भारत में म्यूचुअल फंड काफी लोकप्रिय हो गया है, और इसके पीछे कई अच्छे कारण हैं। कई निवेशक Mutual फंड को उनके रिटर्न के कारण पसंद करते हैं। हमारे दीर्घकालिक धन-सृजन लक्ष्यों को पूरा करने में Mutual फंड हमें मुद्रास्फीति से उबरने में भी मदद करते हैं। अब म्यूचुअल फंड हमारे पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है, कि हम जानें कि उनमें कैसे निवेश करें ताकि हम सबसे अच्छा विकल्प चुन सकें और अपना पोर्टफोलियो अपनी इच्छाओं के अनुसार बना सकें।
शेयर बाजार में निवेश करके लाभ उठाने का आसान तरीका Mutual फंड है। Multi-Cap Fund में 25% लार्ज, मध्यम और स्मॉल-कैप स्टॉक्स होते हैं, जिससे यह ज्यादा आक्रामक होता है। Flexi-Cap Fund बड़े, मध्यम या छोटे कैप में निवेश कर सकते हैं।
इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे, कि Multi-Cap Fund और Flexi-Cap Fund क्या होते हैं। साथ ही हम इन दोनों फंडों के बीच के अंतर को भी समझेंगे। इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़िएगा ताकि आपको Mutual फंड में निवेश करने में कोई परेशानी न हो।
Multi – Cap Fund का अर्थ क्या होता हैं?
Multi-Cap Fund म्यूचुअल फंड की एक श्रेणी है, जिसमें विभिन्न प्रकार की कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जाता है। इनमें लार्ज कैप, मिड कैप, और स्मॉल कैप कंपनियों के शेयर शामिल होते हैं। इस प्रकार के फंड का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को संतुलित और विविधीकृत पोर्टफोलियो प्रदान करना होता है, जिससे जोखिम कम होता है और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने का लाभ मिल सके।
Flexi – Cap Fund का अर्थ क्या होता हैं?
Flexi-Cap Fund एक प्रकार का Mutual फंड है जिसमें फंड मैनेजर को विभिन्न कैपिटलाइजेशन (लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप) के शेयरों में निवेश करने की स्वतंत्रता होती है। इसका उद्देश्य विभिन्न बाजार की स्थितियों में अधिकतम लाभ प्राप्त करना होता है। Flexi-Cap Fund का मतलब है, कि यह फंड विभिन्न प्रकार की कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकता है, जिससे यह ज्यादा लचीला होता है और फंड मैनेजर को बाजार के विभिन्न हिस्सों में अवसर तलाशने की स्वतंत्रता मिलती है।
शेयर बाजार में क्या है नियम
शेयर बाजार में शीर्ष 100 कंपनियां लार्ज-कैप में आती हैं, 101 से 250 रैंक वाली कंपनियां मिड-कैप में आती हैं और बाकी सभी कंपनियां स्मॉल-कैप में आती हैं। Multi-Cap Fund और Flexi-Cap Fund दोनों अलग-अलग मार्केट कैपिटलाइजेशन में निवेश करते हैं। Flexi-Cap Fund ज्यादातर लार्ज-कैप शेयरों में निवेश करता है, जबकि Multi-Cap Fund हर श्रेणी में कम से कम 25% निवेश करता है।
आखिर यह फण्ड है क्या?
मल्टी कैप फंड में इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में कम से कम 75% निवेश किया जाता है। सितंबर 2020 में सेबी ने लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में 25 प्रतिशत का निवेश करना अनिवार्य कर दिया। फ्लेक्सी कैप फंड में इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में कम से कम 65% निवेश होता है। इस श्रेणी की शुरुआत नवंबर 2020 में हुई थी।
Multi – Cap Fund और Flexi – Cap Fund में क्या अन्तर हैं?
मल्टी-कैप और Flexi-Cap Fund में सबसे बड़ा अंतर उनके मार्केट-कैप आवंटन का है। मल्टी कैप फंड को लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में कम से कम 25% निवेश करना होता है। मिड और स्मॉल कैप शेयरों में 25% निवेश करने के कारण यह फंड Flexi-Cap Fund की तुलना में ज्यादा जोखिम भरे और अधिक वोलाटाइल होते हैं। फ्लेक्सी कैप फंड लार्ज-कैप, मिड-कैप, और स्मॉल-कैप शेयरों में अपनी मर्जी से निवेश कर सकते हैं। यह फंड मल्टी कैप फंड की तुलना में कम जोखिम भरे और कम वोलेटाइल होते हैं।
दोनों का प्रदर्शन कैसा रहा है?
मल्टी कैप फंड ने पिछले वर्ष औसतन लगभग 44.29% रिटर्न दिया था, जिसमें HSBC मल्टी कैप फंड ने सबसे ज्यादा 56.56% रिटर्न दिया था। इसके विपरीत, फ्लेक्सी कैप फंड ने पिछले वर्ष औसतन 38.08% रिटर्न दिया था, जिसमें JM फ्लेक्सी कैप फंड ने सबसे ज्यादा 64.81% रिटर्न दिया था।
किसे निवेश करना चाहिए?
फ्लेक्सी कैप स्कीम आमतौर पर उन निवेशकों के लिए होती हैं जो लंबी अवधि में संपत्ति बनाना चाहते हैं। कम समय के लिए पैसे लगाने वाले निवेशक इस फंड से दूर ही रहें। दरअसल, इन योजनाओं में पांच से सात साल के निवेश के दृष्टिकोण से निवेश करना चाहिए। लंबी अवधि के दौरान इनमें अच्छा रिटर्न देखा गया है।
निष्कर्ष:
निवेशकों के लिए फ्लेक्सी-कैप और मल्टी-कैप फंड दोनों ही आकर्षक विकल्प हैं, लेकिन इनमें निवेश करने से पहले इनके बीच का अंतर समझना महत्वपूर्ण है। Flexi-Cap Fund ज्यादा लचीले होते हैं और बाजार के विभिन्न हिस्सों में अवसरों की तलाश करते हैं, जबकि Multi-Cap Fund निवेशकों को विविधता और संतुलन प्रदान करते हैं। Multi-Cap Fund ज्यादा जोखिम भरे और वोलेटाइल होते हैं क्योंकि इनमें विभिन्न मार्केट कैपिटलाइजेशन में 25% का निवेश अनिवार्य है। Flexi-Cap Fund, दूसरी ओर, कम जोखिम भरे और कम वोलेटाइल होते हैं, इसलिए इनमें निवेश करना आसान है।
दोनों फंड्स ने पिछले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जिससे निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला है। लेकिन निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहने की क्षमता और निवेश की अवधि के आधार पर सही फंड का चयन करना चाहिए। अंत में, म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए। पोर्टफोलियो को अच्छा बनाने के लिए सही निवेश की रणनीति और बाजार की समझ होनी चाहिए। ताकि वे अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें, निवेशकों को अपने निवेश निर्णयों में सावधानी बरतनी चाहिए और बार-बार अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए।