Open Banking क्या है, कैसे काम करता है और फायदे

इस वित्तीय दुनिया में तेजी से हो रहे बदलावों के बीच, Open Banking एक नई और प्रभावशाली अवधारणा के रूप में उभर कर सामने आई है। यह एक ऐसा वित्तीय तंत्र है जो ग्राहकों को उनके बैंकिंग डेटा पर ज्यादा नियंत्रण प्रदान करता है, जिससे वह अपनी वित्तीय जानकारी को चुनिंदा थर्ड-पार्टी सेवाओं के साथ साझा कर सकते हैं। यह मॉडल पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली को और ज्यादा पारदर्शी, कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Open Banking के माध्यम से, ग्राहकों को वित्तीय निर्णय लेने में ज्यादा सुविधा मिलती है। उदाहरण के लिए, वह अलग – अलग वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की तुलना कर सकते हैं, नए भुगतान के साधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं, और यहां तक कि अपने बैंक खातों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़कर पूरी वित्तीय स्थिति की जांच कर सकते हैं। इसके साथ ही, यह नई कंपनियों और स्टार्टअप्स को भी बैंकों के साथ मिलकर इनोवेटिव सेवाएं प्रदान करने का अवसर देता है, जिससे वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में नई संभावनाओं का द्वार खुलता है।

Open Banking की इस नई प्रणाली में सुरक्षा का भी खासतौर पर ध्यान रखा गया है। ग्राहकों की सहमति और डेटा की सुरक्षा के लिए बेहतर तकनीकी के उपाय अपनाए गए हैं, जिससे उनके डेटा का दुरुपयोग होने की संभावना नहीं होती है। कुल मिलाकर, ओपन बैंकिंग न केवल ग्राहकों के लिए ज्यादा सुविधाजनक और किफायती बैंकिंग का मार्ग प्रदान करता है, बल्कि यह वित्तीय क्षेत्र में नवाचार को भी नए आयाम प्रदान करता है।

आज के इस लेख में हम आपको बताएँगे की Open Banking क्या हैं? यह कैसे काम करता हैं? इसके फायदे क्या हैं? इसलिए इस लेख को आखिर तक पढ़ियेगा ताकि बाद में आपको Open Banking से जुडी कोई परेशानी न हो सकें।

Open Banking क्या हैं? 

ओपन बैंकिंग एक नई वित्तीय सेवा मॉडल है जो तीसरे पक्ष के डेवलपर्स को एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) के माध्यम से पारंपरिक बैंकिंग प्रणालियों में किसी तीसरे पक्ष को उनके वित्तीय डेटा तक पहुंचने की अनुमति देता है। यह मॉडल वित्तीय डेटा को साझा करने और उस तक पहुंचने के तरीके को पूरी तरह से बदल देता है।

Open Banking ग्राहकों को उनकी वित्तीय जानकारी पर ज्यादा नियंत्रण दे सकती है और नई सेवाएँ और एप्लीकेशन प्रदान कर सकती है। गैर-वित्तीय कंपनियों के लिए, इस बदलाव का मतलब है कि वह अपने ग्राहकों को कस्टमाइज्ड वित्तीय सेवाएँ प्रदान करने, ज्यादा डेटा-संचालित निर्णय लेने और भुगतान और खाता प्रबंधन में नवाचार करने में सक्षम हैं। वित्तीय डेटा तक बेहतर पहुँच के साथ, व्यापार के भुगतान की प्रक्रियाओं को भी आसान बना सकते हैं और नए रेवेन्यू के स्रोत को उत्पन्न कर सकते हैं।

Open Banking का उदय कब हुआ?

ओपन बैंकिंग की शुरुआत 2018 में यूरोप में PSD2 (Payment Services Directive 2) के तहत हुई थी, जिसके बाद यह प्रणाली धीरे-धीरे अन्य देशों में भी फैल गई। PSD2 के तहत, बैंक अपने ग्राहकों के डेटा को तीसरे पक्ष के प्रदाताओं के साथ साझा करते हैं, बशर्ते यह होती हैं कि ग्राहक ने इसकी सहमति दी हो। इसने वित्तीय सेवा के क्षेत्र में कम्पटीशन और नवाचार को बढ़ावा दिया है।

Open Banking के फायदे क्या हैं?

ओपन बैंकिंग के निम्नलिखित फायदे होते हैं:

  • बेहतर ग्राहक अनुभव

Open Banking के माध्यम से, ग्राहकों को अपने बैंक खातों, लेन-देन और अन्य वित्तीय जानकारी का इस्तेमाल एक ही प्लेटफॉर्म पर करने की सुविधा मिलती है। इससे उन्हें अपने वित्तीय स्थिति को बेहतर ढंग से समझने और उसे मैनेज करने में मदद मिलती है।

  • नवाचार में वृद्धि

ओपन बैंकिंग के कारण तीसरे पक्ष के प्रोवाइडर और फिनटेक कंपनियां नए और कस्टमाइज्ड वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने में सक्षम हो गए हैं। इससे बाजार में कम्पटीशन बढ़ा है और ग्राहकों को बेहतर विकल्प मिल रहे हैं।

  • बेहतर लोन और निवेश के अवसर

Open Banking के तहत, तीसरे पक्ष के प्रोवाइडर को ग्राहकों की वित्तीय जानकारी का इस्तेमाल करके उन्हें बेहतर लोन और निवेश के विकल्प प्रदान करना हैं। उदाहरण के लिए, ग्राहक के खर्च के पैटर्न को देखते हुए उसे कस्टमाइज्ड लोन या निवेश की योजना की पेशकश की जा सकती है।

  • वित्तीय समावेशन

ओपन बैंकिंग का एक और महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह उन लोगों को भी वित्तीय सेवाओं से जोड़ता है जो पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाते थे। इससे वित्तीय समावेशन में सुधार भी हुआ है।

  • लेन-देन में पारदर्शिता

Open Banking के माध्यम से ग्राहक अपने सभी लेन-देन को एक ही जगह देख सकते हैं। इससे उनके लिए अपने वित्तीय व्यवहार को समझना और उसे नियंत्रित करना बहुत आसान हो जाता है। साथ ही, इससे धोखाधड़ी होने की संभावनाएं भी कम हो जाती हैं।

Open Banking में API के कितने प्रकार हैं?

ओपन बैंकिंग में API को आम तौर पर तीन मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

  • डेटाAPI: यह खाता जानकारी, शेष राशि और लेनदेन के इतिहास तक केवल पढ़ने की पहुंच प्रदान करते हैं।
  • लेनदेन API: यह API पैसो का हस्तांतरण, एक प्रत्यक्ष डेबिट को स्थापित करने और भुगतान का आरंभ करने की अनुमति देते हैं।
  • उत्पाद API: यह तीसरे पक्ष को वित्तीय उत्पादों, दरों और शर्तों को सूचीबद्ध करने में सक्षम बनाते हैं। इनका इस्तेमाल अक्सर वेबसाइटों या बाज़ारों के लिए किया जाता है।
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Open Banking कैसे काम करता है?

ओपन बैंकिंग निम्नलिखित तरीके से काम करती हैं:

  • API का इस्तेमाल

Open Banking में API एक जरुरी रोल अदा करता है। API एक सॉफ्टवेयर इंटरफेस है जो की अलग – अलग सॉफ्टवेयर एप्लिकेशनों के बीच डेटा को साझा करने की अनुमति देता है। बैंक अपने ग्राहकों के डेटा को API के माध्यम से तीसरे पक्ष के प्रोवाइडर्स के साथ साझा करते हैं, बशर्ते कि ग्राहक ने इसकी सहमति दी हो।

  • ग्राहक की सहमति

ओपन बैंकिंग का सबसे जरुरी पहलू है ग्राहक की सहमति प्रदान करना। बिना ग्राहक की सहमति के, बैंक किसी भी तीसरे पक्ष के साथ उसका डेटा साझा नहीं कर सकते हैं। यह सहमति आमतौर पर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक क्लिक के माध्यम से दी जाती है, जिससे प्रक्रिया आसान और पारदर्शी बनती है।

  • डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता

Open Banking के अंतर्गत डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता का विशेष ध्यान रखा जाता है। ग्राहकों का डेटा केवल उसी स्थिति में साझा किया जाता है जब वह खुद इसके लिए सहमति देते हैं। इसके अलावा, API के माध्यम से डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाता है, ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की पहुंच से बचाया जा सके।

  • फिनटेक कंपनियों की भूमिका

फिनटेक कंपनियां ओपन बैंकिंग के सबसे बड़े फायदों में से एक हैं। यह कंपनियां बैंकिंग डेटा का इस्तेमाल करके ग्राहकों के लिए नए और कस्टमाइज्ड वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को विकसित करती हैं। उदाहरण के लिए, एक फिनटेक कंपनी आपके खर्च के पैटर्न की जांच कर सकती है और आपको बजट मैनेजमेंट के लिए सुझाव दे सकती है।

  • स्मार्टफोन एप्लिकेशन का इस्तेमाल

Open Banking के तहत, ग्राहकों को स्मार्टफोन एप्लिकेशन के माध्यम से अलग – अलग बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल करने की सुविधा मिलती है। यह एप्लिकेशन ग्राहक के बैंक खातों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ते हैं, जिससे उन्हें अपने वित्तीय स्थिति का एक बेहतर नज़रियाँ मिलता है।

Open Banking के उदाहरण

ओपन बैंकिंग के निम्नलिखित उदहारण हैं: 

  • फिनटेक एप्स

फिनटेक एप्लिकेशन जैसे कि मिंट, Yodlee, और Personal Capital, Open Banking के इस्तेमाल के अच्छे उदाहरण हैं। यह एप्लिकेशन अलग – अलग बैंकों के खातों को जोड़कर ग्राहकों को एक वित्तीय नज़रियाँ प्रदान करते हैं। इसके अलावा, यह एप्स ग्राहकों को खर्च, बजट, और निवेश की योजना बनाने में भी मदद करते हैं।

  • पेमेंट गेटवे

Open Banking के अंतर्गत पेमेंट गेटवे भी आते हैं। उदाहरण के लिए, पेटीएम, गूगल पे, और फोनपे जैसे प्लेटफार्म ग्राहकों के बैंक खातों को जोड़ते हैं और उन्हें सीधे उनके खातों से भुगतान करने की सुविधा प्रदान करते हैं।

  • लोन आवेदन प्लेटफार्म

कुछ फिनटेक कंपनियां ओपन बैंकिंग का इस्तेमाल करके ग्राहकों के लिए कस्टमाइज्ड लोन उत्पादों की पेशकश करती हैं। यह प्लेटफार्म ग्राहकों के वित्तीय डेटा की जांच करते हैं और उन्हें उनके जरूरतों के अनुसार लोन का विकल्प प्रदान करते हैं।

Open Banking के सामने आने वाली चुनौतियां क्या हैं?

ओपन बैंकिंग के सामने आने वाली चुनौतियां निम्नलिखित हैं:

  • सुरक्षा चिंताएं

हालांकि Open Banking में डेटा की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है, फिर भी यह साइबर सुरक्षा के लिहाज से एक गंभीर मुद्दा है। किसी भी प्रकार की सुरक्षा में चूक से ग्राहकों का वित्तीय डेटा खतरे में पड़ सकता है।

  • ग्राहकों की जागरूकता की कमी

ओपन बैंकिंग के प्रति ग्राहकों में जागरूकता की कमी भी एक बड़ी चुनौती है। बहुत से ग्राहक इस नई प्रणाली को अपनाने से कतराते हैं, क्योंकि वह इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते हैं।

  • नियम और अनुपालन

ओपन बैंकिंग के लिए सख्त नियम और अनुपालन की जरुरत है। बिना किसी उचित नियामक ढांचे के, यह प्रणाली बैंकों, फिनटेक कंपनियों, और ग्राहकों के लिए जोखिमभरा साबित हो सकती है।

निष्कर्ष: 

Open Banking न केवल बैंकिंग उद्योग में एक तकनीकी प्रगति है, बल्कि यह ग्राहकों के लिए वित्तीय स्वतंत्रता और नियंत्रण की नई परिभाषा को भी पेश करता है। जहां पहले बैंकिंग सेवाओं को केवल बैंकों तक सीमित रखा जाता था, वहीं अब ओपन बैंकिंग के माध्यम से ग्राहक को अपनी वित्तीय जानकारी पर ज्यादा नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं।

यह प्रणाली पारंपरिक बैंकिंग की सीमाओं को तोड़कर ग्राहकों को पर्सनल और कस्टमाइज्ड सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है। चाहे वह बेहतर लोन का विकल्प हो, ज्यादा सटीक वित्तीय योजना हो, या आसान और सुरक्षित भुगतान प्रणाली हो, ओपन बैंकिंग इन सभी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता रखता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

प्रश्न: Open Banking क्या है?

उत्तर: ओपन बैंकिंग एक ऐसी प्रणाली है जिसमें बैंक और वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों के वित्तीय डेटा को सुरक्षित तरीके से किसी तीसरे पक्ष के प्रोवाइडर के साथ साझा करते हैं। यह साझाकरण एपीआई (API) के माध्यम से होता है, जिसका उद्देश्य ग्राहकों को बेहतर वित्तीय सेवाएं और उत्पाद प्रदान करना है।

प्रश्न: Open Banking कैसे काम करता है?

उत्तर: ओपन बैंकिंग में बैंक एपीआई के माध्यम से ग्राहक के वित्तीय डेटा को तीसरे पक्ष के प्रोवाइडर के साथ साझा करते हैं। ग्राहक की सहमति के बाद, यह प्रदाता इस डेटा का इस्तेमाल नए और कस्टमाइज्ड वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने के लिए करते हैं।

प्रश्न: Open Banking के क्या फायदे हैं?

उत्तर: ओपन बैंकिंग के फायदे में बेहतर ग्राहक अनुभव, नवाचार में वृद्धि, बेहतर लोन और निवेश के अवसर, वित्तीय समावेशन में सुधार, और लेन-देन में पारदर्शिता शामिल हैं।

प्रश्न: Open Banking में डेटा सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाती है?

उत्तर: ओपन बैंकिंग में डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। एपीआई के माध्यम से डेटा एन्क्रिप्ट किया जाता है, और इसे केवल तभी साझा किया जाता है जब ग्राहक इसकी सहमति देता है। इसके अलावा, किसी तीसरे पक्ष के प्रोवाइडर को भी सख्त सुरक्षा मानकों का पालन करना होता है।

प्रश्न: क्या भारत में Open Banking का इस्तेमाल हो रहा है?

उत्तर: हां, भारत में ओपन बैंकिंग धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही है। UPI (Unified Payments Interface) जैसे प्लेटफार्म इसका एक उदाहरण हैं, जो अलग – अलग बैंकों के बीच डेटा को साझा करने की सुविधा प्रदान करते हैं।

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