संक्षेप
जब कोई व्यक्ति या संस्था बैंक से लिए गए लोन की समय पर किश्ते नहीं चुकाता, तो वह लोन को NPA (Non-Performing Asset) घोषित कर दिया जाता है। यानी ऐसा लोन जिससे बैंक को कोई लाभ नहीं हो रहा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि समाधान का कोई रास्ता नहीं है। सही जानकारी और उचित कदमों के साथ NPA लोन को भी सेटल किया जा सकता है।
सबसे पहले, जब लोन NPA हो जाए, तो डरने की बजाय बैंक से संपर्क करें। अपनी वर्तमान आर्थिक स्थिति ईमानदारी से बैंक को बताएं और यह जताएं कि आप सेटलमेंट करना चाहते हैं। इसके बाद, बैंक आपको OTS (One Time Settlement) स्कीम की पेशकश कर सकता है, जिसमें कुछ रकम माफ कर दी जाती है और शेष राशि चुकाकर लोन निपटाया जा सकता है।
इसके अलावा, सेटलमेंट की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सेटलमेंट लेटर और NOC जरूर लें, ताकि भविष्य में कोई कानूनी या बैंक संबंधी अड़चन न आए। हालांकि, यह भी सच है कि Loan Settlement से CIBIL स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है, लेकिन यह अस्थायी होता है। समय पर भुगतान और जिम्मेदार क्रेडिट व्यवहार से स्कोर को फिर से सुधारा जा सकता है।
परिचय
आज के समय में लोन लेना आम बात हो गई है। चाहे वह घर बनाने के लिए हो, गाड़ी खरीदने के लिए या फिर किसी व्यापार को शुरू करने के लिए – बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान लोगों को अलग-अलग प्रकार के लोन देते हैं। लेकिन जब समय पर लोन की किश्तें (EMI) नहीं चुकाई जाती हैं, तो वही लोन धीरे-धीरे एक गंभीर समस्या बन सकता है। अगर तीन महीने से ज़्यादा समय तक लोन की किश्त नहीं भरी जाती है, तो बैंक उस लोन को NPA (Non-Performing Asset) घोषित कर देता है।
अब सवाल यह उठता है कि अगर किसी का लोन NPA घोषित हो गया है, तो क्या वह हमेशा के लिए फंसा रह जाएगा? बिल्कुल नहीं! अच्छी बात यह है कि इस स्थिति से बाहर निकलने के रास्ते मौजूद हैं। हालांकि यह रास्ता थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन सही जानकारी और थोड़ी सी सूझबूझ से आप NPA लोन को सेटल कर सकते हैं और दोबारा अपने फाइनेंशियल जीवन को पटरी पर ला सकते हैं।
इसके अलावा, कई लोग NPA की स्थिति को लेकर डर और शर्म महसूस करते हैं, जिससे वे बैंक से बात करने से भी कतराते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि बैंक और वित्तीय संस्थान भी Loan Settlement के लिए विकल्प उपलब्ध कराते हैं क्योंकि वे भी चाहते हैं कि उन्हें उनकी राशि वापस मिले – भले ही वह पूरी न हो। यही कारण है कि Loan Settlement, ओटीएस (One-Time Settlement) और रीपेमेंट प्लान जैसे कई विकल्प मौजूद हैं जिनके माध्यम से NPA घोषित हो चुके लोन को सेटल किया जा सकता है।
आज के इस लेख में हम सरल और आसान भाषा में आपको बताएंगे कि NPA घोषित हो चुके लोन को सेटल करने के क्या-क्या तरीके हो सकते हैं, कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी होते हैं, और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Loan Settlement क्या होता हैं?
यह एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्था लोन लेने वाले व्यक्ति को पूरी बकाया लोन की राशि को चुकाने के बजाय कम राशि देकर लोन निपटाने का मौका देती है। यह सुविधा उन लोगों के लिए होती है जो किसी कारण से अपना लोन समय पर नहीं चुका पाते हैं और लगातार डिफॉल्ट कर रहे होते हैं।
सेटलमेंट के तहत बैंक एकमुश्त राशि (लंपसम अमाउंट) पर सहमति बना सकता है, जिससे लोन बंद हो जाता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि Loan Settlement करने से आपका CIBIL स्कोर प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में आपको लोन लेने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए, इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।
Loan Settlement कैसे काम करता है?
जब कोई व्यक्ति अपने पर्सनल लोन की EMI समय पर चुकाने में असमर्थ हो जाता है और लंबे समय तक बकाया राशि जमा हो जाती है, तो बैंक या वित्तीय संस्था Loan Settlement का विकल्प देती है। इसमें बैंक ग्राहक को पूरी बकाया राशि के बजाय रियायती रकम (discounted amount) चुकाने का मौका देता है, जिससे लोन का मामला निपट जाता है।
सेटलमेंट की प्रक्रिया में ग्राहक और बैंक के बीच बातचीत होती है, जहां बैंक इस बात की पुष्टि करता है कि ग्राहक लोन का पूरा भुगतान नहीं कर सकता हैं। इसके बाद, बैंक एक सिंगल-शॉट पेमेंट ऑफर देता है, जो आमतौर पर बकाया लोन राशि से कम होता है। जब ग्राहक इस सहमत राशि का भुगतान कर देता है, तो बैंक लोन को “Settled” के रूप में रिपोर्ट करता है। हालांकि, यह CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है क्योंकि इसे “Complete Payment” नहीं माना जाता हैं।
इसलिए, Loan Settlement को अंतिम विकल्प के रूप में ही चुनना चाहिए और अगर संभव हो, तो लोन रीपेमेंट प्लान, लोन री-स्ट्रक्चरिंग या अन्य वित्तीय समाधान पर विचार करना चाहिए ताकि CIBIL Score खराब न हो।
Loan Settlement करने के लिए कौनसे दस्तावेजों की जरुरत होती हैं?
निम्नलिखित दस्तावेजों की जरुरत होती हैं:
- आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, या ड्राइविंग लाइसेंस आदि।
- सैलरी स्लिप, आयकर रिटर्न, बैंक स्टेटमेंट आदि।
- Loan Settlement लेटर, कर्ज विवरण, भुगतान रसीदें आदि।
- निवेश के दस्तावेज़, संपत्ति के दस्तावेज़, बीमा पॉलिसी आदि।
Loan Settlement करने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें?
अगर आप इसे ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें:
बैंक की वेबसाइट या ऐप पर जाएं
- अपने लोन प्रदाता या बैंक की ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप को खोलें।
- साइन अप करें, अगर पहले से अकाउंट है, तो लॉग इन करें। नहीं तो नया अकाउंट बनाएं।
कस्टमर सपोर्ट सेक्शन देखें
- वेबसाइट या ऐप पर ‘Customer Support’ या ‘Contact Us’ सेक्शन पर जाएं।
- यहां आपको “Loan Settlement” से संबंधित विकल्प मिल सकता है, जैसे:
- लोन से जुड़ी शिकायत दर्ज करना।
- Loan Settlement के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म।
सेटलमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म भरें
- “Loan Settlement Request” विकल्प चुनें।
- मांगी गई जानकारी भरें, जैसे:
- आपका नाम
- लोन अकाउंट नंबर
- ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
- कारण (क्यों आप सेटलमेंट करना चाहते हैं, जैसे वित्तीय समस्या या आय में कमी)।
जरूरी दस्तावेजो को अपलोड करें
- अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति को दिखाने वाले दस्तावेज अपलोड करें, जैसे:
- इनकम सर्टिफिकेट या सैलरी स्लिप
- बैंक स्टेटमेंट
- कोई अन्य प्रमाण जो आपकी समस्या को स्पष्ट करे।
- सभी दस्तावेज स्कैन करके सही फॉर्मेट में अपलोड करें (PDF या JPEG)।
सबमिट करें और बैंक की तरफ से जवाब आने का इंतजार करें
- फॉर्म सबमिट करने के बाद, बैंक आपकी रिक्वेस्ट की जांच करेगा।
- आमतौर पर बैंक 7-10 वर्किंग डेज़ में आपसे संपर्क करता है। वे ईमेल, कॉल, या मैसेज के जरिए सेटलमेंट की जानकारी देंगे।
बैंक के ऑफर को समझें
- बैंक आपके बकाया राशि का एक हिस्सा माफ करने का प्रस्ताव देगा। इसे ध्यान से पढ़ें।
- अगर आपको ऑफर स्वीकार है, तो आगे बढ़ें। नहीं तो और बातचीत करें।
भुगतान करें
- बैंक द्वारा तय की गई सेटलमेंट राशि को ऑनलाइन पेमेंट मोड के जरिए चुकाएं।
- बैंक आपको पेमेंट का कन्फर्मेशन देगा और आपका लोन खाता बंद कर देगा।
Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement में क्या अंतर है?
हालांकि, Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement दोनों का उद्देश्य कर्जदार को राहत देना होता है, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी होते हैं।
अंतर के बिंदु | Loan Settlement | Credit Card Loan Settlement |
प्रकार | किसी भी प्रकार के लोन (पर्सनल, होम, कार, एजुकेशन, आदि) का निपटारा | केवल क्रेडिट कार्ड के बकाया राशि का निपटारा |
सेटलमेंट प्रक्रिया | बैंक एकमुश्त राशि को तय करता है, जिसे चुकाने पर लोन सेटल हो जाता है। | क्रेडिट कार्ड कंपनी एक तय की गई राशि पर समझौता करती है। |
CIBIL स्कोर पर प्रभाव | CIBIL स्कोर 50-100 पॉइंट तक गिर सकता है और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है | CIBIL स्कोर पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है, और नए क्रेडिट कार्ड पाना मुश्किल हो सकता है। |
भविष्य में लोन मिलने की संभावना | होम लोन, कार लोन या अन्य लोन प्राप्त करने में समस्या आ सकती है | क्रेडिट कार्ड कंपनियां कार्ड जारी करने से इनकार कर सकती हैं। |
Loan Settlement का CIBIL स्कोर पर कितना असर पड़ता है?
Loan Settlement का आपके CIBIL स्कोर पर सीधा और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब कोई व्यक्ति किसी बैंक या NBFC से लोन लेता है और किसी कारणवश पूरी राशि चुकाने में असमर्थ होता है, तो बैंक उसे एक समझौता करने का मौका देता है, जिसे Loan Settlement कहा जाता है।
हालांकि, Loan Settlement और Loan Closure में बहुत बड़ा अंतर होता है। अगर आप अपने लोन की पूरी राशि चुकाकर उसे बंद करते हैं, तो यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में “Closed” के रूप में दर्ज होता है, जिससे आपका CIBIL स्कोर बेहतर होता है। लेकिन अगर आपने लोन की कुछ राशि बैंक के साथ समझौते के तहत माफ करवा ली है, तो इसे “Settled” के रूप में रिपोर्ट किया जाता है, जो आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है।
Loan Settlement से CIBIL स्कोर पर पड़ने वाले प्रभाव कौनसे हैं?
- जब बैंक या NBFC CIBIL को रिपोर्ट करता है कि आपका लोन “Settled” है, तो आपका स्कोर तुरंत गिर जाता है। गिरावट कितनी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका पहले का स्कोर कितना अच्छा था।
- बैंक और फाइनेंशियल संस्थान ऐसे ग्राहकों को “हाई-रिस्क” कैटेगरी में रखते हैं, जिन्होंने अपना लोन सेटल किया है। इसका मतलब यह है कि भविष्य में अगर आप किसी भी प्रकार का लोन (पर्सनल, होम, कार, एजुकेशन) लेने की कोशिश करेंगे, तो आपका आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है।
- अगर आपने लोन सेटल किया है, तो भविष्य में किसी भी बैंक से क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को देखते हैं और यदि उन्हें “Settled” स्टेटस दिखता है, तो वे आपको क्रेडिट कार्ड देने से इनकार कर सकते हैं।
- अगर किसी बैंक ने आपको लोन देने का फैसला किया भी, तो आपको बहुत ज्यादा ब्याज दर (High Interest Rate) पर लोन मिल सकता है। यह इसलिए क्योंकि बैंक आपको जोखिम भरा ग्राहक मानते हैं और अपने पैसे की सुरक्षा के लिए ज्यादा ब्याज दर लगाते हैं।
- Loan Settlement की जानकारी आपकी CIBIL रिपोर्ट में कम से कम 7 साल तक बनी रहती है। इसका मतलब है कि भले ही आप बाद में अपना वित्तीय व्यवहार सुधार लें, लेकिन आपका सेटलमेंट रिकॉर्ड बैंकों को दिखता रहेगा और आपकी क्रेडिट योग्यता को प्रभावित कर सकता है।
Loan Settlement के बाद CIBIL स्कोर को सुधारने के क्या तरीके हैं?
अगर आपने लोन सेटल कर लिया है और अब CIBIL स्कोर सुधारना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कदम उठा सकते हैं:
- समय पर सभी लोन और क्रेडिट कार्ड के बिल का पूरा भुगतान करें।
- अगर संभव हो तो बैंक से संपर्क करके “Settled” स्टेटस को “Closed” में बदलवाने” की कोशिश करें।
- क्रेडिट कार्ड का सीमित इस्तेमाल करें और समय पर पूरा भुगतान करें।
- कोई छोटा लोन लें और उसे नियमित रूप से चुकाएं ताकि नया अच्छा क्रेडिट इतिहास बन सके।
- CIBIL रिपोर्ट को नियमित रूप से चेक करें और किसी भी गलती को सुधारने के लिए CIBIL को अनुरोध दें।
Loan Settlement की सर्विस को कैसे चुने?
यहां कुछ जरुरी बिंदुओं पर ध्यान देने की जरुरत है, जो आपको सही Loan Settlement सर्विस चुनने में मदद करेंगे:
सर्विस प्रदाता की प्रमाणिकता को चेक करें
सेटलमेंट की सर्विस को लेने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि जिस सर्विस प्रदाता से आप मदद ले रहे हैं, वह वित्तीय संस्थाओं और बैंकों के साथ रजिस्टर्ड और प्रमाणित हो। एक भरोसेमंद सर्विस प्रदाता ही आपको सही मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सकता है। ऑनलाइन रिव्यू और ग्राहक की फीडबैक देखना एक अच्छा तरीका हो सकता है।
सेवा शुल्क और अन्य खर्चों की भी जांच करें
कई सर्विस प्रदाता सेवा शुल्क भी लेते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि शुल्क ज्यादा न हो और कोई छिपे हुए खर्च न हों। सर्विस प्रदाता से पहले से समझौता करें कि कौन सी सेवाएं मुफ्त हैं और किनके लिए आपको अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
सेटलमेंट प्रक्रिया को समझें
सर्विस प्रदाता द्वारा दी जाने वाली सेटलमेंट की प्रक्रिया को ध्यान से समझें। क्या वे आपकी पूरी स्थिति को समझते हैं और बैंक के साथ बातचीत करने के लिए आपको बेहतर समाधान प्रदान करते हैं? एक अच्छा प्रदाता आपको कागजात और प्रक्रिया से पूरी जानकारी देगा, ताकि आप पूरी प्रक्रिया को सही तरीके से समझ सकें।
हमारी सेवा के साथ जुड़े
अगर आप भी कर्ज के जाल में फंस गए हैं और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और Loan Settlement का रास्ता अपनाना चाहते है तो आप हमारी Loan Settlement की सेवा के लिए आवेदन कर सकते हैं। हम आपके लोन का सेटलमेंट करने में आपकी सहयता कर्नेगे। इसके साथ ही हम आपको 6 – 8 महीने के अंदर लोन के बोझ से राहत प्रदान करवाते हैं। अगर आपको हमारी सेवा के बारे में और ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी हैं तो आप हमें सपर्क कर सकते हैं।
Loan Settlement होने में कितना समय लगता है?
सेटलमेंट की प्रक्रिया का समय अलग – अलग कारकों पर भी निर्भर करता है, जैसे आपके बैंक या लोन देने वाली संस्था की पॉलिसी, बकाया राशि, और आप दोनों के बीच बातचीत। आमतौर पर यह प्रक्रिया 1 से 3 महीने तक का समय ले सकती है।
सेटलमेंट की प्रक्रिया में सबसे पहला कदम बैंक से बातचीत करना होता है, जहां आप अपनी मुश्किलों और भुगतान की स्थिति के बारें में बैंक को समझाते हैं। इसके बाद, बैंक आपकी स्थिति के आधार पर एक सेटलमेंट का ऑफर देता है। अगर आप उस ऑफर को स्वीकार करते हैं, तो बैंक को तय समय सीमा के भीतर भुगतान करना होता है। फिर बैंक लोन को सेटल के रूप में रिपोर्ट करता है, जो कुछ समय ले सकता है।
इस पूरी प्रक्रिया में जितना ज्यादा समय लगेगा, उतना ही आपके CIBIL स्कोर पर प्रभाव डाल सकता है, इसलिए जल्दी से जल्दी समाधान तलाशना बेहतर रहता है।
बैंक से Loan Settlement का लेटर कैसे प्राप्त करें?
अगर आपने किसी बैंक से पर्सनल लोन लिया है और किसी कारणवश उसे पूरी तरह चुकाने में असमर्थ होते हैं, तो Loan Settlement आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। Loan Settlement का मतलब होता है कि बैंक और उधारकर्ता (लोन लेने वाला व्यक्ति) के बीच एक समझौता होता है, जिसमें बैंक ब्याज या पेनल्टी को कम करके एक निश्चित राशि पर लोन निपटाने के लिए सहमत हो जाता है। जब Loan Settlement पूरा हो जाता है, तो बैंक एक Loan Settlement Letter जारी करता है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि लोनदाता और बैंक के बीच समझौता हुआ है और अब उधारकर्ता पर कोई बकाया नहीं है।
Loan Settlement करने के फायदे और नुक्सान क्या होते हैं?
इसके निम्नलिखित फायदे और नुकसान होते हैं:
फायदे
- हालांकि Loan Settlement करने से कर्जदार का CIBIL Score प्रभावित हो सकता है, लेकिन समय पर और सही तरीके से समझौते का पालन करने से वह अपने CIBIL Score को धीरे-धीरे सुधार सकता है।
- Loan Settlement करने से कर्जदार की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार को अपने कर्ज का कुछ हिस्सा माफ करवाने का मौका मिलता है।
- यह उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करता है और उसे भारी वित्तीय बोझ से राहत दिलवाता है।
- Loan Settlement करने से आप अपनी आय और लागत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और भविष्य में वित्तीय संकट से बच सकते हैं।
- कर्ज का भारी बोझ अक्सर मानसिक तनाव का कारण बनता है। Loan Settlement से कर्जदार को इस तनाव से राहत मिलती है और वह अपने जीवन में मानसिक शांति पा सकता है।
नुक्सान
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार का पूरा लोन माफ नहीं होता है। उसे अभी भी कुछ राशि का भुगतान करना होता है, जो उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
- Loan Settlement के दौरान, बैंक और कर्जदार के बीच जो समझौता होता है, उसमें कई शर्तें होती हैं। कर्जदार को इन शर्तों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।
- Loan Settlement के कारण, कर्जदार के बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं।
- भविष्य में, कर्जदार को इन संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
- Loan Settlement के बाद, कर्जदार का CIBIL Score प्रभावित हो सकता है।
- Loan Settlement भविष्य में नए कर्ज लेने या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।
NPA घोषित हो चुके लोन को कैसे सेटल करें?
नीचे हम विस्तार से जानेंगे कि यह कैसे किया जा सकता है।
1. सबसे पहले बैंक से संपर्क करें
- जब लोन को NPA घोषित कर दिया जाता है, तो borrower को सबसे पहले अपने बैंक या फाइनेंशियल संस्था से सीधा संपर्क करना चाहिए।
- डरने की जगह बातचीत करें।
- बैंक को अपनी आर्थिक स्थिति के बारें में बताएं।
- बताएं कि आप लोन चुकाना चाहते हैं लेकिन मौजूदा हालात में पूरा भुगतान नहीं कर सकते हैं।
2. OTS (One-Time Settlement) का प्रस्ताव मांगे
- बैंक अकसर NPA खातों के लिए OTS स्कीम लाते हैं, जिसमें
- कुछ राशि माफ कर दी जाती है,
- बाकी रकम एकमुश्त या किश्तों में चुकानी होती है।
3. सेटलमेंट की डील को लिखित में लें (Settlement Letter/NOC)
- अगर बैंक आपके सेटलमेंट प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है, तो:
- उनसे लिखित समझौता पत्र (Settlement Letter) लें।
- भुगतान पूरा करने के बाद NOC (No Objection Certificate) लेना बिल्कुल न भूलें।
- यह भविष्य में आपके लिए सबूत का काम करेगा।
4. CIBIL स्कोर पर असर को समझें
- NPA लोन का सेटलमेंट आपके CIBIL स्कोर पर असर डालता है।
- आपका स्कोर कुछ समय के लिए गिर सकता है।
- लेकिन समय पर अन्य बिल/क्रेडिट कार्ड/EMI चुकाने से आप स्कोर को फिर से सुधार सकते हैं।
5. भविष्य में पुनः डिफॉल्ट से बचें
- फाइनेंशियल प्लानिंग करें
- ज़रूरत के हिसाब से ही लोन लें
- समय पर किश्त चुकाएं
- बजट बनाकर खर्च करें
निष्कर्ष
आखिर में, यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि NPA घोषित हो जाना एक गंभीर आर्थिक स्थिति होती है, लेकिन यह आपकी ज़िंदगी का अंत नहीं होता है। बहुत से लोग इस तरह की परिस्थिति में घबरा जाते हैं या फिर बैंक से बात करने से डरते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि बैंक खुद भी चाहते हैं कि उन्हें उनकी बकाया राशि वापस मिले, इसलिए वे ऐसे खाताधारकों को सेटलमेंट का मौका देते हैं।
इसके अलावा, अगर आप समय रहते सही कदम उठाते हैं, जैसे कि बैंक से संपर्क करना, अपनी आर्थिक स्थिति के बारें में सही से बताना और वन टाइम सेटलमेंट जैसे विकल्पों पर विचार करना – तो आप इस स्थिति से बाहर निकल सकते हैं। OTS (One Time Settlement) एक ऐसा विकल्प है जो बहुत से लोगों के लिए राहत लेकर आता है। इसके माध्यम से आप अपनी बची हुई राशि को एक तय रकम में चुकाकर लोन से मुक्त हो सकते हैं।
इसी क्रम में यह भी ध्यान देना जरूरी है कि सेटलमेंट के बाद आपका सिबिल स्कोर जरूर प्रभावित होता है, लेकिन यह स्थायी नहीं होता। अगर आप भविष्य में अपने सभी वित्तीय लेन-देन को सही तरीके से निभाते हैं, समय पर भुगतान करते हैं और क्रेडिट कार्ड का समझदारी से इस्तेमाल करते हैं, तो आप अपना स्कोर धीरे-धीरे फिर से सुधार सकते हैं। इसलिए सेटलमेंट को एक नई शुरुआत के रूप में लें, न कि अंत के रूप में।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
Ans: NPA का मतलब होता है Non-Performing Asset, यानी ऐसा लोन जिसकी EMI या ब्याज की किश्तें 90 दिनों (3 महीने) से ज्यादा समय तक नहीं चुकाई गई हैं। ऐसे लोन को बैंक “बुरा लोन” मानते हैं और NPA घोषित कर देते हैं।
Ans: हां, NPA घोषित होने के बाद भी लोन चुकाया जा सकता है। इसके लिए आप बैंक से संपर्क कर One Time Settlement (OTS) या किश्तो में भुगतान करने की व्यवस्था कर सकते हैं।
Ans: लोन रिपेमेंट का मतलब है पूरे लोन और ब्याज की तय रकम समय पर चुकाना। Loan Settlement का मतलब है कि बैंक कुछ राशि माफ कर देता है और बाकी रकम लेकर खाता बंद कर देता है।
Ans: हां, Loan Settlement को CIBIL रिपोर्ट में “Settled” के रूप में दिखाया जाता है, जो भविष्य में आपकी क्रेडिट योग्यता को प्रभावित कर सकता है। इससे स्कोर घट सकता है।
Ans: OTS एक ऐसी योजना होती है जिसमें बैंक उधारकर्ता को एक निश्चित राशि एकमुश्त (या निर्धारित किश्तों में) चुकाकर लोन से मुक्त होने का मौका देता है। इसमें कुछ ब्याज या मूलधन माफ किया जा सकता है।