जब किसी व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री कमजोर होती है या उसकी आय अस्थिर होती है, तो बैंक एक गारंटर (Guarantor) की मांग करते हैं। अगर उधारकर्ता (Borrower) लोन चुकाने में असमर्थ होता है, तो गारंटर को उसकी भरपाई करनी पड़ती है।
– शिक्षा ऋण (Education Loan) – गृह ऋण (Home Loan) – व्यक्तिगत ऋण (Personal Loan) – व्यावसायिक ऋण (Business Loan) – वाहन ऋण (Vehicle Loan)
– जब लोन लेने वाले व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर कम होता है। – जब उसकी आय अस्थिर होती है। – जब वह पहली बार लोन ले रहा होता है। – जब बैंक को अतिरिक्त सुरक्षा की जरुरत होती है।
– अगर उधारकर्ता लोन नहीं चुकाता हैं तो गारंटर को लोन का भुगतान करना होता है। – गारंटर को लोन के भुगतान की निगरानी करनी चाहिए। – यह गारंटी देना कि उधारकर्ता समय पर लोन की किश्तें भर रहा है।
– क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। – भविष्य में स्वयं के लिए लोन लेने में कठिनाई। – बैंक द्वारा कानूनी कार्रवाई करने की संभावना।
– लोन के सभी नियमों को ध्यान से पढ़ें। – उधारकर्ता की वित्तीय स्थिति की जांच करें। – बैंक से गारंटी की सीमा तय करने का अनुरोध करें। – समय-समय पर लोन भुगतान की स्थिति को जांचें।