लोन का विकल्प दिखाता है और उसके चुने हुए लोन की मंजूरी और वितरण की प्रक्रिया में सहायता करता है।
उत्तर: ULI का मुख्य फायदा यह है, कि यह लोन प्रक्रिया को पारदर्शी, तेज, और आसान बनाता है। इससे ग्राहकों को समय की बचत होती है और वह अपने लिए सबसे बेहतर लोन का चयन कर सकते हैं। इसके अलावा, यह प्लेटफॉर्म लोन के आवदेन और वितरण की प्रक्रिया को भी बहुत ही आसान बनाता है।
उत्तर: ULI एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म है, लेकिन जैसे अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर साइबर सुरक्षा का खतरा होता है, वैसे ही ULI को भी उच्चतम सुरक्षा मानकों के साथ विकसित किया गया है। डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे निरंतर अपडेट और मॉनिटर किया जाता है।
उत्तर: ULI का इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति कर सकता है जिसे लोन की जरुरत है। बैंक, फिनटेक कंपनियां, और अन्य वित्तीय संस्थान भी इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अपने लोन उत्पादों को प्रस्तुत करने और ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कर सकते हैं।