डिजिटल पेमेंट में एक नए युग की शुरुआत यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI Circle ने की है। इसके जरिये आप आसानी से घर बैठे पेमेंट कर सकते हैं। UPI यूजर्स को अच्छा एक्सपीरियंस देने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI के नए फीचर को शुरू किया हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल (GFF), 2024 में UPI सर्कल (UPI Circle) फीचर को लॉन्च किया था। इस फीचर को लॉन्च करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा था कि इस फीचर के जरिये अब दो लोग एक बैंक अकाउंट से आसानी से UPI कर सकते हैं। इस फीचर से आने से डिजिटल पेमेंट में वृद्धि होगी।
अब एनपीसीआई ने UPI में ‘UPI Circle’ फीचर को जोड़ा है। इस फीचर में वह यूजर भी UPI का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनका बैंक अकाउंट (Bank Account) UPI से लिंक नहीं हैं। इस आर्टिकल में हम आपको UPI Circle के बारे में हर जानकारी देंगे। इसलिए इस लेख को आखिर तक पढ़ियेगा ताकि आपको UPI Circle की पूरी जानकारी प्राप्त हो सकें।
UPI Circle क्या हैं?
यू.पी.आई.सर्किल एक ऐसा फीचर है जिसमें यूजर बिना किसी बैंक अकाउंट के भी यूपीआई से पेमेंट कर सकते हैं। जो यूजर ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) का इस्तेमाल नहीं करते हैं उनके लिए यह फीचर काफी फायदेमंद साबित होगा।
UPI Circle के जरिये पेमेंट के लिए यूजर को केवल मोबाइल नंबर और ओटीपी (OTP) की जरूरत होगी। इस फीचर से अब परिवार या दोस्तों को भी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन करने की सुविधा मिलेगी।
UPI Circle कैसे काम करता हैं?
यू.पी.आई.सर्किल में प्राइमरी यूजर और सेकेंडरी यूजर शामिल होते हैं। जिस यूजर की यूपीआई आईडी (UPI ID) है उसे प्राइमरी यूजर कहेंगे, वहीं जिन्हें UPI Circle से जोड़ा जाएगा उसे सेकेंडरी यूजर कहते हैं। सेकेंडरी यूजर भी आसानी से यूपीआई पेमेंट की सुविधा का फायदा उठा सकता है।
इसे ऐसे समझते हैं कि प्राइमरी यूजर यूपीआई का इस्तेमाल करने का पावर सेकेंडरी यूजर को देता है। वह प्राइमरी यूजर के अकाउंट से आसानी से पेमेंट कर सकते हैं। सेकेंडरी यूजर पार्शियल (आंशिक) या फुल यूपीआई पेमेंट कर सकता है या इसकी परमिशन प्राइमरी यूजर को नहीं दे सकता है।
उदाहरण के तौर पर अगर पिता अपने यूपीआई आईडी में UPI Circle फीचर के तहत बेटे को जोड़ता है तो पिता के पास अधिकार है कि वह बेटे को पार्शियल (आंशिक) या फुल पेमेंट में से कोई एक अधिकार दे सकता है।
UPI Circle का उद्देश्य क्या हैं?
यू.पी.आई.सर्किल के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- UPI Circle उन बच्चों और बुजुर्गों को डिजिटल भुगतान तक आसान पहुंच उपलब्ध कराना जिनके पास अपना खुद का बैंक खाता नहीं है।
- अगर जिन लोगों के पास बैंक खाता नहीं है, उन्हें भी परिवार के सदस्य या मित्र के माध्यम से यूपीआई तक पहुंच मिल जाए, तो नकदी पर निर्भरता धीरे-धीरे कम हो सकती है।
- यूपीआई ग्राहकों की संख्या में भी वृद्धि होगी अगर किसी भी लेनदेन के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करने की सुविधा उन लोगों को भी प्रदान की जाए जिनके पास अभी तक अपना बैंक खाता नहीं है।
सेकेंडरी यूजर को UPI Circle से कैसे लिंक करें?
निम्नलिखित तरीका है जिसके माध्यम से आप यूपीआई को सेकेंडरी यूजर के साथ जोड़ सकते हैं और उन्हें प्राइमरी यूजर की यूपीआई आईडी का इस्तेमाल करने की सुविधा दे सकते हैं।
लिंक करने के लिए निम्नलिखित तरीका अपनाएं :
- प्राइमरी यूजर को पहले QR स्कैन करना होगा या UPI आईडी दर्ज करनी होगी।
- इसके बाद अपनी संपर्क सूची से उस संपर्क का चयन करें जिसे आप अपनी यूपीआई आईडी तक पहुंच प्रदान करना चाहते हैं।
- एक बार जब आप संपर्क का चयन कर लेंगे, तो लिंकिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
प्राइमरी यूजर और सेकेंडरी यूजर के लिए एनपीसीआई ने क्या नियम जारी किए हैं?
यह सुनिश्चित करने के लिए कि UPI Circle एक सुरक्षित तरीका है, एनपीसीआई ने निम्नलिखित नियम प्रदान किए हैं जो सुरक्षा प्रोटोकॉल के रूप में काम करते हैं।
- सभी यूपीआई और पीएसपी को प्राइमरी और सेकेंडरी यूजर दोनों के लिए एक स्वतंत्र यूजर यात्रा प्रदान करने की जरुरत है, जिसका अर्थ है कि यूजर अपनी पसंद के अनुसार किसी भी यूपीआई ऐप का इस्तेमाल कर सकता है।
- सभी सेकेंडरी यूजर के लिए बायोमेट्रिक या ऐप-पासवर्ड अनिवार्य है।
- एक प्राइमरी यूजर, 5 सेकेंडरी यूजर या डिवाइस को एक्सेस दे सकता है, लेकिन एक सेकेंडरी यूजर के पास केवल एक ही प्राइमरी यूजर हो सकता है। एक सेकेंडरी यूजर को एक्सेस देने वाले कई प्राइमरी यूजर नहीं हो सकते हैं।
- सेकेंडरी यूजर के लिए अधिकतम प्रति माह लेनदेन सीमा 15,000 रुपये तथा हर लेनदेन की सीमा 5,000 रुपये है।
- प्राइमरी यूजर यह निर्णय लेगा कि सेकेंडरी यूजर को पूरा एक्सेस दिया जाना चाहिए या आंशिक एक्सेस देना चाहिए।
- प्राइमरी यूजर के पास सेकेंडरी यूजर के यूपीआई इस्तेमाल का पूरा नियंत्रण होगा।
- अगर आपने अपना UPI हाल ही में लिंक किया है, तो पहले 24 घंटों के लिए प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों यूजर के लिए हर लेनदेन की सीमा 5000 रुपये होगी।
- प्राइमरी यूजर को सेकेंडरी यूजर के लेन-देन इतिहास तक की पहुंच होगी और पूरा बैंक खाता विवरण प्राइमरी यूजर को दिखाई देगा।
यूपीआई कम्पनियों के लिए एनपीसीआई ने क्या नियम जारी किए हैं?
- यूपीआई कम्पनियों के संबंध में आरबीआई के सभी मौजूदा नियमो के साथ-साथ आधिकारिक प्रणाली का इस्तेमाल करके किसी भी विफल लेनदेन के लिए ग्राहक मुआवजे का पालन किया जाएगा।
- ऑनलाइन विवाद समाधान (ओडीआर) सुविधा जारी रहेगी।
- UPI Circle के संबंध में किसी भी नए नोटिस से पहले सभी मौजूदा यूपीआई नियमो का पालन किया जाना चाहिए।
फुल और पार्शियल डेलिगेशन क्या है?
‘फुल डेलीगेशन’ के तहत प्राइमरी यूजर अपने सभी सेकेंडरी यूजर्स को एक लिमिट तक ट्रांजैक्शन करने की परमिशन देता है। UPI Circle में इसकी मैक्सिमम लिमिट 15,000 रुपए है। हालांकि, एक बार में वह मैक्सिमम 5000 रुपए तक का ट्रांजैक्शन कर सकेगा।
‘पार्शियल डेलिगेशन’ में प्राइमरी यूजर अपने सेकेंडरी यूजर्स को पेमेंट प्रोसेस शुरू करने की परमिशन देता है। हालांकि, पेमेंट तभी होगा जब प्राइमरी यूजर UPI PIN डालेगा। इसमें पेमेंट की मैक्सिमम लिमिट फुल ट्रांजैक्शन के बराबर यानी 15,000 रुपए है।
UPI Circle के फायदे क्या हैं?
यू.पी.आई.सर्किल के निम्नलिखित फायदे हैं:
- यह उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा जो डिजिटल ट्रांजैक्शन की निगरानी करना चाहते हैं। अगर माता-पिता अपने बच्चों के यूपीआई पेमेंट ट्रांजैक्शन की निगरानी करना चाहते हैं तो UPI Circle के जरिये यह संभव हैं।
- UPI Circle के जरिये बच्चे या माता-पिता के बैंक अकाउंट को मैनेज करना काफी आसान होगा। यूपीआई ट्रांजैक्शन की तरह अकाउंट मैनेज करने में कोई कॉन्फ्लिक्ट नहीं आएगा।
- अगर कोई स्टार्टअप या कंपनी चला रहा है तो यू.पी.आई.सर्किल के जरिये एक अकाउंट से 5 लोग बिल पेमेंट कर सकते हैं। यहां तक कि इसमें सारे पेमेंट की डिटेल्स भी एक जगह रहेगी।
UPI Circle के नुकसान क्या हैं?
यू.पी.आई.सर्किल जितना ही फायदेमंद है उतना ही इसके नुकसान भी हैं। दरअसल, इस फीचर में यूपीआई पेमेंट के लिए सेकेंडरी यूजर पूरी तरह से प्राइमरी यूजर पर डिपेंड है। इसके अलावा कोई भी ट्रांजैक्शन करने से पहले सेकेंडरी यूजर को प्राइमरी यूजर से परमिशन लेनी होगी। प्राइमरी यूजर की परमिशन लिए बगैर सेकेंडरी यूजर इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता हैं।
निष्कर्ष:
UPI Circle फीचर डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनके पास अपना बैंक खाता नहीं है या जो अपने वित्तीय लेनदेन पर नियंत्रण रखना चाहते हैं। इस फीचर के जरिये माता-पिता, बुजुर्ग और छोटे व्यवसायिक समूह भी आसानी से अपने खातों का संचालन कर सकते हैं। हालाँकि, यह फीचर जितना फायदेमंद है, उतना ही इसके साथ कुछ सीमाएँ भी हैं, जैसे कि सेकेंडरी यूजर की प्राइमरी यूजर पर निर्भरता। लेकिन फिर भी, यू.पी.आई.सर्किल ने डिजिटल पेमेंट को ज्यादा सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे देश में डिजिटल लेनदेन को और ज्यादा बढ़ावा मिलेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
Ans: यू.पी.आई.सर्किल एक नया फीचर है जो आपको बिना बैंक खाता लिंक किए, UPI के माध्यम से पेमेंट करने की सुविधा देता है। इसमें प्राइमरी यूजर अपने बैंक अकाउंट को सेकेंडरी यूजर के साथ शेयर कर सकता है, जिससे सेकेंडरी यूजर भी डिजिटल पेमेंट कर सकता है।
Ans: प्राइमरी यूजर वह होता है जिसके बैंक खाते से UPI लिंक होता है, जबकि सेकेंडरी यूजर वह होता है जिसे प्राइमरी यूजर अपने खाते से जुड़ने की अनुमति देता है।
Ans: हां, यू.पी.आई.सर्किल फीचर का इस्तेमाल बिना बैंक खाता लिंक किए किया जा सकता है। सेकेंडरी यूजर केवल प्राइमरी यूजर के माध्यम से UPI पेमेंट कर सकता है।
Ans: यू.पी.आई.सर्किल में सेकेंडरी यूजर के लिए प्हर महीने ट्रांजैक्शन की सीमा 15,000 रुपये है, और प्रति ट्रांजैक्शन की सीमा 5,000 रुपये है।
Ans: यह प्राइमरी यूजर पर निर्भर करता है कि वह सेकेंडरी यूजर को पूरा एक्सेस (फुल डेलिगेशन) देता है या आंशिक एक्सेस (पार्शियल डेलिगेशन)। आंशिक एक्सेस के मामले में, सेकेंडरी यूजर को पेमेंट करने के लिए प्राइमरी यूजर से अनुमति लेनी होगी।