जानें, किन परिस्थितियों में Personal Loan Settlement करना सही होता है और कब यह आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है!
Personal Personal Loan Settlement का मतलब होता है कि बैंक या लोन देने वाली संस्था आपको एक बार में कम राशि देकर लोन चुकाने का विकल्प देती है, जिससे आपका लोन खाता बंद हो जाता है। लेकिन यह आपके CIBIL स्कोर को प्रभावित कर सकता है।
Personal Loan Settlement क्या है?
Personal Loan Settlement कब करना चाहिए?
- जब लोन चुकाने की कोई और संभावना न हो।- जब आय का स्रोत अचानक बंद हो जाए।- जब बैंक खुद आपको निपटान (settlement) का विकल्प दे।- जब कानूनी कार्रवाई का सामना करने से बचना हो।
- जब EMI चुकाने के अन्य विकल्प मौजूद हों।- जब CIBIL स्कोर बनाए रखना जरूरी हो।- जब बैंक के साथ भविष्य में फिर से लोन लेना हो।- जब आप Partial Payment या Loan Restructuring कर सकते हों।
Personal Loan Settlement कब नहीं करना चाहिए?
Personal Loan Settlement करने के नुकसान
- CIBIL स्कोर में भारी गिरावट।- भविष्य में लोन मिलने में कठिनाई।- बैंक आपको ‘Defaulter’ मान सकता है।- अतिरिक्त ब्याज और चार्जेस लग सकते हैं।
Personal Loan Settlement करने से बचने के उपाय
- बैंक से लोन Restructuring की मांग करें।- EMI कम करने के लिए टेन्योर बढ़वाएं।- दूसरी आय के स्रोत से लोन चुकाने की कोशिश करें।- लोन के लिए Family या Friends से मदद लें।