संक्षेप
अक्सर लोग जब आर्थिक परेशानी में होते हैं, तो जल्दबाजी में Settlement Plan का विकल्प चुन लेते हैं। लेकिन अगर इस फैसले से पहले आप एक Loan Calculator की मदद लें, तो आप अपनी मौजूदा स्थिति को बेहतर समझ सकते हैं।
सबसे पहले, Loan Calculator से आप जान सकते हैं कि आपने अब तक कितना लोन चुका दिया है, कितना ब्याज और मूलधन बाकी है और Settlement के बाद आपको कितनी राशि चुकानी होगी। इसके अलावा, आप यह भी जान सकते हैं कि EMI में बदलाव होने पर आपकी मासिक किस्त कितनी हो जाएगी और कुल भुगतान में कितना फर्क आएगा।
इसके बाद, जब बैंक आपको Settlement Offer देता है, तो आप उस ऑफर की तुलना अपनी वर्तमान स्थिति से कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर बैंक आपको 80% बकाया राशि पर Settlement दे रहा है, तो Calculator से यह समझना आसान हो जाएगा कि यह सौदा आपके लिए फायदेमंद है या नहीं।
परिचय
जब भी हम किसी बैंक या वित्तीय संस्था से लोन लेते हैं, तो शुरुआत में हमें यह बहुत आसान लगता है। लेकिन कुछ समय बीतने के साथ जब लोन की EMI समय पर चुकाना मुश्किल हो जाता है, तब हम “Settlement Plan” के बारे में सोचने लगते हैं। Settlement Plan एक ऐसा विकल्प होता है जो हमें लोन की बाकी रकम को कुछ छूट के साथ चुकाने का मौका देता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि Settlement Plan को अपनाने से पहले सही योजना बनाना बहुत ज़रूरी होता है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े।
इसीलिए, ऐसे समय में Loan Calculator का इस्तेमाल करना बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। यह एक ऑनलाइन टूल होता है जो आपको यह समझने में मदद करता है कि आपकी लोन की स्थिति वर्तमान में कैसी है और Settlement Plan आपके लिए फायदेमंद रहेगा या नहीं। इसके जरिए आप अपनी EMI, ब्याज दर, कुल भुगतान राशि और बाकी बकाया रकम को सही से समझ सकते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे – Loan Calculator का इस्तेमाल Settlement Plan से क्या संबंध रखता है? तो इसका उत्तर है – Loan Calculator आपके लोन की स्थिति का अंदाज़ा लगाने का एक आसान तरीका होता है। इससे आपको यह पता चलता है कि अगर आप Settlement Plan अपनाते हैं, तो आपको कितना भुगतान करना होगा और यह आपकी वर्तमान आय और खर्चों के अनुसार उचित रहेगा या नहीं।
आज एक इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Settlement Plan चुनने से पहले Loan Calculator का इस्तेमाल कैसे किया जाना चाहिए, किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, और यह कैसे आपकी वित्तीय योजना को बेहतर बना सकता है।
Loan Settlement क्या होता हैं?
यह एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्था लोन लेने वाले व्यक्ति को पूरी बकाया लोन की राशि को चुकाने के बजाय कम राशि देकर लोन निपटाने का मौका देती है। यह सुविधा उन लोगों के लिए होती है जो किसी कारण से अपना लोन समय पर नहीं चुका पाते हैं और लगातार डिफॉल्ट कर रहे होते हैं।
सेटलमेंट के तहत बैंक एकमुश्त राशि (लंपसम अमाउंट) पर सहमति बना सकता है, जिससे लोन बंद हो जाता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि Loan Settlement करने से आपका CIBIL स्कोर प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में आपको लोन लेने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए, इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।
Loan Settlement कैसे काम करता है?
जब कोई व्यक्ति अपने पर्सनल लोन की EMI समय पर चुकाने में असमर्थ हो जाता है और लंबे समय तक बकाया राशि जमा हो जाती है, तो बैंक या वित्तीय संस्था Loan Settlement का विकल्प देती है। इसमें बैंक ग्राहक को पूरी बकाया राशि के बजाय रियायती रकम (discounted amount) चुकाने का मौका देता है, जिससे लोन का मामला निपट जाता है।
सेटलमेंट की प्रक्रिया में ग्राहक और बैंक के बीच बातचीत होती है, जहां बैंक इस बात की पुष्टि करता है कि ग्राहक लोन का पूरा भुगतान नहीं कर सकता हैं। इसके बाद, बैंक एक सिंगल-शॉट पेमेंट ऑफर देता है, जो आमतौर पर बकाया लोन राशि से कम होता है। जब ग्राहक इस सहमत राशि का भुगतान कर देता है, तो बैंक लोन को “Settled” के रूप में रिपोर्ट करता है। हालांकि, यह CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है क्योंकि इसे “Complete Payment” नहीं माना जाता हैं।
इसलिए, Loan Settlement को अंतिम विकल्प के रूप में ही चुनना चाहिए और अगर संभव हो, तो लोन रीपेमेंट प्लान, लोन री-स्ट्रक्चरिंग या अन्य वित्तीय समाधान पर विचार करना चाहिए ताकि CIBIL Score खराब न हो।
Loan Settlement करने के लिए कौनसे दस्तावेजों की जरुरत होती हैं?
निम्नलिखित दस्तावेजों की जरुरत होती हैं:
- आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, या ड्राइविंग लाइसेंस आदि।
- सैलरी स्लिप, आयकर रिटर्न, बैंक स्टेटमेंट आदि।
- Loan Settlement लेटर, कर्ज विवरण, भुगतान रसीदें आदि।
- निवेश के दस्तावेज़, संपत्ति के दस्तावेज़, बीमा पॉलिसी आदि।
Loan Settlement करने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें?
अगर आप इसे ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें:
बैंक की वेबसाइट या ऐप पर जाएं
- अपने लोन प्रदाता या बैंक की ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप को खोलें।
- साइन अप करें, अगर पहले से अकाउंट है, तो लॉग इन करें। नहीं तो नया अकाउंट बनाएं।
कस्टमर सपोर्ट सेक्शन देखें
- वेबसाइट या ऐप पर ‘Customer Support’ या ‘Contact Us’ सेक्शन पर जाएं।
- यहां आपको “Loan Settlement” से संबंधित विकल्प मिल सकता है, जैसे:
- लोन से जुड़ी शिकायत दर्ज करना।
- Loan Settlement के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म।
सेटलमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म भरें
- “Loan Settlement Request” विकल्प चुनें।
- मांगी गई जानकारी भरें, जैसे:
- आपका नाम
- लोन अकाउंट नंबर
- ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
- कारण (क्यों आप सेटलमेंट करना चाहते हैं, जैसे वित्तीय समस्या या आय में कमी)।
जरूरी दस्तावेजो को अपलोड करें
- अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति को दिखाने वाले दस्तावेज अपलोड करें, जैसे:
- इनकम सर्टिफिकेट या सैलरी स्लिप
- बैंक स्टेटमेंट
- कोई अन्य प्रमाण जो आपकी समस्या को स्पष्ट करे।
- सभी दस्तावेज स्कैन करके सही फॉर्मेट में अपलोड करें (PDF या JPEG)।
सबमिट करें और बैंक की तरफ से जवाब आने का इंतजार करें
- फॉर्म सबमिट करने के बाद, बैंक आपकी रिक्वेस्ट की जांच करेगा।
- आमतौर पर बैंक 7-10 वर्किंग डेज़ में आपसे संपर्क करता है। वे ईमेल, कॉल, या मैसेज के जरिए सेटलमेंट की जानकारी देंगे।
बैंक के ऑफर को समझें
- बैंक आपके बकाया राशि का एक हिस्सा माफ करने का प्रस्ताव देगा। इसे ध्यान से पढ़ें।
- अगर आपको ऑफर स्वीकार है, तो आगे बढ़ें। नहीं तो और बातचीत करें।
भुगतान करें
- बैंक द्वारा तय की गई सेटलमेंट राशि को ऑनलाइन पेमेंट मोड के जरिए चुकाएं।
- बैंक आपको पेमेंट का कन्फर्मेशन देगा और आपका लोन खाता बंद कर देगा।
Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement में क्या अंतर है?
हालांकि, Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement दोनों का उद्देश्य कर्जदार को राहत देना होता है, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी होते हैं।
अंतर के बिंदु | Loan Settlement | Credit Card Loan Settlement |
प्रकार | किसी भी प्रकार के लोन (पर्सनल, होम, कार, एजुकेशन, आदि) का निपटारा | केवल क्रेडिट कार्ड के बकाया राशि का निपटारा |
सेटलमेंट प्रक्रिया | बैंक एकमुश्त राशि को तय करता है, जिसे चुकाने पर लोन सेटल हो जाता है। | क्रेडिट कार्ड कंपनी एक तय की गई राशि पर समझौता करती है। |
CIBIL स्कोर पर प्रभाव | CIBIL स्कोर 50-100 पॉइंट तक गिर सकता है और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है | CIBIL स्कोर पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है, और नए क्रेडिट कार्ड पाना मुश्किल हो सकता है। |
भविष्य में लोन मिलने की संभावना | होम लोन, कार लोन या अन्य लोन प्राप्त करने में समस्या आ सकती है | क्रेडिट कार्ड कंपनियां कार्ड जारी करने से इनकार कर सकती हैं। |
Loan Settlement का CIBIL स्कोर पर कितना असर पड़ता है?
Loan Settlement का आपके CIBIL स्कोर पर सीधा और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब कोई व्यक्ति किसी बैंक या NBFC से लोन लेता है और किसी कारणवश पूरी राशि चुकाने में असमर्थ होता है, तो बैंक उसे एक समझौता करने का मौका देता है, जिसे Loan Settlement कहा जाता है।
हालांकि, Loan Settlement और Loan Closure में बहुत बड़ा अंतर होता है। अगर आप अपने लोन की पूरी राशि चुकाकर उसे बंद करते हैं, तो यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में “Closed” के रूप में दर्ज होता है, जिससे आपका CIBIL स्कोर बेहतर होता है। लेकिन अगर आपने लोन की कुछ राशि बैंक के साथ समझौते के तहत माफ करवा ली है, तो इसे “Settled” के रूप में रिपोर्ट किया जाता है, जो आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है।
Loan Settlement से CIBIL स्कोर पर पड़ने वाले प्रभाव कौनसे हैं?
- जब बैंक या NBFC CIBIL को रिपोर्ट करता है कि आपका लोन “Settled” है, तो आपका स्कोर तुरंत गिर जाता है। गिरावट कितनी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका पहले का स्कोर कितना अच्छा था।
- बैंक और फाइनेंशियल संस्थान ऐसे ग्राहकों को “हाई-रिस्क” कैटेगरी में रखते हैं, जिन्होंने अपना लोन सेटल किया है। इसका मतलब यह है कि भविष्य में अगर आप किसी भी प्रकार का लोन (पर्सनल, होम, कार, एजुकेशन) लेने की कोशिश करेंगे, तो आपका आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है।
- अगर आपने लोन सेटल किया है, तो भविष्य में किसी भी बैंक से क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को देखते हैं और यदि उन्हें “Settled” स्टेटस दिखता है, तो वे आपको क्रेडिट कार्ड देने से इनकार कर सकते हैं।
- अगर किसी बैंक ने आपको लोन देने का फैसला किया भी, तो आपको बहुत ज्यादा ब्याज दर (High Interest Rate) पर लोन मिल सकता है। यह इसलिए क्योंकि बैंक आपको जोखिम भरा ग्राहक मानते हैं और अपने पैसे की सुरक्षा के लिए ज्यादा ब्याज दर लगाते हैं।
- Loan Settlement की जानकारी आपकी CIBIL रिपोर्ट में कम से कम 7 साल तक बनी रहती है। इसका मतलब है कि भले ही आप बाद में अपना वित्तीय व्यवहार सुधार लें, लेकिन आपका सेटलमेंट रिकॉर्ड बैंकों को दिखता रहेगा और आपकी क्रेडिट योग्यता को प्रभावित कर सकता है।
Loan Settlement के बाद CIBIL स्कोर को सुधारने के क्या तरीके हैं?
अगर आपने लोन सेटल कर लिया है और अब CIBIL स्कोर सुधारना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कदम उठा सकते हैं:
- समय पर सभी लोन और क्रेडिट कार्ड के बिल का पूरा भुगतान करें।
- अगर संभव हो तो बैंक से संपर्क करके “Settled” स्टेटस को “Closed” में बदलवाने” की कोशिश करें।
- क्रेडिट कार्ड का सीमित इस्तेमाल करें और समय पर पूरा भुगतान करें।
- कोई छोटा लोन लें और उसे नियमित रूप से चुकाएं ताकि नया अच्छा क्रेडिट इतिहास बन सके।
- CIBIL रिपोर्ट को नियमित रूप से चेक करें और किसी भी गलती को सुधारने के लिए CIBIL को अनुरोध दें।
Loan Settlement की सर्विस को कैसे चुने?
यहां कुछ जरुरी बिंदुओं पर ध्यान देने की जरुरत है, जो आपको सही Loan Settlement सर्विस चुनने में मदद करेंगे:
सर्विस प्रदाता की प्रमाणिकता को चेक करें
सेटलमेंट की सर्विस को लेने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि जिस सर्विस प्रदाता से आप मदद ले रहे हैं, वह वित्तीय संस्थाओं और बैंकों के साथ रजिस्टर्ड और प्रमाणित हो। एक भरोसेमंद सर्विस प्रदाता ही आपको सही मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सकता है। ऑनलाइन रिव्यू और ग्राहक की फीडबैक देखना एक अच्छा तरीका हो सकता है।
सेवा शुल्क और अन्य खर्चों की भी जांच करें
कई सर्विस प्रदाता सेवा शुल्क भी लेते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि शुल्क ज्यादा न हो और कोई छिपे हुए खर्च न हों। सर्विस प्रदाता से पहले से समझौता करें कि कौन सी सेवाएं मुफ्त हैं और किनके लिए आपको अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
सेटलमेंट प्रक्रिया को समझें
सर्विस प्रदाता द्वारा दी जाने वाली सेटलमेंट की प्रक्रिया को ध्यान से समझें। क्या वे आपकी पूरी स्थिति को समझते हैं और बैंक के साथ बातचीत करने के लिए आपको बेहतर समाधान प्रदान करते हैं? एक अच्छा प्रदाता आपको कागजात और प्रक्रिया से पूरी जानकारी देगा, ताकि आप पूरी प्रक्रिया को सही तरीके से समझ सकें।
हमारी सेवा के साथ जुड़े
अगर आप भी कर्ज के जाल में फंस गए हैं और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और Loan Settlement का रास्ता अपनाना चाहते है तो आप हमारी Loan Settlement की सेवा के लिए आवेदन कर सकते हैं। हम आपके लोन का सेटलमेंट करने में आपकी सहयता कर्नेगे। इसके साथ ही हम आपको 6 – 8 महीने के अंदर लोन के बोझ से राहत प्रदान करवाते हैं। अगर आपको हमारी सेवा के बारे में और ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी हैं तो आप हमें सपर्क कर सकते हैं।
Loan Settlement होने में कितना समय लगता है?
सेटलमेंट की प्रक्रिया का समय अलग – अलग कारकों पर भी निर्भर करता है, जैसे आपके बैंक या लोन देने वाली संस्था की पॉलिसी, बकाया राशि, और आप दोनों के बीच बातचीत। आमतौर पर यह प्रक्रिया 1 से 3 महीने तक का समय ले सकती है।
सेटलमेंट की प्रक्रिया में सबसे पहला कदम बैंक से बातचीत करना होता है, जहां आप अपनी मुश्किलों और भुगतान की स्थिति के बारें में बैंक को समझाते हैं। इसके बाद, बैंक आपकी स्थिति के आधार पर एक सेटलमेंट का ऑफर देता है। अगर आप उस ऑफर को स्वीकार करते हैं, तो बैंक को तय समय सीमा के भीतर भुगतान करना होता है। फिर बैंक लोन को सेटल के रूप में रिपोर्ट करता है, जो कुछ समय ले सकता है।
इस पूरी प्रक्रिया में जितना ज्यादा समय लगेगा, उतना ही आपके CIBIL स्कोर पर प्रभाव डाल सकता है, इसलिए जल्दी से जल्दी समाधान तलाशना बेहतर रहता है।
बैंक से Loan Settlement का लेटर कैसे प्राप्त करें?
अगर आपने किसी बैंक से पर्सनल लोन लिया है और किसी कारणवश उसे पूरी तरह चुकाने में असमर्थ होते हैं, तो Loan Settlement आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। Loan Settlement का मतलब होता है कि बैंक और उधारकर्ता (लोन लेने वाला व्यक्ति) के बीच एक समझौता होता है, जिसमें बैंक ब्याज या पेनल्टी को कम करके एक निश्चित राशि पर लोन निपटाने के लिए सहमत हो जाता है। जब Loan Settlement पूरा हो जाता है, तो बैंक एक Loan Settlement Letter जारी करता है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि लोनदाता और बैंक के बीच समझौता हुआ है और अब उधारकर्ता पर कोई बकाया नहीं है।
Loan Settlement और Bankruptcy दोनों में क्या अंतर है?
आइए आसान भाषा में इनके बीच का फर्क समझते हैं:
1. परिभाषा (Definition)
- Loan Settlement (Loan Settlement): यह एक बैंक और कर्जदार के बीच आपसी समझौता होता है। इसमें बैंक यह मान लेता है कि कर्जदार पूरा लोन नहीं चुका सकता है, इसलिए वह तय रकम लेकर बाकी राशि माफ कर देता है।
- Bankruptcy (दिवालियापन): यह एक कानूनी प्रक्रिया होती है। जब कोई व्यक्ति या संस्था अपनी कुल देनदारियों को चुकाने में असमर्थ होता है, तो वह अदालत में दिवालियापन की अर्जी लगाता है और अदालत तय करती है कि उसकी संपत्ति कैसे बाँटी जाएगी।
2. प्रक्रिया (Process)
- Loan Settlement: यह एक गैर-कानूनी प्रक्रिया होती है, जो सीधे बैंक और ग्राहक के बीच होती है। इसमें कोई अदालत शामिल नहीं होती हैं।
- Bankruptcy: यह न्यायिक प्रक्रिया होती है, जिसमें कोर्ट और इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल शामिल होते हैं।
3. कर्ज से छुटकारा (Debt Relief)
- Loan Settlement: कुछ हिस्सा चुकाने के बाद बाकी लोन माफ हो सकता है, लेकिन CIBIL रिपोर्ट में “Settled” का टैग लगता है।
- Bankruptcy: कोर्ट फैसला करता है कि कौन-सा कर्ज माफ होगा और कौन नहीं। इससे पूरी तरह कर्ज से छुटकारा मिल सकता है, पर संपत्ति जब्त हो सकती है।
4. CIBIL स्कोर पर असर
- Loan Settlement: CIBIL स्कोर पर गंभीर नकारात्मक असर पड़ता है। “Settled” का टैग भविष्य में लोन मिलने में बाधा बन सकता है।
- Bankruptcy: CIBIL स्कोर पूरी तरह गिर जाता है और इसका लम्बा प्रभाव होता है।
5. लागत और समय (Cost & Time)
- Loan Settlement: यह प्रक्रिया जल्दी पूरी हो जाती है और कानूनी खर्च नहीं होता हैं।
- Bankruptcy: यह एक लंबी और खर्चीली प्रक्रिया हो सकती है, जिसमें वकीलों और प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है।
Loan Settlement करने के फायदे और नुक्सान क्या होते हैं?
इसके निम्नलिखित फायदे और नुकसान होते हैं:
फायदे
- हालांकि Loan Settlement करने से कर्जदार का CIBIL Score प्रभावित हो सकता है, लेकिन समय पर और सही तरीके से समझौते का पालन करने से वह अपने CIBIL Score को धीरे-धीरे सुधार सकता है।
- Loan Settlement करने से कर्जदार की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार को अपने कर्ज का कुछ हिस्सा माफ करवाने का मौका मिलता है।
- यह उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करता है और उसे भारी वित्तीय बोझ से राहत दिलवाता है।
- Loan Settlement करने से आप अपनी आय और लागत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और भविष्य में वित्तीय संकट से बच सकते हैं।
- कर्ज का भारी बोझ अक्सर मानसिक तनाव का कारण बनता है। Loan Settlement से कर्जदार को इस तनाव से राहत मिलती है और वह अपने जीवन में मानसिक शांति पा सकता है।
नुक्सान
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार का पूरा लोन माफ नहीं होता है। उसे अभी भी कुछ राशि का भुगतान करना होता है, जो उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
- Loan Settlement के दौरान, बैंक और कर्जदार के बीच जो समझौता होता है, उसमें कई शर्तें होती हैं। कर्जदार को इन शर्तों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।
- Loan Settlement के कारण, कर्जदार के बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं।
- भविष्य में, कर्जदार को इन संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
- Loan Settlement के बाद, कर्जदार का CIBIL Score प्रभावित हो सकता है।
- Loan Settlement भविष्य में नए कर्ज लेने या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।
NPA घोषित हो चुके लोन को कैसे सेटल करें?
नीचे हम विस्तार से जानेंगे कि यह कैसे किया जा सकता है।
1. सबसे पहले बैंक से संपर्क करें
- जब लोन को NPA घोषित कर दिया जाता है, तो borrower को सबसे पहले अपने बैंक या फाइनेंशियल संस्था से सीधा संपर्क करना चाहिए।
- डरने की जगह बातचीत करें।
- बैंक को अपनी आर्थिक स्थिति के बारें में बताएं।
- बताएं कि आप लोन चुकाना चाहते हैं लेकिन मौजूदा हालात में पूरा भुगतान नहीं कर सकते हैं।
2. OTS (One-Time Settlement) का प्रस्ताव मांगे
- बैंक अकसर NPA खातों के लिए OTS स्कीम लाते हैं, जिसमें
- कुछ राशि माफ कर दी जाती है,
- बाकी रकम एकमुश्त या किश्तों में चुकानी होती है।
3. सेटलमेंट की डील को लिखित में लें (Settlement Letter/NOC)
- अगर बैंक आपके सेटलमेंट प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है, तो:
- उनसे लिखित समझौता पत्र (Settlement Letter) लें।
- भुगतान पूरा करने के बाद NOC (No Objection Certificate) लेना बिल्कुल न भूलें।
- यह भविष्य में आपके लिए सबूत का काम करेगा।
4. CIBIL स्कोर पर असर को समझें
- NPA लोन का सेटलमेंट आपके CIBIL स्कोर पर असर डालता है।
- आपका स्कोर कुछ समय के लिए गिर सकता है।
- लेकिन समय पर अन्य बिल/क्रेडिट कार्ड/EMI चुकाने से आप स्कोर को फिर से सुधार सकते हैं।
5. भविष्य में पुनः डिफॉल्ट से बचें
- फाइनेंशियल प्लानिंग करें
- ज़रूरत के हिसाब से ही लोन लें
- समय पर किश्त चुकाएं
- बजट बनाकर खर्च करें
Settlement Plan चुनने से पहले Loan Calculator का इस्तेमाल कैसे करें?
आइए आसान भाषा में समझते हैं कि Settlement Plan चुनने से पहले Loan Calculator का कैसे इस्तेमाल करें:
1. Loan Calculator क्या होता है?
Loan Calculator एक डिजिटल टूल होता है जो आपकी लोन की EMI, कुल भुगतान राशि, ब्याज की रकम और अवधि का अनुमान लगाने में मदद करता है। यह ऑनलाइन उपलब्ध होता है और इस्तेमाल करने में बेहद आसान होता है। कुछ प्रमुख Loan Calculator प्रकार हैं:
- EMI Calculator
- Interest Calculator
- Prepayment Calculator
- Settlement Estimator
2. Settlement Plan से पहले Loan Calculator क्यों जरूरी है?
Settlement Plan अपनाने से पहले यह जानना जरूरी है कि:
- आपके पास कितना बकाया है?
- अभी तक आपने कितना ब्याज और मूलधन चुकाया है?
- Settlement करने के बाद आपको कितना भुगतान करना होगा?
- लोन की अवधि और EMI में क्या बदलाव होगा?
- Loan Calculator इन सभी सवालों का आसान और सटीक जवाब देता है।
3. Loan Calculator का इस्तेमाल कैसे करें?
Step 1: लोन से जुड़ी जानकारी भरें
Calculator में निम्नलिखित जानकारी भरें:
- कुल लोन राशि (Principal)
- ब्याज दर (Interest Rate)
- लोन की अवधि (Tenure)
- अब तक चुकाई गई EMI की संख्या
Step 2: Settlement Offer की जानकारी डालें
अगर बैंक ने Settlement Offer दिया है, जैसे कि:
- नया Settlement Amount
- छूट का प्रतिशत
- भुगतान करने की समयसीमा
- तो इसे भी Calculator में डालें।
Step 3: तुलना करें
अब Calculator आपको बताएगा कि:
- Settlement Offer में कुल कितना फायदा होगा
- कितनी राशि माफ की जा रही है
- Settlement के बाद आपकी EMI और अवधि पर क्या असर पड़ेगा
निष्कर्ष
आखिर में, यह कहना बिल्कुल सही होगा कि जब भी आप किसी Settlement Plan को अपनाने का विचार करें, तो उससे पहले Loan Calculator का इस्तेमाल करना न भूलें। यह एक छोटा-सा कदम आपके लिए भविष्य में बहुत बड़ा फायदा कर सकता है। सबसे पहले, यह आपको आपके लोन की पूरी तस्वीर दिखाता है – आपने कितना भुगतान किया है, कितना बकाया है और आगे आपको क्या करना चाहिए।
इसके साथ ही, यह भी समझना जरूरी है कि Settlement Plan अपनाने का असर आपके CIBIL Score पर पड़ सकता है। लेकिन अगर आपने Loan Calculator की मदद से पहले से सारी संभावनाओं की जांच कर लिया है, तो आप ऐसे निर्णय ले पाएंगे जो आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएंगे, न कि कमजोर।
इस तरह, Loan Calculator का इस्तेमाल आपको सिर्फ गणनाएँ करने तक सीमित नहीं रखता हैं, बल्कि यह एक सोच-समझकर निर्णय लेने का जरिया बन जाता है। और जब आप अपने फैसलों को डेटा और जांच पर आधारित बनाते हैं, तो गलतियां कम होती हैं और फायदा ज्यादा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
Ans: लोन रिपेमेंट का मतलब है पूरे लोन और ब्याज की तय रकम समय पर चुकाना। Loan Settlement का मतलब है कि बैंक कुछ राशि माफ कर देता है और बाकी रकम लेकर खाता बंद कर देता है।
Ans: हां, Loan Settlement को CIBIL रिपोर्ट में “Settled” के रूप में दिखाया जाता है, जो भविष्य में आपकी क्रेडिट योग्यता को प्रभावित कर सकता है। इससे स्कोर घट सकता है।
Ans: OTS एक ऐसी योजना होती है जिसमें बैंक उधारकर्ता को एक निश्चित राशि एकमुश्त (या निर्धारित किश्तों में) चुकाकर लोन से मुक्त होने का मौका देता है। इसमें कुछ ब्याज या मूलधन माफ किया जा सकता है।
Ans: NPA का मतलब होता है Non-Performing Asset, यानी ऐसा लोन जिसकी EMI या ब्याज की किश्तें 90 दिनों (3 महीने) से ज्यादा समय तक नहीं चुकाई गई हैं। ऐसे लोन को बैंक “बुरा लोन” मानते हैं और NPA घोषित कर देते हैं।
Ans: हां, NPA घोषित होने के बाद भी लोन चुकाया जा सकता है। इसके लिए आप बैंक से संपर्क कर One Time Settlement (OTS) या किश्तो में भुगतान करने की व्यवस्था कर सकते हैं।