बीते कुछ सालों से घर खरीदी में इजाफा देखने को मिला है। लोग होम लोन (Home Loan) आदि की मदद से अपना खुद का घर लेने का सपना साकार कर रहे हैं। अगर आप भी घर या फिर फ्लैट खरीदने का सोच रहे हैं तो यह लेख आपके लिए जरूरी है। घर खरीदने से पहले हम उससे जुड़े कुछ डॉक्यूमेंट्स की जांच जरूर करनी चाहिए ताकि बाद में कोई परेशानी ना हो। जिंदगी में हर किसी का सपना होता है कि उसका खुद का घर हो। इसके लिए वह कड़ी मेहनत करते है और कई बार होम लोन (Home Loan) की मदद से घर भी खरीद लेते हैं। होम लोन क्या होता हैं?
घर खरीदना जीवन के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है। यह न केवल एक वित्तीय निवेश है बल्कि आपके और आपके परिवार के लिए एक सुरक्षित और स्थायी स्थान प्रदान करने का अवसर भी है। एक सही निर्णय लेने के लिए अच्छी तरह से सोचना और सही योजना बनाना बहुत जरुरी होता है। अगर आप भी अपना खुद का घर खरीदने की सोच रहे हैं, इस लेख में कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपके इस बड़े निर्णय को आसान और सफल बना सकते हैं। इसलिए इस लेख को आखिर तक पढियेगा ताकि बाद में आपको कोई परेशानी न हो सकें।
Home Loan क्या होता हैं?
होम लोन (Home Loan) वह लोन है जिसे बैंक या वित्तीय संस्थान किसी व्यक्ति को घर खरीदने, बनाने, या नवीनीकरण के लिए प्रदान करते हैं। यह एक लम्बे समय लोन होता है, जो आमतौर पर 15 से 30 साल तक की अवधि में चुकाया जाता है। इसमें कर्जदार (उधार लेने वाला) को अपने घर की संपत्ति को गिरवी रखनी पड़ती है। होम लोन के तहत कर्जदाता (बैंक या वित्तीय संस्थान) संपत्ति की कीमत का एक बड़ा हिस्सा लोन के रूप में प्रदान करता है, जबकि कर्जदार को कुछ प्रतिशत राशि खुद से जमा करनी होती है जिसे डाउन पेमेंट कहते हैं।
Home Loan कितने प्रकार के होते हैं?
होम लोन के कई प्रकार होते हैं जो विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए होते हैं:
- नई संपत्ति खरीदने के लिए होम लोन: यह लोन उन लोगों के लिए होता है जो एक नई संपत्ति या घर खरीदना चाहते हैं।
- होम निर्माण लोन: अगर कोई व्यक्ति अपने खुद के घर का निर्माण करना चाहता है, तो उसे यह लोन मिल सकता है।
- होम रेनोवेशन लोन: यह लोन उन लोगों के लिए होता है जो अपने घर की मरम्मत या उसमे सुधार करना चाहते हैं।
- होम एक्सटेंशन लोन: अगर कोई व्यक्ति अपने वर्तमान घर में कोई विस्तार करना चाहता है, जैसे कि अतिरिक्त कमरे बनाना, तो वह यह लोन ले सकता है।
- बैलेंस ट्रांसफर लोन: अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य बैंक में पहले से लिए गए होम लोन को कम ब्याज दर पर दूसरे बैंक में ट्रांसफर करना चाहता है, तो इस तरह का लोन लिया जा सकता है।
Home Loan की विशेषताएं क्या हैं?
होम लोन की निन्मलिखित विशेषताएं होती हैं:
- ब्याज दर: होम लोन पर ब्याज दर फ्लोटिंग (चलती दर) या फिक्स्ड (स्थिर दर) हो सकती है। फ्लोटिंग ब्याज दर समय के साथ बदलती रहती है, जबकि फिक्स्ड ब्याज दर निश्चित होती है।
- लंबी अवधि: होम लोन आमतौर पर लंबी अवधि के लिए होता है, जो 15 से 30 साल तक का भी हो सकता है।
- टैक्स बेनिफिट: भारतीय कर कानून के तहत होम लोन लेने वाले व्यक्ति को कर में छूट मिलती है। आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत ब्याज पर छूट और धारा 80C के तहत प्रिंसिपल राशि पर छूट प्राप्त की जा सकती है।
- डाउन पेमेंट: होम लोन में बैंक संपत्ति की कुल कीमत का 75-90% तक लोन देता है। बाकी 10-25% राशि कर्जदार को खुद से चुकानी होती है जिसे डाउन पेमेंट कहा जाता है।
Home Loan लेने के लिए मानदंड क्या हैं?
होम लोन लेने के लिए निम्नलिखित मानदंड होने चाहिए:
- होम लोन लेने के लिए आवदेन की आयु 21 से 65 साल की होनी चाहिए।
- होम लोन लेने के लिए आवदेन के पास स्थिर आय का स्त्रोत होना चाहिए।
- होम लोन लेने के लिए आवेदक का सिबिल स्कोर 700 से ऊपर होना चाहिए।
- होम लोन लेने के लिए आवदेक एक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
Home Loan लेने के लिए कौनसे दस्तावेजों की जरुरत होती हैं?
होम लोन लेने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की जरुरत होती हैं:
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस)
- आय प्रमाण (सैलरी स्लिप, बैंक स्टेटमेंट, इनकम टैक्स रिटर्न)
- संपत्ति के दस्तावेज (एग्रीमेंट, प्रॉपर्टी टाइटल डीड)
होम लोन लेने से पहले इन बातो का ध्यान रखें।
अगर आप भी अपना खुद का घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो यहां कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं जो आपके इस बड़े निर्णय को आसान और सफल बना सकते है:
1. बजट तय करें
घर खरीदने से पहले सबसे पहला और जरुरी कदम है कि आप अपना बजट तय करें। आपको यह पता होना चाहिए कि आपकी आर्थिक स्थिति कैसी है और आप कितनी राशि खर्च कर सकते हैं। बजट निर्धारित करने में आपकी आय, मासिक खर्च, बचत, और किसी भी प्रकार के लोन या वित्तीय देनदारियों को ध्यान में रखना जरूरी होता है।
- बजट तय करने से आपको घर की कीमत और घर के स्थान को चुनने में मदद मिलती है। यह आपको यह तय करने में भी मदद करेगा कि आपको होम लोन की जरुरत होगी या नहीं।
- बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन लेने से पहले यह समझ लें, कि आपकी लोन की क्षमता क्या है। आपके आय और वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक आपको कितना लोन दे सकते हैं, इसका भी जांचकरें।
2. प्रॉपर्टी की लोकेशन का चयन
घर खरीदते समय स्थान का चयन सबसे जरुरी कारकों में से एक है। एक अच्छी लोकेशन न केवल आपके जीवन को आसान बनाती है, बल्कि भविष्य में संपत्ति की कीमत को भी बढ़ाती है।
- घर के पास बाजार, स्कूल, अस्पताल, और परिवहन की सुविधाएं होनी चाहिए।
- अगर आप ऑफिस जाते हैं, तो ध्यान दें कि घर से काम का स्थान कितनी दूर है। अगर आपका ऑफिस घर से बहुत दूर है तो आपका बहुत सारा समय ट्रैवलिंग में जाएगा।
3. Home Loan की जानकारी प्राप्त करें
होम लोन लेने से पहले उसकी पूरी जानकारी हासिल करना बहुत जरूरी है। अलग – अलग बैंकों द्वारा प्रदान किए जाने वाले होम लोन की दरों, शर्तों और नियमों की तुलना करें।
- होम लोन पर हर बैंक का ब्याज दर अलग होता है। आपको फ्लोटिंग और फिक्स्ड ब्याज दर के बीच का अंतर समझना चाहिए और जो आपको ज्यादा फायदेमंद लगे, उसका चयन करें।
- जितने लम्बे समय के लिए आप लोन लेते हैं, उतनी ही ज्यादा ब्याज राशि आपको चुकानी होती है। इसलिए, लोन के समय का चुनाव ध्यान से करें।
- लोन के प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट पेनल्टी और अन्य अतिरिक्त चार्जेस के बारे में भी जानकारी लें।
4. प्रॉपर्टी की जांच-पड़ताल करें
घर खरीदने से पहले उसकी लीगल और फिजिकल कंडीशन की जांच करना बहुत जरुरी है। किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी विवाद, धोखाधड़ी, या अन्य कानूनी समस्याओं से बचने के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान रखें:
- Home Loan लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि प्रॉपर्टी का टाइटल क्लियर है और उस पर किसी प्रकार का लोन या विवाद नहीं है।
- अगर आप नया फ्लैट या घर खरीद रहे हैं, तो बिल्डर की प्रतिष्ठा और उसकी पुरानी परियोजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करें।
- घर की फिजिकल कंडीशन, निर्माण सामग्री और अन्य तकनीकी पहलुओं की जांच करें ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या न हो।
5. रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प ड्यूटी
घर खरीदने की प्रक्रिया में रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प ड्यूटी एक जरुरी हिस्सा होता है। स्टाम्प ड्यूटी एक सरकारी टैक्स होता है जो आपको घर की कीमत के आधार पर चुकाना पड़ता है।
- यह हर राज्य में अलग-अलग होती है। इसलिए, जिस राज्य में आप प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, वहां की स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस की जानकारी लें।
- इसके साथ ही यह सुनिश्चित करें कि आपके सभी लीगल दस्तावेज सही हैं और आपने उन्हें समझने के बाद ही साइन किया है।
6. भविष्य की योजना बनाएं
घर खरीदते समय केवल वर्तमान को ध्यान में न रखें, बल्कि भविष्य की जरूरतों को भी सोचें। अगर आपका परिवार बड़ा है या भविष्य में बढ़ सकता है, तो घर का आकार और सुविधाएं इस हिसाब से चुनें।
- यह निर्णय भी भविष्य की योजनाओं के आधार पर करें। अगर आप इंडिपेंडेंट हाउस खरीदना चाहते हैं तो उसमें रख-रखाव और सुरक्षा का ध्यान रखना होगा।
- अगर आप प्रॉपर्टी को निवेश के तौर पर खरीद रहे हैं, तो उस क्षेत्र की रेंटल वैल्यू का भी जांच करें।
7. घर के रखरखाव का खर्चा
घर खरीदने के बाद उसका रखरखाव भी एक अहम मुद्दा होता है। इसलिए, घर की रखरखाव लागत का भी ध्यान रखें। अपार्टमेंट्स में आपको मेंटेनेंस चार्जेस भी चुकाने पड़ते हैं, जो आपके मासिक खर्च को बढ़ा सकते हैं।
- अपार्टमेंट्स में यह चार्ज आमतौर पर सुविधाओं जैसे कि पार्क, सुरक्षा, स्विमिंग पूल, और क्लब हाउस के लिए लिया जाता है।
- इंडिपेंडेंट हाउस में आपको हर साल रंगाई-पुताई, प्लम्बिंग और अन्य मरम्मत के खर्चों का भी ध्यान रखना होगा।
8. रियल एस्टेट एजेंट की सहायता लें
अगर आप खुद से प्रॉपर्टी की तलाश करने में सक्षम नहीं हैं, तो एक अच्छे रियल एस्टेट एजेंट की मदद लें। आपको सही प्रॉपर्टी ढूंढने और खरीदने की प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं।
- एजेंट की भरोसा और उनकी सेवा शुल्क के बारे में जानकारी लें। किसी भरोसेमंद एजेंट का चयन करें, ताकि आपको सही सलाह और सहायता मिल सके।
- एजेंट के साथ प्रॉपर्टी विजिट पर जाएं और स्वयं सभी चीजों की जांच करें। केवल उनकी बातों पर निर्भर न रहें।
9. मोलभाव करें
घर खरीदते समय मोलभाव करना बहुत जरूरी होता है। प्रॉपर्टी की कीमत में छूट पाने के लिए मोलभाव करें। कई बार बिल्डर या विक्रेता प्रॉपर्टी की कीमत में छूट देने को तैयार हो जाते हैं, जिससे आप अपनी खरीद को और ज्यादा फायदेमंद बना सकते हैं।
- अगर आप नया घर खरीद रहे हैं, तो बिल्डर से प्राइस नेगोशिएट करें और ऑफर्स के बारे में पूछें।
- अगर आप पुरानी प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो विक्रेता से सही प्राइस नेगोशिएट करें।
10. टैक्स बेनिफिट का फायदा उठाएं
घर खरीदते समय आपको कुछ टैक्स बेनिफिट मिल सकते हैं, जिन्हें जानना और समझना जरुरी है। होम लोन पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट का सही इस्तेमाल करना आपकी वित्तीय योजना को और मज़बूत बना सकता है।
- आयकर अधिनियम की धारा 80C और धारा 24 के तहत होम लोन पर टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है। ब्याज और मूलधन के पुनर्भुगतान पर आप टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं।
निष्कर्ष:
घर खरीदना न केवल एक भावनात्मक यात्रा होती है, बल्कि यह एक आर्थिक और कानूनी प्रक्रिया भी होती है, जिसे सावधानी से समझना और निभाना चाहिए। इस पूरे निर्णय में आपकी लम्बे समय की वित्तीय योजना और जीवनशैली की जरूरतों का संतुलन जरुरी भूमिका निभाता है।
घर खरीदने से पहले आपको बजट बनाना, सही लोकेशन का चयन करना, प्रॉपर्टी की कानूनी स्थिति की जांच और होम लोन की उचित योजना बनानी होती है। हर कदम पर सही जानकारी और समझदारी के साथ निर्णय लेने से आप भविष्य की चुनौतियों से बच सकते हैं।
यह भी समझें कि घर खरीदने का निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाना चाहिए। प्रॉपर्टी का फिजिकल और कानूनी जांच करना जरूरी है, और मोलभाव से आप बड़ी बचत कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रॉपर्टी खरीदते समय आपको लंबे समय तक होने वाले खर्चों जैसे कि रखरखाव, सोसाइटी चार्ज, और गृह कर का भी ध्यान रखना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
Ans: घर खरीदने का सबसे अच्छा समय आपके वित्तीय स्थिति और बाजार के हालात पर भी निर्भर करता है। अगर रियल एस्टेट बाजार में मंदी चल रही है, तो यह खरीदारी का सही समय हो सकता है, क्योंकि कीमतें कम होती हैं। इसके अलावा, फेस्टिवल सीजन के दौरान बिल्डर्स और बैंक कई ऑफर्स देते हैं, जिससे खरीदारी का समय फायदेमंद साबित हो सकता है।
Ans: आमतौर पर घर खरीदते समय आपको कुल मूल्य का 10% से 20% डाउन पेमेंट करना होता है। जितना ज्यादा आप डाउन पेमेंट करते हैं, उतना ही कम लोन लेना पड़ता है, जिससे ब्याज दरों में भी बचत होती है।
Ans: Home Loan की राशि आपकी आय, वर्तमान वित्तीय स्थिति, क्रेडिट स्कोर, और अन्य देनदारियों पर निर्भर करती है। आमतौर पर, बैंक आपकी मासिक आय के 60-70% तक का लोन देते हैं, जिसमें आपकी ईएमआई का ध्यान रखा जाता है।
इस लेख से सम्बंधित प्रश्न (FAQ’s)
Ans: एक अच्छा क्रेडिट स्कोर (750 या उससे अधिक) आपके होम लोन के आवेदन को मंजूरी दिलाने में मदद करता है और आपको बेहतर ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है। खराब क्रेडिट स्कोर होने पर आपको उच्च ब्याज दर पर लोन मिल सकता है या लोन के आवेदन को भी रद्द कर सकता है।
Ans: घर खरीदते समय आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत पड़ सकती है:
पहचान पत्र (आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी)
पते का प्रमाण (राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस)
आय का प्रमाण (सैलरी स्लिप, आईटीआर)
बैंक स्टेटमेंट्स
संपत्ति के कानूनी दस्तावेज (सेल डीड, टाइटल डीड)
होम लोन से संबंधित दस्तावेज