संक्षेप
लोन सेटलमेंट (Loan Settlement) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बैंक और उधारकर्ता (Borrower) आपसी सहमति से लोन की बकाया राशि को कम करके निपटाने का समझौता करते हैं। यह उन लोगों के लिए उपयोगी साबित होता है जो आर्थिक समस्याओं के कारण पूरा लोन चुकाने में असमर्थ होते हैं।
अगर कोई उधारकर्ता लगातार 3 से 6 महीने तक ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाता हैं, तो बैंक उसे डिफॉल्टर (Defaulter) घोषित कर सकता है और SARFAESI Act, 2002 के तहत कानूनी कार्रवाई कर सकता है। ऐसे में, उधारकर्ता बैंक से One Time Settlement (OTS) का अनुरोध कर सकता है।
सेटलमेंट के बाद बैंक No Dues Certificate (NOC) जारी करता है, जिससे यह प्रमाणित होता है कि लोन सेटल हो गया है। लेकिन, यह ध्यान रखना जरूरी है कि लोन सेटलमेंट करने से CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे भविष्य में लोन प्राप्त करने में मुश्किल हो सकती है।
परिचय
आजकल बढ़ती महंगाई और आर्थिक चुनौतियों के कारण कई लोग लोन लेते हैं, लेकिन समय पर ईएमआई चुकाना कभी-कभी मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में, बैंक और वित्तीय संस्थाएं Loan Settlement (Loan Settlement) का विकल्प देती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि Loan Settlement की एक कानूनी प्रक्रिया (Legal Process) होती है, जिसे समझना बेहद जरूरी है?
जब कोई उधारकर्ता (Borrower) आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं होता कि वह पूरा लोन चुका सके, तो बैंक या कर्जदाता (Lender) एक समझौता (Settlement) करने का प्रस्ताव देते हैं। इसमें लोन की कुल बकाया राशि का कुछ हिस्सा चुकाकर समझौता किया जाता है, जिससे बैंक अपना कुछ पैसा वसूल कर लेता है और उधारकर्ता भी पूरी रकम चुकाने के बोझ से बच जाता है।
Loan Settlement करने से पहले, बैंक कई कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरता है। अगर उधारकर्ता लगातार ईएमआई नहीं चुका पाता है, तो SARFAESI Act, 2002 के तहत बैंक को अधिकार मिलता है कि वह बकाया वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई करे। इसके अलावा, Negotiated Settlement और One Time Settlement (OTS) जैसी प्रक्रिया भी होती है, जिससे लोन का सेटलमेंट किया जाता है।
इस लेख में हम Loan Settlement की पूरी कानूनी प्रक्रिया, उसके फायदे-नुकसान, आवश्यक दस्तावेज और जरूरी कदम विस्तार से समझाएंगे, ताकि आप अपने लोन को सही तरीके से सेटल कर सकें और किसी भी कानूनी समस्या से बच सकें।
Loan Settlement क्या होता हैं?
यह एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्था लोन लेने वाले व्यक्ति को पूरी बकाया लोन की राशि को चुकाने के बजाय कम राशि देकर लोन निपटाने का मौका देती है। यह सुविधा उन लोगों के लिए होती है जो किसी कारण से अपना लोन समय पर नहीं चुका पाते हैं और लगातार डिफॉल्ट कर रहे होते हैं।
सेटलमेंट के तहत बैंक एकमुश्त राशि (लंपसम अमाउंट) पर सहमति बना सकता है, जिससे लोन बंद हो जाता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि Loan Settlement करने से आपका CIBIL स्कोर प्रभावित हो सकता है, जिससे भविष्य में आपको लोन लेने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए, इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाना चाहिए।
Loan Settlement कैसे काम करता है?
जब कोई व्यक्ति अपने पर्सनल लोन की EMI समय पर चुकाने में असमर्थ हो जाता है और लंबे समय तक बकाया राशि जमा हो जाती है, तो बैंक या वित्तीय संस्था Loan Settlement का विकल्प देती है। इसमें बैंक ग्राहक को पूरी बकाया राशि के बजाय रियायती रकम (discounted amount) चुकाने का मौका देता है, जिससे लोन का मामला निपट जाता है।
सेटलमेंट की प्रक्रिया में ग्राहक और बैंक के बीच बातचीत होती है, जहां बैंक इस बात की पुष्टि करता है कि ग्राहक लोन का पूरा भुगतान नहीं कर सकता हैं। इसके बाद, बैंक एक सिंगल-शॉट पेमेंट ऑफर देता है, जो आमतौर पर बकाया लोन राशि से कम होता है। जब ग्राहक इस सहमत राशि का भुगतान कर देता है, तो बैंक लोन को “Settled” के रूप में रिपोर्ट करता है। हालांकि, यह CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है क्योंकि इसे “Complete Payment” नहीं माना जाता हैं।
इसलिए, Loan Settlement को अंतिम विकल्प के रूप में ही चुनना चाहिए और अगर संभव हो, तो लोन रीपेमेंट प्लान, लोन री-स्ट्रक्चरिंग या अन्य वित्तीय समाधान पर विचार करना चाहिए ताकि क्रेडिट स्कोर खराब न हो।
Loan Settlement करने के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें?
अगर आप इसे ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें:
बैंक की वेबसाइट या ऐप पर जाएं
- अपने लोन प्रदाता या बैंक की ऑफिसियल वेबसाइट या मोबाइल ऐप को खोलें।
- साइन अप करें, अगर पहले से अकाउंट है, तो लॉग इन करें। नहीं तो नया अकाउंट बनाएं।
कस्टमर सपोर्ट सेक्शन देखें
- वेबसाइट या ऐप पर ‘Customer Support’ या ‘Contact Us’ सेक्शन पर जाएं।
- यहां आपको “Loan Settlement” से संबंधित विकल्प मिल सकता है, जैसे:
- लोन से जुड़ी शिकायत दर्ज करना।
- Loan Settlement के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म।
Loan Settlement करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म भरें
- “Loan Settlement Request” विकल्प चुनें।
- मांगी गई जानकारी भरें, जैसे:
- आपका नाम
- लोन अकाउंट नंबर
- ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर
- कारण (क्यों आप सेटलमेंट करना चाहते हैं, जैसे वित्तीय समस्या या आय में कमी)।
जरूरी दस्तावेजो को अपलोड करें
- अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति को दिखाने वाले दस्तावेज अपलोड करें, जैसे:
- इनकम सर्टिफिकेट या सैलरी स्लिप
- बैंक स्टेटमेंट
- कोई अन्य प्रमाण जो आपकी समस्या को स्पष्ट करे।
- सभी दस्तावेज स्कैन करके सही फॉर्मेट में अपलोड करें (PDF या JPEG)।
सबमिट करें और बैंक की तरफ से जवाब आने का इंतजार करें
- फॉर्म सबमिट करने के बाद, बैंक आपकी रिक्वेस्ट की जांच करेगा।
- आमतौर पर बैंक 7-10 वर्किंग डेज़ में आपसे संपर्क करता है। वे ईमेल, कॉल, या मैसेज के जरिए सेटलमेंट की जानकारी देंगे।
बैंक के ऑफर को समझें
- बैंक आपके बकाया राशि का एक हिस्सा माफ करने का प्रस्ताव देगा। इसे ध्यान से पढ़ें।
- अगर आपको ऑफर स्वीकार है, तो आगे बढ़ें। नहीं तो और बातचीत करें।
भुगतान करें
- बैंक द्वारा तय की गई सेटलमेंट राशि को ऑनलाइन पेमेंट मोड के जरिए चुकाएं।
- बैंक आपको पेमेंट का कन्फर्मेशन देगा और आपका लोन खाता बंद कर देगा।
Loan Settlement करने से क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ता है?
इसका असर निम्नलिखित तरीकों से देखा जा सकता है:
- Loan Settlement की प्रक्रिया के बाद, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह जानकारी दर्ज हो जाती है, कि आपने अपना कर्ज “सेटल” किया है। यह एंट्री आपके क्रेडिट इतिहास में 7 साल तक बनी रहती है और इसे लेंडर्स या अन्य क्रेडिटर्स द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जा सकता है, जो भविष्य में कर्ज लेने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।
- चूंकि Loan Settlement का मतलब होता है कि आपने पूरा कर्ज चुकाया नहीं है, भविष्य में जब आप नया कर्ज लेने की कोशिश करेंगे, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को देखकर आपके आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं या आपको उच्च ब्याज दरों पर कर्ज दे सकते हैं।
- Loan Settlement करने के बाद, अगर आपके पास कोई क्रेडिट कार्ड या अन्य क्रेडिट लाइन है, तो आपके क्रेडिट लिमिट को कम किया जा सकता है, क्योंकि क्रेडिटर्स को लगता है कि आप ज्यादा जोखिम वाले ग्राहक हो सकते हैं।
- अगर आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, तो आपके लिए लोन, क्रेडिट कार्ड, या किसी अन्य प्रकार की क्रेडिट सुविधा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इससे आपकी वित्तीय स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है, खासकर अगर आपको भविष्य में किसी वित्तीय आपातकाल का सामना करना पड़े।
- जब आप अपने बैंक के साथ Loan Settlement के लिए समझौता करते हैं, तो आप पूरी उधारी का भुगतान नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि एक निश्चित राशि का भुगतान कर रहे होते हैं जो मूल राशि से कम होती है। इसे क्रेडिट ब्यूरो द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि आप अपने कर्ज को चुकाने में असमर्थ रहे हैं। नतीजतन, आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
Loan Settlement की सर्विस को कैसे चुने?
यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देने की जरुरत है, जो आपको सही Loan Settlement सर्विस चुनने में मदद करेंगे:
सर्विस प्रदाता की प्रमाणिकता को चेक करें
सेटलमेंट की सर्विस को लेने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि जिस सर्विस प्रदाता से आप मदद ले रहे हैं, वह वित्तीय संस्थाओं और बैंकों के साथ रजिस्टर्ड और प्रमाणित हो। एक भरोसेमंद सर्विस प्रदाता ही आपको सही मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर सकता है। ऑनलाइन रिव्यू और ग्राहक की फीडबैक देखना एक अच्छा तरीका हो सकता है।
सेवा शुल्क और अन्य खर्चों की भी जांच करें
कई सर्विस प्रदाता सेवा शुल्क भी लेते हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि शुल्क ज्यादा न हो और कोई छिपे हुए खर्च न हों। सर्विस प्रदाता से पहले से समझौता करें कि कौन सी सेवाएं मुफ्त हैं और किनके लिए आपको अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
Loan Settlement प्रक्रिया को समझें
सर्विस प्रदाता द्वारा दी जाने वाली सेटलमेंट की प्रक्रिया को ध्यान से समझें। क्या वे आपकी पूरी स्थिति को समझते हैं और बैंक के साथ बातचीत करने के लिए आपको बेहतर समाधान प्रदान करते हैं? एक अच्छा प्रदाता आपको कागजात और प्रक्रिया से पूरी जानकारी देगा, ताकि आप पूरी प्रक्रिया को सही तरीके से समझ सकें।
सुनिश्चित करें कि वे कानूनी रूप से सक्षम हैं
आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि सेवा प्रदाता कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त हो और उसके पास उन सभी अधिकारों की जानकारी हो जो आपके लोन के सेटलमेंट से जुड़े हैं। इससे आपको आगे किसी भी कानूनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अन्य समाधानो पर भी विचार करें
सेटलमेंट की प्रक्रिया को चुनने से पहले, यह सुनिश्चित करें कि सर्विस प्रदाता वैकल्पिक समाधान जैसे लोन री-स्ट्रक्चरिंग या नए भुगतान प्लान के बारे में भी आपको जानकारी दे रहा हो। ये विकल्प कभी-कभी सेटलमेंट से बेहतर हो सकते हैं और आपके CIBIL स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते हैं।
ग्राहक समर्थन और संपर्क
एक अच्छा सर्विस प्रदाता हमेशा ग्राहक के साथ संपर्क में रहेगा और आपकी समस्याओं का समाधान सही से करेगा। सुनिश्चित करें कि वे आपके सवालों का जवाब जल्दी देते हैं और किसी भी मुश्किल स्थिति में आपके साथ काम करने के लिए तैयार रहते हैं।
हमारी सेवा के साथ जुड़े
अगर आप भी कर्ज के जाल में फंस गए हैं और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और Loan Settlement का रास्ता अपनाना चाहते है तो आप हमारी Loan Settlement की सेवा के लिए आवेदन कर सकते हैं। हम आपके लोन का सेटलमेंट करने में आपकी सहयता कर्नेगे। इसके साथ ही हम आपको 6 – 8 महीने के अंदर लोन के बोझ से राहत प्रदान करवाते हैं। अगर आपको हमारी सेवा के बारे में और ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी हैं तो आप हमें सपर्क कर सकते हैं।
Personal Loan का सेटलमेंट होने में कितना समय लगता है?
सेटलमेंट की प्रक्रिया का समय अलग – अलग कारकों पर भी निर्भर करता है, जैसे आपके बैंक या लोन देने वाली संस्था की पॉलिसी, बकाया राशि, और आप दोनों के बीच बातचीत। आमतौर पर यह प्रक्रिया 1 से 3 महीने तक का समय ले सकती है।
सेटलमेंट की प्रक्रिया में सबसे पहला कदम बैंक से बातचीत करना होता है, जहां आप अपनी मुश्किलों और भुगतान की स्थिति के बारें में बैंक को समझाते हैं। इसके बाद, बैंक आपकी स्थिति के आधार पर एक सेटलमेंट का ऑफर देता है। अगर आप उस ऑफर को स्वीकार करते हैं, तो बैंक को तय समय सीमा के भीतर भुगतान करना होता है। फिर बैंक लोन को सेटल के रूप में रिपोर्ट करता है, जो कुछ समय ले सकता है।
इस पूरी प्रक्रिया में जितना ज्यादा समय लगेगा, उतना ही आपके CIBIL स्कोर पर प्रभाव डाल सकता है, इसलिए जल्दी से जल्दी समाधान तलाशना बेहतर रहता है।
Loan Settlement करने के फायदे और नुक्सान क्या होते हैं?
इसके निम्नलिखित फायदे और नुकसान होते हैं:
फायदे
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार को अपने कर्ज का कुछ हिस्सा माफ करवाने का मौका मिलता है।
- यह उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करता है और उसे भारी वित्तीय बोझ से राहत दिलवाता है।
- हालांकि Loan Settlement करने से कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है, लेकिन समय पर और सही तरीके से समझौते का पालन करने से वह अपने क्रेडिट स्कोर को धीरे-धीरे सुधार सकता है।
- Loan Settlement करने से कर्जदार की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
- Loan Settlement करने से आप अपनी आय और लागत को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और भविष्य में वित्तीय संकट से बच सकते हैं।
- कर्ज का भारी बोझ अक्सर मानसिक तनाव का कारण बनता है। Loan Settlement से कर्जदार को इस तनाव से राहत मिलती है और वह अपने जीवन में मानसिक शांति पा सकता है।
नुक्सान
- Loan Settlement के बाद, कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
- Loan Settlement भविष्य में नए कर्ज लेने या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।
- Loan Settlement के कारण, कर्जदार के बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं।
- भविष्य में, कर्जदार को इन संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
- Loan Settlement के माध्यम से, कर्जदार का पूरा लोन माफ नहीं होता है। उसे अभी भी कुछ राशि का भुगतान करना होता है, जो उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
- Loan Settlement के दौरान, बैंक और कर्जदार के बीच जो समझौता होता है, उसमें कई शर्तें होती हैं। कर्जदार को इन शर्तों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।
Loan Settlement का Legal Process क्या होता है?
हालांकि, यह एक कानूनी प्रक्रिया होती है और इसे करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
डिफॉल्ट होने पर बैंक की कार्रवाई
अगर आप लगातार 3 से 6 महीनों तक लोन की ईएमआई नहीं चुका पाते हैं, तो बैंक इसे NPA (Non-Performing Asset) घोषित कर सकता है। इसके बाद, बैंक आपके खिलाफ वसूली की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। SARFAESI Act, 2002 के तहत बैंक को यह अधिकार मिल जाता है कि वह आपके गिरवी रखे गए संपत्ति (Collateral) को जब्त कर सकता है और उसे नीलाम करके बकाया वसूल सकता है।
बैंक से Loan Settlement का अनुरोध करें
अगर आप आर्थिक रूप से कमजोर हैं और पूरी बकाया राशि चुकाने में असमर्थ हैं, तो आप One Time Settlement (OTS) या Negotiated Settlement का अनुरोध कर सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक को एक आवेदन पत्र (Loan Settlement Request Letter) देना होगा, जिसमें आपको अपनी आर्थिक स्थिति साबित करनी होगी।
बैंक द्वारा सेटलमेंट प्रस्ताव (Settlement Offer) दिया जाता है
बैंक आपकी स्थिति की जांच करने के बाद एक Settlement Offer देता है, जिसमें यह तय किया जाता है कि आपको कुल कितनी राशि का भुगतान करना होगा। यह आमतौर पर बकाया राशि से कम होता है, लेकिन इसमें बैंक की सहमति जरूरी होती है।
सेटलमेंट समझौता (Settlement Agreement) पर हस्ताक्षर करें
अगर आप बैंक द्वारा दिए गए प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो आपको एक लिखित समझौते (Written Agreement) पर हस्ताक्षर करना होगा। इसमें यह उल्लेख किया जाएगा कि सेटलमेंट के बाद बैंक आपके खिलाफ कोई और कानूनी कार्रवाई नहीं करेगा। ध्यान दें कि यह एक बहुत ही जरुरी कानूनी दस्तावेज होता है, इसलिए इसे ध्यान से पढ़ें और अपने वकील से सलाह लें।
सेटलमेंट राशि का भुगतान करें
समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, आपको तय समय सीमा में सेटलमेंट राशि (Settlement Amount) का भुगतान करना होता है। भुगतान आमतौर पर एकमुश्त (Lump Sum) किया जाता है।
No Dues Certificate (NOC) प्राप्त करें
जब आप सेटलमेंट राशि का भुगतान कर देते हैं, तो बैंक को आपको एक No Dues Certificate (NOC) जारी करना होता है, जिससे यह प्रमाणित हो कि अब आपका लोन पूरी तरह से सेटल हो गया है। बिना NOC के Loan Settlement अधूरा माना जाता है, इसलिए इसे प्राप्त करना बहुत जरूरी है।
Loan Settlement करते समय ध्यान रखने योग्य बातें कौनसी हैं?
- बैंक के साथ बातचीत करें और एक उचित समाधान निकालें।
- Loan Settlement की प्रक्रिया लिखित रूप में करवाएं, ताकि भविष्य में आपको कोई परेशानी न हो।
- सेटलमेंट के बाद CIBIL रिपोर्ट में अपडेट करवाना न भूलें।
- जरुरत पड़ने पर किसी वित्तीय सलाहकार या वकील की मदद लें।
निष्कर्ष
Loan Settlement उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है, जो किसी कारणवश अपने लोन की पूरी राशि नहीं चुका सकते हैं। लेकिन यह एक आसान प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसमें कई कानूनी और वित्तीय पहलू जुड़े होते हैं। अगर आप Loan Settlement करने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले आपको इसकी पूरी कानूनी प्रक्रिया को समझना चाहिए।
जब कोई उधारकर्ता (Borrower) लंबे समय तक लोन की ईएमआई नहीं चुका पाता हैं, तो बैंक उसे डिफॉल्टर घोषित कर देता है। इसके बाद बैंक या वित्तीय संस्था कानूनी रूप से अपनी बकाया राशि वसूलने के लिए कदम उठाती है। SARFAESI Act, 2002 जैसे कानून के तहत बैंक को यह अधिकार मिल जाता है कि वह आपकी गिरवी रखी गई संपत्ति को जब्त कर सकता है और उसे नीलाम कर सकता है।
Loan Settlement का मतलब यह नहीं है कि बैंक पूरी रकम माफ कर देगा। बल्कि, यह एक तरह का समझौता होता है, जिसमें बैंक कुछ राशि छोड़ सकता है और बाकी राशि आपको तय समय में चुकानी होती है। इस पूरी प्रक्रिया में सबसे जरुरी दस्तावेज Settlement Agreement होता है, जिसमें सेटलमेंट की शर्तें लिखी होती हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
Ans: हां, बैंक लोन सेटलमेंट करने से इनकार भी कर सकता है अगर उसे लगता है कि उधारकर्ता आर्थिक रूप से लोन चुकाने में सक्षम है। सेटलमेंट बैंक के विवेक पर निर्भर करता है और यह किसी भी ग्राहक को अनिवार्य रूप से उपलब्ध नहीं कराया जाता हैं।
Ans: हां, लेकिन यह मुश्किल भी हो सकता है। लोन सेटलमेंट करने के बाद CIBIL स्कोर कम हो जाता है, जिससे आगे किसी नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने में कठिनाई हो सकती है।
Ans: नहीं, अगर आपने सेटलमेंट समझौते (Settlement Agreement) के अनुसार तय राशि चुका दी है और बैंक ने आपको No Dues Certificate (NOC) जारी कर दिया है, तो बैंक आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकता है।
Ans: बिल्कुल नहीं! लोन सेटलमेंट करने से पहले बैंक से लिखित में सेटलमेंट एग्रीमेंट और बाद में No Dues Certificate (NOC) लेना बहुत जरूरी है। बिना लिखित दस्तावेजों के सेटलमेंट करना भविष्य में समस्याएं पैदा कर सकता है।
Ans: हां, अगर आपका कोई अन्य क्रेडिट कार्ड है और बैंक को पता चलता है कि आपने लोन सेटलमेंट किया है, तो वे आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट कम कर सकते हैं या उसे बंद भी कर सकते हैं।