जब कर्जदार नियम और शर्तो के अनुसार लोन चुकाने में असमर्थ होते हैं, तो इसे लोन डिफ़ॉल्ट कहते हैं। ऐसे अलग – अलग कारणों की वजह से हो सकता है, जैसे वित्तीय परेशानियां, फ़िज़ूल के खर्च या आय में कमी आदि। ऐसी स्तिथि में कर्जदारों को अपने अधिकारों को स्पष्ट रूप से समझें जरुरी हैं।
भारत में भी कई दुसरे देशो की तरह ही कानूनी सीमाएं मौजूद है जिनका कर्ज लेने वालो को पालन करना होता हैं। एक कर्जदार के रूप में आपको अपने अधिकारों को जानना और अपने आप को लोन रिकवरी एजेंट के उत्पीड़न से बचाने के लिए जरुरी हैं। लोन रिकवरी की प्रक्रिया को जानने से आप लोन डिफ़ॉल्ट से निपटने और उसका हल ढूंढने के लिए कर सकते हो।
इस लेख में हम आपको बताएँगे की एक कर्जदार के रूप में आपके क्या अधिकार हैं? इसके साथ ही हम आपको इस लेख लोन रिकवरी से जुडी जानकारियों के बारें में बताएँगे। इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़िएगा ताकि बाद में आपको किसी परेशानी का सामना न करना पढ़ें।
लोन रिकवरी वाला कौन होता हैं?
भारत में, वह व्यक्ति लोन रिकवरी वाला होता है जिसे बैंक द्वारा कर्जदारों से लोन की वसूली के नियुक्त किया जाता हैं। आप लोन रिकवरी वालो को वित्तीय सुधार एक्सपर्ट की तरह ही समझे, जो बैंक को कानूनी सीमाओं के अंदर उनका पैसा दिलवाने में मदद करते है। भारत में लोन रिकवरी वाला व्यक्ति एक पेशेवर रिकवरी एजेंसी को संदर्भित करता हैं जो बैंको, वित्तीय संस्थानों द्वारा नियुक्त किया जाता हैं, जो की लोगो से बैंक के लोन की वसूली करते हैं। इन रिकवरी वालो के लिए RBI ने नियम और शर्ते लागू कर रखी हैं, जिनके हिसाब मुताबिक रिकवरी वालो को अपना काम करना पड़ता हैं। अगर वह ऐसा नहीं करते है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्येवाही भी हो सकती हैं।
लोन कितने प्रकार के होते हैं?
आमतौर पर लोन दो ही प्रकार के होते हैं :
- सुरक्षित लोन
सुरक्षित लोन वह लोन होता है जिसको आप अपनी किसी संपत्ति को बैंक में गिरवी रखकर लेते है। उदहारण के तौर पर होम लोन और कार लोन आदि सुरक्षित लोन में शामिल होते हैं। अगर आप सुरक्षित लोन का भुगतान करने में चूक करते हैं तो बैंक वाले आपकी गिरवी राखी गयी संपत्ति को बेचकर अपन लोन के पैसो को पूरा करते हैं। इस प्रक्रिया को कानून के दायरे में रखकर किया जाता हैं।
- असुरक्षित लोन
असुरक्षित लोन वह लोन है जिसको आप बिना किसी गारंटी के लेते हो। यह लोन लेने पर पर आपको अपनी किसी भी सम्पत्ति को गिरवी नहीं रखना होता हैं। अगर आप असुरक्षित लोन का भुगतान करने में चूक करते हैं तो बैंक आपके खिलाफ कानूनी कार्येवाही भी कर सकता हैं। लोन का डिफ़ॉल्ट करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं।
एक कर्जदार के रूप आपके क्या अधिकार हैं ?
अगर रिकवरी एजेंट आपके घर पर आता है और आपसे लोन क अभुगतान करने के लिए जोर – जबरदस्ती करता है या आपको धमकी देता हैं तो आपको एक कर्जदार के रूप अपने अधिकारों का पता होना चाहिए :
न्यायपूर्ण व्यवहार का अधिकार
जब कोई रिकवरी वाला आपके घर पर आता है या आपको संपर्क करता है और आपको लोन का भुगतान करने के लिए धमकाता या परेशान करता है तो आपके पास अधिकार है की वह आपके साथ इस तरह से व्यवहार नहीं कर सकता हैं। अगर वह ऐसा कुछ करता है तो आप उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
भेदभाव से बचने का अधिकार
अगर रिकवरी एजेंट आपके साथ किसी चीज़ को लेकर भेदभाव करता है या ऊंचनीच करता है जैसे आपकी जाति, लिंक और उम्र के आधार पर आपके साथ भेदभाव करता है। अगर आपको लग रहा है की वह आपके साथ भेदभाव कर रहा है तो आप मानवाधिकार आयोग से समपर्क करके उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।
अपनी गोपनीयता को सुरक्षित रखने का अधिकार
आपको अपनी निजता को गुप्त रखने का अधिकार हैं। कर्ज देने वाली संस्था आपके बारे में जानकारी इकठा कर सकते हैं, उसका इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन उन्हें गोपनीयता के नियमो का पालना करना होगा। कोई भी वित्तीय संस्था आपके लोन के बारें में किसी ओर व्यक्ति को तब तक नहीं बता सकती हैं जब तक की आप उसको लिखित में उस काम को करने के लिए अनुमति नहीं दे देते हैं।
अगर आपको लगता है की आपकी गोपनीयता का उलंघन हो रहा है, तो आप उस लोन देने वाली संस्था को शिकायत जिसने ऐसा करा हैं। अगर बैंक या अन्य संस्थाएं आपकी बात नहीं सुनती हैं तो आप लोकपाल के पास सम्पर्क कर सकते हैं।
सहायता प्राप्त करने का अधिकार
अगर आप गंभीर वित्तीय परिस्तिथि में फंस गए है और आपको लोन का भुगतना भी करना है तो आप वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं वह आपकी लोन से जुडी समस्याओ से निपटने के लिए सहायता प्रदान कर सकते हैं। अगर कोई रिकवरी वाला आपको संपर्क करता है और आपको किसी बात पर सहमत होने के लिए आपके ऊपर दवाब डालता हैं या किसी भी चीज़ पर हस्ताक्षर करने को कहता है तो आपको उसको सहमति देने से पहले वित्तीय या कानूनी सलाह को जानने का अधिकार हैं।
लोन पर सवाल उठाने का अधिकार
यदि आपको लगता है कि आपसे लिया जा रहा लोन गलत है या आपकी लोन की राशि गलत है, तो आप सवाल उठा सकते हैं। आप लोन देने वाली संस्था के दावे पर सवाल उठा सकते हैं अगर आप विश्वास नहीं करते हैं। अगर कोई रिकवरी वाला आपको ऐसा काम करने के लिए बोल रहा है जो आपका है ही नहीं तो आप उसपर सवाल उठा सकते हो और उसके खिलाफ शिकायत भी कर सकते हो।
5 बातें जो कर्ज देने वालो को नहीं करनी चाहिए
निचे कुछ बातें बताई गई है जिनका इस्तेमाल लोन देने वाली संस्था को कर्जदार से लोन लेने के लिए नहीं कर करना चाहिए :
- लोन एजेंसी के लिए काम करने का नाटक करना
FDCPA लोन लेने वालो वसूलने वालो को कानून सहित किसी भी सरकारी लोन एजेंसी के लिए काम करने का दिखावा करने से रोकता हैं। लोन की वसूली करने वाले पुलिस की पेशकश का दिखावा नहीं कर सकते हैं और अगर आप उनका लोन नहीं चुकाते हैं तो वह आपको गिरफ्तार करने या आपके खिलाफ कानूनी आरोप लगाने की धमकी भी नहीं दे सकते हैं। कानून उनको राज्य सरकार की अनुमति के तहत एजेंसियो के लिए काम करने वाले के रूप में खुद को गलत तरीके से प्रस्तुत करने से रोकता हैं।
- आपको गिरफ्तार करने की धमकी देना
लोन रिकवरी एजेंसी, लोन की वसूली करने के लिए झूठा दावा नहीं कर सकती हैं वह आपको इस बात की धमकी नहीं दे सकते है की अगर आपने लोन का भुगतान नहीं किया तो आपको गिरफ्तार कर लिया जायेगा। अगर आप लोन का भुगतान करने में चूक करते है तो रिकवरी एजेंसी आपके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी नहीं करवा सकती है या आपको जेल में नहीं डलवा सकती हैं। इसके अलावा अगर आपने क्रेडिट कार्ड लोन, बंधक लोन या कार लोन ले रखा है और उसका भुगतान नहीं किया है तो आपको जेल नहीं जाना पड़ेगा।
लेकिन अगर आपको किसी लोन से सम्बंधित मामले पर अदालत में जाने का आदेश आता है और आप अदालत में उपस्तिथ नहीं होते हैं तो न्यायधीश आपकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर सकता हैं। और अगर आपने अदालत में लोन से जुड़े जुर्माने को नहीं भरा है तो आपको जेल भी जाना पड़ सकता हैं।
आपको भरे समाज के सामने शर्मिंदा करना
लोन की वसूली करने वालो को सार्वजनिक रूप से आपको उन पैसो का भुगतान करने के लिए शर्मिंदा करने की कोशिश करने की अनुमति नहीं है जो आपके ऊपर बकाया है और नहीं भी। असलियत में तो उन्हें पोस्टकार्ड के द्वारा आपसे समर्पक करने की भी अनुमति नहीं हैं। वह उन लोगो के नाम को दुसरे लोगो तक नहीं पंहुचा सकते है जिनपर लोन का पैसा बाकी हैं। वह इस मामले पर आपके जीवनसाथी या आपके वकील के अलावा किसी दुसरे से व्यक्ति से चर्चा नहीं कर सकता हैं।
लोन रिकवरी वाले आपको पूरे समाज के सामने शर्मिंदा नहीं कर सकते है और आपके लोन के बारें में किसी तीसरे बन्दे को भी नहीं बता सकते हैं अगर वह ऐसा कर रहे है तो आप उस वित्तीय संस्था को शिकायत कर सकते हो जहाँ से वह रिकवरी वाला आया हैं।
जो लोन आपके ऊपर बकाया नहीं है उसकी वसूली करने का प्रयास करना
कुछ लोन की वसूली करने वाले जानबूझकर या अनजाने में आपसे पैसे लेने के लिए गलत जानकारियों का इस्तेमाल करते हैं। जिस भी संस्था से आपने लोन लिया था और उसका भुगतान नहीं कर पाए तो वह संस्था आपके लोन की जानकारी किसी लोन रिकवरी एजेंसी को बैच देती हैं। इसके परिणामस्वरूप रिकवरी वाले आपसे गलत जानकारी के आधार पर आपसे समपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा यह भी हो सकता है की आगेकी आपसे ऐसा लोन वसूलने की कोशिश कर रही हो जो आपने पहले ही दिवालियांपण के चलते चूका दिया हो या हो सकता है की ऐसे व्यक्ति का कर्ज आपसे वसूल कर रही हो जिसका नाम आपके नाम से मिलताजुलता हैं। लोन रिकवरी वालो को आपसे पहली बार समपर्क करने से पहले आपको एक नोटिस भेजना होता हैं। जिसमे यह बात होनी चाहिए की आप पर कितना लोन बकाया हैं।
अगर आपको आपने असुरक्षित लोन का भुगतान करने में परेशानी हो रही है तो आप मदद के लिए हमें यानी https://ahktips.com/ को समपर्क कर सकते हैं। कर्जदार के रूप में परेशान है तो – हम आपके लोन की कुल राशि का 30% में सेटलमेंट करवाते है। अगर आपको लोन सेटलमेंट से जुडी और जानकारी के बारें में जानना है तो आप हमें संपर्क कर सकते हैं।
आपको परेशान करना
कानून उन अलग तरह के तरीको को सूचीबद्ध करता हैं, जिनसे लोन की वसूली करने वालो को आपको परेशान करने की अनुमति नहीं हैं। कर्जदार के रूप में परेशान है, तो यह निम्लिखित बातें है, जो रिकवरी वाले आपक साथ नहीं कर सकते हैं।
- आपको नुक्सान पहुंचाने की धमकी देना हैं।
- अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करके आपसे बात करना।
- आपको बार – बार फ़ोन करना और आपको परेशान करना।
- आपके घर पर बार – बार रिकवरी के लिए आना और आपका अपमान करना।
- आपको मोहल्ले वालो के सामने बेइज़त करना।
नियमो का उलंघन करने वाले लोन रिकवरी वाले के खिलाफ शिकायत कैसे कर सकते हैं ?
अगर आपको लगता है की किसी लोन रिकवरी वाले ने अपने नियमो का उल्लंघन किया है, तो आप उसके खिलाफ राज्य अर्टोनी जनरल के कार्यालय से समपर्क करके शिकाय दर्ज कर सकते हैं और वह आपको इसका सुझाव भी बताती हैं। राज्य के पास अलग -अलग लोन वसूली के कानून हैं। अपने राज्य के कानून के तहत अपने अधिकारों का पता लगाने के लिए आप आपन राज्य के अर्टोनी जनरल के कार्यालय से समपर्क कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
FDCPA विशिष्ट नियमो को बनाता है, जिनका लोन वसूलने वाले को पालन करना चाहिए और कुछ अपमानजनक चीज़ो पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए। लेकिन सभी लोन रिकवरी वाले नियमो के अनुसार नहीं चलते हैं। अगर लोन रिकवरी वाला आपको परेशान कर रहा है तो आपको अपन अधिकारों के बारें में पता होना चाहिए। यदि लोन वसूलने वाला कानून के अधिकारों का उलंघन करता है तो आप उसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं और उनेक ऊपर मुकदमा भी कर सकते हैं।
हमें आशा है, कि आपको इस लेख में बताई गई बातें समझ में आयी होंगी। अगर आपको किसी भी विषय को समझने में परेशानी हो रही है, तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं, हम आपके सवाल का जवाब अवश्य ही देंगे। इसी तरह से हमारे लेखो को पड़ते रहे और हमारे साथ जुड़े रहे। हम आपके लिए ऐसे लोन से जुड़े अधिकारों को आपके सामने प्रस्तुत करते रहेंगे।