संक्षेप
क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल हमारी वित्तीय स्थिति को मजबूत बना सकता है, लेकिन अगर इसे लापरवाही से इस्तेमाल किया जाए, तो यह कर्ज के बोझ का कारण भी बन सकता है। जब क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर नहीं चुकाया जाता हैं, तो ब्याज और पेनल्टी बढ़ती जाती है, जिससे कर्ज चुकाना और मुश्किल हो जाता है। इस स्थिति में लोगों के पास दो विकल्प होते हैं – Credit Card Full Payment और Credit Card Settlement, फुल पेमेंट का मतलब है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड की पूरी बकाया राशि तय समय पर चुका देते हैं। यह आदत न केवल आपकी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाती है, बल्कि आपके CIBIL स्कोर को भी अच्छा बनाए रखती है। इससे आपको भविष्य में आसानी से लोन, क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय सुविधाएं मिल सकती हैं।
वहीं, क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट तब किया जाता है जब ग्राहक पूरी राशि चुकाने में असमर्थ होता है। इस स्थिति में बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी एक समझौता (Settlement) करके बकाया राशि को कम कर देती है और तय राशि लेने पर खाता बंद कर देती है। हालांकि, यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में “Settled” के रूप में दर्ज हो जाता है, जिससे भविष्य में लोन या नया क्रेडिट कार्ड मिलना मुश्किल हो सकता है।
परिचय
आज के समय में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल काफी बढ़ चुका है। लोग शॉपिंग, बिल भुगतान, यात्रा और अन्य जरूरी खर्चों के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। क्रेडिट कार्ड एक बहुत ही सुविधाजनक फाइनेंशियल टूल है, लेकिन अगर इसे सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाए, तो यह आर्थिक बोझ भी बन सकता है। कई बार लोग क्रेडिट कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल कर लेते हैं और समय पर पूरा उसका भुगतान नहीं कर पाते हैं, जिससे उन पर भारी ब्याज और जुर्माने का बोझ बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में, उनके पास दो विकल्प होते हैं – क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट और फुल पेमेंट।
लेकिन अब सवाल यह है कि क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट और फुल पेमेंट में क्या अंतर है? यह जानना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इससे आपके फाइनेंशियल भविष्य पर सीधा असर पड़ता है। अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड का पूरा भुगतान (Full Payment) करते हैं, तो यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और CIBIL स्कोर के लिए फायदेमंद साबित होता है। वहीं, अगर आप सेटलमेंट (Settlement) का रास्ता चुनते हैं, तो यह आपको तत्काल राहत तो देता है, लेकिन लंबे समय में आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
Credit Card Settlement और Full Payment में क्या अंतर है?
जब आप अपने क्रेडिट कार्ड का पूरा बकाया समय पर चुका देते हैं, तो इसे फुल पेमेंट कहा जाता है। इसका मतलब है कि आपने बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी द्वारा दी गई क्रेडिट का पूरा भुगतान कर दिया है और अब आप पर कोई ब्याज या शुल्क नहीं लगेगा। फुल पेमेंट करने से आपका CIBIL स्कोर अच्छा बना रहता है और भविष्य में आपको आसानी से लोन या अन्य क्रेडिट सुविधाएं मिल सकती हैं।
अगर आप क्रेडिट कार्ड का पूरा भुगतान नहीं कर पाते हैं और लंबे समय तक बकाया राशि चुकाने में असमर्थ रहते हैं, तो बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी आपको एक सेटलमेंट ऑफर कर सकती है। इसमें बैंक आपसे पूरी बकाया राशि की जगह कुछ कम राशि लेकर आपका मामला निपटा देती है। हालांकि, यह प्रक्रिया आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर “Settled” के रूप में दर्ज हो जाती है, जिससे भविष्य में आपको लोन लेने में दिक्कत हो सकती है।
आइए, इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट और फुल पेमेंट के फायदे और नुकसान क्या हैं, कौन-सा विकल्प आपके लिए बेहतर है, और किन परिस्थितियों में सेटलमेंट करना सही होता है।
Credit Card Settlement क्या होता है?
Credit Card Settlement एक ऐसी प्रक्रिया हैं जिसमे आप एकमुश्त भुगतान करके अपने क्रेडिट कार्ड पर बकया राशि का एक हिस्सा माफ़ करने के लिए अपने लेनदार से बातचीत करते हैं। यह एक ऐसा समझौता होता हैं जिसे आप अपने कार्ड जारीकर्ता के साथ अंतिम उपायें के रूप में तब करते हैं जब आप देखते हैं की आपके क्रेडिट कार्ड पर कर्ज बढ़ता जा रहा हैं।
ऐसा फ़िज़ूल के खर्च से लेकर लापरवाही से खर्च करने की आदतों तक कई कारणों से हो सकता हैं। जब आपका कर्ज बढ़ता है तो उसपर ब्याज भी बढ़ता हैं जिससे आपको बकाया राशि चुकाने में मुश्किल हो सकती हैं। अगर आपको इससे बहार निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा हैं तो आप Credit Card Settlement की सिफारिश कर सकते हैं।
Credit Card Settlement करने के क्या कारण होते हैं?
नीचे कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं:
- अगर व्यक्ति की नौकरी चली जाए, आय का स्रोत बंद हो जाए, या व्यापार में भारी नुकसान हो, तो समय पर लोन चुकाना मुश्किल हो सकता है।
- बड़ी बीमारी या मेडिकल इमरजेंसी में अचानक खर्च बढ़ जाने पर लोन चुकाने के लिए पैसे की कमी हो सकती है।
- कई बार व्यक्ति के ऊपर एक से ज्यादा लोन का बोझ होता है, जिसे समय पर चुकाना मुश्किल हो जाता है।
- किसी प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, या परिवार में कोई बड़ा संकट आने से लोन चुकाने में परेशानी हो सकती है।
- अगर लोन की ब्याज दर बहुत ज्यादा हो और किस्त चुकाने में परेशानी हो, तो Credit Card Settlement का सहारा लिया जाता है।
- कई बार व्यक्ति लोन लेने के बाद अपने खर्चों और आय का सही तरीके से मैनेज नहीं कर पाता हैं, जिससे भुगतान करने में दिक्कत होती है।
Credit Card Settlement की विशेषताएँ क्या होती हैं?
इसकी कुछ मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- Credit Card Settlement की प्रक्रिया आसान और सीधी होती है। आपको होम क्रेडिट से संपर्क करना होता है और उनकी शर्तों पर सहमति देनी होती है।
- सेटलमेंट प्रक्रिया जल्दी पूरी हो जाती है, जिससे आपको अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने में मदद मिलती है।
- सेटलमेंट के बाद होम क्रेडिट एक नो ड्यू सर्टिफिकेट जारी करता है, जो यह साबित करता है कि आपका लोन अब पूरा हो चुका है।
- Credit Card Settlement करने से आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है। यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में “सेटल्ड” के रूप में दर्ज होता है, जो भविष्य में लोन लेने में कठिनाई पैदा कर सकता है।
- यह विकल्प केवल तभी उपलब्ध होता है, जब उधारकर्ता लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ हो और अन्य सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुका हो।
- Credit Card Settlement में आपको पूरी लोन राशि नहीं चुकानी पड़ती हैं। केवल एक निश्चित हिस्सा चुकाकर आप अपने लोन को निपटा सकते हैं।
Personal Loan Settlement और Credit Card Loan Settlement में क्या फ़र्क़ होता है?
हालांकि, Personal Loan Settlement और Credit Card Personal Loan Settlement दोनों का उद्देश्य कर्जदार को राहत देना होता है, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी होते हैं।
अंतर के बिंदु | Personal Loan Settlement | Credit Card Personal Loan Settlement |
प्रकार | किसी भी प्रकार के लोन (पर्सनल, होम, कार, एजुकेशन, आदि) का निपटारा | केवल क्रेडिट कार्ड के बकाया राशि का निपटारा |
सेटलमेंट प्रक्रिया | बैंक एकमुश्त राशि को तय करता है, जिसे चुकाने पर लोन सेटल हो जाता है। | क्रेडिट कार्ड कंपनी एक तय की गई राशि पर समझौता करती है। |
CIBIL स्कोर पर प्रभाव | CIBIL स्कोर 50-100 पॉइंट तक गिर सकता है और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है | CIBIL स्कोर पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है, और नए क्रेडिट कार्ड पाना मुश्किल हो सकता है। |
भविष्य में लोन मिलने की संभावना | होम लोन, कार लोन या अन्य लोन प्राप्त करने में समस्या आ सकती है | क्रेडिट कार्ड कंपनियां कार्ड जारी करने से इनकार कर सकती हैं। |
ब्लैकलिस्ट होने की संभावना | कम | खासकर क्रेडिट कार्ड कंपनियों द्वारा |
Credit Card Settlement करने के लिए कौनसे दस्तावेजो की जरुरत होती हैं?
अगर आप किसी कारणवश अपने क्रेडिट कार्ड का पूरा भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, तो Credit Card Settlement एक विकल्प हो सकता है। इसमें बैंक या लोन देने वाली संस्था (NBFC) आपके बकाया लोन पर कुछ छूट देकर एक निश्चित राशि में समझौता कर लेती है। लेकिन इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं।
Credit Card Settlement के लिए आवश्यक दस्तावेज:
1. पहचान प्रमाण (Identity Proof)
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट
- वोटर आईडी
- ड्राइविंग लाइसेंस
2. पते का प्रमाण (Address Proof)
- आधार कार्ड
- बिजली या पानी का बिल
- बैंक पासबुक या स्टेटमेंट
- राशन कार्ड
- पासपोर्ट
3. आय प्रमाण (Income Proof)
- सैलरी स्लिप (पिछले 3-6 महीने की)
- बैंक स्टेटमेंट (पिछले 6-12 महीने की)
- इनकम टैक्स रिटर्न (ITR)
- फॉर्म-16
4. लोन एग्रीमेंट (Loan Agreement)
यह वह दस्तावेज होता है, जो बैंक या NBFC द्वारा लोन देने के समय जारी किया गया था। इसमें लोन की शर्तें और आपकी बकाया राशि का विवरण होता है।
5. CIBIL रिपोर्ट (Credit Score Report)
Credit Card Settlement के दौरान बैंक आपके CIBIL स्कोर की जांच करता है, जिससे उन्हें आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के बारे में जानकारी मिलती है। यह रिपोर्ट आपके क्रेडिट व्यवहार और मौजूदा लोन की स्थिति को दर्शाती है।
6. सेटलमेंट अनुरोध पत्र (Settlement Request Letter)
अगर आप Credit Card Settlement करवाना चाहते हैं, तो आपको बैंक को एक लिखित अनुरोध पत्र देना होगा, जिसमें आप अपनी मौजूदा आर्थिक स्थिति और सेटलमेंट की आवश्यकता के बारे में बताएंगे।
Credit Card Settlement करने से पहले क्या करें?
नीचे कुछ कदम दिए गए हैं, जो Credit Card Settlement से पहले अपनाने चाहिए:
- सबसे पहले अपनी आय, खर्च, और बाकी सभी कर्जों का सही जांच करें। जानें कि आप कितनी रकम चुका सकते हैं।
- Credit Card Settlement से पहले अपनी समस्या को बैंक या कर्ज देने वाले से स्पष्ट रूप से साझा करें। कई बार वे आपके लिए बेहतर समाधान, जैसे कि ईएमआई कम करना या लोन अवधि बढ़ाना, पेश कर सकते हैं।
- किसी वित्तीय सलाहकार या एक्सपर्ट से संपर्क करें। वे आपको सही निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं और समझा सकते हैं कि Credit Card Settlement का आपके क्रेडिट स्कोर पर क्या असर होगा।
- अगर आप Credit Card Settlement का निर्णय लेते हैं, तो बैंक द्वारा दी गई शर्तों को ध्यान से पढ़ें। सुनिश्चित करें कि आपसे कोई छिपा शुल्क नहीं लिया जा रहा हैं।
- Credit Card Settlement करने से आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। यह भविष्य में लोन लेने में मुश्किल पैदा कर सकता है। इसे ध्यान में रखकर ही निर्णय लें।
- Credit Card Settlement अंतिम विकल्प होना चाहिए। उससे पहले, पुनर्वित्त (Refinance), ईएमआई कम करवाने, या परिवार और दोस्तों से मदद मांगने जैसे अन्य विकल्पों पर विचार करें।
Credit Card Settlement करने की प्रक्रिया क्या हैं?
नीचे Credit Card Settlement करने की प्रक्रिया को आसान शब्दों में समझाया गया है:
- सबसे पहले यह तय करें कि आप पूरी लोन राशि क्यों नहीं चुका पा रहे हैं। अपनी वित्तीय स्थिति और भुगतान की क्षमता की जांच करें।
- होम क्रेडिट के कस्टमर केयर या नजदीकी ब्रांच में संपर्क करें। उन्हें अपनी मौजूदा वित्तीय समस्याओं के बारे में बताएं और Credit Card Settlement के विकल्प के लिए चर्चा करें।
- होम क्रेडिट आपकी स्थिति को समझकर एक सेटलमेंट प्रस्ताव देगा। यह प्रस्ताव लोन राशि का एक हिस्सा चुकाने के लिए होगा।
- सेटलमेंट प्रस्ताव में दी गई शर्तों को ध्यान से पढ़ें। यह सुनिश्चित करें कि आप समझते हैं कि सेटलमेंट के बाद आपके क्रेडिट स्कोर और भविष्य में लोन लेने की योग्यता पर क्या असर पड़ेगा।
- जब आप प्रस्ताव को स्वीकार कर लें, तो तय की गई सेटलमेंट राशि को समय पर चुका दें। यह आमतौर पर एकमुश्त भुगतान होता है।
- भुगतान के बाद होम क्रेडिट से एक लिखित प्रमाण (नो ड्यू सर्टिफिकेट) प्राप्त करें। यह प्रमाण आपके Credit Card Settlement के पूरा होने का सबूत होगा और भविष्य में किसी भी विवाद से बचने में मदद करेगा।
- सेटलमेंट के बाद अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें। सुनिश्चित करें कि Credit Card Settlement का विवरण सही तरीके से दर्ज हुआ है।
Credit Card Settlement करने के बाद CIBIL स्कोर पर क्या असर पडता हैं?
सेटलमेंट का क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसका असर निम्नलिखित तरीकों से देखा जा सकता है:
- सेटलमेंट की प्रक्रिया के बाद, आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह जानकारी दर्ज हो जाती है, कि आपने अपना कर्ज “सेटल” किया है। यह एंट्री आपके क्रेडिट इतिहास में 7 साल तक बनी रहती है और इसे लेंडर्स या अन्य क्रेडिटर्स द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जा सकता है, जो भविष्य में कर्ज लेने की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।
- चूंकि सेटलमेंट का मतलब होता है कि आपने पूरा कर्ज चुकाया नहीं है, भविष्य में जब आप नया कर्ज लेने की कोशिश करेंगे, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट को देखकर आपके आवेदन को अस्वीकार कर सकते हैं या आपको उच्च ब्याज दरों पर कर्ज दे सकते हैं।
- सेटलमेंट के बाद, अगर आपके पास कोई क्रेडिट कार्ड या अन्य क्रेडिट लाइन है, तो आपके क्रेडिट लिमिट को कम किया जा सकता है, क्योंकि क्रेडिटर्स को लगता है कि आप ज्यादा जोखिम वाले ग्राहक हो सकते हैं।
- अगर आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, तो आपके लिए लोन, क्रेडिट कार्ड, या किसी अन्य प्रकार की क्रेडिट सुविधा प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। इससे आपकी वित्तीय स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है, खासकर अगर आपको भविष्य में किसी वित्तीय आपातकाल का सामना करना पड़े।
- जब आप अपने बैंक के साथ सेटलमेंट के लिए समझौता करते हैं, तो आप पूरी उधारी का भुगतान नहीं कर रहे होते हैं, बल्कि एक निश्चित राशि का भुगतान कर रहे होते हैं जो मूल राशि से कम होती है। इसे क्रेडिट ब्यूरो द्वारा नकारात्मक रूप में देखा जाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि आप अपने कर्ज को चुकाने में असमर्थ रहे हैं। नतीजतन, आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
Credit Card Settlement और Full Payment में क्या अंतर है?
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आजकल बहुत आम हो गया है, लेकिन इसका सही तरीके से मैनेजमेंट करना बहुत जरूरी है। जब कोई व्यक्ति क्रेडिट कार्ड से खर्च करता है, तो उसे समय पर भुगतान करना होता है। भुगतान न करने की स्थिति में ब्याज और पेनल्टी लगती है, जिससे कर्ज बढ़ सकता है। ऐसे में, दो विकल्प होते हैं – क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट (Settlement) और फुल पेमेंट (Full Payment)।
क्रेडिट कार्ड फुल पेमेंट क्या होता है?
फुल पेमेंट का मतलब है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड के पूरे बकाया का भुगतान समय पर कर देते हैं। इससे आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर बना रहता है और भविष्य में आपको लोन लेने में आसानी होती है।
फुल पेमेंट के फायदे:
- क्रेडिट स्कोर अच्छा बना रहता है।
- ब्याज और पेनल्टी से बचाव होता है।
- भविष्य में आसानी से लोन या नया क्रेडिट कार्ड मिल सकता है।
क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट क्या होता है?
जब कोई व्यक्ति अपने क्रेडिट कार्ड का पूरा बकाया चुकाने में असमर्थ होता है, तो बैंक एक समझौता (Settlement) ऑफर कर सकता है। इसमें आपको पूरी बकाया राशि से कम भुगतान करने की अनुमति दी जाती है, और बैंक इस राशि को स्वीकार कर लेता है। हालांकि, यह आपके क्रेडिट रिपोर्ट में “Settled” के रूप में दर्ज हो जाता है, जिससे भविष्य में लोन या अन्य क्रेडिट सुविधाएं प्राप्त करने में मुश्किल हो सकती है।
सेटलमेंट के नुकसान:
- क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- भविष्य में लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कत आ सकती है।
- बैंक से कानूनी नोटिस या रिकवरी कॉल आ सकते हैं।
Credit Card Settlement करने के क्या फायदे होते हैं?
इसके कई फायदे होते हैं, जो की निम्नलिखित हैं:
- Credit Card Settlement के माध्यम से, कर्जदार को अपने कर्ज का कुछ हिस्सा माफ करवाने का मौका मिलता है।
- यह उसकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करता है और उसे भारी वित्तीय बोझ से राहत दिलवाता है।
- Credit Card Settlement से कर्जदार की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
- Credit Card Settlement से आप अपनी आय और व्यय को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं और भविष्य में वित्तीय संकट से बच सकते हैं।
- हालांकि Credit Card Settlement से कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है, लेकिन समय पर और सही तरीके से समझौते का पालन करने से वह अपने क्रेडिट स्कोर को धीरे-धीरे सुधार सकता है।
- कर्ज का भारी बोझ अक्सर मानसिक तनाव का कारण बनता है। Credit Card Settlement से कर्जदार को इस तनाव से राहत मिलती है और वह अपने जीवन में मानसिक शांति पा सकता है।
Credit Card Settlement करने के क्या नुकसान होते हैं?
इसके कई नुकसान होते हैं, जो की निम्नलिखित हैं:
- Credit Card Settlement भविष्य में नए कर्ज लेने या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है।
- Credit Card Settlement के कारण, कर्जदार के बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं।
- Credit Card Settlement के माध्यम से, कर्जदार का पूरा लोन माफ नहीं होता है। उसे अभी भी कुछ राशि का भुगतान करना होता है, जो उसकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
- Credit Card Settlement के दौरान, बैंक और कर्जदार के बीच जो समझौता होता है, उसमें कई शर्तें होती हैं। कर्जदार को इन शर्तों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे उसकी स्वतंत्रता सीमित हो सकती है।
- Credit Card Settlement के बाद, कर्जदार का क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
- भविष्य में, कर्जदार को इन संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
निष्कर्ष
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हमारी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है, लेकिन इसे सही तरीके से मैनेज करना बहुत ही जरूरी है। फुल पेमेंट और सेटलमेंट दोनों ही विकल्प तब काम आते हैं जब हमें क्रेडिट कार्ड का बकाया चुकाना होता है, लेकिन इन दोनों में बड़ा अंतर है।
अगर आप हर महीने अपने क्रेडिट कार्ड का पूरा भुगतान (Full Payment) करते हैं, तो इससे आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रहती है। आपको किसी भी तरह का अतिरिक्त ब्याज या पेनल्टी नहीं चुकानी पड़ती हैं, और आपका क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) भी अच्छा बना रहता है। इससे भविष्य में आपको लोन, क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय सुविधाएं आसानी से मिल सकती हैं।
दूसरी ओर, क्रेडिट कार्ड सेटलमेंट (Credit Card Settlement) एक ऐसा विकल्प होता है, जब आप किसी कारणवश पूरा बकाया नहीं चुका पाते हैं। इस स्थिति में बैंक आपसे समझौता करके कम राशि स्वीकार कर लेता है, लेकिन यह आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में “Settled” के रूप में दर्ज हो जाता है। यह आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचाता है और भविष्य में किसी भी तरह का लोन लेने में दिक्कत आ सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)
Ans: हां, सेटलमेंट करने पर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में “Settled” का टैग लग जाता है, जिससे आपका CIBIL स्कोर कम हो सकता है और भविष्य में लोन लेने में दिक्कत आ सकती है।
Ans: सेटलमेंट के बाद बैंक और वित्तीय संस्थान आपको जोखिम भरा ग्राहक मान सकते हैं, जिससे आपको लोन या नया क्रेडिट कार्ड मिलने में मुश्किल हो सकती है। हालांकि, समय के साथ अगर आप अपनी क्रेडिट हिस्ट्री सुधारते हैं, तो आपको लोन मिल सकता है।
Ans: नहीं, बैंक सेटलमेंट के लिए तभी सहमत होते हैं जब उन्हें लगता है कि ग्राहक पूरी राशि चुकाने में असमर्थ है और उसे राहत देने की जरूरत है।
Ans: हां, फुल पेमेंट करने से न केवल आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा बना रहेगा, बल्कि आपको बेहतर लोन ऑफर, क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के मौके और कम ब्याज दरों पर लोन मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
Ans: हां, अगर आप भविष्य में अपने बिलों का समय पर भुगतान करते हैं और वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हैं, तो धीरे-धीरे आपका CIBIL स्कोर सुधार सकता है।