Loan Settlement करने से भविष्य में लोन लेने में क्या दिक्कतें आती हैं?

How Does Loan Settlement Affect Your Future Loan Eligibility

संक्षेप

Loan Settlement एक ऐसा विकल्प होता है जो तब सामने आता है जब व्यक्ति लोन की EMI समय पर चुकाने में असमर्थ हो जाता है। इस स्थिति में बैंक और ग्राहक के बीच समझौता होता है, जिसके तहत पूरा लोन चुकाने के बजाय एक तय राशि देकर लोन को “सेटल” कर दिया जाता है। हालांकि यह तरीका तात्कालिक राहत तो जरूर देता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं।

सबसे पहले, यह समझना जरूरी है कि Loan Settlement से आपकी CIBIL रिपोर्ट में “Settled” स्टेटस जुड़ जाता है, जो यह दर्शाता है कि आपने पूरा लोन नहीं चुकाया। इसके कारण आपका CIBIL स्कोर गिर जाता है, जो कि भविष्य में किसी भी प्रकार के लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय बड़ी बाधा बन सकता है।

इसके अलावा, जब आप दोबारा लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक आपकी पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री देखकर आपको “रिस्की ग्राहक” मानते हैं। इससे लोन के रिजेक्शन की संभावना बढ़ जाती है या आपको बहुत ज्यादा ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।  

परिचय

आज के समय में लोन लेना एक आम बात हो गई है। चाहे घर खरीदना हो, गाड़ी लेनी हो या बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे की ज़रूरत हो – लोग बैंक या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट से लोन लेकर अपनी जरूरतें पूरी करते हैं। लेकिन जब कोई व्यक्ति किसी कारणवश समय पर लोन की EMI नहीं चुका पाता हैं, तो बैंक उसे “Loan Settlement” का विकल्प देता है। यह सुनने में तो राहत देने वाली बात लगती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि Loan Settlement भविष्य में लोन लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है?

Loan Settlement का मतलब होता है कि बैंक और ग्राहक के बीच एक समझौता होता है, जिसमें ग्राहक तय की गई पूरी राशि से कम पैसा चुका कर लोन अकाउंट को बंद कर देता है। बैंक इसे “सेटलमेंट” कहता है क्योंकि उन्हें भी पैसे वापस चाहिए होते हैं, भले ही कुछ हिस्सा ही क्यों न मिले। ग्राहक को लगता है कि उन्होंने लोन की समस्या से छुटकारा पा लिया है, लेकिन असल में यह एक तरह का “नॉन-फुल पेमेंट” होता है।

यहीं से असली दिक्कतें शुरू होती हैं। जब आप भविष्य में कोई नया लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक या फाइनेंशियल संस्था आपकी पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री जरूर देखती है। अगर उसमें Loan Settlement का जिक्र होता है, तो इससे उन्हें यह संकेत मिलता है कि आप पहले अपने लोन को पूरी तरह चुकाने में असमर्थ रहे हैं।

आज के इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Loan Settlement करने के बाद किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, CIBIL स्कोर पर इसका क्या असर होता है, और इससे कैसे बचा जा सकता है।

Loan Settlement क्या होता है?

Loan Settlement एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती हैं जिसमे आप एकमुश्त भुगतान करके अपने लोन पर बकया राशि का एक हिस्सा माफ़ करने के लिए अपने लेनदार से बातचीत करते हैं। यह एक ऐसा समझौता होता हैं जिसे आप अपने कार्ड जारीकर्ता के साथ अंतिम उपायें के रूप में तब करते हैं जब आप देखते हैं की आपके लोन पर कर्ज बढ़ता जा रहा हैं। 

ऐसा फ़िज़ूल के खर्च से लेकर लापरवाही से खर्च करने की आदतों तक कई कारणों से हो सकता हैं। जब आपका कर्ज बढ़ता है तो उसपर ब्याज भी बढ़ता हैं जिससे आपको बकाया राशि चुकाने में मुश्किल हो सकती हैं। अगर आपको इससे बहार निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा हैं तो आप Loan Settlement की सिफारिश कर सकते हैं।

Loan Settlement करने के लिए कौनसे दस्तावेजो की जरुरत होती हैं?

आइए जानते हैं कि Loan Settlement के लिए कौन-कौन से दस्तावेज देने होते हैं:

1. पहचान पत्र (ID Proof)

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • मतदाता पहचान पत्र (Voter ID)

2. पता प्रमाण (Address Proof)

  • आधार कार्ड (अगर इसमें सही पता हो)
  • बिजली या पानी का बिल
  • बैंक पासबुक की कॉपी या बैंक स्टेटमेंट
  • रेंट एग्रीमेंट (अगर आप किराए पर रहते हैं)

3. आय प्रमाण (Income Proof) – (जरूरत पड़ने पर)

  • सैलरी स्लिप (अगर आप नौकरी करते हैं)
  • बैंक स्टेटमेंट (पिछले 6 महीने का)
  • इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की कॉपी
  • बिजनेस के दस्तावेज (अगर आप बिजनेसमैन हैं)

4. लोन स्टेटमेंट

आपको अपने बकाया (outstanding) की सही जानकारी देने के लिए लोन का स्टेटमेंट देना होगा। यह स्टेटमेंट बैंक खुद भी निकाल सकता है, लेकिन कई बार वे आपसे इसकी कॉपी मांगते हैं।

5. सेटलमेंट अनुरोध पत्र (Settlement Request Letter)

अगर आप खुद से बैंक सेटलमेंट के लिए अप्रोच कर रहे हैं, तो आपको एक लिखित अनुरोध पत्र (Settlement Request Letter) देना होगा, जिसमें आप यह बता सकते हैं कि:

  • आप सेटलमेंट क्यों चाहते हैं?
  • आपकी आर्थिक स्थिति क्या है?
  • आप कितनी राशि एकमुश्त (One-time payment) चुका सकते हैं?

6. बैंक द्वारा दिया गया सेटलमेंट ऑफर लेटर

जब बैंक सेटलमेंट के लिए सहमत हो जाता है, तो वे आपको एक Settlement Offer Letter देते हैं। इसे ध्यान से पढ़ें और उसमें दी गई राशि और शर्तों की पुष्टि करें।

Loan Settlement करने से पहले क्या करना चाहिए?

नीचे कुछ कदम दिए गए हैं, जो Loan Settlement से पहले अपनाने चाहिए:

  • सबसे पहले अपनी आय, खर्च, और बाकी सभी कर्जों का सही जांच करें। जानें कि आप कितनी रकम चुका सकते हैं।
  • Loan Settlement से पहले अपनी समस्या को बैंक या कर्ज देने वाले से स्पष्ट रूप से साझा करें। कई बार वे आपके लिए बेहतर समाधान, जैसे कि ईएमआई कम करना या लोन अवधि बढ़ाना, पेश कर सकते हैं।
  • किसी वित्तीय सलाहकार या एक्सपर्ट से संपर्क करें। वे आपको सही निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं और समझा सकते हैं कि Loan Settlement का आपके क्रेडिट स्कोर पर क्या असर होगा।
  • अगर आप Loan Settlement का निर्णय लेते हैं, तो बैंक द्वारा दी गई शर्तों को ध्यान से पढ़ें। सुनिश्चित करें कि आपसे कोई छिपा शुल्क नहीं लिया जा रहा हैं।
  • Loan Settlement करने से आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। यह भविष्य में लोन लेने में मुश्किल पैदा कर सकता है। इसे ध्यान में रखकर ही निर्णय लें।
  • Loan Settlement अंतिम विकल्प होना चाहिए। उससे पहले, पुनर्वित्त (Refinance), ईएमआई कम करवाने, या परिवार और दोस्तों से मदद मांगने जैसे अन्य विकल्पों पर विचार करें।

Loan Settlement करने के क्या कारण होते हैं?

नीचे कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं:

  • कई बार व्यक्ति लोन लेने के बाद अपने खर्चों और आय का सही तरीके से मैनेज नहीं कर पाता हैं, जिससे भुगतान करने में दिक्कत होती है।
  • किसी प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, या परिवार में कोई बड़ा संकट आने से लोन चुकाने में परेशानी हो सकती है।
  • अगर व्यक्ति की नौकरी चली जाए, आय का स्रोत बंद हो जाए, या व्यापार में भारी नुकसान हो, तो समय पर लोन चुकाना मुश्किल हो सकता है।
  • अगर लोन की ब्याज दर बहुत ज्यादा हो और किस्त चुकाने में परेशानी हो, तो Loan Settlement का सहारा लिया जाता है।
  • बड़ी बीमारी या मेडिकल इमरजेंसी में अचानक खर्च बढ़ जाने पर लोन चुकाने के लिए पैसे की कमी हो सकती है।
  • कई बार व्यक्ति के ऊपर एक से ज्यादा लोन का बोझ होता है, जिसे समय पर चुकाना मुश्किल हो जाता है।

Loan Settlement करने के लिए कैसे अप्लाई करें?

अगर आप अपने लोन का बकाया चुकाने में असमर्थ हैं और भारी ब्याज दरों से परेशान हैं, तो Loan Settlement एक संभावित समाधान हो सकता है। इस प्रक्रिया के तहत, बैंक या लोन कंपनी आपकी कुल बकाया राशि का कुछ हिस्सा माफ कर सकती है और आपको एकमुश्त भुगतान (One-time Settlement) करने का विकल्प देती है। हालांकि, यह आपके CIBIL Score को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाएं।

Loan Settlement के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया

  • सबसे पहले यह तय करें कि आप लोन के पूरे बकाए का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं।
  • अपनी आय और खर्चों की जांच करें और तय करें कि आप ज्यादा से ज्यादा कितनी राशि चुका सकते हैं।
  • अपने बैंक या लोन कंपनी के कस्टमर केयर से बात करें और उन्हें अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के बारे में बताएं।
  • बैंक से सेटलमेंट ऑफर मांगें और बातचीत शुरू करें।
  • बैंक आपको एक सेटलमेंट अमाउंट ऑफर करेगा, जो आपकी कुल बकाया राशि से कम होगा।
  • अगर आप इस राशि से सहमत नहीं हैं, तो बैंक से बातचीत करें और अपने भुगतान करने की क्षमता के अनुसार राशि को कम करने की कोशिश करें।
  • जब बैंक और आप किसी निश्चित राशि पर सहमत हो जाएं, तो तय करें कि आपको एक लिखित सेटलमेंट लेटर मिले।
  • इसमें सेटलमेंट की शर्तें, भुगतान की तारीखें, और अन्य नियम सही से उल्लेखित होने चाहिए।
  • एक बार सेटलमेंट हो जाने के बाद, तय समय के भीतर पूरा भुगतान करें।
  • भुगतान के बाद बैंक से नो ड्यू सर्टिफिकेट (NOC) या फाइनल सेटलमेंट लेटर प्राप्त करें।
  • सेटलमेंट के बाद, सुनिश्चित करें कि बैंक आपकी CIBIL रिपोर्ट में “सेटल्ड” स्टेटस अपडेट कर दे।
  • यह आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है, इसलिए भविष्य में इसे सुधारने के लिए अच्छे वित्तीय प्रबंधन की आदत डालें।

Loan Settlement करने के बाद CIBIL Score पर क्या असर पडता हैं?

सेटलमेंट का क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसका असर निम्नलिखित तरीकों से देखा जा सकता है:

  • सेटलमेंट की प्रक्रिया के बाद, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह जानकारी दर्ज हो जाती है, कि आपने अपना कर्ज “सेटल” किया है। यह एंट्री आपके क्रेडिट इतिहास में 7 साल तक बनी रहती है और इसे लेंडर्स या अन्य क्रेडिटर्स द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जा सकता है, जो भविष्य में कर्ज लेने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।
  • चूंकि सेटलमेंट का मतलब होता है कि आपने पूरा कर्ज चुकाया नहीं है, भविष्य में जब आप नया कर्ज लेने की कोशिश करेंगे, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को देखकर आपके आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं या आपको उच्च ब्याज दरों पर कर्ज दे सकते हैं।
  • सेटलमेंट के बाद, अगर आपके पास कोई लोन या अन्य क्रेडिट लाइन है, तो आपके क्रेडिट लिमिट को कम किया जा सकता है, क्योंकि क्रेडिटर्स को लगता है कि आप ज्यादा जोखिम वाले ग्राहक हो सकते हैं।
  • अगर आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, तो आपके लिए लोन, लोन, या किसी अन्य प्रकार की क्रेडिट सुविधा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इससे आपकी वित्तीय स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है, खासकर अगर आपको भविष्य में किसी वित्तीय आपातकाल का सामना करना पड़े।
  • जब आप अपने बैंक के साथ सेटलमेंट के लिए समझौता करते हैं, तो आप पूरी उधारी का भुगतान नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि एक निश्चित राशि का भुगतान कर रहे होते हैं जो मूल राशि से कम होती है। इसे क्रेडिट ब्यूरो द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि आप अपने कर्ज को चुकाने में असमर्थ रहे हैं। नतीजतन, आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।

Loan Settlement के बाद CIBIL Score को कैसे Improve करें?

जब आप किसी लोन या CIBIL Score का settlement करते हैं, यानी पूरा पैसा चुकाने की बजाय बैंक से समझौता करके थोड़ा सा हिस्सा देकर लोन बंद कराते हैं, तो इससे आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में “settled” स्टेटस जुड़ जाता है। यह बैंक को दिखाता है कि आपने पूरा पैसा नहीं चुकाया, जिससे CIBIL Score गिर जाता है।

लेकिन घबराइए नहीं – आप इस स्कोर को फिर से सुधार सकते हैं। नीचे दिए गए आसान तरीकों से आप धीरे-धीरे अपने CIBIL Score को फिर से बेहतर बना सकते हैं:

1. अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें

सबसे पहले आप अपनी CIBIL Report देखें। उसमें यह चेक करें कि Settlement की जानकारी सही से दर्ज है या नहीं। अगर कोई गलती है, तो तुरंत CIBIL को शिकायत दर्ज करें और सुधार करवाएं।

2. Settlement को “Closed” में बदलवाएं

अगर आप settlement के बाद थोड़ा और भुगतान कर सकते हैं, तो बैंक से बात करें और बची हुई रकम चुकाकर अपना स्टेटस “Settled” से “Closed” करवा लें। इससे आपके स्कोर पर बहुत अच्छा असर पड़ेगा।

3. नया छोटा लोन लें और समय पर चुकाएं

अगर आपकी स्थिति सुधरी है, तो किसी बैंक या NBFC से एक छोटा पर्सनल लोन लें और उसे समय से चुकाएं। इससे आपके CIBIL Score में सुधार दिखेगा क्योंकि यह बैंक को दिखाता है कि अब आप भरोसेमंद हैं।

4. Credit Card का सही इस्तेमाल करें

अगर आपको कोई secured credit card (FD के बदले मिलने वाला कार्ड) मिल सकता है, तो उसे लें। समय पर उसका बिल भरें और लिमिट से ज्यादा खर्च न करें। यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को बेहतर बनाएगा।

5. पुराने बकाया को चुकाएं

अगर आपकी रिपोर्ट में कोई और बकाया (Outstanding) दिख रहा है, तो उसे जल्दी से चुका दें। इससे आपकी साख (credibility) मजबूत होती है।

CIBIL Score को Improve करने के बेस्ट तरीके क्या हैं?

अगर आप लोन लेना चाहते हैं या CIBIL Score अप्लाई करने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले बैंक और फाइनेंशियल संस्थाएं आपका CIBIL Score देखती हैं। अगर स्कोर अच्छा है, तो लोन भी आसानी से मिलता है और ब्याज दरें भी कम होती हैं। लेकिन अगर स्कोर कम है, तो लोन रिजेक्ट हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपना CIBIL Score सुधारें।

तो चलिए जानते हैं – CIBIL Score को Improve करने के बेस्ट और असरदार तरीके:

1. समय पर EMI और CIBIL Score के बिल को चुकाएं

आपका CIBIL Score सबसे ज्यादा इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपनी EMI और कार्ड बिल समय से चुकाते हैं या नहीं। एक भी लेट पेमेंट स्कोर को गिरा सकता है। इसलिए समय पर भुगतान करना सबसे ज़रूरी है।

2. CIBIL Score की लिमिट का कम इस्तेमाल करें

आपको जितनी क्रेडिट लिमिट मिली है, उसका ज्यादा इस्तेमाल करना CIBIL को दिखाता है कि आप ज्यादा डिपेंडेंट हैं। कोशिश करें कि लिमिट का 30% से कम ही इस्तेमाल करें।

3. एक से ज्यादा लोन/कार्ड के लिए एक साथ आवेदन न करें

अगर आप बार-बार लोन या CIBIL Score के लिए अप्लाई करते हैं, तो इससे कई “hard inquiries” होती हैं, जो स्कोर को नुकसान पहुंचाती हैं। इसलिए सोच-समझकर ही अप्लाई करें।

4. पुरानी क्रेडिट हिस्ट्री को बनाए रखें

पुराना CIBIL Score या लोन अकाउंट जो एक्टिव है और आप समय से उसका भुगतान करते हैं, उसे बंद न करें। यह आपकी credit age को बढ़ाता है, जो स्कोर के लिए अच्छा है।

5. अपनी क्रेडिट रिपोर्ट नियमित जांचें

हो सकता है आपकी रिपोर्ट में कोई गलती हो, जैसे कोई पुराना लोन अभी भी “बकाया” दिख रहा हो। ऐसी गलतियों को पहचानकर CIBIL में शिकायत दर्ज करें और सुधार करवाएं।

Loan Settlement करने का क्या फायदा होता हैं?

आइए जानते हैं कि Loan Settlement करने के क्या फायदे होते है:

  • अगर आपका लोन का बकाया बहुत ज्यादा हो गया है और आप इसे चुकाने में असमर्थ हैं, तो सेटलमेंट करने से आपको बहुत बड़ी राहत मिल सकती है। 
  • जब आप लगातार अपने लोन का भुगतान नहीं करते हैं, तो बैंक आपके खिलाफ Legal Notice भेज सकता है और रिकवरी एजेंट भी भेज सकता है। 
  • Loan Settlement में आपको एक बार में ही कुछ तय रकम चुकानी होती है, जिससे आपका कर्ज पूरी तरह समाप्त हो जाता है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है जो एक बार में थोड़ी रकम जुटाकर कर्ज से बाहर निकलना चाहते हैं।
  • हालांकि, सेटलमेंट करने से आपका CIBIL Score कम हो सकता है, लेकिन अगर आप सेटलमेंट के बाद वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हैं और समय पर अपने अन्य लोन और बिलों का भुगतान करते हैं, तो आप धीरे-धीरे अपना स्कोर सुधार सकते हैं।
  • लगातार बढ़ते कर्ज और बैंक की कॉल्स से मानसिक तनाव बढ़ जाता है। अगर आप सेटलमेंट कर लेते हैं, तो आपको इस चिंता से राहत मिलती है और आप अपनी वित्तीय स्थिति को दोबारा सुधारने पर ध्यान दे सकते हैं।
  • लोन का ब्याज बहुत ज्यादा होता है, जो 30-45% तक सालाना हो सकता है। अगर आप समय पर भुगतान नहीं कर रहे हैं, तो ब्याज और लेट पेमेंट फीस लगातार बढ़ती रहती है। 

Loan Settlement करने के क्या नुकसान होते हैं?

आइए विस्तार से जानते हैं कि Loan Settlement करने के क्या नुकसान होते हैं।

  • Loan Settlement का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि इससे आपका CIBIL Score खराब हो जाता है। जब आप पूरा बकाया चुकाने के बजाय बैंक से समझौता करके कम रकम चुकाते हैं, तो बैंक इसे “सेटल” (Settled) स्टेटस में रिपोर्ट करता है। यह स्टेटस आपके क्रेडिट रिपोर्ट में 7 साल तक बना रह सकता है, जिससे भविष्य में लोन या नया लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
  • अगर आपने एक बार Loan Settlement किया है, तो बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं आपको “हाई-रिस्क कस्टमर” मान सकती हैं। इससे होम लोन, पर्सनल लोन या बिजनेस लोन मिलने में परेशानी हो सकती है, या फिर बैंक आपसे ऊंची ब्याज दर (High Interest Rate) पर लोन दे सकता है।
  • अगर आपने किसी बैंक के साथ लोन सेटल किया है, तो वही बैंक आपको भविष्य में फिर से लोन जारी करने से मना कर सकता है। यहां तक कि कुछ बैंक आपको अपनी ब्लैकलिस्ट में भी डाल सकते हैं, जिससे आप उनके किसी भी क्रेडिट प्रोडक्ट के लिए अयोग्य हो सकते हैं।
  • कुछ मामलों में, जब आप भविष्य में किसी अन्य बैंक से लोन लेने जाते हैं, तो बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री देखकर आपसे पहले का सेटलमेंट अमाउंट पूरा चुकाने के लिए कह सकता है। यानी अगर आपने 1 लाख रुपये के बकाए पर 50,000 रुपये देकर सेटलमेंट किया था, तो नया बैंक आपसे बची हुई 50,000 रुपये की मांग कर सकता है।
  • Loan Settlement करने से बैंक के साथ आपके संबंध खराब हो सकते हैं। बैंक इसे इस नजर से देखता है कि आपने अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरी तरह नहीं निभाया हैं, जिससे भविष्य में आपको बैंकिंग सेवाओं में दिक्कतें आ सकती हैं।

Loan Settlement करने से भविष्य में लोन लेने में क्या दिक्कतें आती हैं?

आइए विस्तार से समझते हैं कि Loan Settlement करने से भविष्य में लोन लेने में किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है:

1. CIBIL स्कोर पर बुरा असर

  • जब आप लोन सेटल करते हैं, तो बैंक आपकी CIBIL रिपोर्ट में इसे “Settled” स्टेटस के रूप में अपडेट करता है, न कि “Closed” के रूप में।
  • “Settled” का मतलब है कि आपने समझौते के तहत पूरी राशि नहीं चुकाई।

2. भविष्य में लोन मिलने में परेशानी

  • जब आप भविष्य में किसी बैंक या NBFC से लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो वे सबसे पहले आपकी क्रेडिट रिपोर्ट देखते हैं।
  • इससे बैंक आपको नया लोन देने में हिचकिचाहट दिखाते हैं या साफ मना कर देते हैं।

3. ब्याज दर ज्यादा लग सकती है

अगर किसी परिस्थिति में बैंक आपको लोन देने के लिए तैयार भी हो जाए, तो वे:

ज्यादा ब्याज दर (High Interest Rate)

सख्त शर्तें

  • गारंटर या को-एप्लिकेंट की मांग
  • जैसी शर्तें रख सकते हैं। इससे आपके ऊपर लोन की लागत और अधिक बढ़ जाती है।

4. क्रेडिट कार्ड लेना भी हो सकता है मुश्किल

  • Loan Settlement का असर सिर्फ लोन पर ही नहीं, बल्कि क्रेडिट कार्ड पर भी पड़ता है।
  • अगर आपकी रिपोर्ट में “Settled” स्टेटस है, तो बैंक आपको क्रेडिट कार्ड देने से भी मना कर सकते हैं।
  • पहले से जारी कार्ड की लिमिट घट सकती है या बैंक उसे बंद भी कर सकता है।

5. बिजनेस या होम लोन अप्रूवल में रुकावट

अगर आप भविष्य में बड़ा लोन जैसे:

  • Home Loan
  • Business Loan

लेने की सोचते हैं, तो Loan Settlement आपके रास्ते में बड़ी रुकावट बन सकता है। बैंक ऐसे मामलों में ज्यादा सतर्क रहते हैं और आपकी पिछली चूक को गंभीरता से लेते हैं।

निष्कर्ष

अब तक आपने समझा कि Loan Settlement एक ऐसा कदम है जो देखने में तो आसान और तुरंत राहत देने वाला लगता है, लेकिन इसके परिणाम लंबे समय तक आपके वित्तीय जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। यह सच है कि कभी-कभी परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती हैं जहाँ लोन चुकाना मुश्किल हो जाता है — जैसे नौकरी छूट जाना, स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति, या अचानक हुई आर्थिक तंगी। ऐसे समय में Settlement एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है, लेकिन इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।

एक ओर जहाँ Settlement से आपको तात्कालिक राहत मिलती है, वहीं दूसरी ओर यह आपकी CIBIL रिपोर्ट पर “Settled” स्टेटस छोड़ जाता है, जो आपकी भविष्य की लोन योग्यता को कमजोर बना देता है। यही नहीं, भविष्य में जब आप घर खरीदने का सपना देखें, नई गाड़ी लेने की सोचें या कोई बिज़नेस शुरू करना चाहें — तो आपको लोन मिलना मुश्किल हो सकता है, या फिर आपको बहुत अधिक ब्याज दर चुकानी पड़ सकती है।

इसके अलावा, “Settled” स्टेटस आपके क्रेडिट कार्ड अप्लिकेशन, EMI कार्ड सुविधा, यहां तक कि गारंटर बनने की योग्यता को भी प्रभावित करता है। इस कारण आपकी वित्तीय आज़ादी पर असर पड़ता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप समय पर EMI चुकाने की आदत बनाएं और अगर कभी परेशानी हो तो पहले बैंक से पुनर्भुगतान योजना (restructuring) के बारे में बात करें, न कि सीधे Settlement की ओर बढ़ें।

अकसर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

Que: Settlement करने के बाद CIBIL Score क्यों गिर जाता है?

Ans: जब आप लोन को “settled” करते हैं, तो बैंक इसे पूरा भुगतान न मानते हुए आंशिक भुगतान मानता है। यह आपके क्रेडिट व्यवहार को कमजोर दिखाता है, जिससे आपका CIBIL Score गिर जाता है।

Que: क्या Settlement करने के बाद CIBIL Score सुधर सकता है?

Ans: हां, अगर आप भविष्य में समय पर EMI और बिलों का भुगतान करते हैं, क्रेडिट लिमिट का सही इस्तेमाल करते हैं और नई क्रेडिट आदतें अपनाते हैं, तो स्कोर धीरे-धीरे सुधर सकता है।

Que: Settlement और Full Payment में क्या फर्क होता है?

Ans: Full Payment का मतलब है कि आपने पूरा लोन या बकाया चुका दिया है, जबकि Settlement का मतलब है कि आपने कुछ राशि बैंक के साथ समझौते के तहत चुकाई है, जो पूरा भुगतान नहीं माना जाता हैं।

Que: क्या CIBIL रिपोर्ट से Settlement को हटाया जा सकता है?

Ans: Settlement एक बार रिपोर्ट में जुड़ जाने के बाद 7 साल तक बनी रहती है। हालांकि आप बैंक से “Closed” स्टेटस में बदलवाने का प्रयास कर सकते हैं, लेकिन यह बैंक की नीति पर निर्भर करता है।

Que: Settlement के बाद स्कोर ठीक होने में कितना समय लगता है?

Ans: अगर आप लगातार 6 से 12 महीने तक अच्छा फाइनेंशियल व्यवहार दिखाते हैं, तो स्कोर धीरे-धीरे सुधर सकता है। लेकिन इसमें लगने वाला समय व्यक्ति की रिपोर्ट पर निर्भर करता है।

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