संक्षेप
Loan Settlement एक ऐसा विकल्प होता है, जो बैंक उन ग्राहकों को देती है जो लंबे समय से EMI नहीं चुका पा रहे होते हैं और जिनका लोन NPA (Non-Performing Asset) घोषित हो जाता है। यह प्रक्रिया उन मामलों में लागू होती है, जहां बैंक को यह लगता है कि पूरा लोन वसूलना मुश्किल होगा और वह ग्राहक से आंशिक भुगतान लेकर लोन खाता बंद करने का प्रस्ताव रखती है।
बैंक आमतौर पर लोन सेटलमेंट का ऑफर तभी देती है जब— (1) ग्राहक की वित्तीय स्थिति बहुत खराब हो, (2) लोन लगातार 6 महीने से अधिक समय तक डिफॉल्ट में हो, (3) कानूनी कार्रवाई से बचने की जरूरत हो, या (4) बैंक को लोन रिकवरी की संभावना कम दिखे।
इसलिए, लोन सेटलमेंट करने से पहले अन्य विकल्पों जैसे लोन पुनर्गठन (Restructuring), EMI पुनर्निर्धारण (Rescheduling) या बैंक से समय बढ़ाने की अपील करना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर लोन सेटलमेंट करना ही एकमात्र विकल्प है, तो बैंक से लिखित में सेटलमेंट लेटर और NOC (No Objection Certificate) लेना अनिवार्य होता है, ताकि भविष्य में कोई कानूनी या वित्तीय समस्या न आए।
परिचय
आज के दौर में लोन लेना आसान हो गया है, लेकिन समय पर EMI चुकाना हर किसी के लिए संभव नहीं होता हैं। कई बार आर्थिक तंगी, नौकरी जाने, या किसी अन्य कारण से लोग अपने लोन की किश्ते भरने में असमर्थ हो जाते हैं। ऐसे में बैंक और वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों को “लोन सेटलमेंट” (Loan Settlement) का विकल्प देते हैं। लेकिन अब सवाल यह है कि बैंक लोन सेटलमेंट का ऑफर कब देती है? क्या यह हर ग्राहक के लिए उपलब्ध होता है या सिर्फ कुछ खास परिस्थितियों में ही दिया जाता है?
लोन सेटलमेंट एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्थान ग्राहक को बकाया राशि का कुछ हिस्सा चुकाकर लोन खाता बंद करने का मौका देते हैं। यह सुविधा उन ग्राहकों को दी जाती है जो लंबे समय से EMI नहीं चुका पा रहे होते और उनका लोन NPA (Non-Performing Asset) की श्रेणी में आ जाता है। हालांकि, यह समाधान हर किसी के लिए फायदेमंद साबित नहीं होता हैं क्योंकि इसका असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ता है और भविष्य में लोन लेने में मुश्किल हो सकती है।
हालांकि, लोन सेटलमेंट को अंतिम उपाय के रूप में देखा जाता है। यह आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है और भविष्य में नए लोन लेने में बाधा बन सकता है। इसलिए, अगर संभव हो तो लोन का पूरा भुगतान करने की कोशिश करनी चाहिए। इस प्रक्रिया को समझना और सही निर्णय लेना बहुत जरूरी है ताकि आपकी वित्तीय स्थिति पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
आगे इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि बैंक लोन सेटलमेंट की प्रक्रिया क्या होती है, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं, और किन विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।
Loan Settlement क्या होता हैं?
यह एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्था लोन लेने वाले व्यक्ति को पूरी बकाया लोन की राशि को चुकाने के बजाय कम राशि देकर लोन निपटाने का मौका देती है। यह सुविधा उन लोगों के लिए होती है जो किसी कारण से अपना लोन समय पर नहीं चुका पाते हैं और लगातार डिफॉल्ट कर रहे होते हैं।
सेटलमेंट के तहत बैंक एकमुश्त राशि (लंपसम अमाउंट) पर सहमति बना सकता है, जिससे लोन बंद हो जाता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि लोन सेटलमेंट करने से आपका CIBIL स्कोर प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में आपको लोन लेने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए, इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।
Loan Settlement कैसे काम करता है?
जब कोई व्यक्ति अपने पर्सनल लोन की EMI समय पर चुकाने में असमर्थ हो जाता है और लंबे समय तक बकाया राशि जमा हो जाती है, तो बैंक या वित्तीय संस्था लोन सेटलमेंट का विकल्प देती है। इसमें बैंक ग्राहक को पूरी बकाया राशि के बजाय रियायती रकम (discounted amount) चुकाने का मौका देता है, जिससे लोन का मामला निपट जाता है।
सेटलमेंट की प्रक्रिया में ग्राहक और बैंक के बीच बातचीत होती है, जहां बैंक इस बात की पुष्टि करता है कि ग्राहक लोन का पूरा भुगतान नहीं कर सकता हैं। इसके बाद, बैंक एक सिंगल-शॉट पेमेंट ऑफर देता है, जो आमतौर पर बकाया लोन राशि से कम होता है। जब ग्राहक इस सहमत राशि का भुगतान कर देता है, तो बैंक लोन को “Settled” के रूप में रिपोर्ट करता है। हालांकि, यह CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है क्योंकि इसे “Complete Payment” नहीं माना जाता हैं।
इसलिए, लोन सेटलमेंट को अंतिम विकल्प के रूप में ही चुनना चाहिए और अगर संभव हो, तो लोन रीपेमेंट प्लान, लोन री-स्ट्रक्चरिंग या अन्य वित्तीय समाधान पर विचार करना चाहिए ताकि CIBIL Score खराब न हो।
Loan Settlement करने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें?
अगर आप इसे ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें:
बैंक की वेबसाइट या ऐप पर जाएं
- अपने लोन प्रदाता या बैंक की ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप को खोलें।
- साइन अप करें, अगर पहले से अकाउंट है, तो लॉग इन करें। नहीं तो नया अकाउंट बनाएं।
कस्टमर सपोर्ट सेक्शन देखें
- वेबसाइट या ऐप पर ‘Customer Support’ या ‘Contact Us’ सेक्शन पर जाएं।
- यहां आपको “Loan Settlement” से संबंधित विकल्प मिल सकता है, जैसे:
- लोन से जुड़ी शिकायत दर्ज करना।
- लोन सेटलमेंट के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म।
सेटलमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म भरें
- “Loan Settlement Request” विकल्प चुनें।
- मांगी गई जानकारी भरें, जैसे:
- आपका नाम
- लोन अकाउंट नंबर
- ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
- कारण (क्यों आप सेटलमेंट करना चाहते हैं, जैसे वित्तीय समस्या या आय में कमी)।
जरूरी दस्तावेजो को अपलोड करें
- अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति को दिखाने वाले दस्तावेज अपलोड करें, जैसे:
- इनकम सर्टिफिकेट या सैलरी स्लिप
- बैंक स्टेटमेंट
- कोई अन्य प्रमाण जो आपकी समस्या को स्पष्ट करे।
- सभी दस्तावेज स्कैन करके सही फॉर्मेट में अपलोड करें (PDF या JPEG)।
सबमिट करें और बैंक की तरफ से जवाब आने का इंतजार करें
- फॉर्म सबमिट करने के बाद, बैंक आपकी रिक्वेस्ट की जांच करेगा।
- आमतौर पर बैंक 7-10 वर्किंग डेज़ में आपसे संपर्क करता है। वे ईमेल, कॉल, या मैसेज के जरिए सेटलमेंट की जानकारी देंगे।
बैंक के ऑफर को समझें
- बैंक आपके बकाया राशि का एक हिस्सा माफ करने का प्रस्ताव देगा। इसे ध्यान से पढ़ें।
- अगर आपको ऑफर स्वीकार है, तो आगे बढ़ें। नहीं तो और बातचीत करें।
भुगतान करें
- बैंक द्वारा तय की गई सेटलमेंट राशि को ऑनलाइन पेमेंट मोड के जरिए चुकाएं।
- बैंक आपको पेमेंट का कन्फर्मेशन देगा और आपका लोन खाता बंद कर देगा।
Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement में क्या अंतर है?
हालांकि, Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement दोनों का उद्देश्य कर्जदार को राहत देना होता है, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी होते हैं।
अंतर के बिंदु | Loan Settlement | Credit Card Loan Settlement |
प्रकार | किसी भी प्रकार के लोन (पर्सनल, होम, कार, एजुकेशन, आदि) का निपटारा | केवल क्रेडिट कार्ड के बकाया राशि का निपटारा |
सेटलमेंट प्रक्रिया | बैंक एकमुश्त राशि को तय करता है, जिसे चुकाने पर लोन सेटल हो जाता है। | क्रेडिट कार्ड कंपनी एक तय की गई राशि पर समझौता करती है। |
CIBIL स्कोर पर प्रभाव | CIBIL स्कोर 50-100 पॉइंट तक गिर सकता है और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है | CIBIL स्कोर पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है, और नए क्रेडिट कार्ड पाना मुश्किल हो सकता है। |
भविष्य में लोन मिलने की संभावना | होम लोन, कार लोन या अन्य लोन प्राप्त करने में समस्या आ सकती है | क्रेडिट कार्ड कंपनियां कार्ड जारी करने से इनकार कर सकती हैं। |
ब्लैकलिस्ट होने की संभावना | कम | खासकर क्रेडिट कार्ड कंपनियों द्वारा |
Loan Settlement से CIBIL स्कोर पर पड़ने वाले प्रभाव कौनसे हैं?
- जब बैंक या NBFC CIBIL को रिपोर्ट करता है कि आपका लोन “Settled” है, तो आपका स्कोर तुरंत गिर जाता है। गिरावट कितनी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका पहले का स्कोर कितना अच्छा था।
- बैंक और फाइनेंशियल संस्थान ऐसे ग्राहकों को “हाई-रिस्क” कैटेगरी में रखते हैं, जिन्होंने अपना लोन सेटल किया है। इसका मतलब यह है कि भविष्य में अगर आप किसी भी प्रकार का लोन (पर्सनल, होम, कार, एजुकेशन) लेने की कोशिश करेंगे, तो आपका आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है।
- अगर आपने लोन सेटल किया है, तो भविष्य में किसी भी बैंक से क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को देखते हैं और यदि उन्हें “Settled” स्टेटस दिखता है, तो वे आपको क्रेडिट कार्ड देने से इनकार कर सकते हैं।
- अगर किसी बैंक ने आपको लोन देने का फैसला किया भी, तो आपको बहुत ज्यादा ब्याज दर (High Interest Rate) पर लोन मिल सकता है। यह इसलिए क्योंकि बैंक आपको जोखिम भरा ग्राहक मानते हैं और अपने पैसे की सुरक्षा के लिए ज्यादा ब्याज दर लगाते हैं।
- Loan Settlement की जानकारी आपकी CIBIL रिपोर्ट में कम से कम 7 साल तक बनी रहती है। इसका मतलब है कि भले ही आप बाद में अपना वित्तीय व्यवहार सुधार लें, लेकिन आपका सेटलमेंट रिकॉर्ड बैंकों को दिखता रहेगा और आपकी क्रेडिट योग्यता को प्रभावित कर सकता है।
Loan Settlement के बाद CIBIL स्कोर को सुधारने के क्या तरीके हैं?
अगर आपने Loan Settlement कर लिया है और अब CIBIL स्कोर सुधारना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कदम उठा सकते हैं:
- समय पर सभी लोन और क्रेडिट कार्ड के बिल का पूरा भुगतान करें।
- अगर संभव हो तो बैंक से संपर्क करके “Settled” स्टेटस को “Closed” में बदलवाने” की कोशिश करें।
- क्रेडिट कार्ड का सीमित इस्तेमाल करें और समय पर पूरा भुगतान करें।
- कोई छोटा लोन लें और उसे नियमित रूप से चुकाएं ताकि नया अच्छा क्रेडिट इतिहास बन सके।
- CIBIL रिपोर्ट को नियमित रूप से चेक करें और किसी भी गलती को सुधारने के लिए CIBIL को अनुरोध दें।
बैंक Loan Settlement का ऑफर कब देती है?
लोन लेना जितना ही आसान होता है, उसे चुकाना कई बार उतना ही मुश्किल हो सकता है। कई बार आर्थिक तंगी, नौकरी जाने, व्यापार में नुकसान या अन्य वित्तीय समस्याओं के कारण लोग लोन की EMI नहीं भर पाते हैं। जब कोई ग्राहक लगातार कई महीनों तक EMI नहीं चुका पाता हैं, तो बैंक उसे Loan Settlement का ऑफर देती है। लेकिन यह ऑफर हर ग्राहक को नहीं मिलता हैं, बल्कि कुछ खास परिस्थितियों में ही दिया जाता है।
बैंक किन परिस्थितियों में Loan Settlement का ऑफर देती है?
- आर कोई ग्राहक लगातार 6 महीने या उससे ज्यादा समय तक EMI नहीं चुका रहा हैं और बैंक को यह लगने लगे कि पूरा लोन वसूलना मुश्किल होगा, तो बैंक लोन सेटलमेंट का ऑफर दे सकती है।
- अगर कोई व्यक्ति आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हो गया है, नौकरी चली गई है, या गंभीर बीमारी के कारण काम करने में असमर्थ है, तो बैंक सेटलमेंट का विकल्प दे सकती है।
- जब कोई लोन 90 दिनों से अधिक समय तक बकाया रहता है, तो बैंक उसे NPA घोषित कर देती है। ऐसे मामलों में बैंक घाटे को कम करने के लिए सेटलमेंट का प्रस्ताव रख सकती है।
- जब ग्राहक पर बैंक द्वारा कानूनी कार्रवाई की संभावना होती है और केस लंबा खिंच सकता है, तो बैंक जल्दी निपटाने के लिए सेटलमेंट का ऑफर दे सकती है।
- अगर बैंक को लगता है कि ग्राहक से पूरा लोन वसूलना मुश्किल होगा और केस को लंबा चलाने से ज्यादा खर्चा होगा, तो वह सेटलमेंट का ऑफर दे सकती है।
Loan Settlement की सर्विस को कैसे चुने?
यहां कुछ जरुरी बिंदुओं पर ध्यान देने की जरुरत है, जो आपको सही Loan Settlement सर्विस चुनने में मदद करेंगे:
सर्विस प्रदाता की प्रमाणिकता को चेक करें
सेटलमेंट की सर्विस को लेने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि जिस सर्विस प्रदाता से आप मदद ले रहे हैं, वह वित्तीय संस्थाओं और बैंकों के साथ रजिस्टर्ड और प्रमाणित हो। एक भरोसेमंद सर्विस प्रदाता ही आपको सही मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सकता है। ऑनलाइन रिव्यू और ग्राहक की फीडबैक देखना एक अच्छा तरीका हो सकता है।
सेवा शुल्क और अन्य खर्चों की भी जांच करें
कई सर्विस प्रदाता सेवा शुल्क भी लेते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि शुल्क ज्यादा न हो और कोई छिपे हुए खर्च न हों। सर्विस प्रदाता से पहले से समझौता करें कि कौन सी सेवाएं मुफ्त हैं और किनके लिए आपको अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
Loan Settlement प्रक्रिया को समझें
सर्विस प्रदाता द्वारा दी जाने वाली सेटलमेंट की प्रक्रिया को ध्यान से समझें। क्या वे आपकी पूरी स्थिति को समझते हैं और बैंक के साथ बातचीत करने के लिए आपको बेहतर समाधान प्रदान करते हैं? एक अच्छा प्रदाता आपको कागजात और प्रक्रिया से पूरी जानकारी देगा, ताकि आप पूरी प्रक्रिया को सही तरीके से समझ सकें।
सुनिश्चित करें कि वे कानूनी रूप से सक्षम हैं
आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि सेवा प्रदाता कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त हो और उसके पास उन सभी अधिकारों की जानकारी हो जो आपके लोन के सेटलमेंट से जुड़े हैं। इससे आपको आगे किसी भी कानूनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अन्य समाधानो पर भी विचार करें
सेटलमेंट की प्रक्रिया को चुनने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि सर्विस प्रदाता वैकल्पिक समाधान जैसे लोन री-स्ट्रक्चरिंग या नए भुगतान प्लान के बारे में भी आपको जानकारी दे रहा हो। ये विकल्प कभी-कभी सेटलमेंट से बेहतर हो सकते हैं और आपके CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते हैं।
ग्राहक समर्थन और संपर्क
एक अच्छा सर्विस प्रदाता हमेशा ग्राहक के साथ संपर्क में रहेगा और आपकी समस्याओं का समाधान सही से करेगा। सुनिश्चित करें कि वे आपके सवालों का जवाब जल्दी देते हैं और किसी भी मुश्किल स्थिति में आपके साथ काम करने के लिए तैयार रहते हैं।
हमारी सेवा के साथ जुड़े
अगर आप भी कर्ज के जाल में फंस गए हैं और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और Loan Settlement का रास्ता अपनाना चाहते है तो आप हमारी Loan Settlement की सेवा के लिए आवेदन कर सकते हैं। हम आपके लोन का सेटलमेंट करने में आपकी सहयता कर्नेगे। इसके साथ ही हम आपको 6 – 8 महीने के अंदर लोन के बोझ से राहत प्रदान करवाते हैं। अगर आपको हमारी सेवा के बारे में और ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी हैं तो आप हमें सपर्क कर सकते हैं।
Loan Settlement करने के फायदे और नुक्सान क्या होते हैं?
इसके निम्नलिखित फायदे और नुकसान होते हैं:
फायदे
- हालांकि Loan Settlement करने से कर्जदार का CIBIL Score प्रभावित हो सकता है, लेकिन समय पर और सही तरीके से समझौते का पालन करने से वह अपने CIBIL Score को धीरे-धीरे सुधार सकता है।
- Loan Settlement करने से कर्जदार की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
- Loan Settlement करने से आप अपनी आय और लागत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और भविष्य में वित्तीय संकट से बच सकते हैं।
- कर्ज का भारी बोझ अक्सर मानसिक तनाव का कारण बनता है। Loan Settlement से कर्जदार को इस तनाव से राहत मिलती है और वह अपने जीवन में मानसिक शांति पा सकता है।
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार को अपने कर्ज का कुछ हिस्सा माफ करवाने का मौका मिलता है।
- यह उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करता है और उसे भारी वित्तीय बोझ से राहत दिलवाता है।
नुक्सान
- Loan Settlement के कारण, कर्जदार के बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं।
- भविष्य में, कर्जदार को इन संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार का पूरा लोन माफ नहीं होता है। उसे अभी भी कुछ राशि का भुगतान करना होता है, जो उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
- Loan Settlement के दौरान, बैंक और कर्जदार के बीच जो समझौता होता है, उसमें कई शर्तें होती हैं। कर्जदार को इन शर्तों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।
- Loan Settlement के बाद, कर्जदार का CIBIL Score प्रभावित हो सकता है।
- Loan Settlement भविष्य में नए कर्ज लेने या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।
निष्कर्ष
Loan Settlement एक ऐसा विकल्प होता है, जिसे बैंक खास परिस्थितियों में ग्राहकों को ऑफर करती है। जब कोई ग्राहक लगातार कई महीनों तक EMI नहीं चुका पाता हैं और उसकी वित्तीय स्थिति बहुत खराब हो जाती है, तब बैंक लोन सेटलमेंट का प्रस्ताव देती है। यह ऑफर आमतौर पर तब दिया जाता है जब लोन का भुगतान करना लगभग असंभव हो जाता है और बैंक को यह लगने लगता है कि वह पूरी रकम वसूल नहीं कर पाएगी।
हालांकि, यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि लोन सेटलमेंट कोई आदर्श समाधान नहीं है। यह सिर्फ बैंक और ग्राहक दोनों के लिए नुकसान को कम करने का एक तरीका होता है। जब कोई व्यक्ति लोन सेटलमेंट करता है, तो इसका सीधा असर उसके CIBIL स्कोर पर पड़ता है, जिससे भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए, सेटलमेंट का निर्णय लेने से पहले इसके फायदे और नुकसान को अच्छी तरह समझना जरूरी है।
अगर आप लोन चुकाने में दिक्कत का सामना कर रहे हैं, तो सबसे पहले बैंक से बातचीत करें और EMI पुनर्गठन (Restructuring) या समय बढ़ाने (Loan Extension) का विकल्प तलाशें। कई बार बैंक ग्राहकों को राहत देने के लिए ऐसे उपाय अपनाती हैं। लेकिन अगर लोन सेटलमेंट ही एकमात्र विकल्प बचा है, तो इसे पूरी समझदारी के साथ करें और भविष्य में अपनी क्रेडिट हिस्ट्री सुधारने की कोशिश करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
Ans: हां, लेकिन मुश्किल हो सकती है। लोन सेटलमेंट का रिकॉर्ड आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में नकारात्मक रूप से दर्ज होता है, जिससे बैंक या वित्तीय संस्थान भविष्य में लोन देने से हिचकिचा सकते हैं।
Ans: अगर बैंक खुद से सेटलमेंट का ऑफर नहीं दे रही है, तो आप बैंक से संपर्क कर अपनी आर्थिक स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं और लोन पुनर्गठन (Loan Restructuring) या सेटलमेंट के लिए अनुरोध कर सकते हैं।
Ans: हां, लोन सेटलमेंट पूरा होने के बाद बैंक से NOC (No Objection Certificate) और Settlement Letter लेना जरूरी होता है, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।
Ans: हां, लोन सेटलमेंट के बाद अपनी क्रेडिट हिस्ट्री को सुधारने के लिए छोटे लोन या क्रेडिट कार्ड का सही तरीके से इस्तेमाल करके CIBIL स्कोर बढ़ाया जा सकता है।
Ans: हां, अगर बैंक लोन सेटलमेंट के लिए सहमत हो जाती है और आप तय की गई राशि चुका देते हैं, तो बैंक आगे कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेगी।