संक्षेप
Debt Snowball Method एक ऐसा आसान और प्रभावी तरीका होता है, जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति धीरे-धीरे अपने कर्जों से छुटकारा पा सकता है। इस पद्धति का मूल सिद्धांत यह होता है कि आप अपने सबसे छोटे कर्ज से शुरुआत करते हैं और फिर एक-एक करके बड़े कर्जों की ओर बढ़ते हैं। जैसे बर्फ का एक छोटा गोला लुढ़कते-लुढ़कते बड़ा होता जाता है, वैसे ही आपका कर्ज चुकाने की क्षमता भी हर कर्ज चुकाने के साथ बढ़ती जाती है – इसी कारण से इसे “Debt Snowball Method” कहा जाता है।
इसमें सबसे पहले अपने सभी कर्जों की एक सूची बनाई जाती है और उन्हें बकाया राशि के अनुसार छोटे से बड़े क्रम में रखा जाता है। इसके बाद सबसे छोटे कर्ज को प्राथमिकता दी जाती है – आप उसमें जितना ज्यादा पैसा जोड़ सकें, उतना करते हैं, जबकि बाकी कर्जों में केवल न्यूनतम भुगतान (Minimum Payment) करते हैं। जैसे ही पहला कर्ज खत्म होता है, उसकी पूरी राशि अगले कर्ज में जोड़ दी जाती है। यह चक्र तब तक चलता है जब तक सारे कर्ज चुक नहीं जाते हैं।
इस विधि का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको मनोवैज्ञानिक रूप से प्रेरित करता है। हर छोटा कर्ज चुकाने पर जो संतुष्टि मिलती है, वह आगे बढ़ने की ताकत देती है। यह पद्धति किसी भी जटिल गणना के बिना काम करती है, जिससे इसे कोई भी आसानी से अपनाकर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकता है।
परिचय
जब भी बात कर्ज (Loan) चुकाने की आती है, तो ज़्यादातर लोग कन्फ्यूज़न में पड़ जाते हैं कि कहां से शुरुआत करें। हमारे पास कई तरह के कर्ज हो सकते हैं – जैसे क्रेडिट कार्ड का बिल, पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन, कार लोन या होम लोन। इन सभी लोन को मैनेज करना और समय पर चुकाना काफी मुश्किल भरा साबित हो सकता है, खासकर तब जब आपकी आमदनी सीमित हो और खर्चे ज़्यादा हों। ऐसे में एक बहुत ही असरदार और बेहतरीन तरीका है – “Debt Snowball Method”।
Debt Snowball Method एक ऐसा तरीका होता है जिससे आप अपने कर्ज को धीरे-धीरे लेकिन सही तरीके से खत्म कर सकते हैं। इस मेथड को हिंदी में “बर्फ़ के गोले की विधि” भी कह सकते हैं। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यह उसी तरह काम करता है जैसे एक छोटा सा बर्फ का गोला पहाड़ी से नीचे गिरते हुए धीरे-धीरे बड़ा और तेज़ होता जाता है। ठीक वैसे ही, आप सबसे छोटे कर्ज से शुरुआत करके धीरे-धीरे बड़े कर्ज की ओर बढ़ते हैं। इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है और आप जल्दी रिज़ल्ट देखकर और भी मोटिवेट हो जाते हैं।
Debt Snowball Method को कैसे अपनाएं?
इस विधि में आप सबसे पहले अपने सभी कर्जों की लिस्ट बनाते हैं और उन्हें उनके बकाया राशि (Outstanding Amount) के अनुसार छोटे से बड़े की तरफ क्रमबद्ध करते हैं। फिर आप सबसे छोटे कर्ज पर फोकस करते हैं – यानी उसपर जितना जल्दी हो सके उतनी बड़ी राशि को चुकाते हैं, जबकि बाकी लोन पर आप सिर्फ न्यूनतम भुगतान (Minimum Payment) करते हैं। जैसे ही सबसे छोटा कर्ज खत्म हो जाता है, आप जो पैसा उसमें दे रहे थे, उसे अगले छोटे कर्ज में जोड़ देते हैं। इस तरह हर बार आप एक कर्ज खत्म करते हैं और आपके पास अगला कर्ज चुकाने के लिए ज़्यादा रकम हो जाती है।
आज के इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Debt Snowball Method को कैसे अपनाएं, इसकी क्या-क्या ज़रूरतें हैं, इसके फायदे क्या हैं और किन परिस्थितियों में यह सबसे ज़्यादा कारगर साबित हो सकती है। साथ ही हम कुछ उदाहरणों के ज़रिए आपको यह भी समझाएंगे कि यह कैसे काम करता है और किस तरह आप इसे अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में शामिल करके कर्जमुक्त जीवन की ओर बढ़ सकते हैं।
Debt Snowball Method क्या हैं?
Debt Snowball Method एक ऐसा वित्तीय तरीका है जिससे आप अपने कर्ज (Loans) को धीरे-धीरे चुकाने की योजना बनाते हैं। इसमें आप सबसे पहले अपने सभी कर्जों की एक लिस्ट बनाते हैं और उन्हें उस कर्ज के बकाया (बाकी) पैसे के अनुसार सबसे छोटे से सबसे बड़े तक क्रम में रखते हैं। फिर आप सबसे छोटे कर्ज को पहले चुकाना शुरू करते हैं, और बाकी सभी कर्जों में सिर्फ कम से कम (minimum) भुगतान करते हैं।
जैसे ही सबसे छोटा कर्ज चुक जाता है, आप उस पर जो पैसा दे रहे थे, उसे अगले छोटे कर्ज में जोड़कर उसे जल्दी चुकाने की कोशिश करते हैं। इसी तरह एक-एक करके सारे कर्ज खत्म होते हैं, और आपका आत्मविश्वास बढ़ता जाता है – जैसे एक छोटा बर्फ़ का गोला लुड़कते-लुड़कते बड़ा होता जाता है, ठीक वैसे ही!
इस विधि का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जब आप एक कर्ज पूरा चुक्ता कर लेते हैं, तो आपको राहत मिलती है और आप बाकी कर्जों को चुकाने के लिए मोटीवेट होते हैं। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें जल्दी मोटिवेशन चाहिए और कर्ज चुकाने में थोड़ी परेशानी हो रही हो।
Debt Snowball Method कैसे काम करती हैं?
Debt Snowball Method में आप सबसे पहले छोटे कर्ज से शुरुआत करते हैं। सबसे पहले आप अपने सभी कर्जों की एक लिस्ट बनाते हैं और उन्हें उनकी बकाया राशि (outstanding amount) के हिसाब से सबसे छोटे से सबसे बड़े क्रम में रखते हैं। फिर आप सबसे छोटे कर्ज पर ज्यादा ध्यान देते हैं और उसमें ज्यादा से ज्यादा भुगतान करते हैं, जबकि बाकी सभी कर्जों में सिर्फ न्यूनतम रकम (minimum payment) ही देते हैं।
जैसे ही सबसे छोटा कर्ज पूरी तरह चुक जाता है, आप जो पैसा उसमें दे रहे थे, उसे अगले छोटे कर्ज में जोड़ देते हैं। अब आपके पास दूसरी किस्त के लिए पहले से ज्यादा पैसा होता है। इस तरह एक-एक करके सारे कर्ज जल्दी-जल्दी खत्म होने लगते हैं।
मान लीजिए आपके पास तीन कर्ज हैं – ₹5,000, ₹15,000 और ₹25,000। अब आप पहले ₹5,000 वाला कर्ज चुकाएंगे। जब वह खत्म हो जाएगा, तो आप जो पैसा उसमें दे रहे थे, वह ₹15,000 वाले में जोड़ देंगे। इससे वह भी जल्दी खत्म होगा। फिर आखिरी में ₹25,000 वाला बचेगा, जिसे चुकाना आसान हो जाएगा क्योंकि तब आपके पास ज्यादा रकम बची हुई होगी।
Debt Snowball Method को अपनाने के फायदे क्या हैं?
इसके कई फायदे होते हैं, आइए उन्हें एक-एक करके समझते हैं:
1. जल्दी मोटिवेशन मिलता है
जब आप सबसे छोटा कर्ज पहले चुकाते हैं, तो आपको जल्दी रिज़ल्ट मिलते हैं। इससे आपको लगेगा कि आप सही दिशा में बढ़ रहे हैं और यह उत्साह आगे के बड़े कर्ज चुकाने में मदद करता है।
2. आत्मविश्वास बढ़ता है
हर बार जब आप एक कर्ज खत्म करते हैं, तो आपके अंदर एक आत्मविश्वास भी आता है कि “मैं कर सकता हूं।” यह पॉजिटिव फीलिंग आपको कर्जमुक्त होने के सफर में ताकत देती है।
3. प्रक्रिया आसान और साफ-सुथरी होती है
इसमें आपको किसी मुश्किल गणना या ब्याज दरों के चक्कर में नहीं पड़ना होता हैं। बस सबसे छोटे कर्ज से शुरुआत करनी होती है और एक-एक करके ऊपर बढ़ना होता है।
4. तनाव और चिंता कम होती है
जैसे-जैसे आपके कर्ज कम होते चले जाते हैं, वैसे-वैसे मन का बोझ भी हल्का होता जाता है। जब आप एक कर्ज चुकाते हैं, तो दिमाग पर उसका दबाव खत्म हो जाता है।
5. तेजी से कर्ज चुकाने की आदत बनती है
जब आप पहला कर्ज जल्दी चुकाते हैं, तो उसमें जो पैसा लग रहा था, वो अगले कर्ज में जोड़ते हैं। इससे अगला कर्ज और जल्दी खत्म होता है। यह एक तरह से आपकी EMI बढ़ा देता है बिना ज्यादा तकलीफ के।
6. वित्तीय अनुशासन (Financial Discipline) आता है
Debt Snowball Method अपनाने से आप नियमित भुगतान की आदत डालते हैं और खर्चों पर कंट्रोल करना सीखते हैं। इससे आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग भी बेहतर होती जाती है।
7. कोई तकनीकी ज्ञान की जरूरी नहीं होती हैं
इस पद्धति को अपनाने के लिए आपको किसी फाइनेंस एक्सपर्ट बनने की ज़रूरत नहीं है। यह एक सीधा-सादा तरीका है जिसे कोई भी अपना सकता है।
Debt Snowball Method का इस्तेमाल कैसे करते हैं?
नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करके आप इस तरीके का इस्तेमाल बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं:
- सबसे पहले आप अपने सारे कर्ज (Loans/Debts) की एक लिस्ट बनाएं। इसमें क्रेडिट कार्ड का बिल, पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन, कार लोन या कोई और उधारी भी शामिल हो सकती है। हर कर्ज के सामने उसकी बकाया राशि (Outstanding Amount) लिख लें।
- अब इस लिस्ट को बकाया राशि के हिसाब से सबसे छोटे कर्ज से लेकर सबसे बड़े कर्ज तक क्रम में लगाएं। ब्याज दर को इस विधि में प्राथमिकता नहीं दी जाती हैं।
उदाहरण:
- क्रेडिट कार्ड – ₹5,000
- पर्सनल लोन – ₹15,000
- एजुकेशन लोन – ₹50,000
- अब आपको अपने सबसे छोटे कर्ज (₹5,000) पर पूरा ध्यान देना है। अपनी बाकी आमदनी और खर्चों को देखकर इसमें जितना ज़्यादा हो सके, उतना पैसा चुकाने की कोशिश करें। बाकी सभी कर्जों में आप सिर्फ न्यूनतम भुगतान (Minimum Payment) करते रहें।
- जैसे ही सबसे छोटा कर्ज चुक जाता है, अब आप जो पैसा उसमें दे रहे थे, उसे अगले छोटे कर्ज में जोड़ दें। इससे अगला कर्ज जल्दी खत्म होगा। यही प्रक्रिया हर बार दोहराते रहें।
उदाहरण:
- पहले आप ₹5,000 वाला कर्ज चुकाते हैं।
- फिर आप उसी EMI को अगले ₹15,000 वाले कर्ज में जोड़ देते हैं।
- फिर उसी तरह ₹50,000 वाले कर्ज की बारी आती है।
- इस पूरी प्रक्रिया में सबसे ज़रूरी बात है डटे रहना और अनुशासन को बनाए रखना। हो सकता है कुछ महीनों में आपको मुश्किल लगने लगे, लेकिन जब एक-एक करके कर्ज खत्म होने लगेंगे तो आपको हल्का और मोटिवेटेड महसूस होगा।
Note : अगर आप अपने कर्ज को खत्म करने के लिए Debt Snowball Method का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं तो आप Loan Settlement की प्रक्रिया का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए Loan Settlement के बारें में विस्तार से जानते हैं?
Loan Settlement क्या होता है?
Loan Settlement एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती हैं जिसमे आप एकमुश्त भुगतान करके अपने लोन पर बकया राशि का एक हिस्सा माफ़ करने के लिए अपने लेनदार से बातचीत करते हैं। यह एक ऐसा समझौता होता हैं जिसे आप अपने कार्ड जारीकर्ता के साथ अंतिम उपायें के रूप में तब करते हैं जब आप देखते हैं की आपके लोन पर कर्ज बढ़ता जा रहा हैं।
ऐसा फ़िज़ूल के खर्च से लेकर लापरवाही से खर्च करने की आदतों तक कई कारणों से हो सकता हैं। जब आपका कर्ज बढ़ता है तो उसपर ब्याज भी बढ़ता हैं जिससे आपको बकाया राशि चुकाने में मुश्किल हो सकती हैं। अगर आपको इससे बहार निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा हैं तो आप Loan Settlement की सिफारिश कर सकते हैं।
Loan Settlement करने के लिए कौनसे दस्तावेजो की जरुरत होती हैं?
आइए जानते हैं कि Loan Settlement के लिए कौन-कौन से दस्तावेज देने होते हैं:
1. पहचान पत्र (ID Proof)
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- मतदाता पहचान पत्र (Voter ID)
2. पता प्रमाण (Address Proof)
- आधार कार्ड (अगर इसमें सही पता हो)
- बिजली या पानी का बिल
- बैंक पासबुक की कॉपी या बैंक स्टेटमेंट
- रेंट एग्रीमेंट (अगर आप किराए पर रहते हैं)
3. आय प्रमाण (Income Proof) – (जरूरत पड़ने पर)
- सैलरी स्लिप (अगर आप नौकरी करते हैं)
- बैंक स्टेटमेंट (पिछले 6 महीने का)
- इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की कॉपी
- बिजनेस के दस्तावेज (अगर आप बिजनेसमैन हैं)
4. लोन स्टेटमेंट
आपको अपने बकाया (outstanding) की सही जानकारी देने के लिए लोन का स्टेटमेंट देना होगा। यह स्टेटमेंट बैंक खुद भी निकाल सकता है, लेकिन कई बार वे आपसे इसकी कॉपी मांगते हैं।
5. सेटलमेंट अनुरोध पत्र (Settlement Request Letter)
अगर आप खुद से बैंक सेटलमेंट के लिए अप्रोच कर रहे हैं, तो आपको एक लिखित अनुरोध पत्र (Settlement Request Letter) देना होगा, जिसमें आप यह बता सकते हैं कि:
- आप सेटलमेंट क्यों चाहते हैं?
- आपकी आर्थिक स्थिति क्या है?
- आप कितनी राशि एकमुश्त (One-time payment) चुका सकते हैं?
6. बैंक द्वारा दिया गया सेटलमेंट ऑफर लेटर
जब बैंक सेटलमेंट के लिए सहमत हो जाता है, तो वे आपको एक Settlement Offer Letter देते हैं। इसे ध्यान से पढ़ें और उसमें दी गई राशि और शर्तों की पुष्टि करें।
Loan Settlement करने से पहले क्या करना चाहिए?
नीचे कुछ कदम दिए गए हैं, जो Loan Settlement से पहले अपनाने चाहिए:
- सबसे पहले अपनी आय, खर्च, और बाकी सभी कर्जों का सही जांच करें। जानें कि आप कितनी रकम चुका सकते हैं।
- Loan Settlement से पहले अपनी समस्या को बैंक या कर्ज देने वाले से स्पष्ट रूप से साझा करें। कई बार वे आपके लिए बेहतर समाधान, जैसे कि ईएमआई कम करना या लोन अवधि बढ़ाना, पेश कर सकते हैं।
- किसी वित्तीय सलाहकार या एक्सपर्ट से संपर्क करें। वे आपको सही निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं और समझा सकते हैं कि Loan Settlement का आपके क्रेडिट स्कोर पर क्या असर होगा।
- अगर आप Loan Settlement का निर्णय लेते हैं, तो बैंक द्वारा दी गई शर्तों को ध्यान से पढ़ें। सुनिश्चित करें कि आपसे कोई छिपा शुल्क नहीं लिया जा रहा हैं।
- Loan Settlement करने से आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। यह भविष्य में लोन लेने में मुश्किल पैदा कर सकता है। इसे ध्यान में रखकर ही निर्णय लें।
- Loan Settlement अंतिम विकल्प होना चाहिए। उससे पहले, पुनर्वित्त (Refinance), ईएमआई कम करवाने, या परिवार और दोस्तों से मदद मांगने जैसे अन्य विकल्पों पर विचार करें।
Loan Settlement करने के क्या कारण होते हैं?
नीचे कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं:
- कई बार व्यक्ति लोन लेने के बाद अपने खर्चों और आय का सही तरीके से मैनेज नहीं कर पाता हैं, जिससे भुगतान करने में दिक्कत होती है।
- किसी प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, या परिवार में कोई बड़ा संकट आने से लोन चुकाने में परेशानी हो सकती है।
- अगर व्यक्ति की नौकरी चली जाए, आय का स्रोत बंद हो जाए, या व्यापार में भारी नुकसान हो, तो समय पर लोन चुकाना मुश्किल हो सकता है।
- अगर लोन की ब्याज दर बहुत ज्यादा हो और किस्त चुकाने में परेशानी हो, तो Loan Settlement का सहारा लिया जाता है।
- बड़ी बीमारी या मेडिकल इमरजेंसी में अचानक खर्च बढ़ जाने पर लोन चुकाने के लिए पैसे की कमी हो सकती है।
- कई बार व्यक्ति के ऊपर एक से ज्यादा लोन का बोझ होता है, जिसे समय पर चुकाना मुश्किल हो जाता है।
Loan Settlement करने के लिए कैसे अप्लाई करें?
अगर आप अपने लोन का बकाया चुकाने में असमर्थ हैं और भारी ब्याज दरों से परेशान हैं, तो Loan Settlement एक संभावित समाधान हो सकता है। इस प्रक्रिया के तहत, बैंक या लोन कंपनी आपकी कुल बकाया राशि का कुछ हिस्सा माफ कर सकती है और आपको एकमुश्त भुगतान (One-time Settlement) करने का विकल्प देती है। हालांकि, यह आपके CIBIL Score को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाएं।
Loan Settlement के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले यह तय करें कि आप लोन के पूरे बकाए का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं।
- अपनी आय और खर्चों की जांच करें और तय करें कि आप ज्यादा से ज्यादा कितनी राशि चुका सकते हैं।
- अपने बैंक या लोन कंपनी के कस्टमर केयर से बात करें और उन्हें अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के बारे में बताएं।
- बैंक से सेटलमेंट ऑफर मांगें और बातचीत शुरू करें।
- बैंक आपको एक सेटलमेंट अमाउंट ऑफर करेगा, जो आपकी कुल बकाया राशि से कम होगा।
- अगर आप इस राशि से सहमत नहीं हैं, तो बैंक से बातचीत करें और अपने भुगतान करने की क्षमता के अनुसार राशि को कम करने की कोशिश करें।
- जब बैंक और आप किसी निश्चित राशि पर सहमत हो जाएं, तो तय करें कि आपको एक लिखित सेटलमेंट लेटर मिले।
- इसमें सेटलमेंट की शर्तें, भुगतान की तारीखें, और अन्य नियम सही से उल्लेखित होने चाहिए।
- एक बार सेटलमेंट हो जाने के बाद, तय समय के भीतर पूरा भुगतान करें।
- भुगतान के बाद बैंक से नो ड्यू सर्टिफिकेट (NOC) या फाइनल सेटलमेंट लेटर प्राप्त करें।
- सेटलमेंट के बाद, सुनिश्चित करें कि बैंक आपकी CIBIL रिपोर्ट में “सेटल्ड” स्टेटस अपडेट कर दे।
- यह आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है, इसलिए भविष्य में इसे सुधारने के लिए अच्छे वित्तीय प्रबंधन की आदत डालें।
Loan Settlement करने के बाद CIBIL Score पर क्या असर पडता हैं?
सेटलमेंट का क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसका असर निम्नलिखित तरीकों से देखा जा सकता है:
- सेटलमेंट की प्रक्रिया के बाद, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह जानकारी दर्ज हो जाती है, कि आपने अपना कर्ज “सेटल” किया है। यह एंट्री आपके क्रेडिट इतिहास में 7 साल तक बनी रहती है और इसे लेंडर्स या अन्य क्रेडिटर्स द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जा सकता है, जो भविष्य में कर्ज लेने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।
- चूंकि सेटलमेंट का मतलब होता है कि आपने पूरा कर्ज चुकाया नहीं है, भविष्य में जब आप नया कर्ज लेने की कोशिश करेंगे, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को देखकर आपके आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं या आपको उच्च ब्याज दरों पर कर्ज दे सकते हैं।
- सेटलमेंट के बाद, अगर आपके पास कोई लोन या अन्य क्रेडिट लाइन है, तो आपके क्रेडिट लिमिट को कम किया जा सकता है, क्योंकि क्रेडिटर्स को लगता है कि आप ज्यादा जोखिम वाले ग्राहक हो सकते हैं।
- अगर आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, तो आपके लिए लोन, लोन, या किसी अन्य प्रकार की क्रेडिट सुविधा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इससे आपकी वित्तीय स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है, खासकर अगर आपको भविष्य में किसी वित्तीय आपातकाल का सामना करना पड़े।
- जब आप अपने बैंक के साथ सेटलमेंट के लिए समझौता करते हैं, तो आप पूरी उधारी का भुगतान नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि एक निश्चित राशि का भुगतान कर रहे होते हैं जो मूल राशि से कम होती है। इसे क्रेडिट ब्यूरो द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि आप अपने कर्ज को चुकाने में असमर्थ रहे हैं। नतीजतन, आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
Loan Settlement करने का क्या फायदा होता हैं?
आइए जानते हैं कि Loan Settlement करने के क्या फायदे होते है:
- अगर आपका लोन का बकाया बहुत ज्यादा हो गया है और आप इसे चुकाने में असमर्थ हैं, तो सेटलमेंट करने से आपको बहुत बड़ी राहत मिल सकती है।
- जब आप लगातार अपने लोन का भुगतान नहीं करते हैं, तो बैंक आपके खिलाफ Legal Notice भेज सकता है और रिकवरी एजेंट भी भेज सकता है।
- लगातार बढ़ते कर्ज और बैंक की कॉल्स से मानसिक तनाव बढ़ जाता है। अगर आप सेटलमेंट कर लेते हैं, तो आपको इस चिंता से राहत मिलती है और आप अपनी वित्तीय स्थिति को दोबारा सुधारने पर ध्यान दे सकते हैं।
- लोन का ब्याज बहुत ज्यादा होता है, जो 30-45% तक सालाना हो सकता है। अगर आप समय पर भुगतान नहीं कर रहे हैं, तो ब्याज और लेट पेमेंट फीस लगातार बढ़ती रहती है।
- Loan Settlement में आपको एक बार में ही कुछ तय रकम चुकानी होती है, जिससे आपका कर्ज पूरी तरह समाप्त हो जाता है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है जो एक बार में थोड़ी रकम जुटाकर कर्ज से बाहर निकलना चाहते हैं।
- हालांकि, सेटलमेंट करने से आपका CIBIL Score कम हो सकता है, लेकिन अगर आप सेटलमेंट के बाद वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हैं और समय पर अपने अन्य लोन और बिलों का भुगतान करते हैं, तो आप धीरे-धीरे अपना स्कोर सुधार सकते हैं।
Loan Settlement करने के क्या नुकसान होते हैं?
आइए विस्तार से जानते हैं कि Loan Settlement करने के क्या नुकसान होते हैं।
- Loan Settlement का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि इससे आपका CIBIL Score खराब हो जाता है। जब आप पूरा बकाया चुकाने के बजाय बैंक से समझौता करके कम रकम चुकाते हैं, तो बैंक इसे “सेटल” (Settled) स्टेटस में रिपोर्ट करता है। यह स्टेटस आपके क्रेडिट रिपोर्ट में 7 साल तक बना रह सकता है, जिससे भविष्य में लोन या नया लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
- कुछ मामलों में, जब आप भविष्य में किसी अन्य बैंक से लोन लेने जाते हैं, तो बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री देखकर आपसे पहले का सेटलमेंट अमाउंट पूरा चुकाने के लिए कह सकता है। यानी अगर आपने 1 लाख रुपये के बकाए पर 50,000 रुपये देकर सेटलमेंट किया था, तो नया बैंक आपसे बची हुई 50,000 रुपये की मांग कर सकता है।
- Loan Settlement करने से बैंक के साथ आपके संबंध खराब हो सकते हैं। बैंक इसे इस नजर से देखता है कि आपने अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरी तरह नहीं निभाया हैं, जिससे भविष्य में आपको बैंकिंग सेवाओं में दिक्कतें आ सकती हैं।
- अगर आपने एक बार Loan Settlement किया है, तो बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं आपको “हाई-रिस्क कस्टमर” मान सकती हैं। इससे होम लोन, पर्सनल लोन या बिजनेस लोन मिलने में परेशानी हो सकती है, या फिर बैंक आपसे ऊंची ब्याज दर (High Interest Rate) पर लोन दे सकता है।
- अगर आपने किसी बैंक के साथ लोन सेटल किया है, तो वही बैंक आपको भविष्य में फिर से लोन जारी करने से मना कर सकता है। यहां तक कि कुछ बैंक आपको अपनी ब्लैकलिस्ट में भी डाल सकते हैं, जिससे आप उनके किसी भी क्रेडिट प्रोडक्ट के लिए अयोग्य हो सकते हैं।
निष्कर्ष
अगर आप भी कर्ज के बोझ से परेशान हैं, और समझ नहीं पा रहे कि कहां से शुरुआत करें, तो Debt Snowball Method आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। यह तरीका आपको न केवल एक आसान रास्ता दिखाता है, बल्कि मानसिक रूप से भी आपको मजबूत बनाता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह धीरे-धीरे लेकिन प्रभावी तरीके से काम करता है – ठीक उसी तरह जैसे एक बर्फ का गोला लुड़कते-लुड़कते बड़ा होता जाता है।
इस विधि में आप सबसे छोटे कर्ज से शुरुआत करते हैं, और जैसे ही वह खत्म होता है, आप अगला कर्ज चुकाने लगते हैं। इससे आपको लगातार छोटे-छोटे “विक्ट्री मोमेंट्स” मिलते हैं, जिससे मन में आत्मविश्वास आता है और आप खुद को कर्जमुक्त होते हुए महसूस करते हैं। यह एक बहुत ही मोटिवेटिंग प्रोसेस होता है, खासकर उनके लिए जो कई कर्जों के दबाव में फंसे होते हैं।
Debt Snowball Method की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें किसी मुश्किल गणना या फाइनेंशियल एक्सपर्ट बनने की ज़रूरत नहीं होती है। आपको सिर्फ एक बार अपने कर्जों की सूची बनानी है और प्लान के अनुसार एक-एक करके उन्हें खत्म करना है। यह तरीके से न सिर्फ आपका कर्ज घटेगा, बल्कि आपकी वित्तीय आदतें भी सुधरेंगी – जैसे समय पर भुगतान करना, खर्चों पर नियं
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
Ans: यह तरीका उन लोगों के लिए सबसे बेहतर है, जो एक से ज्यादा कर्जों में फंसे हुए हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि कहां से शुरुआत करें। अगर आप मोटिवेशन के साथ धीरे-धीरे कर्ज चुकाना चाहते हैं, तो यह पद्धति आपके लिए बेहतरीन साबित हो सकती है।
Ans: नहीं, Debt Snowball Method में ब्याज दर नहीं, बल्कि कर्ज की राशि को प्राथमिकता दी जाती है। आप सबसे छोटे कर्ज से शुरुआत करते हैं, चाहे उसकी ब्याज दर कुछ भी हो।
Ans: यह स्थिति Avalanche Method के लिए बेहतर होती है, जिसमें आप सबसे ज्यादा ब्याज वाले कर्ज को पहले चुकाते हैं। लेकिन Debt Snowball Method मानसिक संतुलन और मोटिवेशन के लिए कारगर है।
Ans: यह आपकी आमदनी, खर्च और हर महीने कितनी रकम आप कर्ज चुकाने में लगा रहे हैं, इस पर निर्भर करता है। लेकिन यह तरीका धीरे-धीरे समय बचाता है क्योंकि हर कर्ज खत्म होने के बाद अगली किस्त में ज्यादा पैसा लग पाता है।
Ans: यह तरीका इतना आसान है कि कोई भी व्यक्ति खुद से इसे फॉलो कर सकता है। बस सही लिस्टिंग, प्लानिंग और अनुशासन की जरूरत होती है।