Loan Settlement और Loan Closure में क्या अंतर होता हैं?

What is the difference between Loan Settlement and Loan Closure

Table of Contents

संक्षेप 

Loan Settlement और Loan Closure, दोनों ही लोन समाप्त करने की प्रक्रियाएं हैं, लेकिन इनमें काफी अंतर होते हैं। Loan Settlement तब किया जाता है जब उधारकर्ता पूरी लोन राशि चुकाने में असमर्थ होता है और बैंक से समझौता करता है, जिससे बैंक लोन की कुछ राशि माफ कर देता है। 

हालांकि, इससे CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और भविष्य में लोन लेने में मुश्किल हो सकती है। यह आमतौर पर तब किया जाता है जब उधारकर्ता गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहा होता है। दूसरी ओर, Loan Closure तब होता है जब उधारकर्ता पूरी लोन राशि (मूलधन और ब्याज सहित) चुका देता है और लोन को पूरी तरह से समाप्त कर देता है। 

इसके बाद बैंक द्वारा No Objection Certificate (NOC) जारी किया जाता है, जिससे यह साबित होता है कि लोन पूरी तरह से चुकता कर दिया गया है। Loan Closure से CIBIL स्कोर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और भविष्य में लोन लेने में कोई समस्या नहीं होती हैं। अगर आपके पास लोन की पूरी राशि चुकाने की क्षमता है, तो Loan Closure सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह वित्तीय रूप से स्थिरता प्रदान करता है और क्रेडिट स्कोर को बनाए रखता है। 

परिचय

Loan Settlement और Loan Closure दोनों ही एक वित्तीय शब्द हैं, जो लोन के अंतिम चरण से जुड़े हुए होते हैं, लेकिन इन दोनों का मतलब और प्रक्रिया अलग-अलग होती है। सबसे पहले, यह समझना जरूरी है कि जब भी कोई व्यक्ति लोन लेता है, तो वह उसे एक निश्चित समय के भीतर उसे चुकता करने की जिम्मेदारी लेता है। अगर किसी कारणवश उसे लोन चुकता करने में कोई मुश्किल पैदा होती है, तो वह दो विकल्पों का सामना कर सकता है: Loan Settlement या Loan Closure।

Loan Settlement तब होता है जब लोन का भुगतान पूरा नहीं हो पाता और उधार लेने वाला व्यक्ति बैंक या वित्तीय संस्था से बातचीत कर तय करता है कि वह लोन का कुछ हिस्सा चुकता करेगा और बाकी हिस्से को माफ किया जाएगा। इस प्रक्रिया में उधारी का बाकी हिस्सा, जो पूरा नहीं चुकता किया जा सकता, बैंक या लेंडिंग एजेंसी द्वारा माफ कर दिया जाता है। 

वहीं, Loan Closure का मतलब होता है लोन का पूरा भुगतान करना और उस पर पूरी तरह से खत्म करना। जब उधारकर्ता अपने पूरे लोन, ब्याज और किसी भी प्रकार के शुल्क का भुगतान कर देता है, तो लोन को बंद कर दिया जाता है। Loan Closure की प्रक्रिया में कोई समझौता नहीं होता हैं, बल्कि पूरी राशि का भुगतान करके लोन को इनएक्टिव किया जाता है। 

इस लेख में हम Loan Settlement और Loan Closure के बीच के अंतर को विस्तार से समझेंगे। यह दोनों ही प्रक्रिया लोन चुकता करने से जुड़ी हैं, लेकिन दोनों के बीच महत्वपूर्ण फर्क भी होते हैं। Loan Settlement तब होता है जब उधारकर्ता बैंक से बातचीत कर कुछ हिस्से का माफ करने का समझौता करता है, जबकि Loan Closure तब होता है जब उधारकर्ता पूरे लोन का भुगतान करके उसे बंद करता है।

Loan Settlement क्या होता हैं? 

यह एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्था लोन लेने वाले व्यक्ति को पूरी बकाया लोन की राशि को चुकाने के बजाय कम राशि देकर लोन निपटाने का मौका देती है। यह सुविधा उन लोगों के लिए होती है जो किसी कारण से अपना लोन समय पर नहीं चुका पाते हैं और लगातार डिफॉल्ट कर रहे होते हैं। 

सेटलमेंट के तहत बैंक एकमुश्त राशि (लंपसम अमाउंट) पर सहमति बना सकता है, जिससे लोन बंद हो जाता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि लोन सेटलमेंट करने से आपका CIBIL स्कोर प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में आपको लोन लेने में  मुश्किल हो सकती है। इसलिए, इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।

Loan Settlement कैसे काम करता है?

जब कोई व्यक्ति अपने पर्सनल लोन की EMI समय पर चुकाने में असमर्थ हो जाता है और लंबे समय तक बकाया राशि जमा हो जाती है, तो बैंक या वित्तीय संस्था लोन सेटलमेंट का विकल्प देती है। इसमें बैंक ग्राहक को पूरी बकाया राशि के बजाय रियायती रकम (discounted amount) चुकाने का मौका देता है, जिससे लोन का मामला निपट जाता है।

सेटलमेंट की प्रक्रिया में ग्राहक और बैंक के बीच बातचीत होती है, जहां बैंक इस बात की पुष्टि करता है कि ग्राहक लोन का पूरा भुगतान नहीं कर सकता हैं। इसके बाद, बैंक एक सिंगल-शॉट पेमेंट ऑफर देता है, जो आमतौर पर बकाया लोन राशि से कम होता है। जब ग्राहक इस सहमत राशि का भुगतान कर देता है, तो बैंक लोन को “Settled” के रूप में रिपोर्ट करता है। हालांकि, यह CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है क्योंकि इसे “Complete Payment” नहीं माना जाता हैं।

इसलिए, लोन सेटलमेंट को अंतिम विकल्प के रूप में ही चुनना चाहिए और अगर संभव हो, तो लोन रीपेमेंट प्लान, लोन री-स्ट्रक्चरिंग या अन्य वित्तीय समाधान पर विचार करना चाहिए ताकि क्रेडिट स्कोर खराब न हो।

Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement में अंतर है?

आइए Loan Settlement और Loan Closure इन दोनों को विस्तार से समझते हैं:

  • Loan Settlement: इसमें कर्जदार अपने बैंक के साथ बातचीत करता है, ताकि कर्ज की कुल राशि का कुछ हिस्सा माफ किया जा सके। इसका मतलब है कि कर्जदार को अपनी मूल उधारी से कम राशि का भुगतान करना पड़ता है। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब कर्जदार पूरी कर्ज राशि चुकाने में असमर्थ हो और वह बैंक से समझौता करने की कोशिश करता है।
  • Credit Card Loan Settlement: क्रेडिट कार्ड लोन सेटलमेंट (Credit Card Loan Settlement) एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसके माध्यम से आप अपने क्रेडिट कार्ड के बकाया भुगतान को बैंक या क्रेडिट कार्ड प्रदाता के साथ बातचीत करके कम कर सकते हैं। जब आप अपने क्रेडिट कार्ड के पूरे बकाया राशि का भुगतान करने में असमर्थ होते हैं और आपकी वित्तीय स्थिति गंभीर हो जाती है, तो बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी आपके साथ एक समझौता करती है। इसमें आपको मूल राशि का एक निश्चित प्रतिशत देकर अपनी देनदारी को समाप्त करने का मौका दिया जाता है।

Loan Settlement करने के लिए कौनसे दस्तावेजों की आवशयकता होती हैं? 

निम्नलिखित दस्तावेजों की आवशयकता होती हैं:

  • आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, या ड्राइविंग लाइसेंस आदि।
  • सैलरी स्लिप, आयकर रिटर्न, बैंक स्टेटमेंट आदि।
  • Loan Settlement लेटर, कर्ज विवरण, भुगतान रसीदें आदि।
  • निवेश के दस्तावेज़, संपत्ति के दस्तावेज़, बीमा पॉलिसी आदि।

Loan Settlement करने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें? 

अगर आप इसे ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें:

बैंक की वेबसाइट या ऐप पर जाएं

  • अपने लोन प्रदाता या बैंक की ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप को खोलें।
  • साइन अप करें, अगर पहले से अकाउंट है, तो लॉग इन करें। नहीं तो नया अकाउंट बनाएं।

 कस्टमर सपोर्ट सेक्शन देखें

  • वेबसाइट या ऐप पर ‘Customer Support’ या ‘Contact Us’ सेक्शन पर जाएं।
  • यहां आपको “Loan Settlement” से संबंधित विकल्प मिल सकता है, जैसे:
  • लोन से जुड़ी शिकायत दर्ज करना।
  • लोन सेटलमेंट के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म।

सेटलमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म भरें

  • “Loan Settlement Request” विकल्प चुनें।
  • मांगी गई जानकारी भरें, जैसे:
  • आपका नाम
  • लोन अकाउंट नंबर
  • ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
  • कारण (क्यों आप सेटलमेंट करना चाहते हैं, जैसे वित्तीय समस्या या आय में कमी)।

जरूरी दस्तावेजो को अपलोड करें

  • अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति को दिखाने वाले दस्तावेज अपलोड करें, जैसे:
  • इनकम सर्टिफिकेट या सैलरी स्लिप
  • बैंक स्टेटमेंट
  • कोई अन्य प्रमाण जो आपकी समस्या को स्पष्ट करे।
  • सभी दस्तावेज स्कैन करके सही फॉर्मेट में अपलोड करें (PDF या JPEG)।

सबमिट करें और बैंक की तरफ से जवाब आने का इंतजार करें

  • फॉर्म सबमिट करने के बाद, बैंक आपकी रिक्वेस्ट की जांच करेगा।
  • आमतौर पर बैंक 7-10 वर्किंग डेज़ में आपसे संपर्क करता है। वे ईमेल, कॉल, या मैसेज के जरिए सेटलमेंट की जानकारी देंगे।

बैंक के ऑफर को समझें

  • बैंक आपके बकाया राशि का एक हिस्सा माफ करने का प्रस्ताव देगा। इसे ध्यान से पढ़ें।
  • अगर आपको ऑफर स्वीकार है, तो आगे बढ़ें। नहीं तो और बातचीत करें।

भुगतान करें

  • बैंक द्वारा तय की गई सेटलमेंट राशि को ऑनलाइन पेमेंट मोड के जरिए चुकाएं।
  • बैंक आपको पेमेंट का कन्फर्मेशन देगा और आपका लोन खाता बंद कर देगा।

Loan Settlement करने से क्रेडिट स्कोर पर कैसा असर पड़ता है?

इसका असर निम्नलिखित तरीकों से देखा जा सकता है:

  • Loan Settlement करने के बाद, अगर आपके पास कोई क्रेडिट कार्ड या अन्य क्रेडिट लाइन है, तो आपके क्रेडिट लिमिट को कम किया जा सकता है, क्योंकि क्रेडिटर्स को लगता है कि आप ज्यादा जोखिम वाले ग्राहक हो सकते हैं।
  • अगर आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, तो आपके लिए लोन, क्रेडिट कार्ड, या किसी अन्य प्रकार की क्रेडिट सुविधा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इससे आपकी वित्तीय स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है, खासकर अगर आपको भविष्य में किसी वित्तीय आपातकाल का सामना करना पड़े।
  • जब आप अपने बैंक के साथ Loan Settlement के लिए समझौता करते हैं, तो आप पूरी उधारी का भुगतान नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि एक निश्चित राशि का भुगतान कर रहे होते हैं जो मूल राशि से कम होती है। इसे क्रेडिट ब्यूरो द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि आप अपने कर्ज को चुकाने में असमर्थ रहे हैं। नतीजतन, आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
  • Loan Settlement की प्रक्रिया के बाद, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह जानकारी दर्ज हो जाती है, कि आपने अपना कर्ज “सेटल” किया है। यह एंट्री आपके क्रेडिट इतिहास में 7 साल तक बनी रहती है और इसे लेंडर्स या अन्य क्रेडिटर्स द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जा सकता है, जो भविष्य में कर्ज लेने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।
  • चूंकि Loan Settlement का मतलब होता है कि आपने पूरा कर्ज चुकाया नहीं है, भविष्य में जब आप नया कर्ज लेने की कोशिश करेंगे, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को देखकर आपके आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं या आपको उच्च ब्याज दरों पर कर्ज दे सकते हैं।

Loan Settlement की सर्विस को कैसे चुने? 

यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देने की जरुरत है, जो आपको सही Loan Settlement सर्विस चुनने में मदद करेंगे:

सर्विस प्रदाता की प्रमाणिकता को चेक करें

सेटलमेंट की सर्विस को लेने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि जिस सर्विस प्रदाता से आप मदद ले रहे हैं, वह वित्तीय संस्थाओं और बैंकों के साथ रजिस्टर्ड और प्रमाणित हो। एक भरोसेमंद सर्विस प्रदाता ही आपको सही मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सकता है। ऑनलाइन रिव्यू और ग्राहक की फीडबैक देखना एक अच्छा तरीका हो सकता है।

सेवा शुल्क और अन्य खर्चों की भी जांच करें

कई सर्विस प्रदाता सेवा शुल्क भी लेते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि शुल्क ज्यादा न हो और कोई छिपे हुए खर्च न हों। सर्विस प्रदाता से पहले से समझौता करें कि कौन सी सेवाएं मुफ्त हैं और किनके लिए आपको अतिरिक्त भुगतान करना होगा।

सेटलमेंट प्रक्रिया को समझें

सर्विस प्रदाता द्वारा दी जाने वाली सेटलमेंट की प्रक्रिया को ध्यान से समझें। क्या वे आपकी पूरी स्थिति को समझते हैं और बैंक के साथ बातचीत करने के लिए आपको बेहतर समाधान प्रदान करते हैं? एक अच्छा प्रदाता आपको कागजात और प्रक्रिया से पूरी जानकारी देगा, ताकि आप पूरी प्रक्रिया को सही तरीके से समझ सकें।

सुनिश्चित करें कि वे कानूनी रूप से सक्षम हैं

आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि सेवा प्रदाता कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त हो और उसके पास उन सभी अधिकारों की जानकारी हो जो आपके लोन के सेटलमेंट से जुड़े हैं। इससे आपको आगे किसी भी कानूनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

अन्य समाधानो पर भी विचार करें

सेटलमेंट की प्रक्रिया को चुनने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि सर्विस प्रदाता वैकल्पिक समाधान जैसे लोन री-स्ट्रक्चरिंग या नए भुगतान प्लान के बारे में भी आपको जानकारी दे रहा हो। ये विकल्प कभी-कभी सेटलमेंट से बेहतर हो सकते हैं और आपके CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते हैं।

ग्राहक समर्थन और संपर्क

एक अच्छा सर्विस प्रदाता हमेशा ग्राहक के साथ संपर्क में रहेगा और आपकी समस्याओं का समाधान सही से करेगा। सुनिश्चित करें कि वे आपके सवालों का जवाब जल्दी देते हैं और किसी भी मुश्किल स्थिति में आपके साथ काम करने के लिए तैयार रहते हैं।

हमारी सेवा के साथ जुड़े 

अगर आप भी कर्ज के जाल में फंस गए हैं और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और Loan Settlement का रास्ता अपनाना चाहते है तो आप हमारी Loan Settlement की सेवा के लिए आवेदन कर सकते हैं। हम आपके लोन का सेटलमेंट करने में आपकी सहयता कर्नेगे। इसके साथ ही हम आपको 6 – 8 महीने के अंदर लोन के बोझ से राहत प्रदान करवाते हैं। अगर आपको हमारी सेवा के बारे में और ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी हैं तो आप हमें सपर्क कर सकते हैं। 

Loan Settlement होने में कितना समय लगता है? 

सेटलमेंट की प्रक्रिया का समय अलग – अलग कारकों पर भी निर्भर करता है, जैसे आपके बैंक या लोन देने वाली संस्था की पॉलिसी, बकाया राशि, और आप दोनों के बीच बातचीत। आमतौर पर यह प्रक्रिया 1 से 3 महीने तक का समय ले सकती है।

सेटलमेंट की प्रक्रिया में सबसे पहला कदम बैंक से बातचीत करना होता है, जहां आप अपनी मुश्किलों और भुगतान की स्थिति के बारें में बैंक को समझाते हैं। इसके बाद, बैंक आपकी स्थिति के आधार पर एक सेटलमेंट का ऑफर देता है। अगर आप उस ऑफर को स्वीकार करते हैं, तो बैंक को तय समय सीमा के भीतर भुगतान करना होता है। फिर बैंक लोन को सेटल के रूप में रिपोर्ट करता है, जो कुछ समय ले सकता है।

इस पूरी प्रक्रिया में जितना ज्यादा समय लगेगा, उतना ही आपके CIBIL स्कोर पर प्रभाव डाल सकता है, इसलिए जल्दी से जल्दी समाधान तलाशना बेहतर रहता है।

Loan Settlement और Loan Closure में क्या अंतर होता हैं?

हालांकि Loan Settlement और Loan Closure दोनों का उद्देश्य लोन को खत्म करना होता है, लेकिन इन दोनों के बीच काफी अंतर होते हैं।

Loan Settlement (लोन सेटलमेंट)

सेटलमेंट तब होता है जब उधारकर्ता पूरी लोन की राशि का भुगतान नहीं कर सकता और बैंक या वित्तीय संस्थान से समझौता करता है। इस स्थिति में, बैंक या संस्था उधारकर्ता से कम लोन की राशि लेकर बाकी का लोन माफ कर देती है। इस प्रक्रिया में उधारकर्ता को एकमुश्त राशि चुकानी होती है, जो पूरे लोन से कम होती है। यह आमतौर पर तब होता है जब उधारकर्ता आर्थिक संकट से गुजर रहा होता है या उसकी भुगतान करने की क्षमता पूरी नहीं हो रही होती हैं।

  • किसे माफ किया जाता है? लोन का बाकी हिस्सा।
  • कब होता है? जब उधारकर्ता के पास लोन को चुकता करने के लिए पूरी राशि नहीं होती हैं।
  • फायदे: उधारकर्ता को लोन का कुछ हिस्सा माफ हो जाता है।
  • नुकसान: CIBIL स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।

Loan Closure (लोन क्लोजर)

Loan Closure तब होता है जब उधारकर्ता पूरी लोन की राशि का भुगतान करता है, जिसमें मूलधन और ब्याज दोनों शामिल होते हैं। इस स्थिति में, लोन को पूरी तरह से चुकता किया जाता है और बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा लोन को बंद कर दिया जाता है। जब लोन का पूरा भुगतान हो जाता है, तो उधारकर्ता को NOC (No Objection Certificate) प्रदान किया जाता है, जो यह प्रमाणित करता है कि लोन की पूरी राशि चुका दी गई है और लोन को समाप्त कर दिया गया है।

  • किसे माफ किया जाता है? कोई माफी नहीं होती हैं पूरी लोन की राशि का भुगतान किया जाता है।
  • कब होता है? जब उधारकर्ता पूरी राशि चुकता करता है।
  • फायदे: CIBIL स्कोर पर सकारात्मक असर पड़ता है और भविष्य में लोन लेने में कोई परेशानी नहीं होती हैं।
  • नुकसान: पूरी राशि का भुगतान करना होता है, जो कभी-कभी आर्थिक रूप से मुश्किल हो सकता है।

मुख्य अंतर

  • Loan Settlement में उधारकर्ता को लोन की कुछ राशि माफ हो जाती है, जबकि Loan Closure में पूरी राशि चुकता करनी होती है।
  • Loan Settlement की प्रक्रिया आमतौर पर तब होती है जब उधारकर्ता के पास पूरे लोन को चुकता करने के लिए पैसे नहीं होते हैं, जबकि Loan Closure तब होता है जब उधारकर्ता पूरी राशि चुका देता है।
  • Loan Settlement से CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जबकि Loan Closure से स्कोर पर कोई असर नहीं होता हैं।

Loan Settlement करने के फायदे और नुक्सान क्या हैं? 

इसके निम्नलिखित फायदे और नुकसान हैं:

फायदे

  • Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार को अपने कर्ज का कुछ हिस्सा माफ करवाने का मौका मिलता है।
  • यह उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करता है और उसे भारी वित्तीय बोझ से राहत दिलवाता है।
  • हालांकि Loan Settlement करने से कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है, लेकिन समय पर और सही तरीके से समझौते का पालन करने से वह अपने क्रेडिट स्कोर को धीरे-धीरे सुधार सकता है।
  • Loan Settlement करने से कर्जदार की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
  • Loan Settlement करने से आप अपनी आय और लागत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और भविष्य में वित्तीय संकट से बच सकते हैं।
  • कर्ज का भारी बोझ अक्सर मानसिक तनाव का कारण बनता है। Loan Settlement से कर्जदार को इस तनाव से राहत मिलती है और वह अपने जीवन में मानसिक शांति पा सकता है।

नुक्सान 

  • Loan Settlement के बाद, कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
  • Loan Settlement भविष्य में नए कर्ज लेने या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।
  • Loan Settlement के कारण, कर्जदार के बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं।
  • भविष्य में, कर्जदार को इन संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
  • Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार  का पूरा लोन माफ नहीं होता है। उसे अभी भी कुछ राशि का भुगतान करना होता है, जो उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
  • Loan Settlement के दौरान, बैंक और कर्जदार  के बीच जो समझौता होता है, उसमें कई शर्तें होती हैं। कर्जदार  को इन शर्तों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।

निष्कर्ष

Loan Settlement और Loan Closure दोनों ही लोन के समाप्त होने की प्रक्रिया होती हैं, लेकिन इन दोनों में काफी अंतर होते हैं। Loan Settlement तब होता है जब उधारकर्ता पूरी लोन राशि का भुगतान नहीं कर पाता हैं और बैंक या वित्तीय संस्थान से कुछ राशि माफ करने की सहमति प्राप्त करता है। इस प्रक्रिया में कुछ हिस्से का माफी मिलती है, लेकिन इससे CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है। 

वहीं, Loan Closure तब होता है जब उधारकर्ता पूरी लोन राशि का भुगतान करता है, जिसमें मूलधन और ब्याज दोनों शामिल होते हैं। इस प्रक्रिया में कोई माफी नहीं मिलती हैं, लेकिन लोन पूरी तरह से चुकता होने पर बैंक द्वारा एक No Objection Certificate (NOC) जारी किया जाता है, जो यह साबित करता है कि लोन चुका दिया गया है और अब वह समाप्त हो चुका है। 

Loan Settlement और Loan Closure दोनों प्रक्रियाओं के बीच मुख्य अंतर यह है कि Loan Settlement में कुछ लोन माफ किया जाता है, जबकि Loan Closure में पूरी राशि का भुगतान किया जाता है। यदि आप अपनी पूरी उधारी चुकता करने की स्थिति में हैं, तो Loan Closure सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि इससे आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर रहता है। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

Que: क्या Loan Settlement करने से भविष्य में लोन लेने में दिक्कत होती है?

Ans: हां, Loan Settlement करने से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे भविष्य में आपको लोन प्राप्त करने में मुश्किल हो सकती है।

Que: Loan Closure के बाद CIBIL स्कोर पर क्या असर पड़ता है?

Ans: Loan Closure के बाद अगर आपने पूरी राशि चुकता की है, तो CIBIL स्कोर पर सकारात्मक असर पड़ता है, क्योंकि यह आपकी क्रेडिट जिम्मेदारी को दर्शाता है।

Que: क्या Loan Settlement के बाद बाकी का लोन कभी चुकता किया जा सकता है?

Ans: Loan Settlement के बाद, बैंक या लेंडिंग एजेंसी द्वारा माफ किया गया हिस्सा कभी नहीं चुकता किया जा सकता हैं। हालांकि, अगर आपके पास पैसे होते हैं, तो आप बाकी की राशि चुकता कर सकते हैं, लेकिन इससे पहले सेटलमेंट के समझौते को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा।

Que: Loan Closure की प्रक्रिया कितने समय में पूरी होती है?

Ans: Loan Closure की प्रक्रिया आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक पूरी हो सकती है, बशर्ते आप पूरी राशि का भुगतान कर चुके हों और बैंक से सभी दस्तावेज प्राप्त कर चुके हों।

Que: Loan Settlement का निर्णय लेने से पहले किन बातों पर विचार करें?

Ans: Loan Settlement का निर्णय लेने से पहले आपको अपनी वित्तीय स्थिति, बैंक के साथ समझौते के शर्तें, और इस प्रक्रिया के दीर्घकालिक प्रभावों पर विचार करना चाहिए। CIBIL स्कोर पर पड़ने वाले प्रभाव को समझना भी जरूरी है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Schedule Appointment

Fill out the form below, and we will be in touch shortly.