क्या Financial Advisors आपके लोन का सेटलमेंट कर सकते हैं?

Can Financial Advisors Settle Your Loan

संक्षेप 

आज के समय में जब ज्यादातर लोग किसी न किसी प्रकार के लोन से जुड़े होते हैं, ऐसे में आर्थिक संकट की स्थिति में लोन सेटलमेंट एक अहम विकल्प बनकर सामने आता है। हालांकि यह आसान प्रक्रिया नहीं होती हैं और बिना सही सलाह के किया गया सेटलमेंट भविष्य में वित्तीय समस्याएं बढ़ा सकता है। इसी वजह से, Financial Advisors की भूमिका काफी जरुरी हो जाती है।

Financial Advisors वे एक्सपर्ट्स होते हैं जो आपकी आय, खर्च, कर्ज और आर्थिक स्थिति की जांच करके सही सलाह देते हैं। इसके साथ ही, वे यह समझने में आपकी मदद करते हैं कि लोन सेटलमेंट आपके लिए फायदेमंद रहेगा या नहीं। अगर हाँ, तो वे आपको बैंक से बातचीत करने, दस्तावेज़ तैयार करवाने और बेहतर समझौते की दिशा में सहयोग करते हैं।

इसके अलावा, वे यह भी सुझाव दे सकते हैं कि लोन री-स्ट्रक्चरिंग, ब्याज दर कम कराना, या EMI बढ़वाना आपके लिए ज्यादा उचित रहेगा। इस तरह आप बिना सेटलमेंट के भी राहत पा सकते हैं।

हालाँकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि लोन सेटलमेंट का असर आपके CIBIL स्कोर पर पड़ता है और भविष्य में लोन लेने में मुश्किले आ सकती है। इसलिए किसी भी कदम से पहले Financial Advisors की सलाह लेना समझदारी है।

परिचय

आज के समय में ज्यादातर लोग किसी न किसी प्रकार के लोन से जुड़े हुए होते हैं। चाहे वह पर्सनल लोन हो, होम लोन, एजुकेशन लोन या क्रेडिट कार्ड लोन – हर इंसान की जिंदगी में कभी न कभी लोन की जरूरत पड़ ही जाती है। लेकिन जब लोन चुकाना मुश्किल हो जाता है और ब्याज बढ़ता चला जाता है, तब सबसे बड़ी चिंता होती है – लोन का सेटलमेंट कैसे करें? ऐसे में कई लोग परेशान होकर रास्ता खोजने लगते हैं, और यहीं पर Financial Advisor की भूमिका सामने आती है।

अब सवाल उठता है – क्या Financial Advisors वाकई में आपके लोन का सेटलमेंट कर सकते हैं? इस सवाल का जवाब आसान नहीं है, लेकिन हम इसे आसान भाषा में समझने की कोशिश करेंगे।

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि Financial Advisors कौन होते हैं। दरअसल, Financial Advisors वे एक्सपर्ट लोग होते हैं जो आपकी आर्थिक स्थिति की जांच करते हैं और आपको वित्तीय फैसलों में सलाह देते हैं। इनमें निवेश, टैक्स प्लानिंग, बीमा, रिटायरमेंट योजना और लोन से संबंधित विषय शामिल होते हैं। ये एक्सपर्ट आपके फाइनेंशियल गोल को ध्यान में रखते हुए सही दिशा दिखाने का काम करते हैं।

आज के इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Financial Advisors किन परिस्थितियों में आपकी मदद कर सकते हैं, कैसे वे बैंक से बात करते हैं, और उनके क्या फायदे और सीमाएं होती हैं। अगर आप भी लोन की उलझनों से जूझ रहे हैं और समाधान की तलाश में हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत ही मददगार साबित हो सकता है।

Financial Advisors कौन होते हैं?

आज की तेज़ रफ्तार भरी जिंदगी में सही आर्थिक फैसले लेना बहुत ज़रूरी हो गया है। ऐसे में एक ऐसा व्यक्ति जो हमें हमारे पैसों से जुड़ी सही सलाह दे सके, बहुत मददगार  साबित होता है। यहीं पर Financial Advisor की भूमिका शुरू होती है। आसान शब्दों में कहें तो, Financial Advisor वह एक्सपर्ट होता है जो आपकी आय, खर्च, निवेश और कर्ज से जुड़ी जानकारी लेकर आपको बेहतर वित्तीय योजना बनाने में मदद करता है।

इसके अलावा, एक Financial Advisors आपको यह भी बताता है कि कैसे आप अपने लक्ष्यों जैसे घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, या रिटायरमेंट की योजना को सही तरीके से पूरा कर सकते हैं। वे बीमा, म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार, टैक्स प्लानिंग और लोन मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में भी सलाह देते हैं।

इसके साथ ही, वे आपकी मौजूदा वित्तीय स्थिति की जांच कर यह समझते हैं कि किन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है। फिर, वे आपको उस दिशा में मार्गदर्शन देते हैं ताकि आप आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें।

Loan Settlement क्या होता हैं? 

यह एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्था लोन लेने वाले व्यक्ति को पूरी बकाया लोन की राशि को चुकाने के बजाय कम राशि देकर लोन निपटाने का मौका देती है। यह सुविधा उन लोगों के लिए होती है जो किसी कारण से अपना लोन समय पर नहीं चुका पाते हैं और लगातार डिफॉल्ट कर रहे होते हैं। 

सेटलमेंट के तहत बैंक एकमुश्त राशि (लंपसम अमाउंट) पर सहमति बना सकता है, जिससे लोन बंद हो जाता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि लोन सेटलमेंट करने से आपका CIBIL स्कोर प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में आपको लोन लेने में  मुश्किल हो सकती है। इसलिए, इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।

Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement में अंतर है?

आइए इन दोनों को विस्तार से समझते हैं:

  • Loan Settlement: इसमें कर्जदार अपने बैंक के साथ बातचीत करता है, ताकि कर्ज की कुल राशि का कुछ हिस्सा माफ किया जा सके। इसका मतलब है कि कर्जदार को अपनी मूल उधारी से कम राशि का भुगतान करना पड़ता है। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब कर्जदार पूरी कर्ज राशि चुकाने में असमर्थ हो और वह बैंक से समझौता करने की कोशिश करता है।
  • Credit Card Loan Settlement: क्रेडिट कार्ड लोन सेटलमेंट (Credit Card Loan Settlement) एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसके माध्यम से आप अपने क्रेडिट कार्ड के बकाया भुगतान को बैंक या क्रेडिट कार्ड प्रदाता के साथ बातचीत करके कम कर सकते हैं। जब आप अपने क्रेडिट कार्ड के पूरे बकाया राशि का भुगतान करने में असमर्थ होते हैं और आपकी वित्तीय स्थिति गंभीर हो जाती है, तो बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी आपके साथ एक समझौता करती है। इसमें आपको मूल राशि का एक निश्चित प्रतिशत देकर अपनी देनदारी को समाप्त करने का मौका दिया जाता है।

Loan Settlement करने के लिए कौनसे दस्तावेजों की आवशयकता होती हैं? 

निम्नलिखित दस्तावेजों की आवशयकता होती हैं:

  • आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, या ड्राइविंग लाइसेंस आदि।
  • सैलरी स्लिप, आयकर रिटर्न, बैंक स्टेटमेंट आदि।
  • Loan Settlement लेटर, कर्ज विवरण, भुगतान रसीदें आदि।
  • निवेश के दस्तावेज़, संपत्ति के दस्तावेज़, बीमा पॉलिसी आदि।

Loan Settlement करने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें? 

अगर आप इसे ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें:

बैंक की वेबसाइट या ऐप पर जाएं

  • अपने लोन प्रदाता या बैंक की ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप को खोलें।
  • साइन अप करें, अगर पहले से अकाउंट है, तो लॉग इन करें। नहीं तो नया अकाउंट बनाएं।

 कस्टमर सपोर्ट सेक्शन देखें

  • वेबसाइट या ऐप पर ‘Customer Support’ या ‘Contact Us’ सेक्शन पर जाएं।
  • यहां आपको “Loan Settlement” से संबंधित विकल्प मिल सकता है, जैसे:
  • लोन से जुड़ी शिकायत दर्ज करना।
  • लोन सेटलमेंट के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म।

सेटलमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म भरें

  • “Loan Settlement Request” विकल्प चुनें।
  • मांगी गई जानकारी भरें, जैसे:
  • आपका नाम
  • लोन अकाउंट नंबर
  • ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
  • कारण (क्यों आप सेटलमेंट करना चाहते हैं, जैसे वित्तीय समस्या या आय में कमी)।

जरूरी दस्तावेजो को अपलोड करें

  • अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति को दिखाने वाले दस्तावेज अपलोड करें, जैसे:
  • इनकम सर्टिफिकेट या सैलरी स्लिप
  • बैंक स्टेटमेंट
  • कोई अन्य प्रमाण जो आपकी समस्या को स्पष्ट करे।
  • सभी दस्तावेज स्कैन करके सही फॉर्मेट में अपलोड करें (PDF या JPEG)।

सबमिट करें और बैंक की तरफ से जवाब आने का इंतजार करें

  • फॉर्म सबमिट करने के बाद, बैंक आपकी रिक्वेस्ट की जांच करेगा।
  • आमतौर पर बैंक 7-10 वर्किंग डेज़ में आपसे संपर्क करता है। वे ईमेल, कॉल, या मैसेज के जरिए सेटलमेंट की जानकारी देंगे।

बैंक के ऑफर को समझें

  • बैंक आपके बकाया राशि का एक हिस्सा माफ करने का प्रस्ताव देगा। इसे ध्यान से पढ़ें।
  • अगर आपको ऑफर स्वीकार है, तो आगे बढ़ें। नहीं तो और बातचीत करें।

भुगतान करें

  • बैंक द्वारा तय की गई सेटलमेंट राशि को ऑनलाइन पेमेंट मोड के जरिए चुकाएं।
  • बैंक आपको पेमेंट का कन्फर्मेशन देगा और आपका लोन खाता बंद कर देगा।

Loan Settlement करने से क्रेडिट स्कोर पर कैसा असर पड़ता है?

इसका असर निम्नलिखित तरीकों से देखा जा सकता है:

  • Loan Settlement करने के बाद, अगर आपके पास कोई क्रेडिट कार्ड या अन्य क्रेडिट लाइन है, तो आपके क्रेडिट लिमिट को कम किया जा सकता है, क्योंकि क्रेडिटर्स को लगता है कि आप ज्यादा जोखिम वाले ग्राहक हो सकते हैं।
  • अगर आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, तो आपके लिए लोन, क्रेडिट कार्ड, या किसी अन्य प्रकार की क्रेडिट सुविधा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इससे आपकी वित्तीय स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है, खासकर अगर आपको भविष्य में किसी वित्तीय आपातकाल का सामना करना पड़े।
  • जब आप अपने बैंक के साथ Loan Settlement के लिए समझौता करते हैं, तो आप पूरी उधारी का भुगतान नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि एक निश्चित राशि का भुगतान कर रहे होते हैं जो मूल राशि से कम होती है। इसे क्रेडिट ब्यूरो द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि आप अपने कर्ज को चुकाने में असमर्थ रहे हैं। नतीजतन, आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
  • Loan Settlement की प्रक्रिया के बाद, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह जानकारी दर्ज हो जाती है, कि आपने अपना कर्ज “सेटल” किया है। यह एंट्री आपके क्रेडिट इतिहास में 7 साल तक बनी रहती है और इसे लेंडर्स या अन्य क्रेडिटर्स द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जा सकता है, जो भविष्य में कर्ज लेने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।
  • चूंकि Loan Settlement का मतलब होता है कि आपने पूरा कर्ज चुकाया नहीं है, भविष्य में जब आप नया कर्ज लेने की कोशिश करेंगे, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को देखकर आपके आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं या आपको उच्च ब्याज दरों पर कर्ज दे सकते हैं।

Loan Settlement होने में कितना समय लगता है? 

सेटलमेंट की प्रक्रिया का समय अलग – अलग कारकों पर भी निर्भर करता है, जैसे आपके बैंक या लोन देने वाली संस्था की पॉलिसी, बकाया राशि, और आप दोनों के बीच बातचीत। आमतौर पर यह प्रक्रिया 1 से 3 महीने तक का समय ले सकती है।

सेटलमेंट की प्रक्रिया में सबसे पहला कदम बैंक से बातचीत करना होता है, जहां आप अपनी मुश्किलों और भुगतान की स्थिति के बारें में बैंक को समझाते हैं। इसके बाद, बैंक आपकी स्थिति के आधार पर एक सेटलमेंट का ऑफर देता है। अगर आप उस ऑफर को स्वीकार करते हैं, तो बैंक को तय समय सीमा के भीतर भुगतान करना होता है। फिर बैंक लोन को सेटल के रूप में रिपोर्ट करता है, जो कुछ समय ले सकता है।

इस पूरी प्रक्रिया में जितना ज्यादा समय लगेगा, उतना ही आपके CIBIL स्कोर पर प्रभाव डाल सकता है, इसलिए जल्दी से जल्दी समाधान तलाशना बेहतर रहता है।

Loan Settlement और Loan Closure में क्या अंतर होता हैं?

हालांकि दोनों का उद्देश्य लोन को खत्म करना होता है, लेकिन इन दोनों के बीच काफी अंतर होते हैं।

Loan Settlement (लोन सेटलमेंट): 

Settlement तब होता है जब उधारकर्ता पूरी लोन की राशि का भुगतान नहीं कर सकता और बैंक या वित्तीय संस्थान से समझौता करता है। इस स्थिति में, बैंक या संस्था उधारकर्ता से कम लोन की राशि लेकर बाकी का लोन माफ कर देती है। इस प्रक्रिया में उधारकर्ता को एकमुश्त राशि चुकानी होती है, जो पूरे लोन से कम होती है। यह आमतौर पर तब होता है जब उधारकर्ता आर्थिक संकट से गुजर रहा होता है या उसकी भुगतान करने की क्षमता पूरी नहीं हो रही होती हैं।

  • किसे माफ किया जाता है? लोन का बाकी हिस्सा।
  • कब होता है? जब उधारकर्ता के पास लोन को चुकता करने के लिए पूरी राशि नहीं होती हैं।
  • फायदे: उधारकर्ता को लोन का कुछ हिस्सा माफ हो जाता है।
  • नुकसान: CIBIL स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।

Loan Closure (लोन क्लोजर): 

Loan Closure तब होता है जब उधारकर्ता पूरी लोन की राशि का भुगतान करता है, जिसमें मूलधन और ब्याज दोनों शामिल होते हैं। इस स्थिति में, लोन को पूरी तरह से चुकता किया जाता है और बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा लोन को बंद कर दिया जाता है। जब लोन का पूरा भुगतान हो जाता है, तो उधारकर्ता को एनओसी (No Objection Certificate) प्रदान किया जाता है, जो यह प्रमाणित करता है कि लोन की पूरी राशि चुका दी गई है और लोन को समाप्त कर दिया गया है।

  • किसे माफ किया जाता है? कोई माफी नहीं होती हैं पूरी लोन की राशि का भुगतान किया जाता है।
  • कब होता है? जब उधारकर्ता पूरी राशि चुकता करता है।
  • फायदे: CIBIL स्कोर पर सकारात्मक असर पड़ता है और भविष्य में लोन लेने में कोई परेशानी नहीं होती हैं।
  • नुकसान: पूरी राशि का भुगतान करना होता है, जो कभी-कभी आर्थिक रूप से मुश्किल हो सकता है।

मुख्य अंतर:

  • Loan Settlement में उधारकर्ता को लोन की कुछ राशि माफ हो जाती है, जबकि Loan Closure में पूरी राशि चुकता करनी होती है।
  • Loan Settlement की प्रक्रिया आमतौर पर तब होती है जब उधारकर्ता के पास पूरे लोन को चुकता करने के लिए पैसे नहीं होते हैं, जबकि Loan Closure तब होता है जब उधारकर्ता पूरी राशि चुका देता है।
  • Loan Settlement से CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जबकि Loan Closure से स्कोर पर कोई असर नहीं होता हैं।

Loan Settlement करने के फायदे और नुक्सान क्या हैं? 

इसके निम्नलिखित फायदे और नुकसान हैं:

फायदे 

  • Loan Settlement करने से आप अपनी आय और लागत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और भविष्य में वित्तीय संकट से बच सकते हैं।
  • कर्ज का भारी बोझ अक्सर मानसिक तनाव का कारण बनता है। Loan Settlement से कर्जदार को इस तनाव से राहत मिलती है और वह अपने जीवन में मानसिक शांति पा सकता है।
  • Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार को अपने कर्ज का कुछ हिस्सा माफ करवाने का मौका मिलता है।
  • यह उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करता है और उसे भारी वित्तीय बोझ से राहत दिलवाता है।
  • हालांकि Loan Settlement करने से कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है, लेकिन समय पर और सही तरीके से समझौते का पालन करने से वह अपने क्रेडिट स्कोर को धीरे-धीरे सुधार सकता है।
  • Loan Settlement करने से कर्जदार की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।

नुक्सान 

  • Loan Settlement के कारण, कर्जदार के बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं।
  • भविष्य में, कर्जदार को इन संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
  • Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार  का पूरा लोन माफ नहीं होता है। उसे अभी भी कुछ राशि का भुगतान करना होता है, जो उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
  • Loan Settlement के बाद, कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
  • Loan Settlement भविष्य में नए कर्ज लेने या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।
  • Loan Settlement के दौरान, बैंक और कर्जदार  के बीच जो समझौता होता है, उसमें कई शर्तें होती हैं। कर्जदार  को इन शर्तों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।

Loan Default करने के बाद Settlement कैसे होता है?

चलिए जानते हैं कि loan default के बाद settlement कैसे होता है – step-by-step:

1: अपनी Financial स्थिति की जांच करें

सबसे पहले आपको खुद यह समझना होगा कि आप लोन क्यों नहीं चुका पा रहे हैं – क्या आपकी नौकरी चली गई? क्या मेडिकल इमरजेंसी हुई हैं? या व्यापार में घाटा हुआ हैं? 

2: बैंक से संपर्क करें

Settlement की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आपको बैंक या फाइनेंशियल संस्था से संपर्क करना होगा। यह काम आप खुद भी कर सकते हैं या फिर किसी Loan Settlement Advisor की मदद भी ले सकते हैं।

3: Written Application दें

आपको बैंक को एक लिखित पत्र (application) देना होता है जिसमें यह बताया जाता है कि आप किस कारण से लोन चुकाने में असमर्थ हैं और आप settlement का रिक्वेस्ट कर रहे हैं।

4: बैंक द्वारा Settlement Offer

अगर बैंक को लगता है कि आपकी आर्थिक स्थिति सच में कमजोर है और लोन की पूरी राशि वसूलना मुश्किल है, तो वे एक settlement offer दे सकते हैं। इसमें वे कह सकते हैं कि अगर आप ₹5 लाख की बजाय ₹3 लाख चुका दें, तो वे केस बंद कर देंगे।

5: Negotiation करें

Settlement एक बातचीत की प्रक्रिया होती है। आप बैंक के ऑफर से सहमत न हों तो आप बातचीत करके इसे और कम करवा सकते हैं।

6: Written Agreement लें

बैंक से जो भी settlement तय हो, उसे written agreement के रूप में लें। 

7: Payment करें और NOC लें

Settlement की राशि तय हो जाने के बाद आपको तय समय में उसे भरना होता है। भुगतान के बाद बैंक से NOC (No Objection Certificate) और Loan Closure Letter लेना न भूलें। 

क्या Financial Advisors आपके लोन का सेटलमेंट कर सकते हैं?

हाँ, Financial Advisors आपके लोन का सेटलमेंट करवाने में आपकी मदद कर सकते हैं, लेकिन इसके कुछ दायरे और सीमाएँ होती हैं जिन्हें समझना ज़रूरी है।

आइए विस्तार से समझते हैं –

1. Financial Advisor की भूमिका क्या होती है?

Financial Advisors वित्तीय विशेषज्ञ होते हैं जो आपकी इनकम, खर्च, कर्ज और भविष्य के लक्ष्यों को देखकर आपको सही सलाह देते हैं। वे लोन से जुड़ी समस्याओं में भी आपका मार्गदर्शन कर सकते हैं।

जब आप लोन चुकाने में असमर्थ होते हैं, तो Financial Advisor आपको यह जांचने में मदद करता है कि:

  • क्या आप वाकई सेटलमेंट के योग्य हैं?
  • क्या बैंक से EMI कम कराने की बात की जा सकती है?
  • क्या लोन री-स्ट्रक्चरिंग विकल्प बेहतर रहेगा?
  • सेटलमेंट से आपके क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ेगा?

2. क्या वे बैंक से बातचीत करते हैं?

हाँ, कई अनुभवी Financial Advisors आपके प्रतिनिधि बनकर बैंक या NBFC से नेगोशिएशन कर सकते हैं। वे:

  • आपके दस्तावेज तैयार करते हैं
  • बैंक को आपकी आर्थिक हालत समझाते हैं
  • कम से कम रकम में सेटलमेंट कराने की कोशिश करते हैं
  • ब्याज या पेनल्टी माफ कराने की सलाह देते हैं

3. किन बातों का ध्यान रखें?

  • Financial Advisor कोई कानूनी एजेंट नहीं होता, इसलिए वह सिर्फ सलाह और बातचीत का माध्यम होता है, फैसला बैंक का होता है।
  • सेटलमेंट आपकी CIBIL रिपोर्ट में “Settled” टैग के रूप में दर्ज होता है, जिससे भविष्य में लोन मिलना कठिन हो सकता है।
  • कोई भी Advisor अगर upfront ज्यादा फीस मांगे या गैर-कानूनी वादा करे तो सतर्क रहें।

निष्कर्ष

अब तक हमने यह समझा कि Financial Advisors हमारे लोन से जुड़ी समस्याओं में किस तरह मदद कर सकते हैं। खासतौर पर जब बात लोन सेटलमेंट की आती है, तो यह एक ऐसा फैसला होता है जिसे बिना सही सलाह के लेना खतरनाक साबित हो सकता है। इसी वजह से, एक अनुभवी फाइनेंशियल एडवाइज़र की भूमिका बहुत जरुरी हो जाती है।

सबसे पहले, यह जान लेना जरूरी है कि फाइनेंशियल एडवाइज़र आपको केवल सलाह और मार्गदर्शन दे सकते हैं। वे यह तय नहीं करते कि बैंक आपको लोन सेटलमेंट देगा या नहीं। लेकिन, वे आपकी आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करके यह बता सकते हैं कि सेटलमेंट आपके लिए सही विकल्प है या नहीं। साथ ही, वे आपको ऐसे दूसरे विकल्प भी सुझा सकते हैं जो सेटलमेंट से बेहतर और कम नुकसानदायक हों, जैसे कि लोन री-स्ट्रक्चरिंग, ब्याज दर में कमी की अपील, या EMI की समयसीमा बढ़वाना।

इसके अलावा, अगर लोन सेटलमेंट ही आखिरी रास्ता बचा है, तो एक फाइनेंशियल एडवाइज़र बैंक से सही तरीके से बातचीत करने में आपकी मदद कर सकता है। वे दस्तावेज़ों को सही ढंग से तैयार करवाते हैं, आपकी ओर से बैंक को आपकी मौजूदा आर्थिक स्थिति के बारें में समझाते हैं और यह कोशिश करते हैं कि सेटलमेंट की राशि कम से कम हो।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

Que: क्या Loan Settlement करने से भविष्य में लोन लेने में दिक्कत होती है?

Ans: हां, Loan Settlement करने से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे भविष्य में आपको लोन प्राप्त करने में मुश्किल हो सकती है।

Que: Loan Closure के बाद CIBIL स्कोर पर क्या असर पड़ता है?

Ans: Loan Closure के बाद अगर आपने पूरी राशि चुकता की है, तो CIBIL स्कोर पर सकारात्मक असर पड़ता है, क्योंकि यह आपकी क्रेडिट जिम्मेदारी को दर्शाता है।

Que: क्या Loan Settlement के बाद बाकी का लोन कभी चुकता किया जा सकता है?

Ans: Loan Settlement के बाद, बैंक या लेंडिंग एजेंसी द्वारा माफ किया गया हिस्सा कभी नहीं चुकता किया जा सकता हैं। हालांकि, अगर आपके पास पैसे होते हैं, तो आप बाकी की राशि चुकता कर सकते हैं, लेकिन इससे पहले सेटलमेंट के समझौते को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा।

Que: Loan Closure की प्रक्रिया कितने समय में पूरी होती है?

Ans: Loan Closure की प्रक्रिया आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक पूरी हो सकती है, बशर्ते आप पूरी राशि का भुगतान कर चुके हों और बैंक से सभी दस्तावेज प्राप्त कर चुके हों।

Que: Loan Settlement का निर्णय लेने से पहले किन बातों पर विचार करें?

Ans: Loan Settlement का निर्णय लेने से पहले आपको अपनी वित्तीय स्थिति, बैंक के साथ समझौते के शर्तें, और इस प्रक्रिया के दीर्घकालिक प्रभावों पर विचार करना चाहिए। CIBIL स्कोर पर पड़ने वाले प्रभाव को समझना भी जरूरी है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Talk to Debt Settlement Experts

Fill out the form below, and we will be in touch shortly.