आक्रामक रिकवरी एजेंटों से निपटते समय अपने क्रेडिट स्कोर की सुरक्षा कैसे करें।

लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ज्यादा लोन ले तो लेते है लेकिन कठिन वित्तीय समय के आने के कारण वह लोन का भुगतान करने में चूक जाते है और वह अपने लोन का भुगतान करने में असमर्थ हो जाते हैं। इस वजह के कारण लाओं रिकवरी वाले अब पहले की तुलना में और ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। 

पिछले कुछ सालो सालो कई ऐसे मामले सामने आएं हैं, जिनमे कर्जदारों को उनके लोन के वसूली के लिए रिकवरी एजेंट द्वारा परेशान किया और धमकाया गया हैं। कई रिकवरी एजेंट ने तो कर्जदारों के पडोसीओ और दोस्तों के सामने उनका मजाक उड़ाने और उनके घर पर अचानक रिकवरी का दौरा भी किया गया हैं। कुछ कर्जदारों को न केवल अपमान का सामना करना पड़ता हैं बल्कि उनकी धमकियों का भी सामना करना पड़ता है। कुछ मामलो में तो यह भी देखा गया है की रिकवरी वाले कर्जदारों को चिंता, तनाव और मानसिक स्तिथि में भी दाल देते हैं। 

इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएँगे की रिकवरी एजेंट की कौनसी हरकते हरासमेंट मानी जाती हैं? कर्जदारों के क्या अधिकार हैं? लोन रिकवरी और रिकवरी एजेंट के लिए RBI के क्या नियम हैं? इसलिए इस लेख को अंत तक पढियेगा ताकि बाद में आपको कोई परेशानी न हो सके।

रिकवरी एजेंट हरैसमेंट क्या होता हैं?

रिकवरी एजेंट हरैसमेंट का मतलब होता है की लोन रिकवरी एजेंटो द्वारा कर्जदारों से लोन के बकाया का भुगतान करने के लिए की जाने वाली अवैध रणनीति हैं। रिकवरी हरैसमेंट में लोन रिकवरी वाले कर्जदारों को लगातार धमकी,  फोन कॉल करना और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना शामिल होता हैं। इसके साथ ही वह आपको परिवार वालो को तंग करने के साथ – साथ आपको झूटी कानूनी धमकी देते हैं।  

इस तरह के कामो से कर्जदारों को और अधिक तनाव और मानसिक रूप से चोट पहुँचती हैं। कानून के तहत उनके अधिकारों का उलंघन भी इसके शामिल हैं। कई देशों में कर्जदारों को रिकवरी एजेंट के उत्पीड़न से बचाने,  शिकायत दर्ज करने और ऐसे व्यवहार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करने के अवसर प्रदान करने के लिए कानून मौजूद हैं।

अगर आप रिकवरी एजेंट के हरैसमेंट का सामना कर रहे हैं, तो आपको कुछ जरुरी बातो को जानना चाहिए : 

  • ज़्यदातर देशो में लोन रिकवरी एजेंट हरैसमेंट हैं और यह कर्जदारों के अधिकारों का उलंघन भी करता हैं। 
  • कानून  के अनुसार आपके पास सुरक्षा, सम्मानजनक व्यवहार और गोपनीयता का अधिकार हैं। 
  • आपके पास अधिकार है की आप उस रिकवरी एजेंट के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं। आप उन एजेंटो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी कर सकते है जो आपको परेशान कर रहे हैं। 
  • आपको रिकवरी एजेंट के कॉल्स, मेसेजेस और घर पर विजिट का रिकॉर्ड रखना चाहिए। 
  • याद रखें की रिकवरी एजेंट का हरैसमेंट गैरकानूनी हैं। इसके साथ ही आप इस व्यवहार से बचने का अधिकार भी हैं। अगर आपके साथ रिकवरी हरैसमेंट हो रहा है तो आप कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं।

रिकवरी एजेंट की कौनसी हरकते हरैसमेंट कहलाती हैं?

अगर रिकवरी एजेंट आपसे सम्पर्क करता है और लोन वसूलने के लिए निचे दिए गए किसी भी गैरकानूनी बातो का इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो सकती हैं : 

  • अगर वह आपके लोन के बारें में आपके दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार वालो को बताता हैं। 
  • सोशल मीडिया के जरिये आपके दोस्तों को तंग करना और आपको धमकी देना। 
  • लोन का भुगतान करने के लिए आप पर मानसिक दवाब डालना। 
  • आपको या फिर आपके परिवार वालो को कानून की धमकी देना। 
  • खुद को बैंक का अधिकारी बताना। 
  • आपको बिना बताये आपके घर पर आ जाता है और आपसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करके बात करना। 
  • मोहल्ले वालो के सामने आपको जलील करना और आपके कर्ज के बारें में बताना।

लोन देने वाला लोन वसूलने के लिए क्या कदम उठ सकता हैं?

अगर आप लोन के भुगतान में चूक करते हैं, तो लोन देने वाली संस्था को RBI के नियमो के अनुसार लोन को वसूलने का काम करना होता हैं। अगर कोई व्यक्ति उनके लोन का भुगतान नहीं करता हैं तो बैंक निम्नलिखित कदम उठा सकता हैं। 

  • नोटिस जारी करना 

अगर लोन के भुगतान करने में चूक होती है तो बैंक लोन डिफ़ॉल्ट का नोटिस भेज सकता हैं। नोटिस के अंदर लोन के बारें सभी जानकारी शामिल होनी चाहिए। 

  • रिकवरी एजेंट की मदद 

अगर कर्जदार बैंक के भेज गए नोटिस का जवाब नहीं देता है, तो बैंक रिकवरी एजेंट की मदद लेती हैं। बैंक कर्जदार के लोन की रिपोर्ट रिकवरी एजेंसी के पास भेजते है और फिर एजेंसी वाले अपने रिकवरी एजेंट को उस लोन का पैसा वसूलने के लिए कहते हैं। लेकिन कुछ मामलो में बैंक थर्ड – पार्टी रिकवरी एजेंट का सहारा लेती हैं। 

  • कानूनी कार्यवाही करना 

अगर कर्जदार लोन को लम्बे से नहीं चूका रहा है और नोटिस का जवाब भी नहीं दे रहा है तो बैंक लोन को वसूलने के उसके ऊपर कानूनी कार्यवाही कर सकती हैं। इससे कर्जदार की गिरवी रखी हुई संपत्ति को खतरा हो सकता हैं। 

  • क्रेडिट स्कोर का खराब होना 

लोन का भुगतान लम्बे समय से नहीं करने पर कर्जदार के क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं, जिससे उनको आगे चलकर लोन मिलना मुश्किल हो सकता हैं।

लोन देने वालो के लिए RBI के नियम क्या हैं?

बैंक द्वारा की जाने वाली सभी गतिविधियों को उत्पीड़न नहीं कह सकते हैं। लोन देने वाली संस्था को कानूनी तरीके से कर्जदारों से लोन का बकाया वापसी माँगना चाहिए। आमतौर पर जब कोई कर्जदार अपने लोन पर चूक करता है, तो बैंक को आमतौर पर RBI के द्वारा जारी किये गए निर्देशों का पालन करते हुए आगे की प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए। RBI के नियमो के हिसाब से ही बैंक को कर्जदार से लोन का बकाया वसूलने की अनुमति हैं। 

RBI के दिशा – निर्देश कुछ इस तरह हैं : 

  • बैंक को लोन वसूली के मामले में एक अच्छे व्यवहार का पालन करना चाहिए। बैंक को करदारो से इज्जत और सम्मान के साथ बात करनी चाहिए। बैंको को उनका अपमान करने का कोई अधिकार नहीं हैं। 
  • लोन की वसूली के दौरान कर्जदार के बैंक किसी भी भी तरह का दुर्व्यवहार, चाहे वह मुँह से बोला हुआ हो या शारीरिक, धमकी या किसी अन्य प्रकार का व्यव्हार नहीं कर सकती हैं। 
  • बैंक को कर्जदार के लोन के बारें में किसी तीसरे को बताने का कोई अधिकार नहीं हैं। बैंक को कर्जदार की जानकारियों को गुप्त रखना होता हैं। 
  • अगर कोई व्यक्ति अपने लोन का भुगतान करने में चूक करता है तो बैंक को उसे लिखित में उसके लोन डिफ़ॉल्ट के बारें में बताना चाहिए। उस सुचना के अंदर डिफ़ॉल्ट की रकम, डिफ़ॉल्ट को कैसे ठीक किया जाए। इसके बारें में लिखा होना चाहिए। 
  • बैंक लोन की वसूली के लिए रिकवरी एजेंट को नियुक्त कर सकते है लेकिन उन रिकवरी एजेंट को RBI के नियमो के हिसाब से चलना होगा। रिकवरी एजेंट के पास आईडी कार्ड, DRA सर्टिफिकेट और बैंक का नोटिस होना चाहिए और उन्हें कर्जदारों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। 
  • RBI के नियमो के अनुसार बैंक को कर्जदार पर किसी भी तरह का बोझ नहीं डालना चाहिए। इसके साथ ही रिकवरी वाले लोन को वसूलने के लिए किसी भी तरह का बल का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। 
  • RBI के अनुसार बैंक लोन लेने वाले व्यक्ति को लोन का निपटान करने के लिए सुझाव दे सकती हैं।
  • अगर बैंक लोन लेने वाले व्यक्ति को परेशान कर रहा है तो वह इस मामले में अपनी शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं। 
  •  अगर कर्जदार ने लोन लेते समय अपनी सम्पति को गिरवी रखा था और अब लोन को लोन का भुगतान नहीं कर पा रहा है तो बैंक को अधिकार है की वह उसकी संपत्ति को नीलाम कर सकती हैं।

रिकवरी एजेंटो के लिए RBI द्वारा जारी किये गए नियम

रिकवरी एजेंटो के द्वारा दिए गए धमकियों के बढ़ते मामलो को देखते हुए, RBI ने अब उन्हें रोकने के लिए नियम जारी किये हैं। RBI ने रिकवरी एजेंटो की इन हरकतों के लिए बैंक, NBFC और फिंतेच को जिम्मेदार ठहराया हैं। RBI द्वारा जारी किये गए नियम कुछ इस तरह हैं : 

  • बैंक्स को रिकवरी एजेंटो को ध्यानपूर्वक नियुक्त करना चाहिए 

बैंको को रिकवरी एजेंट्स को नियुक्त करते समय एक गहरी जांच की प्रक्रिया को अपनाना चाहिए। उन्हें यह ध्यान में रखें चाहिए की जिन भी एजेंट को वह नियुक्त कर रहे हैं उनका DRA सर्टिफिकेट होना चाहिए। 

  • बैंको को कर्जदार को रिकवरी एजेंट के बारें में बताना चाहिए 

बैंको को कर्जदारों को यह बात बतानी चाहिए की वह अपने लोन की वसूली के लिए रिकवरी एजेंट को नियुक्त कर रहे हैं। रिकवरी एजेंट को पाने पास आईडी कार्ड, DRA सर्टिफिकेट और बैंक का नोटिस अपने पास रखना चाहिए। 

  • साल रिकॉर्ड की जानकारी होनी चाहिए 

बैंक द्वारा जारी किये गए नोटिस में रिकवरी एजेंट का नंबर भी होना चाहिए। बैंको के पास  कॉल का रिकॉर्ड होना चाहिए। बैंको को यह सुनिश्चित करना चाहिए की रिकवरी एजेंटो द्वारा किये जा रहे कॉल का रिकॉर्ड उनके पास आ रहा है या नहीं। 

  • शिकायतों का हल 

हर बैंक के पास ग्राहकों द्वारा किये जा रहे  शिकायतों का हल होना चाहिए। ग्राहक बैंक को बेझिझक अपने लोन से जुडी शिकायतों को बता सकते हैं। 

  • रिकवरी एजेंट को अपनी पहचान बतानी होगी 

जब भी रिकवरी एजेंट लोन की वसूली के आता है तो आपको उससे सबसे पहली उसकी पहचान के बारें में पूछना चाहिए। बैंक, NBFC और फिनटेक अपने रिकवरी एजेंट को पहचान पत्र देते हैं। जब रिकवरी वाले आपके घर आएं तो सबसे पहले आपको उनका पहचान पर माँगना चाहिए। अगर वह ऐसा करने से मन करते है तो आप बैंक को शिकायत कर सकते हैं। 

  • रिकवरी एजेंट को आपका अपमान नहीं करना चाहिए 

रिकवरी एजेंट आपके परिवार, दोस्तों या रिस्तेदार वालो के सामने आपका मज़ाक नहीं उडा सकता हैं। वह आपको अपमानित भी नहीं कर सकता हैं और आपसे अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करके भी बात नहीं कर सकता हैं। इसके अलावा वह आपको कोई बेकार मेसेजेस नहीं भेज सकता हैं। 

  • रिकवरी एजेंट आपको कभी भी फ़ोन नहीं कर सकता हैं 

रिकवरी एजेंट आपको किसी भी समय कॉल नहीं कर सकते हैं। वह आपको सिर्फ सुबह 7 बजे से लेकर शाम के 7 बजे तक के बीच में कॉल  कर सकते हैं। 

  • रिकवरी एजेंट आपकी गोपनीयता का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं 

रिकवरी एजेंट आपकी गुप्तता का उलंघन नहीं कर सकते कर सकते हैं। यानी की वह आपके लोन के बारें में किसी तीसरे को नहीं बता सकते हैं। इस बात को उन्हें आप दोनों के बैच में ही रखन होता हैं।

निष्कर्ष :

एक कर्जदार के रूप में अपने अधिकारों को जानना और लोन रिकवरी के द्वारा हो रहे उत्पीड़न से बचने के लिए इन तरीको का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको RBI के नियमो का पता होना चाहिए। और बैंको को RBI के नियमो के अनुसार चलना चाहिए। इन सभी नियमो के बारें में बैंको, NBFC और फिनटेक के रिकवरी वालो को पता होना चाहिए। आशा करते है की आपको बताई गयी बातें समझ में आयी होंगी। इसी तरह हमरे लेखो को पढ़ते रखिये। ताकि आपके लिए हम इसी तरह के लेखो को प्रस्तुत कर सकें। ऐसे ही लोन से जुड़े लेखो को पढ़ने के लिए हमारे साथ बने बने रहिये।

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