संक्षेप
Personal Loan और Credit Card (Personal Loan and Credit Card Burden) आजकल काफी लोगो की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। ये हमें तात्कालिक आर्थिक राहत जरूर देते हैं, लेकिन अगर इनको सही से मैनेज न किया जाए तो यह सुविधा एक दिन भारी बोझ बन सकती है। समय पर EMI न चुकाने से न सिर्फ ब्याज बढ़ता है, बल्कि मानसिक तनाव, क्रेडिट स्कोर में गिरावट और भविष्य में लोन लेने में मुश्किले भी आ सकती है।
आज के इस लेख में हम जानेंगे कि Personal Loan और Credit Card के बोझ को कैसे कम किया जा सकता है? सबसे पहला और अहम कदम है – अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति की जांच करना। आप किन-किन बैंकों के कर्ज़दार हैं, कितना EMI हर महीने जा रहा है, और आपकी आमदनी कितनी है – यह सब जानना ज़रूरी है।
इसके बाद बजट बनाकर फ़िज़ूल खर्चों पर रोक लगाना बहुत जरूरी होता है। बाहर खाना, ऑनलाइन खरीदारी, गैरज़रूरी सब्सक्रिप्शन – इन सबमें कटौती कर आप EMI चुकाने के लिए अतिरिक्त धनराशि जुटा सकते हैं। High Interest लोन को पहले चुकाना और एक से ज़्यादा लोन या कार्ड को एक में मिलाकर कंसॉलिडेट करना भी एक प्रभावी तरीका है।
परिचय
आज के समय में जब ज़रूरतें बढ़ती जा रही हैं और खर्चों पर काबू पाना मुश्किल होता जा रहा है, तब Personal Loan और Credit Card (Personal Loan and Credit Card Burden) लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा बन गए हैं। एक तरफ ये हमें तुरंत आर्थिक सहायता देते हैं, वहीं दूसरी तरफ इनका गलत इस्तेमाल या समय पर भुगतान न करना हमारे लिए सिरदर्द बन सकता है। कई बार हम अपनी आय से ज़्यादा उधार ले लेते हैं और धीरे-धीरे ये लोन और क्रेडिट कार्ड का बोझ हमारी ज़िंदगी को प्रभावित करने लगता है। EMI का दबाव, बढ़ता हुआ ब्याज, लेट फीस और CIBIL स्कोर पर असर – ये सब चीजें मानसिक तनाव को भी बढ़ा देती हैं।
असल में, लोन और क्रेडिट कार्ड खुद में खराब चीज़ें नहीं हैं।अगर इनका सही तरीके से और ज़रूरत के हिसाब से इस्तेमाल न किया जाए तो ये आपकी फाइनेंशियल लाइफ को बेहतर बना सकते हैं। लेकिन जब हम बिना योजना के उधारी लेते हैं या केवल शौक और इच्छाओं को पूरा करने के लिए खर्च करते हैं, तब ये हमारे लिए एक बोझ बन जाते हैं।
आज के इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे आप Personal Loan और Credit Card के बढ़ते हुए बोझ को समझदारी से संभाल सकते हैं। हम ऐसे आसान और व्यावहारिक उपायों पर चर्चा करेंगे जिन्हें अपनाकर आप अपने कर्ज को धीरे-धीरे खत्म कर सकते हैं और फाइनेंशियली मजबूत बन सकते हैं। यह लेख न केवल कर्ज से बाहर निकलने में मदद करेगा बल्कि आपको एक नई सोच देगा ताकि भविष्य में आप फिर से इसी स्थिति में न फंसें।
Personal Loan क्या होता हैं?
Loan यानी “ऋण” एक ऐसा पैसा होता है जो कोई बैंक, फाइनेंशियल संस्था या व्यक्ति आपको कुछ समय के लिए उधार देता है। इस पैसे को एक तय किए गए समय के अंदर, ब्याज (Interest) समेत वापस करना होता है। जब हमारे पास किसी ज़रूरत को पूरा करने के लिए तुरंत पैसा नहीं होता हैं, जैसे कि घर खरीदना, पढ़ाई करना, गाड़ी लेना या बिज़नेस शुरू करना – तब हम Loan लेते हैं।
Loan (Personal Loan and Credit Card Burden) कई तरह के होते हैं जैसे Home Loan, Personal Loan, Education Loan, Vehicle Loan, आदि। लेकिन ध्यान रखें – Loan एक जिम्मेदारी है। इसे समय पर चुकाना बहुत जरूरी होता है, वरना भविष्य में आपकी CIBIL Score यानी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो सकती है।
सीधे शब्दों में कहें, Loan एक ऐसा तरीका है जिससे आप आज ज़रूरत का पैसा पा सकते हैं, लेकिन उसे भविष्य में किश्तों के रूप में लौटाना होता है।
Credit Card क्या होता हैं?
क्रेडिट कार्ड एक प्लास्टिक या मेटल का कार्ड होता है जिसे बैंक या वित्तीय संस्था अपने ग्राहकों को देती है। इसकी मदद से आप बिना तुरंत पैसे दिए कोई सामान या सेवा खरीद सकते हैं। आसान भाषा में कहें तो यह एक तरह का “उधार पर खर्च करने का कार्ड” होता है।
जब आप क्रेडिट कार्ड से कोई खरीदारी करते हैं, तो बैंक आपके लिए उस समय पेमेंट करता है और बाद में आप उस रकम को बैंक को वापस चुकाते हैं। बैंक आपको एक लिमिट (सीमा) देता है, जिसे क्रेडिट लिमिट कहते हैं। इसी लिमिट के अंदर आप खर्च कर सकते हैं। हर महीने आपको एक बिल मिलता है जिसमें बताया जाता है कि आपने कितना खर्च किया और कितना चुकाना है।
अगर आप पूरे बिल को समय पर चुका देते हैं, तो आपको किसी भी ब्याज (Interest) की जरूरत नहीं होती हैं। लेकिन अगर आप पूरा बिल नहीं भरते हैं या सिर्फ Minimum Amount Due चुकाते हैं, तो बाकी रकम पर बैंक ब्याज लेना शुरू कर देता है।
Personal Loan और Credit Card की EMI का भुगतान नहीं किया तो क्या होगा?
आइए आसान भाषा में समझते हैं कि अगर आप लोन की EMI नहीं चुकाते हैं तो क्या-क्या हो सकता है।
1. लेट पेमेंट चार्ज और ब्याज
अगर आपने EMI की तय तारीख पर भुगतान नहीं किया हैं, तो बैंक आपसे लेट पेमेंट चार्ज वसूल सकता है। साथ ही, जो बकाया EMI बची है, उस पर भी बैंक उच्च दर से ब्याज लगाना शुरू कर देता है, जो आमतौर पर 36% सालाना तक जा सकता है। इससे आपकी EMI और भी महंगी हो जाती है।
2. CIBIL स्कोर पर असर
आपका CIBIL स्कोर आपके वित्तीय भविष्य के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर आप EMI नहीं चुकाते या बार-बार देर से भुगतान करते हैं, तो यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज हो जाता है और आपका स्कोर गिर सकता है। इससे भविष्य में लोन या नया लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
3. बकाया बढ़ता जाता है
EMI न देने पर आपका बकाया लगातार बढ़ता जाता है क्योंकि उसमें हर महीने ब्याज जुड़ता रहता है। जितनी देर आप भुगतान नहीं करेंगे, उतनी ही बड़ी रकम आपको चुकानी पड़ेगी।
4. रिकवरी कॉल्स और नोटिस
अगर आप कई महीनों तक EMI नहीं चुकाते हैं, तो बैंक की तरफ से आपको बार-बार कॉल, मैसेज या ईमेल आने लगते हैं। इसके बाद बैंक आपको लीगल नोटिस भी भेज सकता है। कुछ मामलों में बैंक रिकवरी एजेंट्स को भी आपके पास भेज सकते हैं।
5. लीगल एक्शन हो सकता है
अगर आपकी रकम बहुत ज़्यादा हो गई है और आपने लंबे समय तक भुगतान नहीं किया हैं, तो बैंक आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है। इससे आपकी छवि और मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ सकता है।
Personal Loan और Credit Card के Burden को कैसे कम करें?
आज के दौर में जब ज़िंदगी की ज़रूरतें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं, ऐसे में Personal Loan और Credit Card (Personal Loan and Credit Card Burden) जैसे विकल्प तात्कालिक राहत देने वाले साधन बन गए हैं। लेकिन यदि इनका इस्तेमाल सोच-समझकर न किया जाए, तो ये सुविधा परेशानी का कारण बन सकती है। EMI की तंगी, क्रेडिट कार्ड के बढ़ते ब्याज, लेट फीस और डिफॉल्ट का डर – ये सब मिलकर मानसिक और आर्थिक तनाव पैदा करते हैं। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि हम समझदारी से इनका प्रबंधन करें और इनका बोझ कम करें।
अपनी मौजूदा देनदारियों का जांच करें
सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है कि आपने किन-किन बैंकों या NBFC से Personal Loan लिया है और कितने Credit Cards आपके पास हैं। हर कर्ज की EMI, ब्याज दर, भुगतान तिथि और बाकी बची रकम को एक लिस्ट में नोट करें। इससे आपको अपने पूरे कर्ज का सही से अंदाजा मिलेगा।
बजट बनाएं और गैरज़रूरी खर्चों में कटौती करें
हर महीने के खर्चों की सूची बनाएं – जैसे किराया, राशन, बिल, बच्चों की फीस, इत्यादि। फिर यह देखें कि कहां-कहां आप खर्च कम कर सकते हैं। बाहर खाना, ऑनलाइन शॉपिंग, सब्सक्रिप्शन जैसी चीजें अक्सर बजट बिगाड़ती हैं। इन्हें कंट्रोल करें और उस पैसे को EMI या कार्ड पेमेंट में लगाएं।
High Interest Loan को पहले चुकाएं (Debt Avalanche Method)
अगर आपने कई लोन ले रखे हैं, तो सबसे पहले उस लोन या क्रेडिट कार्ड का भुगतान शुरू करें जिस पर सबसे ज़्यादा ब्याज लग रहा है। इससे लंबे समय में ब्याज की रकम कम होगी और आप जल्दी राहत महसूस करेंगे।
Minimum Payment की गलती न करें
क्रेडिट कार्ड कंपनियां अक्सर केवल “Minimum Due Amount” भरने की सुविधा देती हैं, लेकिन इससे आपका पूरा बिल नहीं चुकता हैं और ब्याज बढ़ता जाता है। कोशिश करें कि हर महीने पूरा बिल चुकाएं।
एक साथ लोन जोड़कर EMI कम करें (Debt Consolidation)
अगर आपके ऊपर कई लोन या कार्ड हैं, तो एक पर्सनल लोन लेकर सारे छोटे लोन चुकाने का विकल्प देखें। इससे एक ही EMI रहेगी और ब्याज भी कम हो सकता है।
EMI की अवधि बढ़ाएं (Loan Restructuring)
अगर EMI का बोझ ज्यादा लग रहा है तो अपने बैंक से संपर्क करें और EMI की अवधि बढ़वाने की कोशिश करें। इससे प्रति माह की EMI कम हो जाती है, हालांकि कुल ब्याज बढ़ सकता है।
अतिरिक्त आय के स्रोत बनाएं
आप कोई फ्रीलांस काम, पार्ट-टाइम जॉब या छोटा बिज़नेस शुरू कर सकते हैं जिससे आपकी इनकम बढ़े और आप कर्ज जल्दी चुका सकें।
Auto Debit की सुविधा का इस्तेमाल करें
अक्सर EMI या Credit Card का भुगतान समय पर न होने से लेट फीस और पेनल्टी लगती है। इससे बचने के लिए Auto Debit सुविधा एक्टिव करें ताकि भुगतान समय पर हो।
बैलेंस ट्रांसफर का फायदा उठाएं
कई बैंक क्रेडिट कार्ड का बैलेंस ट्रांसफर करने की सुविधा देते हैं जिसमें आपको कम ब्याज दर मिलती है। इसका उपयोग कर आप पुराने महंगे कार्ड बिल को सस्ते विकल्प में ट्रांसफर कर सकते हैं।
मानसिक तनाव से बचें और सलाह लें
कर्ज का बोझ मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। लेकिन घबराने की बजाय फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें और एक रणनीति बनाएं। जरूरत हो तो Credit Counselling भी लें।
Loan Settlement क्या होता है?
Loan Settlement एक ऐसी वित्तीय प्रक्रिया होती हैं जिसमे आप एकमुश्त भुगतान करके अपने लोन पर बकया राशि का एक हिस्सा माफ़ करने के लिए अपने लेनदार से बातचीत करते हैं। यह एक ऐसा समझौता होता हैं जिसे आप अपने कार्ड जारीकर्ता के साथ अंतिम उपायें के रूप में तब करते हैं जब आप देखते हैं की आपके लोन पर कर्ज बढ़ता जा रहा हैं।
ऐसा फ़िज़ूल के खर्च से लेकर लापरवाही से खर्च करने की आदतों तक कई कारणों से हो सकता हैं। जब आपका कर्ज बढ़ता है तो उसपर ब्याज भी बढ़ता हैं जिससे आपको बकाया राशि चुकाने में मुश्किल हो सकती हैं। अगर आपको इससे बहार निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा हैं तो आप Loan Settlement की सिफारिश कर सकते हैं।
Loan Settlement करने के क्या कारण होते हैं?
नीचे कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं:
- कई बार व्यक्ति लोन लेने के बाद अपने खर्चों और आय का सही तरीके से मैनेज नहीं कर पाता हैं, जिससे भुगतान करने में दिक्कत होती है।
- बड़ी बीमारी या मेडिकल इमरजेंसी में अचानक खर्च बढ़ जाने पर लोन चुकाने के लिए पैसे की कमी हो सकती है।
- कई बार व्यक्ति के ऊपर एक से ज्यादा लोन का बोझ होता है, जिसे समय पर चुकाना मुश्किल हो जाता है।
- किसी प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, या परिवार में कोई बड़ा संकट आने से लोन चुकाने में परेशानी हो सकती है।
- अगर व्यक्ति की नौकरी चली जाए, आय का स्रोत बंद हो जाए, या व्यापार में भारी नुकसान हो, तो समय पर लोन चुकाना मुश्किल हो सकता है।
- अगर लोन की ब्याज दर बहुत ज्यादा हो और किस्त चुकाने में परेशानी हो, तो Loan Settlement का सहारा लिया जाता है।
Loan Settlement करने के लिए कौनसे दस्तावेजो की जरुरत होती हैं?
आइए जानते हैं कि Loan Settlement के लिए कौन-कौन से दस्तावेज देने होते हैं:
1. पहचान पत्र (ID Proof)
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- मतदाता पहचान पत्र (Voter ID)
2. पता प्रमाण (Address Proof)
- आधार कार्ड (अगर इसमें सही पता हो)
- बिजली या पानी का बिल
- बैंक पासबुक की कॉपी या बैंक स्टेटमेंट
- रेंट एग्रीमेंट (अगर आप किराए पर रहते हैं)
3. आय प्रमाण (Income Proof) – (जरूरत पड़ने पर)
- सैलरी स्लिप (अगर आप नौकरी करते हैं)
- बैंक स्टेटमेंट (पिछले 6 महीने का)
- इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की कॉपी
- बिजनेस के दस्तावेज (अगर आप बिजनेसमैन हैं)
4. लोन स्टेटमेंट
आपको अपने बकाया (outstanding) की सही जानकारी देने के लिए लोन का स्टेटमेंट देना होगा। यह स्टेटमेंट बैंक खुद भी निकाल सकता है, लेकिन कई बार वे आपसे इसकी कॉपी मांगते हैं।
5. सेटलमेंट अनुरोध पत्र (Settlement Request Letter)
अगर आप खुद से बैंक सेटलमेंट के लिए अप्रोच कर रहे हैं, तो आपको एक लिखित अनुरोध पत्र (Settlement Request Letter) देना होगा, जिसमें आप यह बता सकते हैं कि:
- आप सेटलमेंट क्यों चाहते हैं?
- आपकी आर्थिक स्थिति क्या है?
- आप कितनी राशि एकमुश्त (One-time payment) चुका सकते हैं?
6. बैंक द्वारा दिया गया सेटलमेंट ऑफर लेटर
जब बैंक सेटलमेंट के लिए सहमत हो जाता है, तो वे आपको एक Settlement Offer Letter देते हैं। इसे ध्यान से पढ़ें और उसमें दी गई राशि और शर्तों की पुष्टि करें।
Loan Settlement करने से पहले क्या करना चाहिए?
नीचे कुछ कदम दिए गए हैं, जो Loan Settlement से पहले अपनाने चाहिए:
- सबसे पहले अपनी आय, खर्च, और बाकी सभी कर्जों का सही जांच करें। जानें कि आप कितनी रकम चुका सकते हैं।
- Loan Settlement से पहले अपनी समस्या को बैंक या कर्ज देने वाले से स्पष्ट रूप से साझा करें। कई बार वे आपके लिए बेहतर समाधान, जैसे कि ईएमआई कम करना या लोन अवधि बढ़ाना, पेश कर सकते हैं।
- किसी वित्तीय सलाहकार या एक्सपर्ट से संपर्क करें। वे आपको सही निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं और समझा सकते हैं कि Loan Settlement का आपके क्रेडिट स्कोर पर क्या असर होगा।
- अगर आप Loan Settlement का निर्णय लेते हैं, तो बैंक द्वारा दी गई शर्तों को ध्यान से पढ़ें। सुनिश्चित करें कि आपसे कोई छिपा शुल्क नहीं लिया जा रहा हैं।
- Loan Settlement करने से आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। यह भविष्य में लोन लेने में मुश्किल पैदा कर सकता है। इसे ध्यान में रखकर ही निर्णय लें।
- Loan Settlement अंतिम विकल्प होना चाहिए। उससे पहले, पुनर्वित्त (Refinance), ईएमआई कम करवाने, या परिवार और दोस्तों से मदद मांगने जैसे अन्य विकल्पों पर विचार करें।
Loan Settlement करने के लिए कैसे अप्लाई करें?
अगर आप अपने लोन का बकाया चुकाने में असमर्थ हैं और भारी ब्याज दरों से परेशान हैं, तो Loan Settlement एक संभावित समाधान हो सकता है। इस प्रक्रिया के तहत, बैंक या लोन कंपनी आपकी कुल बकाया राशि का कुछ हिस्सा माफ कर सकती है और आपको एकमुश्त भुगतान (One-time Settlement) करने का विकल्प देती है। हालांकि, यह आपके CIBIL स्कोर को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इसे अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाएं।
Loan Settlement के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले यह तय करें कि आप लोन के पूरे बकाए का भुगतान करने की स्थिति में नहीं हैं।
- अपनी आय और खर्चों की जांच करें और तय करें कि आप ज्यादा से ज्यादा कितनी राशि चुका सकते हैं।
- अपने बैंक या लोन कंपनी के कस्टमर केयर से बात करें और उन्हें अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के बारे में बताएं।
- बैंक से सेटलमेंट ऑफर मांगें और बातचीत शुरू करें।
- बैंक आपको एक सेटलमेंट अमाउंट ऑफर करेगा, जो आपकी कुल बकाया राशि से कम होगा।
- अगर आप इस राशि से सहमत नहीं हैं, तो बैंक से बातचीत करें और अपने भुगतान करने की क्षमता के अनुसार राशि को कम करने की कोशिश करें।
- जब बैंक और आप किसी निश्चित राशि पर सहमत हो जाएं, तो तय करें कि आपको एक लिखित सेटलमेंट लेटर मिले।
- इसमें सेटलमेंट की शर्तें, भुगतान की तारीखें, और अन्य नियम सही से उल्लेखित होने चाहिए।
- एक बार सेटलमेंट हो जाने के बाद, तय समय के भीतर पूरा भुगतान करें।
- भुगतान के बाद बैंक से नो ड्यू सर्टिफिकेट (NOC) या फाइनल सेटलमेंट लेटर प्राप्त करें।
- सेटलमेंट के बाद, सुनिश्चित करें कि बैंक आपकी CIBIL रिपोर्ट में “सेटल्ड” स्टेटस अपडेट कर दे।
- यह आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है, इसलिए भविष्य में इसे सुधारने के लिए अच्छे वित्तीय प्रबंधन की आदत डालें।
Loan Settlement करने के बाद CIBIL स्कोर पर क्या असर पडता हैं?
(Personal Loan and Credit Card Burden) सेटलमेंट का क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसका असर निम्नलिखित तरीकों से देखा जा सकता है:
- सेटलमेंट की प्रक्रिया के बाद, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह जानकारी दर्ज हो जाती है, कि आपने अपना कर्ज “सेटल” किया है। यह एंट्री आपके क्रेडिट इतिहास में 7 साल तक बनी रहती है और इसे लेंडर्स या अन्य क्रेडिटर्स द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जा सकता है, जो भविष्य में कर्ज लेने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।
- चूंकि सेटलमेंट का मतलब होता है कि आपने पूरा कर्ज चुकाया नहीं है, भविष्य में जब आप नया कर्ज लेने की कोशिश करेंगे, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को देखकर आपके आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं या आपको उच्च ब्याज दरों पर कर्ज दे सकते हैं।
- सेटलमेंट के बाद, अगर आपके पास कोई लोन या अन्य क्रेडिट लाइन है, तो आपके क्रेडिट लिमिट को कम किया जा सकता है, क्योंकि क्रेडिटर्स को लगता है कि आप ज्यादा जोखिम वाले ग्राहक हो सकते हैं।
- अगर आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, तो आपके लिए लोन, लोन, या किसी अन्य प्रकार की क्रेडिट सुविधा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इससे आपकी वित्तीय स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है, खासकर अगर आपको भविष्य में किसी वित्तीय आपातकाल का सामना करना पड़े।
- जब आप अपने बैंक के साथ सेटलमेंट के लिए समझौता करते हैं, तो आप पूरी उधारी का भुगतान नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि एक निश्चित राशि का भुगतान कर रहे होते हैं जो मूल राशि से कम होती है। इसे क्रेडिट ब्यूरो द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि आप अपने कर्ज को चुकाने में असमर्थ रहे हैं। नतीजतन, आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
Loan Settlement करने का क्या फायदा होता हैं?
आइए जानते हैं कि Loan Settlement करने के क्या फायदे होते है:
- अगर आपका लोन का बकाया बहुत ज्यादा हो गया है और आप इसे चुकाने में असमर्थ हैं, तो सेटलमेंट करने से आपको बहुत बड़ी राहत मिल सकती है।
- जब आप लगातार अपने लोन का भुगतान नहीं करते हैं, तो बैंक आपके खिलाफ Legal Notice भेज सकता है और रिकवरी एजेंट भी भेज सकता है।
- Loan Settlement में आपको एक बार में ही कुछ तय रकम चुकानी होती है, जिससे आपका कर्ज पूरी तरह समाप्त हो जाता है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है जो एक बार में थोड़ी रकम जुटाकर कर्ज से बाहर निकलना चाहते हैं।
- लगातार बढ़ते कर्ज और बैंक की कॉल्स से मानसिक तनाव बढ़ जाता है। अगर आप सेटलमेंट कर लेते हैं, तो आपको इस चिंता से राहत मिलती है और आप अपनी वित्तीय स्थिति को दोबारा सुधारने पर ध्यान दे सकते हैं।
- लोन का ब्याज बहुत ज्यादा होता है, जो 30-45% तक सालाना हो सकता है। अगर आप समय पर भुगतान नहीं कर रहे हैं, तो ब्याज और लेट पेमेंट फीस लगातार बढ़ती रहती है।
- हालांकि, सेटलमेंट करने से आपका CIBIL स्कोर कम हो सकता है, लेकिन अगर आप सेटलमेंट के बाद वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हैं और समय पर अपने अन्य लोन और बिलों का भुगतान करते हैं, तो आप धीरे-धीरे अपना स्कोर सुधार सकते हैं।
Loan Settlement करने के क्या नुकसान होते हैं?
Personal Loan and Credit Card Burden: आइए विस्तार से जानते हैं कि Loan Settlement करने के क्या नुकसान होते हैं।
- Loan Settlement का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि इससे आपका CIBIL स्कोर खराब हो जाता है। जब आप पूरा बकाया चुकाने के बजाय बैंक से समझौता करके कम रकम चुकाते हैं, तो बैंक इसे “सेटल” (Settled) स्टेटस में रिपोर्ट करता है। यह स्टेटस आपके क्रेडिट रिपोर्ट में 7 साल तक बना रह सकता है, जिससे भविष्य में लोन या नया लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
- अगर आपने किसी बैंक के साथ लोन सेटल किया है, तो वही बैंक आपको भविष्य में फिर से लोन जारी करने से मना कर सकता है। यहां तक कि कुछ बैंक आपको अपनी ब्लैकलिस्ट में भी डाल सकते हैं, जिससे आप उनके किसी भी क्रेडिट प्रोडक्ट के लिए अयोग्य हो सकते हैं।
- कुछ मामलों में, जब आप भविष्य में किसी अन्य बैंक से लोन लेने जाते हैं, तो बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री देखकर आपसे पहले का सेटलमेंट अमाउंट पूरा चुकाने के लिए कह सकता है। यानी अगर आपने 1 लाख रुपये के बकाए पर 50,000 रुपये देकर सेटलमेंट किया था, तो नया बैंक आपसे बची हुई 50,000 रुपये की मांग कर सकता है।
- Loan Settlement करने से बैंक के साथ आपके संबंध खराब हो सकते हैं। बैंक इसे इस नजर से देखता है कि आपने अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरी तरह नहीं निभाया हैं, जिससे भविष्य में आपको बैंकिंग सेवाओं में दिक्कतें आ सकती हैं।
- अगर आपने एक बार Loan Settlement किया है, तो बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं आपको “हाई-रिस्क कस्टमर” मान सकती हैं। इससे होम लोन, पर्सनल लोन या बिजनेस लोन मिलने में परेशानी हो सकती है, या फिर बैंक आपसे ऊंची ब्याज दर (High Interest Rate) पर लोन दे सकता है।
निष्कर्ष
Personal Loan and Credit Card Burden आज के समय में बहुत आम हो गए हैं। ज़्यादातर लोग किसी ना किसी वजह से इनका इस्तेमाल कर रहे हैं – चाहे वह कोई ज़रूरी खर्च हो, मेडिकल इमरजेंसी, बच्चों की पढ़ाई, घर की मरम्मत या फिर कोई सपना पूरा करने की चाहत हो। शुरुआत में सब कुछ आसान लगता है, क्योंकि बैंक और कंपनियाँ आपको तुरंत पैसा दे देती हैं। लेकिन असली चुनौती तब शुरू होती है जब हर महीने की EMI और Credit Card का बिल चुकाना मुश्किल होने लगता है।
धीरे-धीरे ये कर्ज़ हमारे ऊपर बोझ की तरह बैठ जाता है। महीने की सैलरी का बड़ा हिस्सा EMI और ब्याज चुकाने में चला जाता है। बाकी ज़रूरी खर्च पूरे नहीं हो पाते हैं और मानसिक तनाव बढ़ने लगता है। कई बार तो स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि लोग डिफॉल्ट कर बैठते हैं – यानी EMI या बिल चुकाने में चूक हो जाती है। इससे CIBIL स्कोर खराब हो जाता है और आगे कोई नया लोन मिलना भी मुश्किल हो जाता है।
लेकिन घबराने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है। हर समस्या का हल होता है। अगर आप सोच-समझकर कदम उठाते हैं और थोड़ी सी प्लानिंग करते हैं, तो Personal Loan and Credit Card Burden को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है। इसके लिए सबसे ज़रूरी है – ईमानदारी से अपनी स्थिति को समझना और खर्चों पर कंट्रोल करना।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
Ans: नहीं, सभी लोन खराब नहीं होते हैं। कुछ लोन जैसे होम लोन या एजुकेशन लोन भविष्य में फायदेमंद साबित हो सकते हैं। लेकिन इनका समय पर भुगतान ज़रूरी है ताकि कर्ज बोझ न बन जाए।
Ans: EMI न चुकाने से आपका CIBIL स्कोर खराब हो जाता है, जिससे भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में मुश्किल हो सकती है। साथ ही बैंक पेनाल्टी और लीगल एक्शन भी ले सकता है।
Ans: हां, बिल्कुल संभव है। इसके लिए आपको अपनी कमाई और खर्चों के बीच संतुलन बनाना होगा, एक मजबूत बजट बनाना होगा और कर्ज को धीरे-धीरे खत्म करने की रणनीति अपनानी होगी।
Ans: जिस कर्ज पर सबसे ज़्यादा ब्याज लगता है, उसे पहले चुकाना चाहिए। इससे ब्याज में बचत होगी और कुल लोन जल्दी खत्म होगा। इसे Avalanche Method कहा जाता है।
Ans: हां, अगर आप समय पर पूरा बिल चुकाएं और फालतू खर्चों से बचें, तो क्रेडिट कार्ड कर्ज जल्दी खत्म हो सकता है। “Minimum Due” भरने से कर्ज धीरे-धीरे और ज्यादा बढ़ता है, इसलिए पूरा भुगतान करें।